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अजवाइन (Ajwain in Hindi): उपयोग, फायदे और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr. Nikita Toshi +2 more

अजवाइन को आमतौर पर कैरम या बिशप वीड्स के रूप में जाना जाता है। इसमें एसेंशियल ऑयल होता है, जो कई बायोएक्टिव कंपाउंड से बना होता है, और इसलिए इसका औषधीय महत्व है। अजवाइन साल भर उपलब्ध रहती है। अजवाइन के पत्ते पंखदार होते हैं। अजवाइन झाड़ी का फल है, जो छोटा, अंडाकार आकार का और हल्के पीले रंग का होता है।

Ajwain

अजवाइन सौंफ और जीरे की तरह दिखती है। प्राचीन काल से भारतीय, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों में खाना पकाने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह खाने का स्वाद भी बढ़ाती है और चटनी, अचार और जैम में प्रेज़रवेटिव की तरह काम करती है। इसमें डाइजेस्टिव फाइबर का एक अनूठा स्रोत होता है जो पेट की सेहत अच्छी रखने में मदद करता है।

अजवाइन की गंध तेज और तीखी होती है और संस्कृत में इसे उग्रगंध के नाम से जाना जाता है। अफ़ग़ानिस्तान में ब्रेड और बिस्किट बनाते समय स्वाद और महक के लिए अजवाइन डाली जाती है। अजवाइन से शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं इसलिए इसे कच्चा या भूनकर भी खाया जाता है। घी में अजवाइन मिलाना एक आम बात है।

इसे चबाने के बाद इसका स्वाद थाइम जैसा होता है। किराने की दुकानों में अजवाइन के साथ-साथ इसका मसाला पाउडर भी उपलब्ध होता है। हमारी डाइट में अजवाइन के कई फायदे हैं, जिनकी चर्चा इस ब्लॉग में की गई है।

अजवाइन के स्त्रोत:

अजवाइन का पौधा आमतौर पर ईरान (पर्शिया), एशिया और तुर्की में पाया जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में भी अजवाइन की खेती की जाती है। अजवाइन  मध्य पूर्वी देशों और उत्तरी अफ्रीका में भी पाई जाती है।

अजवाइन के अन्य नाम:

Ajwain ke anya nam

दुनिया में अजवाइन को अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे कि अजोवन, ओमम, ओमुम, इथियोपियन क्यूमिन, अजोवन कारावे, अजवाएन, अजवान, अजावे सीड्स, ट्रेकिस्पर्मम एम्मी, दीप्यका, यमनी, बिशप वीड, यवनिका, यामनिका, जैन, यवन, यौवन, जावन, योयाना , यवनी, अजमा, जावैन, अजमो, ओमा, योम, जेवैन, अयानौदकन, ओनवा, वामू, जुआनी आदि।

  • संस्कृत में इसे उग्रगंध के नाम से जाना जाता है।
  • हिंदी में इसे अजवाइन के नाम से जाना जाता है।
  • मराठी में इसे ओमा के नाम से जाना जाता है।
  • अंग्रेजी में इसे कैरम सीड्स या बिशप वीड कहा जाता है।
  • ओड़िया में इसे जुआनी कहा जाता है।
  • तमिल में इसे ओमम कहा जाता है।
  • तेलुगु में इसे ओमम्मु, वामु, वीलकर कहा जाता है।     
  • मलयालम में इसे अयोधमकम कहा जाता है।
  • फ्रेंच में, इसे अजोवन, कैम्बोला ग्रेन्स कहा जाता है।
  • जर्मन में इसे अजोवन सेमेन के नाम से जाना जाता है।

अजवाइन के पोषक तत्व

अजवाइन के पोषक तत्व नीचे दी गई टेबल में बताए गए हैं

पोषक तत्वप्रति 100 ग्राम में
कार्बोहाइड्रेट43 ग्राम
प्रोटीन16 ग्राम
फैट25 ग्राम
फाइबर39.2 ग्राम
सोडियम10 मिलीग्राम
आयरन4 मिलीग्राम
विटामिन C4 मिलीग्राम
कुल कैलोरी305 कैलोरी

अजवाइन के महत्वपूर्ण केमिकल कंपाउंड (रासायनिक यौगिक):

अजवाइन के बीज और उसके तेल में 20 अलग-अलग बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जिनमें थाइमोल, टर्पेनोइड, पी-साइमेन, गामा टर्पीनिन और एसेंशियल ऑयल मुख्य हैं।

थाइमोल और कार्वैक्रोल ऐसे महत्वपूर्ण घटक हैं जो फंगस और बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं।

अजवाइन के औषधीय उपयोग और सेहत को मिलने वाले फायदे:

