"MedicalWebPage", "FAQPage"

Get more insightful and

helpful tips to

treat Diabetes for FREE

Want an ad free reading experience?

Download PharmEasy App

Banner Image

Register to Avail the Offer

Send OTP

By continuing, you agree with our Privacy Policy and Terms and Conditions

Success Banner Image

Comments

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Leave your comment here

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
Advertisement

आलूबुखारा (Plum in Hindi): इसका इस्तेमाल, फायदे, न्यूट्रिशनल वैल्यू और अन्य जानकारी!

By Dr. Nikita Toshi +2 more

परिचय :

आलूबुखारा (प्लम) का वैज्ञानिक नाम प्रूनस डोमेस्टिका एल है। यह रोसेसी परिवार से संबंधित है और इसमें प्लम के पेड़ की लगभग 40 प्रजातियां शामिल हैं। यह एक छोटा, झाड़ीदार पर्णपाती (डेसिडियस) पेड़ है और आमतौर पर 6-15 मीटर लंबा होता है। यह पश्चिम एशिया, भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, पाकिस्तान, यूरोप और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) और समशीतोष्ण क्षेत्रों (टेम्परेट रीजन) में काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और पंजाब के क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है।


आलूबुखारा (प्लम) के पेड़ का इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योकि इसके बहुत सारे फायदे हैं और यह कई तरह की शारीरिक समस्याओं को काफी अच्छे तरीके से मैनेज कर सकता । आलूबुखारा (प्लम) हरा, लाल, बैंगनी, पीले रंग का होता और यह गेंद के आकार जैसा होता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल्स और कैरोटीनॉयड (जो फल को रंग देते हैं) कंपाउंड से भरपूर होता है। सैंटा रोज़ा, ब्लैक ऐंबर, रेड ब्यूटी, अफ्रीकन रोज़ और ब्लैक ब्यूटी आलूबुखारा (प्लम) की कुछ प्रमुख किस्में हैं।

आलूबुखारे (प्लम) की न्यूट्रिशनल वैल्यू

नीचे आलूबुखारे (प्लम) की न्यूट्रिशनल वैल्यू बताई गई है :

पोषक तत्व वैल्यू
एनर्जी46 किलो कैलोरी
प्रोटीन0.7 ग्राम 
कार्बोहाइड्रेट11.4 ग्राम
फैट0.28 ग्राम
शुगर9.92 ग्राम
फाइबर1.4 ग्राम
ग्लुटामिक एसिड0.035 ग्राम
एस्पार्टिक एसिड 0.352 ग्राम 
लाइसिन0.016 ग्राम
आइसोल्यूसिन0.014 ग्राम 

टेबल 1: प्रति 100 ग्राम कच्चे आलूबुखारे (प्लम) की न्यूट्रिशनल वैल्यू

पोषक तत्ववैल्यू
कैल्शियम6 मिलीग्राम 
आयरन0.17 मिलीग्राम
पोटैशियम157 मिलीग्राम
फास्फोरस16 मिलीग्राम
ज़िंक0.1 मिलीग्राम
कॉपर0.057 मिलीग्राम
मैंगनीज़  0.52 मिलीग्राम
फ्लोराइड2 माइक्रोग्राम
विटामिन C9.5 मिलीग्राम
थायमिन0.028 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.026 मिलीग्राम
नियासिन0.417 मिलीग्राम
विटामिन B60.029 मिलीग्राम
विटामिन K64 माइक्रोग्राम
विटामिन E0.26 मिलीग्राम
फोलेट 5 माइक्रोग्राम
कोलीन1.9 मिलीग्राम
बीटा कैरोटीन190 माइक्रोग्राम
विटामिन A345 इंटरनेशनल यूनिट

टेबल 2: प्रति 100 ग्राम कच्चे आलूबुखारे (प्लम) मिनरल और विटामिन

Read in English : Kiwi: Uses, Benefits, Side Effects and More!

