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तुरई (Zucchini in Hindi): उपयोग, लाभ, न्यूट्रिशनल वैल्यू और अन्य बहुत कुछ!

By Dr Smita Barode +2 more

परिचय:

जो खीरे की तरह दिखाई देता हो, ज़रूरी नहीं कि वह खीरा ही हो। यह एक तुरई (ज़ूकीनी) हो सकती है! आमतौर पर पास्ता और पिज्जा में इस्तेमाल होने वाली खीरे जैसी दिखने वाली यह सब्जी आपने देखी होगी। आप सोच रहे होंगे कि यह विदेशी सब्ज़ी कौन सी है भला या शायद आप पहले से ही जानते हैं, कि यह तुरई (ज़ूकीनी) ही है।


तुरई (ज़ूकीनी) को दुनिया भर में  समर स्क्वैश या कोरगेट के रूप में भी जाना जाता है। तुरई (ज़ूकीनी) लंबाई में एक मीटर (100 सेमी) तक बढ़ सकती है, लेकिन इसे बहुत कम लंबाई (15-25 सेमी) में ही काट लिया जाता है, जो इसकी संभावित लंबाई से लगभग आधी या उससे भी कम है। इसका वैज्ञानिक नाम कुकुर्बिटा पेपो है और यह स्क्वैश और कद्दू (पम्पकिन) परिवार से आती है। यह हल्के या गहरे हरे रंग की होती है। तुरई (ज़ूकीनी) की कुछ हाइब्रिड किस्में गहरे पीले या नारंगी रंग की हो सकती हैं, इसे गोल्डन तुरई (ज़ूकीनी) के नाम से भी जाना जाता है।1

 हालांकि तुरई (ज़ूकीनी) के लिए मई से अगस्त तक का मौसम प्रमुख माना जाता है, लेकिन अब तुरई (ज़ूकीनी) साल भर उपलब्ध रहती है। यह पतली, बेलनाकार सब्जी होती है जो तने की ओर से संकरी होती है। तुरई (ज़ूकीनी/समर स्क्वैश) पतली, कोमल छिलके और खाने योग्य बीजों वाली समर स्क्वैश की तुलना में विंटर स्क्वैश का बाहरी छिलका मोटा होता है। इसका गूदा मीठा, थोड़ा कोमल और हल्के पीले रंग का होता है। तुरई (ज़ूकीनी) फूल आने के 2-7 दिनों के अंदर बढ़ना शुरू कर देती है और इसे जल्दी से काट लिया जाता है क्योंकि इसके बाद, इसका स्वाद कड़वा होने लगता है।1

गोल्डन तुरई (ज़ूकीनी) और ग्लोब या गोल तुरई (ज़ूकीनी) तुरई (ज़ूकीनी) की अन्य नई किस्में हैं। तुरई (ज़ूकीनी) को अक्सर मैरो स्क्वैश मान लिया जाता है, जिसे वेजिटेबल मैरो (यह आमतौर पर ब्रिटेन और आयरलैंड में उगायी जाती है) के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि, मैरो स्क्वैश सफेद धारियों वाली बड़ी और गोल होती है।1

तुरई (ज़ूकीनी) के पोषक तत्व:

तुरई (ज़ूकीनी) में पाए जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं: 

पोषक तत्वसामग्री प्रतिशत में
पानी95.6
कार्बोहाइड्रेट्स2.69
प्रोटीन1.14
फैट्स0.36
शुगर 1.17
फाइबर1
कैल्शियम0.018
पोटैशियम0.264

टेबल 1 : तुरई (ज़ूकीनी) में मौजूद पोषक तत्वों का प्रतिशत2

 ●      तुरई (ज़ूकीनी) में पाए जाने वाले अन्य खनिज:

○ मैग्नीशियम

○ फास्फोरस

○ आयरन

○ सोडियम

○ ज़िंक

○ मैंगनीज़

○ सेलेनियम2

●      तुरई (ज़ूकीनी) में पाए जाने वाले अन्य विटामिन:

○ थायमिन (विटामिन बी1)

○ राइबोफ्लेविन (विटामिन बी2)

○ नियासिन (विटामिन बी3)

○ पैंटोथेनिक एसिड (विटामिन बी5)

○ पाइरिडॉक्सिन (विटामिन बी6)

○ फोलेट

○ विटामिन सी (एस्कॉर्बिक ऐसिड) 2

Read in English :  Drumstick: Uses, Benefits, Side Effects and More!

