अच्छे स्वास्थ्य के लिए ओटमील के 12 फ़ायदे (12 Health Benefits Of Oatmeal in hindi)
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एवेना सैटिवा या ओट्स एक साबुत अनाज है जो दुनिया भर के लोगों में नाश्ते का एक लोकप्रिय विकल्प है। ये गेहूं जैसी बारहमासी फसल हैं। अपने प्राकृतिक रूप में, ओट्स पशुओं को खिलाए जाते हैं, लेकिन जब उन्हें रोल किया, मसला, पीसा या स्टील से काटा जाता है, तो यह मनुष्यों द्वारा खाए जाने के योग्य बनता है। ओट्स को आमतौर पर पानी या दूध के साथ उबाला जाता है और इससे बनने वाली डिश को ओटमील के रूप में जाना जाता है। पूरी दुनिया में ओटमील में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे लोकप्रिय टॉपिंग फल और चीनी हैं। ओट्स को आम दलिया के अलावा अन्य रूपों में स्वादिष्ट बनाने की बढ़ती मांग के साथ, लोग इसे नए तरीकों से अपने आहार में शामिल करने लगे हैं। इसलिए ओट्स से बनी इडली, डोसा, उत्तपम, कुकीज़, केक, पाई और स्मूदी समय के साथ ज़्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं।
ओट्स मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट होते हैं। 100 ग्राम ओट्स से लगभग 389 कैलोरी एनर्जी मिलती है। ओट्स थायमिन, ज़िंक, मैग्नीशियम, आयरन, मैंगनीज, फॉस्फोरस और सेलेनियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। एक कटोरी ओटमील से शरीर की फाइबर, आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन ई और प्रोटीन की दैनिक आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा पूरा होता है। साबुत अनाज के एक बड़े स्रोत के रूप में, ओट्स में दिल को सुरक्षा देने वाला स्टार्च मौजूद होता है जिसे बीटा-ग्लूकैन कहा जाता है जो हाई कोलेस्ट्रॉल और खास तरह के कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायता करता है।
ओट्स में घुलनशील फाइबर और बीटा-ग्लूकैन होता है। वाइट ब्लड सैल्स (डब्ल्यूबीसी), हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के रक्षक, में बीटा-ग्लूकैन को एब्सोर्प करने के लिए खास रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं। बीटा-ग्लूकैन डब्ल्यूबीसी को स्टिमुलेट करता है और उन्हें इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है।
बीटा-ग्लूकैन शरीर को एंटीबायोटिक दवाओं के लिए ज़्यादा संवेदनशील भी बनाते हैं और घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं। बीटा-ग्लूकैन्स फंगस, बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाट्स से होने वाले कई तरह के इन्फेक्शन्स से लड़ने के लिए मैक्रोफेज, न्यूट्रोफिल और प्राकृतिक किलर सैल्स की गतिविधि को भी बढ़ाते हैं।
ओट्स में मौजूद ज़िंक और सेलेनियम भी इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
ओट्स श्वसन तंत्र के इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं और शोध में पाया गया है कि जो बच्चे पहले से ओट्स खाना शुरू करते हैं, वे बचपन के अस्थमा से सुरक्षित रहते हैं।
ओट्स बीटा-ग्लूकैन से भरपूर होते हैं, बीटा-ग्लूकैन एक शक्तिशाली घुलनशील फाइबर है जिसका नियमित रूप से सेवन करने पर ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो सकता है। ओट्स में ज़्यादा फाइबर होने के कारण यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर करते हैं और पोस्टप्रैंडियल ग्लूकोज़ लेवल को कम करते हैं। बीटा-ग्लूकैन फाइबर, खाना खाने के बाद ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर तेज़ी से बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं, और आंतों के स्वस्थ रहने के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं।
जिन लोगों का वज़न बढ़ा हुआ है या जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ है, जब उन्होंने ओट्स का सेवन किया तो उनके ब्लड शुगर लेवल में काफी कमी पाई गई।
ओट्स एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और इनमें बहुत फाइबर होता है। फ्री रेडिकल्स से लड़कर ये एंटीऑक्सिडेंट दिल के स्वास्थ्य क बेहतर बनाते हैं। ओट्स एक ब्लॉटिंग पेपर के रूप में कार्य करते हैं क्योंकि वे कोलेस्ट्रॉल को सोखते हैं और इसे कम करने में मदद करते हैं।
बीटा-ग्लूकैन जोकि ओट्स में मौजूद एक घुलनशील फाइबर है, आंत में डाइटरी कोलेस्ट्रॉल के एब्सोर्पशन को कम करके टोटल सीरम और एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। इससे कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ का जोखिम कम होता है।
ओट्स में मौजूद डाइटरी लिगनान्स भी दिल के रोगों से सुरक्षा करते हैं। ओट्स में मौजूद विटामिन ई भी दिल के विकारों से बचाता है।
ओट्स हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। वे घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं जो आंतों में खाने के बने रहने वाले समय को बढ़ाते हैं। जब यह फाइबर आंतों से होकर जाता है तो यह आँतों को साफ करता है। ओटमील फाइबर का एक अन्य लाभ यह है कि फाइबर से आँतों के नियंत्रण और कब्ज़ की रोकथाम में भी सकारात्मक योगदान मिलता है। यह मल के वज़न और पानी की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है।