आलूबुखारे (प्लम) के गुण 

आलूबुखारा (प्लम) एक औषधीय पौधा माना जाता है और इसका इस्तेमाल ख़ास तौर से बायोलॉजिकल एक्टिविटीज़ (जैविक गतिविधियों) के लिए किया जाता है।1 आलूबुखारा (प्लम) के कुछ चिकित्सीय गुण इस प्रकार हैं:

  • इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट हो सकते हैं
  • इसमें एंटी-माइक्रोबियल क्षमता हो सकती है
  • इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हो सकते हैं
  • इसमें एंटी-लार्विसाइडल गुण (जो कीड़ों को मारने में मदद करता है) हो सकते हैं। 

Read in English : Pomegranate: Uses, Benefits, Side Effects, and More!

आलूबुखारे (प्लम) के संभावित उपयोग:

आलूबुखारा (प्लम) न सिर्फ स्वादिष्ट मौसमी फल है बल्कि यह बहुत उपयोगी भी है। अपने कई  गुणों के कारण कई बीमारियों को मैनेज करने में उनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

1. डायबिटीज के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग

डायबिटीज एक मेटाबोलिक असामान्यता है जो पर्याप्त इंसुलिन प्रोडक्शन न होने या इसकी पूर्ण कमी के कारण होती है। एक अध्ययन में पाया गया कि चूहों में किए गए एनिमल ट्रायल के दौरान आलूबुखारा (प्लम) के अर्क के एंटी-डायबिटिक गुणों ने ब्लड ग्लूकोज़ के लेवल को काफी कम कर दिया। एक अन्य अध्ययन ने पोस्ट-प्रांडियल हाइपोग्लाइसीमिया (खाने के बाद ज़्यादा ग्लूकोज प्रोडक्शन होना) की शुरुआती स्टेज को नियंत्रित करने में आलूबुखारा (प्लम) प्यूरी की क्षमता को दिखाया।1

कम ग्लाइसेमिक (ग्लूकोज़) इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थ, खाने के बाद ब्लड इंसुलिन में होने वाली बढ़ोतरी और गिरावट को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसलिए जिसे डायबिटीज है उसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है। एक ह्यूमन स्टडी ने पुष्टि की है कि उपवास के दौरान सूखा आलूबुखारा (प्लम) खाने से इंसुलिन और प्लाज्मा ग्लूकोज़ के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है।3 आलूबुखारा (प्लम) खाने से डायबिटीज वाले लोगों को मदद मिल सकती है, लेकिन डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या के लिए किसी भी फल या सब्जियों का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करना चाहिए।  

सटीक ब्लड ग्लूकोज़ रीडिंग के लिए Accu-Chek एक्टिव ग्लूकोमीटर किट चेक करें

2. कब्ज़ के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग 

आलूबुखारा (प्लम) कब्ज़ और पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे कि पेट फूलना, अपच, ब्लोटिंग और सीने में जलन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। आलूबुखारा (प्लम) को एक हल्के लैक्सेटिव के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सूखे आलूबुखारे (प्लम) से तैयार जैम मल त्याग (बाउल मूवमेंट) को बढ़ाने और दवा के इस्तेमाल को कम करने में मदद करता है। सूखा आलूबुखारा प्लम) मल को नरम करने में भी मदद कर सकता है, जो कब्ज और पेट में दर्द, बेचैनी की समस्या से पीड़ित लोगों की मदद करता है।3

सूखे आलूबुखारे (प्लम) में कुछ फेनोलिक कंपाउंड होते हैं जो पाचन तंत्र में गति बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे पेट खाली करने में मदद मिलती है। आलूबुखारा (प्लम) में सेरोटोनिन होता है, जो आंतों के फ्लूइड प्रोडक्शन और आंत की गतिशीलता को बढ़ाता है। इनमें एक प्रीबायोटिक असर और काफी मात्रा में फाइबर कंटेंट भी होता है जो कोलन में मददगार बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करते हैं।3 इसके इतने फायदों के बावजूद, अपने डॉक्टर से परामर्श किए बिना उनका इस्तेमाल करने से बचें। अगर आपको पाचन से जुड़ी कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उचित डायग्नोसिस और इलाज कराएं।