तुरई (ज़ूकीनी) के गुण:

 विभिन्न पोषक तत्वों और बायोएक्टिव कंपाउंड्स होने के कारण तुरई (ज़ूकीनी) में ये गुण हो सकते हैं जैसे:

● इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण हो सकते हैं

● इसमें एंटीवायरल गुण हो सकते हैं

● इसका शक्तिशाली एनाल्जेसिक प्रभाव (दर्द कम करने वाली) हो सकता है

● यह एक एंटीऑक्सीडेंट हो सकती है

● इसमें कैंसररोधी क्षमता वाली (कैंसर कोशिकाओं से लड़ने वाली)

● इसमें जलन-रोधी गुण हो सकते हैं (सूजन कम करने में मदद मिल सकती है)

● यह सर्दी और दर्द में आराम दे सकती है

● यह एंटी-प्रोलिफरेटिव हो सकती है (यानी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकती है)

● प्रो-एपोप्टोटिक हो सकती है (यानी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद कर सकती है)3

Read in English: Sweet Corn: Uses, Benefits, Side Effects and More!

संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए तुरई (ज़ूकीनी) के संभावित उपयोग:

मानव स्वास्थ्य के लिए तुरई (ज़ूकीनी) के कुछ संभावित उपयोग निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. घावों के लिए तुरई (ज़ूकीनी) के संभावित उपयोग:

कद्दू (पम्पकिन) के बीज का तेल असल में तुरई (ज़ूकीनी) के बीज से प्राप्त किया जाता है। इससे चूहों में घाव भरने की क्षमता का पता चला है । इस तेल में उच्च मात्रा में फैटी एसिड होते हैं। हालांकि कद्दू (पम्पकिन) के बीज का तेल जानवरों के घावों को ठीक करने में कारगर हो सकता है, पर मनुष्यों में इसके उपयोग की पुष्टि होना अभी बाकी है।1

2. यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण (यूटीआई) में तुरई (ज़ूकीनी) का संभावित उपयोग

तुरई (ज़ूकीनी) प्रोस्टेट के बढ़ने (मामूली प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया) के कारण कम यूटीआई के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती है। डैमियानो द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि तुरई (ज़ूकीनी) खाने से मूत्र प्रवाह और जीवन में संभावित सुधार आया।1

3. स्ट्रेस यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस दूर करने में तुरई (ज़ूकीनी) का संभावित उपयोग

महिलाओं में तनाव के कारन होने वाली मूत्र से संबंधित परेशानी (एसयूआई) दूर करने की क्षमता के लिए तुरई (ज़ूकीनी) के रस का 2 अन्य कंपोनेंट (इक्विसेटम अर्वेन्स और लिनम यूसिटाटिसिमम)  की जांच की गई। 86 महिलाओं पर किए गए छोटे से अध्ययन में यह पाया गया कि उनमें बाथरूम कम जाने और रिसाव (यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस) के पीछे तुरई (ज़ूकीनी) के बीज का अर्क का सेवन हो सकता है। हालांकि, कुछ महिलाओं ने सिरदर्द, पेट फूलना और गैस्ट्रिक जैसी विपरीत समस्याओं के बारे में बताया। इसलिए, इन दावों की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की ज़रुरत है।1

