"MedicalWebPage", "FAQPage"

Get more insightful and

helpful tips to

treat Diabetes for FREE

Want an ad free reading experience?

Download PharmEasy App

Banner Image

Register to Avail the Offer

Send OTP

By continuing, you agree with our Privacy Policy and Terms and Conditions

Success Banner Image

Comments

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Leave your comment here

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
Advertisement

अंजीर (Fig in Hindi): उपयोग, फायदे और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr Anuja Bodhare +2 more

परिचय: 

फाइकस केरिका एल. को हिंदी में ‘अंजीर’ और अंग्रेजी में ‘फिग’ कहा जाता है। इसका उत्पादन मिस्र, तुर्की, मोरक्को, स्पेन, इटली, ग्रीस, केलिफोर्निया, और ब्राज़ील जैसे देशों में होता है। यह गर्म, सूखे और हलके ठंड वाले जलवायु परिस्थितियों (क्लाइमेटिक कंडीशन) में उगता है। अंजीर का उपयोग पुरी दुनिया में सूखे और ताज़े दोनों ही रूप में किया जाता है।1–3 अंजीर का खाया जाने वाला भाग, इसका फल होता है,  एक पात्र जैसा, गूदेदार और खोखला होता है।2


अंजीर का पेड़ मूल रूप (नेटिव) से एशिया (दक्षिणपश्चिम भाग) का पौधा है और अब यह यूरोप और दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी फ़ैल गया है। भारत में पूजा में अंजीर का एक महत्वपूर्ण स्थान है। पुराने समय से ही अंजीर के पेड़ को खाने और दवाओं का एक समृद्ध स्त्रोत (रिच सोर्स) माना जाता है।3 

अंजीर का पौष्टिक मूल्य (न्यूट्रिशनल वैल्यू): 

संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (एग्रिकल्चरल डिपार्टमेंट) के अनुसार, सूखे अंजीर में हाई न्यूट्रिएंट वैल्यू पाया गया है क्योंकि इसमें दूसरे सूखे मेवों (ड्राई फ्रूट) की तुलना में, बहुत अधिक खनिज (मिनरल्स) और विटामिन्स होते हैं।3

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम 
कार्बोहाइड्रेट 73.50 % 
प्रोटीन4.67 % 
(वसा) फैट0.56 % 
डाइटरी फाइबर 3.68 % 
ऊर्जा 317.78 किलो कैलोरीl 

टेबल 1: सूखे अंजीर के फल के नमूने का पोषण संबंधी रूपरेखा।1 

खनिज (मिनरल्स) सांद्रता (कॉन्सेंट्रेशन) (ppm) 
स्ट्रोन्शियम (Sr) सैचुरेटेड (अधिकतम संभव मात्रा) 
कैल्शियम (Ca) 1545.46 
मैग्नीशियम (Mg) 679.04 
फॉस्फोरस (P) 365.75 
आयरन (Fe) 29.49 
कैडमियम (Cd) 0.0034 
कॉपर (Cu) 5.02 
मैंगनीज़ (Mn) 4.75 
आर्सेनिक (As) 1.669 
क्रोमियम (Cr) 1.47 
टाइटेनियम (Ti) 0.3727 
निकिल (Ni) 1.178 
टिन (Sn) 1.329 
ज़िंक (Zn) 9.87 
कोबाल्ट (Co) 0.032 
लेड (Pb) 0.680 
लिथियम (Li) 0.245 
मॉलिब्डेनम (Mo) 0.026 
थैलियम (Tl) 1.5686 
ऐंन्टिमनी (Sb) 0.298 
सेलेनियम (Se) 0.790 

टेबल 2: सूखे अंजीर के फल में में खनिज (मिनरल्स) की मात्रा।3

अंजीर के संभावित उपयोग:

यूनानी, सिद्धा, आयुर्वेदिक और ट्रेडिशनल चीनी दवाएँ बहुत से औषधीय गुणों (मेडिसिनल प्रॉपर्टीज) के लिए अंजीर का उपयोग करती हैं। यह यूनानी मेडिकैशन सिस्टम में एक मूत्रवर्धक (डाइयूरेटिक), कफ निस्सारक (एक्सपेक्टोरेंट) और माइल्ड लैक्सेटिव के रूप में उपयोग में लाया जाता है।3 भविष्य में अंजीर का उपयोग करके, इलाज करने के विधियों को विकसित करने के लिए, अंजीर की सबसे दिलचस्प बायोलॉजीकल गतिविधियों का अध्ययन किया जा सकता है।2