3. कैंसर के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग 

आलूबुखारे (प्लम) के अर्क ने लैब स्टडीज के दौरान एक आवश्यक एंटी-ऑक्सीडेंट एक्टिविटी दिखाई। आलूबुखारे (प्लम) के गूदे और छिलके में सबसे ज़्यादा मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं।आलूबुखारे (प्लम) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं से बाइंड कर सकते हैं और सिग्नलिंग पाथवे के लिए जिम्मेदार ख़ास एंजाइम की कार्रवाई को रोक सकते हैं। यह सिग्नलिंग पाथवे कैंसर कोशिकाओं को एंटी-कैंसर-दवाओं के प्रति ज़्यादा प्रतिरोधी बनाने के लिए जिम्मेदार है। इसके ये फायदे कैंसर में मदद कर सकते हैं, लेकिन मेडिकल समस्याओं के लिए किसी भी जड़ी-बूटी या फल का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या फिजिशियन से परामर्श करें।

4. हड्डियों के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग

आलूबुखारे (प्लम) में विटामिन K, कॉपर, पोटैशियम और बोरॉन होता है। विटामिन K हड्डी के मिनरलाइज़ेशन में मदद कर सकता है और पोटैशियम हड्डी की मिनरल डेंसिटी (खनिज घनत्व) को बनाए रखने में मदद करता है। एक लैब ट्रायल के दौरान आलूबुखारे (प्लम) अल्कोहल के अर्क को हड्डी के फिर से सोखने की प्रक्रिया को रोकने वाला और हड्डी की फॉर्मेशन को बढ़ाने वाला माना गया है।3

जानवरों पर हुए अध्ययनों में यह पाया गया है कि हड्डी की पहले से मौजूद क्षति पर आलूबुखारा (प्लम) बहुत असरदार था। आलूबुखारे (प्लम) के पाउडर के परिणामस्वरूप  चूहों की हड्डी की मिनरल डेंसिटी (खनिज घनत्व) में बढ़ोतरी हुई और रीढ़ रिस्टोर हुई।3 ये फायदे जानवरों पर हुए अध्ययनों में सिद्ध हुए हैं और अभी तक इंसानों पर हुए ट्रायल में ऐसे फायदे नहीं देखे गए हैं । इसलिए, अपने हेल्थ सारे प्रोवाइडर से परामर्श किए बिना हड्डियों की किसी भी बीमारी की समस्या के लिए आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल करने से बचें।

5. गर्भावस्था के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग

जानवरों पर किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि गर्भवती जानवरों को आलूबुखारे (प्लम) का अर्क देने से उनके बच्चे की हड्डी (ऑस्टोजेनेसिस) का विकास और निर्माण बढ़ता है। आलूबुखारे (प्लम) का अर्क सीरम कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप एक लंबी हड्डी की मौजूदा लंबाई की तुलना में नई हड्डी का गठन का ज़्यादा अनुपात होता है। ये फायदे जानवरों पर किए गए अध्ययनों में देखे गए हैं और अभी तक इंसानों में ऐसे फायदों की पुष्टि नहीं हुई है। आपको गर्भावस्था के दौरान आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल करने से पहले आपको सावधानी बरतने की ज़रूरत है।

क्या आप जानना चाहती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं? प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट किट चेक करें

6. वज़न घटाने के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग

बेर में पॉलीफेनोल्स और बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो मोटे लोगों में एनर्जी के रेगुलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, भोजन का सेवन बढ़ाते हैं और इंसुलिन जैसे और दिल को सुरक्षित रखने वाले प्रभावों को बढ़ाते हैं। आलूबुखारे (प्लम) के जूस में कम कैलोरी होती है, जो शरीर के वज़न को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।6

एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन में पाया गया कि आलूबुखारे (प्लम) के जूस का सेवन शरीर के वज़न को कम करने के लिए उपयोगी था। आलूबुखारे (प्लम) के जूस में कम कैलोरी और ज़्यादा पॉलीफेनोल्स भी शरीर के वज़न को कम करने में मदद करते  हैं।6

7. आलूबुखारे (प्लम) शरीर को मिलने वाले अन्य फायदे

  • ताज़े आलूबुखारे (प्लम) में सेरोटोनिन होता है, यह एक न्यूरोट्रांसमीटर (रासायनिक संदेशवाहक) है जो चिंता और नियोफोबिया (नए भोजन का डर) को कम करने में मदद कर सकता है।3
  • क्लीनिकल अध्ययनों में पाया गया है कि आलूबुखारे (प्लम) के जूस का सेवन खून में इंसुलिन और ग्लूकोज लेवल बनाए रखने में मदद करता है, जिससे यह  दिल की बीमारियों के जोखिम को रोकने में मदद कर सकता है।6
  • आलूबुखारे (प्लम) में काफी अच्छी मात्रा में पोटेशियम होता है जो हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।7