4. पेट के कीड़ों के संक्रमण से बचने के लिए तुरई का संभावित उपयोग

अध्ययन में पाया गया है कि मनुष्यों और पशुओं दोनों को संक्रमित करने वाले नेमाटोड के रूप में जाने जाने वाले पैरासाईटिक कीड़ों को नष्ट करने में तुरई (ज़ूकीनी) असरदार साबित हुई है। तुरई (ज़ूकीनी) के असर को दिखाने के लिए दो पैरासाईट (सी. एलिगेंस और एच. बेकरी) पर अध्ययन किया गया। एक अध्ययन से पता चला है कि तुरई (ज़ूकीनी) के अलग-अलग अर्क (गर्म पानी का अर्क, ठंडे पानी का अर्क और इथेनॉल अर्क) में कुकुर्बिटेन, अमीनो एसिड जैसे बायोएक्टिव यौगिक, फैटी एसिड आदि होते हैं जो सी एलीगंस और एच. बाकेरी के खिलाफ काम कर सकता है।1

5. कैंसर के लिए तुरई (ज़ूकीनी) का संभावित उपयोग

डीएनए में होने वाले नुकसान को रोकने में तुरई (ज़ूकीनी) की क्षमता और इसके एंटी-जीनोटॉक्सिसिटी का मनुष्यों में बड़े पैमाने पर शोध किया गया है। यह कैंसर सेल्स के विकास को रोक सकता है। ऐसा इसकी संभावित एंटी-प्रोलिफेरेटिव और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियों के कारण हो सकता है। हालांकि, यह किसी भी तरह से कैंसर का 100 प्रतिशत इलाज या रोकथाम नहीं है। कैंसर जैसी गंभीर समस्या की पहचान और इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। इसलिए, कृपया इस बारे में सही सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।3

6. तुरई (ज़ूकीनी) के अन्य संभावित उपयोग

तुरई (ज़ूकीनी) इनके लिए भी काम की हो सकती है:

● वजन को नियंत्रित रखने में

● शरीर में फैट के संतुलन के लिए

● डायबिटीज

● दिल की बीमारी

● आंखों के रोग1

हालांकि बहुत से अध्ययन हुए हैं जो विभिन्न स्थितियों में तुरई (ज़ूकीनी) के संभावित उपयोग के बारे में बताते  हैं, लेकिन इनसे पूरी जानकारी नहीं मिलती है और मानव स्वास्थ्य पर इसके वास्तविक लाभ की सीमा को जानने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

Read in English: Snake Gourd: Uses, Benefits, Side Effects and More!

 तुरई (ज़ूकीनी) का सेवन कैसे करें

Turai(Zucchini) ka Sevan kaise karein?

 तुरई (ज़ूकीनी) का बहुत प्रकार से सेवन किया जा सकता है:

● इसे कच्चा खाया जा सकता है

● काटकर सलाद के रूप में

● हल्के गर्म सलाद में पकाया जा सकता है (जैसे थाई या वियतनामी भोजन में)

● भरवां रोटी में

● भाप में पकाकर

● उबाल कर

● भून कर

● सेंक कर

● बारबेक्यू किया हुआ

● तला हुआ

● सूफ्ले में शामिल करके

● तुरई (ज़ूकीनी) के फूलों का भरवां और “टेम्पुरा” के रूप में तल कर एक स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में भी सेवन किया जाता है।1

व्यक्ति अपनी रचनात्मकता के अनुसार तुरई (ज़ूकीनी) को विभिन्न तरीकों से व्यंजनों में शामिल कर सकता है। हालांकि तुरई (ज़ूकीनी) का खीरे से गहरा संबंध है, पर खीरे को कच्चा ही खाया जाता है और तुरई (ज़ूकीनी) आमतौर पर पकाकर खाई जाती है।1

तुरई (ज़ूकीनी) के संभावित स्वास्थ्य लाभों के लिए इसका सेवन करने से पहले आपको एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श किए बिना अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए आधुनिक इलाज के स्थान पर आयुर्वेदिक/हर्बल  लेना बंद या शुरू न करें।

तुरई (ज़ूकीनी) के दुष्प्रभाव:

मानव स्वास्थ्य पर तुरई (ज़ूकीनी) के दुष्प्रभावों को जानने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि इसके लिए पूरा डेटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए तुरई (ज़ूकीनी) को सावधानी से और सामान्य मात्रा में खाना चाहिए। तुरई (ज़ूकीनी) के संभावित उपयोग और स्वास्थ्य पर इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर रहेगा। 

तुरई (ज़ूकीनी) के सेवन में बरते जाने वाली सावधानियां:

तुरई (ज़ूकीनी) को आमतौर सब्जी के रूप में खाया जाता है। हालांकि, शोध अपर्याप्त होने के कारण गर्भावस्था, स्तनपान के साथ-साथ बच्चों और बुजुर्गों के मामले में इसके सुरक्षित उपयोग के बारे में अभी भी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। इसलिए, इसका उपयोग करने से पहले सुरक्षा की पुष्टि करना आवश्यक है।

अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया:

तुरई (ज़ूकीनी) के कुछ दवाओं के साथ ऐसी प्रतिक्रिया कर सकती है जिनके बारे में हो सकता है कि कोई जानकारी उपलब्ध न हो। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आप इसका इस्तेमाल करने से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें। विशेषकर, यदि आप कोई इलाज करवा रहे हैं और दवाओं का सेवन कर रहे हैं।

Read in English: Elephant Yam: Uses, Benefits, Side Effects and More!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

तुरई (ज़ूकीनी) के क्या लाभ हैं?

तुरई (ज़ूकीनी) यूटीआई को कम कर सकती है, जो प्रोस्टेट के बढ़ने, यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस, वजन को नियंत्रित करने, आंखों के रोग, हृदय रोग, कैंसर, आदि में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इन संभावित स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि करने के लिए अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है। 1,3

तुरई (ज़ूकीनी) में कौन-कौन से पोषक तत्व शामिल हैं?

तुरई (ज़ूकीनी) में पानी भरपूर होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन (बी1, बी2, बी3, सी, इत्यादि) और खनिज (आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, आदि) जैसे कई पोषक तत्व भी हैं। इसमें कई अन्य बायोएक्टिव कंपोनेंट (कुकुर्बिटेन) भी शामिल हैं।1,2

त्वचा के लिए यह किस तरह लाभकारी है?

त्वचा पर इसका क्या लाभ होता है इसकी कोई तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है। इस विषय पर भी अधिक शोध किए जाने की ज़रूरत है।

वजन नियंत्रित करने में क्या तुरई (ज़ूकीनी) फायदेमंद है?

तुरई (ज़ूकीनी) में वजन को संतुलित रखने में मदद कर सकती है। हालांकि, सटीक तथ्यों का अभी पता नहीं चल पाया है। इन दावों को साबित करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है। इसलिए, कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।1

बालों के लिए तुरई (ज़ूकीनी) कैसे फायदेमंद है?

कोई वैध वैज्ञानिक शोध या अध्ययन नहीं है जो बालों पर तुरई (ज़ूकीनी) के लाभ के बारे में बताता हो। इसलिए, और अधिक शोध किए जाने की ज़रुरत है।

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References :

  1. CHARACTERISTICS OF ZUCCHINI: https://pharmeasy.in/blog/ayurveda-uses-benefits-side-effects-of-zucchini/ . Publisher: Research Gate. Author: Liubov Ben-Noun (Nun) | September 1, 2019
  2. Squash, summer, zucchini, includes skin, cooked, boiled, drained, without salt: https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169292/nutrients . Publisher: Food Data Central. Author: | July 19, 2022
  3. Role of Zucchini and Its Distinctive Components in the Modulation of Degenerative Processes: Genotoxicity, Anti-Genotoxicity, Cytotoxicity and Apoptotic Effects: http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/28708122 . Publisher: Pubmed. Author: Damián Martínez-Valdivieso, Rafael Font, Zahira Fernández-Bedmar, Tania Merinas-Amo, Pedro Gómez, Ángeles Alonso-Moraga, Mercedes Del Río-Celestino | July 14, 2017

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