  • अजवाइन के अर्क से मेथॉक्ससेलेन दवा बनाई जाती है। यह कैप्सूल, टॉपिकल क्रीम जैसा अलग-अलग फॉर्मेट में उपलब्ध है। विटिलिगो (स्किन पिगमेंटेशन का आंशिक नुकसान) सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याओं के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • प्राचीन काल से हर्बल फॉर्मूलेशन तैयार करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि उनका मानना है कि यह शरीर के सिस्टम को संतुलित कर सकता है।
  • अजवाइन में कई स्वास्थ्यप्रद और उपचारात्मक गुण हैं।
  • अजवाइन घुलनशील डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, और यह पेट की समस्याओं में पाचन तंत्र को बेहतर करने, आंतों की सेहत में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यह पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करती है।
  • अजवाइन मांसपेशियों में ऐंठन के दर्द, अपच के कारण पेट की समस्या, छाती में जलन और भूख न लगने के इलाज में फायदेमंद होती है।
  • अजवाइन एंटी-ऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है और इसलिए यह दिल के मरीजों के लिए वरदान है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल को मैनेज कर सकते हैं और इस तरह से ये दिल की बीमारियों को रोकते हैं।
  • अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) और एंटी-फंगल (फंगस रोधी) गुण होते हैं और इसलिए यह फूड पोइज़निंग और आंत व पेट की समस्याओं को रोकने के लिए साल्मोनेला, ई कोली और फंगई जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
  • अजवाइन के अर्क में प्रमुख केमिकल कंपाउंड (रासायनिक यौगिक) होते हैं जो कैल्शियम चैनलों को ब्लॉक करते हैं, जो ब्लड प्रेशर लेवल को और कम कर सकते हैं।
  • अजवाइन को चबाना अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है।
  • अजवाइन की चाय डायरिया, पेचिश, स्पास्मोडिक (ऐंठन) दर्द के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • अजवाइन का तेल स्टीम डिस्टिलेशन (भाप आसवन) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है और यह रह्यूमेटिक दर्द के इलाज में बहुत असरदार है इसलिए इसे दर्द वाली जगह पर लगाया जाता है।
  • अस्थमा (दमा) और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के इलाज के लिए अजवाइन और अदरक के अर्क का मेल काफी असरदार होता है।
  • अजवाइन वायु प्रवाह और फेफड़ों के कामकाज में सुधार करती है।
  • अजवाइन में ब्रोंको-डाइलेटिंग प्रभाव होता है, यह फेफड़ों में ब्रोन्कियल नलियों को फैलाने में मदद करता है जिससे हल्के अस्थमा में राहत मिलती है।
  • अजवाइन का पानी एक बेहतरीन माउथ वॉश है, और यह अच्छी ओरल हाइजीन बनाए रखने में मदद कर सकता है।
  • अजवाइन गर्भवती महिलाओं की अपच संबंधी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद है; यह गर्भाशय और पेट को साफ करने में मदद करती है, जिससे अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर हो जाती है।
  • नियमित रूप से अजवाइन का पानी पीने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है, जिससे शरीर की चर्बी कम करने में मदद मिलती है
  • अजवाइन में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, और यह लाली को कम करने और जलन व सूजन के लिए  फायदेमंद होती है।
  • अजवाइन के एनेस्थेटिक गुणों के कारण यह दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करती है।

सिर, कान और दांत दर्द के लिए अजवाइन :

कान के दर्द से राहत पाने के लिए अजवाइन के तेल की कुछ बूंदें काफी हैं। दांत दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए अजवाइन और नमक का गुनगुने पानी का मिश्रण बहुत असरदार होता है। कभी-कभी जले हुए अजवाइन का धुंआ दांत दर्द के लिए ज़्यादा असरदार होता है। अजवाइन में एक आवश्यक बायोएक्टिव घटक, यानी थाइमोल होता है जो एक मजबूत कवकनाशी और कीटाणुनाशक है। इसलिए, स्किन इंफेक्शन से राहत पाने के लिए अजवाइन को पीसकर लगाया जाता है।

एक्ने और पिंपल्स की रोकथाम के लिए अजवाइन:

अजवाइन में अलग-अलग एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी घटक होते हैं, और इसलिए अजवाइन के बायोएक्टिव अर्क भी एक्ने और पिंपल्स जैसी स्किन की समस्याओं को कम करने में मददगार होते हैं। अजवाइन में मौजूद थाइमोल और कार्वैक्रोल बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ने से रोकने में  मदद करते हैं। अजवाइन पाउडर सप्लीमेंट मुँहासे के निशान को हल्का करने में मदद करते हैं।

अजवाइन के प्रोडक्ट और उनकी अनुशंसित डोज़:

अजवाइन की आयुर्वेदिक डोज़  इसके रूपों के मुताबिक अलग-अलग होती है। अजवाइन प्रोडक्ट्स के विभिन्न रूप