इनमें अघुलनशील फाइबर भी भरपूर होते हैं जो मल को जमाने में मदद करते हैं, इसका वजन बढ़ाते हैं और इस तरह मल त्याग को नियंत्रित करते हैं और कब्ज़ से राहत दिलाते हैं।
ओट्स से कब्ज़ के इलाज के अलावा कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में भी मदद मिलती है।
ओट्स लिगनान्स से भरपूर होते हैं जो ओवरी, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर जैसे कैंसरों से संबंधित हार्मोनल गड़बड़ी से लड़ते हैं।
विटामिन सी और भरपूर मात्रा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के साथ मिलकर ये ओट्स, कैंसर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं।
ओटमील में एवेन्थ्रामाइड्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होते है, एवेन्थ्रामाइड्स ऐसे अनोखे कंपाउंड हैं जो सूजन से लड़ते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं पर कोई हानिकारक प्रभाव डाले बिना कैंसर कोशिकाओं के अनचाहे विकास को रोकते हैं।
खासतौर पर कोलन कैंसर के मामले में ओटमील असरदार साबित हुआ है। नीदरलैंड और अमेरिका में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि ज़्यादा फाइबर वाला आहार करने वाले लोगों में कोलन कैंसर का जोखिम कम होता है।
ओट्स के सेवन से हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) होने का खतरा कम हो जाता है। इस स्वास्थ्यदायक अनाज में मौजूद घुलनशील फाइबर धमनियों और नसों को साफ करने में मदद करता है और उन लोगों में शानदार लाभ दिखाता है जो पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं।
ओट्स को मुख्य आहार में शामिल करने से हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलती है।
ओट्स आराम देने वाला भोजन भी है। वे शरीर के स्ट्रेस हार्मोन की संख्या को घटाते हैं और सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाते हैं, सेरोटोनिन एक ऐसा हार्मोन है जो स्वस्थ होने और खुशी की भावना पैदा करता है।
ओट्स फाइबर से भरपूर होते हैं इसलिए ये बिना फाइबर वाले नाश्ते की तुलना में पेट को जल्दी भरते हैं। ये खून में ग्लूकोज़ के रिलीज़ को धीमा करते हैं और इससे लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास होता है और लगातार खाने की आदत छूट जाती है।
जो लोग नियमित रूप से ओट्स खाते हैं उनका वज़न स्थिर रहता है और मोटापे का खतरा कम होता है। ओट्स पेट की चर्बी से भी लड़ता है।
हालाँकि, फ्लेवर वाले प्री-पैकेज्ड ओट्स चीनी से भरे होते हैं और वज़न घटाने के प्लान में रुकावट बन सकते हैं, इसलिए उनके बजाय सादे ओट्स चुनें।
ओट्स ज़िंक से भरपूर होते हैं जो मुहाँसों से लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ओट्स त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त तेल को सोखने में मदद करते हैं और मुँहासों के इलाज का एक अहम हिस्सा हैं। चूंकि बीटा-ग्लूकैन त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद करते हैं, इसलिए वे सूखी और खुजली वाली त्वचा का इलाज करने में भी मदद करते हैं।
ओट्स एक शानदार एंटी-टैनिंग एजेंट के रूप में भी काम करता है और त्वचा की रंगत को हल्का करने में मदद करता है।
ओटमील बालों को भी कई फायदे पहुँचाता हैं। यह खुजली वाली खोपड़ी का इलाज करता है और अतिरिक्त तेल को सोख लेता है। ओट्स डैंड्रफ की समस्या का भी एक अच्छा समाधान है। डैंड्रफ के घरेलू इलाज के बारे में और पढ़ें।
जब झड़ते बालों वाले हिस्सों पर लगाया जाता है, तो ओट्स शानदार काम करते हैं क्योंकि वे बालों के रोम को मज़बूत करते हैं और बालों के नुकसान को रोकते हैं। ओट्स मास्क, खोपड़ी को मॉइस्चराइज़ करते हैं और इसे रेशमी और चमकदार बनाते हैं।
ओट्स सिलिकॉन से भरपूर होते हैं जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इसलिए, नियमित रूप से ओट्स खाने पर पोस्टमेनोपॉज़ल ऑस्टियोपोरोसिस वाली महिलाओं को काफी फायदा होता है।
ओट्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं और यह उन्हें एक बढ़िया नाश्ता भी बनाता है। ज़्यादा मात्रा में बी विटामिन्स का मौजूद होना भी एक अहम कारण है कि क्यों ओट्स शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं।
चूँकि फाइबर कंपोनेंट ज़्यादा होता है, इसलिए ओट्स आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं और आपको ऊर्जा कम होने की समस्या नहीं आती।
ओट्स खाने से मेलाटोनिन बनाने में मदद मिलती है, जो नींद के लिए जरूरी है।
वे सेरोटोनिन भी रिलीज़ करते हैं जो आपको आराम महसूस करने में मदद करता है और तनाव कम करता है। ओट्स में ट्रिप्टोफैन होता है, ट्रिप्टोफैन एक ऐसा एमिनो एसिड है जिसमें नींद लाने वाले गुण होते हैं।
Read in English: 12 Health Benefits Of Oatmeal!
ओट्स के अनगिनत फायदों का लाभ उठाने के लिए किसी भी अन्य प्रकार के नाश्ते के बजाय एक कटोरी ओट्स चुनें। ओटमील को मीठे या नमकीन के रूप में लें और अपनी टेस्ट बड्स को लुभाने के लिए अपनी पसंद की टॉपिंग मिलाएं।
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