हालांकि अध्ययन विभिन्न बीमारियों की स्थितियों में आलूबुखारे (प्लम) के जूस के फायदों को दिखाते हैं, लेकिन ये अध्ययन अपर्याप्त हैं और इंसान की सेहत पर आलूबुखारे (प्लम) के जूस के फायदों की सही सीमा स्थापित करने के लिए आगे और अध्ययन की ज़रुरत है।

Read in English: Custard Apple: Uses, Benefits, Side Effects and More!

आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल कैसे करें?

आलूबुखारे (प्लम) का नीचे दिए गए तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है :

  • आलूबुखारे (प्लम) के बीज लिपिड और प्रोटीन से भरपूर होते हैं जिनका इस्तेमाल दवाओं, भोजन और त्वचा के लिए एक अच्छे स्रोत के रूप में किया जा सकता है।1
  • आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल दही, लस्सी और आइसक्रीम जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स में किया जा सकता है। पाई और बिस्कुट जैसे फ़ूड प्रोडक्ट्स में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यह आम तौर पर चंक्स, गूदा, अर्क या पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जो खाने के स्वाद को बढ़ाता है और न्यूट्रिशनल वैल्यू बढ़ाता है।7
  • आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल  वाइन जैसे अल्कोहोलिक ड्रिंक्स (मादक पेय) बनाने के लिए किया जा सकता है।4
  • सूखे आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल स्नैक्स, जूस, जेली, पाउडर और जैम बनाने के लिए भी किया जाता है।3,7

आपको नियमित तौर पर आलूबुखारे (प्लम) का सेवन करने से पहले हमेशा अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वे आपकी सेहत की स्थिति के हिसाब से इसका सही रूप और खुराक तय करने वाले सबसे सही इंसान होंगे। इसके अलावा, किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श किए बिना कोई भी जारी दवा या इलाज बंद न करें या इसे आयुर्वेदिक/हर्बल से रिप्लेस न करें।  

आलूबुखारे (प्लम) के साइड इफेक्ट :

आलूबुखारे (प्लम) के साइड इफेक्ट पाचन संबंधी समस्याओं और एलर्जिक रिएक्शन से संबंधित हैं। आलूबुखारे (प्लम) के सबसे आम साइड इफेक्ट हैं:

  • कब्ज की समस्या वाले लोगों और ज़्यादा मात्रा में आलूबुखारे (प्लम) का जूस पीने वालों को पेट फूलना, अपच और ब्लोटिंग जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।3
  • आलूबुखारा (प्लम) खाने से लोगों को एलर्जी हो सकती है। इसमें एक घटक होता है जिसे इम्युनोग्लोबुलिन ई (IgE)-विशिष्ट एलर्जी रिएक्शन दर्शाने वाला एलर्जेन माना जाता है।8

हालांकि, अगर आप पर इसका कोई रिएक्शन होता है, तो तुरंत अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें, जिसने आपको इसका सेवन करने की सलाह दी थी । वे आपका सही इलाज कर सकेंगे।

Read in English: Lychee: Uses, Benefits, Side Effects and More!

आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल करते समय सावधानियां :

अगर आलूबुखारे (प्लम) का सेवन सही मात्रा में किया जाए तो इसे आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, आलूबुखारे (प्लम) का सेवन करते समय सामान्य सावधानियां बरतनी चाहिए।

  • गर्भावस्था: आलूबुखारे (प्लम) में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। आलूबुखारे (प्लम) का सेवन मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद साबित हुआ है।5 गर्भावस्था के दौरान आलूबुखारे (प्लम) के नकारात्मक असर के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन अगर कोई ऐसा लक्षण दिखता है जो सामान्य नहीं है, तो तुरंत अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लें।
  • बच्चे: आलूबुखारे (प्लम) के जूस में अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है जो शिशुओं में आयरन के अवशोषण पर असर डाल सकती है।3 कुछ लोगों में, आलूबुखारे (प्लम) के सेवन सेआईजीई-मेडिएटेड एलर्जी रिएक्शन देखे गए। बच्चों का इम्यून सिस्टम विकसित होने की स्टेज में होता है इसलिए अक्सर  एलर्जिक इम्यून प्रतिक्रिया देखी जाती है। इसलिए, ऐसे रिएक्शन होने पर सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है; बच्चों की सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या से बचने के लिए अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।