प्रोडक्टकैसे इस्तेमाल करें                   दिन में कितनी बार
चूर्णपाचन को बेहतर बनाने के लिए खाने से पहले और बाद में गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच अजवाइन चूर्ण लें।दो बार
काढ़ाएक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर 10 मिनट तक उबालें। अस्थमा (दमा) और सर्दी के लिए आधा चम्मच अजवाइन का काढ़ा लें।तीन बार
पेस्टभुने हुए अजवाइन और गुड़ को मिलाकर मिक्सी में पेस्ट बना लें। इसे खाना खाने के बाद लें।दो बार
गोलीगर्म पानी के साथ अजवाइन की एक गोली लें।दो बार
अर्कखाने के बाद अजवाइन अर्क की पाँच बूँदें गर्म पानी के साथ लें।
दो बार

अजवाइन के साइड इफेक्ट और सावधानियां:

  • अजवाईन के ज़्यादा सेवन से पेट में गैस बन सकती है, जिससे एसिडिटी और रिफ्लक्स हो सकता है।
  • कुछ लोगों को अजवाइन के बीज से एलर्जी होती है, जो थाइमोल की मौजूदगी के कारण होता है, जिससे चक्कर आना, मतली और उल्टी हो सकती है।
  • अजवाइन के कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड ज़्यादा असर डाल सकते हैं, इनसे मुंह में इंफ्लेमेशन हो सकता है, जिसके कारण जलन और मुंह में छाले हो सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को बहुत ज़्यादा मात्रा में अजवाइन लेने से बचना चाहिए क्योंकि भ्रूण के विकास पर इसका उल्टा असर पड़ने की संभावना है।
  • अजवाइन को ज़्यादा मात्रा में खाने को विषैला माना जाता है; इसका परिणाम घातक पोइज़निंग हो सकता है।
  • सर्जरी के दौरान और बाद में अजवाइन सप्लीमेंट लेने से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, सर्जरी से 2 हफ्ते पहले अजवाइन का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है।

अजवाइन का अन्य दवाओं के साथ इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया):

  • कभी-कभी अजवाइन खून के थक्के जमने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। अगर कोई खून पतला करने जैसी दवाएं ले रहा है तो अजवाइन का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आइबूप्रोफेन, डाइक्लोफेनेक, वार्फरिन और एस्पिरिन जैसी दवाओं में खून पतला करने वाले पदार्थ होते हैं।
  • अजवाइन उन दवाओं में भी हस्तक्षेप कर सकती है जो लीवर में ब्रेक डाउन होती हैं। लीवर में लवास्टैटिन, केटोकोनाज़ोल और इट्राकोनाज़ोल जैसी दवाएं ब्रेक डाउन होती हैं। अगर आप इनमें से कोई भी दवा ले रहे हैं तो अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • यदि आप ऐसी दवा ले रहे हैं जो लीवर पर दबाव डालती है, तो अजवाइन खाने से बचना चाहिए, अजवाइन लीवर को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं के साथ-साथ लीवर के खराब होने की संभावना को बढ़ा सकती।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

क्या अजवाइन आंतों के इंफेक्शन में उपयोगी है?

जी हां, अजवाइन आंतों के इंफेक्शन को ठीक करने में मदद करती है। अजवाइन को कृमिनाशक गुण के लिए जाना जाता है जो आंतों के किसी भी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है। यह उनकी गतिविधि को बाधित करने के लिए सीधे पैरासाइट के मेटाबोलिज्म  हस्तक्षेप करती है।

क्या अजवाइन वजन घटाने में मदद करती है?

जी हां, अजवाइन वजन बढ़ने से रोकने में मदद करती है। अजवाइन के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो वजन कम करने पर सीधा असर डालते हैं। अजवाइन पाचन में भी सुधार करती है और कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है।

क्या अजवाइन सफेद बालों की समस्या को कम करने में मददगार है?

जी हां, अजवाइन सफेद बालों की समस्या को कम करने में मदद करती है। अजवाइन के अर्क में कैल्शियम और आयरन जैसे मिनरल और आवश्यक ट्रेस एलिमेंट होते हैं, और ये सफेद बालों की समस्या को कम करने में फायदेमंद होते हैं।

सारांश

अजवाइन का इस्तेमाल पारंपरिक भारतीय खाना पकाने और आयुर्वेदिक हर्बल फॉर्मूला में किया जाता रहा है। अजवाइन में शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी), एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेटिव घटक होते हैं। अजवाइन का तेल स्किन के इलाज के लिए लोशन और मलहम तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अजवाइन के हर्बल अर्क में एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) और एंटी-इंफ्मेंलेटरी गुण होते हैं, और इस तरह यह पेप्टिक अल्सर के इलाज में असरदार होते हैं, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।

Read in English: Apricot: Uses, Benefits & Side Effects

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