अन्य दवाओं के साथ इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया)

विभिन्न फलों के जूस में फाइटोकेमिकल्स की एक अज्ञात मात्रा होती है और जब ये अन्य दवाओं के साथ लिए जाते हैं तो वे भोजन-दवाओं के इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया) को जन्म दे सकते हैं जिसके कारण साइड इफेक्ट होते हैं। इसी तरह, आलूबुखारे (प्लम) के जूस में में भी कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो सिस्टम के एक्सपोज़र में बढ़ोतरी कर सकते हैं, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) हो सकता है।9 गंभीर सेहत संबंधी समस्याओं से बचने के लिए इस भोजन-दवाओं के इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया) पर आपके आयुर्वेदिक डॉक्टर को विचार करना चाहिएहै। इसलिए जो आयुर्वेदिक डॉक्टर आपको यह दवा देता है उसकी सलाह का पालन करना चाहिए।

Read in English: Jackfruit: Uses, Benefits, Side Effects and More!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या आलूबुखारा (प्लम) डायबिटीज के लिए अच्छा है?

हाँ। आलूबुखारे (प्लम)  में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और इसमें सोर्बिटोल भी होता है जो खून में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद करता है।  अगर  आप या आपका कोई परिचित डायबिटीज से पीड़ित है, तो अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर  से परामर्श किए बिना किसी भी जड़ी-बूटी या फल का इस्तेमाल करने से बचें।

आलूबुखारे (प्लम) के क्या-क्या फायदे हैं?

आलूबुखारा (प्लम) इम्यून सिस्टम मज़बूत करने, आंखों के पावर में सुधार करने और गठिया, अस्थमा, एनीमिया, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, अल्जाइमर और दिल की बीमारियों जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करता है।1 हालांकि, डॉक्टर से परामर्श किए बिना किसी भी सेहत से जुड़ी समस्या के लिए आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल करने से बचें।

आलूबुखारे (प्लम) में कौन-कौन से विटामिन पाए जाते हैं और इसके क्या फायदे हैं?

आलूबुखारे (प्लम) में विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन K और विटामिन E होता है।2
विटामिन A मुंह और फेफड़ों के कैंसर से बचाता है। विटामिन B शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट को मेटाबोलाइज़ (चयापचय) करने में मदद करता है। विटामिन C  नुकसानदेह एजेंटों के प्रति शरीर के प्रतिरोध को विकसित करने में मदद करता है और फ्री रेडिकल्स को भी नष्ट करता है। विटामिन K खून के थक्के एजेंट के रूप में काम करता है, हड्डी के मेटाबोलिज्म में मदद करता है और बुज़ुर्ग लोगों में अल्जाइमर को कम करता है।7

क्या आलूबुखारा (प्लम) वजन घटाने के लिए अच्छा है?

हाँ। अध्ययनों से पता चला है कि शुगर वाले ड्रिंक्स की जगह आलूबुखारे (प्लम)  के जूस जैसे पॉलीफेनोल युक्त जूस से मोटापे को रोका जा सकता है, जिसके कारण  वजन कम होता है।6 अपनी डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर या न्यूट्रिशनिस्ट से संपर्क करें क्योंकि इसका आपके सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है।

क्या हम आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल मॉस्किटो रेपेलेंट (मच्छर विकर्षक) के रूप में कर सकते हैं?

हाँ। जब आलूबुखारे (प्लम ) का अर्क स्किन पर लगाया जाता है तो यह मच्छरों के लार्वा के खिलाफ एक्टिविटी दिखाता है, इसलिए  मॉस्किटो रेपेलेंट (मच्छर विकर्षक) के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।1

आलूबुखारे (प्लम) के छिलके के क्या फायदे हैं?

आलूबुखारे (प्लम) के छिलके  में काफी अच्छी मात्रा में फेनोलिक कंपाउंड होते हैं। यह हाई एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि दिखाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।4 ऐसी गंभीर समस्या के लिए आपको एक योग्य डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

Disclaimer:

The information provided here is for educational/awareness purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional and should not be relied upon to diagnose or treat any medical condition. The reader should consult a registered medical practitioner to determine the appropriateness of the information and before consuming any medication. PharmEasy does not provide any guarantee or warranty (express or implied) regarding the accuracy, adequacy, completeness, legality, reliability or usefulness of the information; and disclaims any liability arising thereof.

Links and product recommendations in the information provided here are advertisements of third-party products available on the website. PharmEasy does not make any representation on the accuracy or suitability of such products/services. Advertisements do not influence the editorial decisions or content. The information in this blog is subject to change without notice. The authors and administrators reserve the right to modify, add, or remove content without notification. It is your responsibility to review this disclaimer regularly for any changes.

References:

  1. Rishi Kumar Shukla, Kishan. A Review on European Plum (Prunus domestica) for its Pharmacological activities and Phytochemicals. Research Journal of Pharmacy and Technology. [Internet]. Available from: https://rjptonline.org/AbstractView.aspx?PID=2021-14-2-103 .
  2. Plums, raw. Food Data Central. [Internet]. January 4, 2019. Available from: https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169949/nutrients .
  3. M. Stacewicz-Sapuntzakis. Dried Plums and Their Products: Composition and Health Effects–An Updated Review. Taylor & Francis Online. [Internet]. October 3, 2013. Available from: https://www.tandfonline.com/doi/abs/10.1080/10408398.2011.563880 .
  4. Abdul Alim Bahrin a, Said Moshawih a, Jagjit Singh Dhaliwal a, Mahibub Mahahamadsa Kanakal b, Abdullah Khan c, Kah Seng Lee d, Bey Hing Goh e f, Hui Poh Goh a, Nurolaini Kifli a, Long Chiau Ming a. Cancer protective effects of plums: A systematic review. Science Direct. [Internet]. February 1, 2022. Available from: https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S075333222101355X?via%3Dihub .
  5. Ezinne Igwe, Karen Charlton. A Systematic Review on the Health Effects of Plums (Prunus domestica and Prunus salicina). Research Gate. [Internet]. March 1, 2016. Available from: https://www.researchgate.net/publication/298899398_A_Systematic_Review_on_the_Health_Effects_of_Plums_Prunus_domestica_and_Prunus_salicina .
  6. Giuliana Norattoa,e, f,⁎, Hercia S.D. Martinob , Sunday Simboc , David Byrned , Susanne U. Mertens-Talcott e, f,⁎. Consumption of polyphenol-rich peach and plum juice prevents risk factors for obesity-related metabolic disorders and cardiovascular disease in Zucker rats. ScienceDirect. [Internet]. December 19, 2014. Available from: https://sci-hub.hkvisa.net/10.1016/j.jnutbio.2014.12.014 .
  7. Pragati Singham. Plums: A brief introduction. Research Gate. [Internet]. March 1, 2017. Available from: https://www.researchgate.net/publication/316476857_Plums_A_brief_introduction .
  8. Elide A. Pastorello, MD,” Claudio Ortolani, MD,b Laura Farioli, BSc,” Valerio Pravettoni, MD,” Marco Ispano, MD,bhse Borga, MD,’ Anders Bengtsson, BSc,” Cristoforo Incorvaia, MD,” Candida Berti, MD,” and Carlo Zanussi, MD”. Allergenic cross-reactivity among peach, apricot, plum, and cherry in patients with oral allergy syndrome: An in vivo and in vitro study . jacionline. [Internet]. October 1, 1994. Available from: https://www.jacionline.org/article/0091-6749(94)90177-5/pdf .
  9. Zvonimir Petric 1ORCID,Irena Žuntar 2,*ORCID,Predrag Putnik 3,*ORCID andDanijela Bursać Kovačević . Food–Drug Interactions with Fruit Juices. MDPI. [Internet]. December 24, 2020. Available from: https://www.mdpi.com/2304-8158/10/1/33/htm .

You may also like

Comments

Leave your comment...