अंजीर के पौधे के कुछ हिस्सों जैसे बीज, फल, छाल (बार्क), पत्ते, अंकुर और लेटेक्स का बहुत से औषधीय अनुप्रयोगों  (मेडिसिनल ऐप्लिकैशन) के लिए उपयोग किया गया है। इसके थेराप्यूटिक फ़ायदों के कारण, अंजीर का पारंपरिक (ट्रेडिशनल) रूप से बहुत सी बीमारियों जैसे हृदय संबंधी परेशानियाँ (कार्डियोवस्कुलर डिसॉर्डर), कॉलिक, भूख न लगना, अपच और दस्त (डायरिया) (गेस्ट्रोइंटेस्टीनल डिसॉर्डर), खाँसी, गले में खराश, ब्रोन्कियल समस्याओं (रेस्पाइरेटरी डिसॉर्डर) के इलाज के लिए दवाओं के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके एंटी-इन्फ्लामैटरी और एंटीस्पास्मोडिक गुणों के कारण इसका उपयोग एक रेमिडी के रूप में भी किया जाता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अंजीर निम्नलिखित एक्टिविटीज को प्रदर्शित करता है:1

  • हाइपोलिपिडेमिक
  • हेपेटोप्रोटेक्टिव
  • एंटी डायबिटिक 
  • एंटी पायरेटिक 
  • एंटी स्पैज़मॉडिक
  • ऐंटिफंगल
  • एंटीबैक्टीरीयल
  • इम्यूनोमॉड्यूलेटरी1
उपयोग  पौधे के हिस्से 
कफ के इलाज मेंपत्तियाँ 
कॉलिक के इलाज मेंपत्ती, जड़ और फल
मेटाबॉलिक डिसॉर्डर के इलाज में फिग (अंजीर)
एंटीडायरियलफिग (अंजीर) का फल 
अपचपत्ती, जड़, और फल
ट्यूबरकुलोसिसपत्ती
रेस्पाइरेटरी कन्डिशनफिग (अंजीर) का फल
एक माइल्ड लैक्सेटिव, एक्सपेक्टोरेंट, और डाइयूरेटिकफिग (अंजीर) का फल
एंटी-इन्फ्लैमेटरी   फिग (अंजीर) का फल
ऐन्थेल्मिन्टिक (कृमिनाशक – आंतों के कीड़े मारने में) पत्ती
एंटीकैंसरफिग (अंजीर) का फल
न्यूट्रिशनल अनिमिया की रोकथाम मेंपत्ती
पाइल्सफिग (अंजीर) का फल
गाउट (गठिया)फिग (अंजीर) का फल
लैक्सेटिव फिग (अंजीर) का फल
एंटीऑक्सीडेन्टफिग (अंजीर) का फल
न्यूट्रिटिव डाइट फिग (अंजीर) का फल, पत्ती
विभिन्न प्रकार की दवाओं को तैयार करने मेंफिग (अंजीर) का फल
कार्डियोवस्कुलर कन्डिशन मेंफिग (अंजीर) का फल
एंटीप्लेटलेट और एंटी-इन्फ्लैमेटरीफिग (अंजीर) का फल
दाद (रिंगवर्म), ल्यूकोडर्मा और ऐंठन (स्पैज़्म)जड़ें, फिग (अंजीर) का फल

टेबल 3: अंजीर के पुराने (ट्रेडिशनल) और वर्तमान (करेंट) उपयोग2,3 

अंजीर के फायदे:

एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में अंजीर के लाभ

  • अंजीर में फेनोलिक यौगिक होते हैं जो हाइड्रोजन डोनेटर, रिड्यूसिंग एजेंट, सिंगलेट ऑक्सीजन क्वेंचर्स, फ्री रेडिकल स्कैवेंजर्स आदि के रूप में अपनी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि (एक्टिविटी) के कारण इंसानों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।2
  • कई अध्ययनों में कहा गया है कि अंजीर के विभिन्न घटक डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए), लिपिड और प्रोटीन को नुकसान से बचाने के लिए प्रतिक्रियाशील (रिएक्टिव) ऑक्सीजन प्रजातियों को साफ करते हैं।3

अंजीर के कैंसर-रोधी (एंटी-कैंसर) लाभ

  • अंजीर लेटेक्स से साइटोटॉक्सिक यौगिक एक्सट्रैक्ट किये गए हैं।
  • इन विट्रो स्टडीस में यह देखा गया की, इन यौगिकों ने कई कैंसर सेल (कोशिका) लाइनों के प्रसार को रोका है।2
  • इस प्रकार, अंजीर लेटेक्स को कैंसर सेल (कोशिकाओं) के उत्पादन (प्रोडक्शन) और विकास (डेवलपमेंट) का संभावित अवरोधक (पॉसीबल इन्हिबिटर) माना जाता है।3
  • पेट के कैंसर सेल लाइन के विकास पर अंजीर लेटेक्स के असर पर अध्ययन, इसके संभावित एंटीट्यूमर प्रभावों को दिखाता है।4 

हिपेटोप्रोटेक्टिव एजेंट के रूप में अंजीर के लाभ 

  • कई अध्ययन, अंजीर के एक्सट्रैक्ट की संभावित हिपेट्रोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी को दिखाते हैं।4
  • चूहों पर की गई रिसर्च में अंजीर की पत्तियों से पेट्रोलियम ईथर एक्सट्रैक्ट करने का अध्ययन किया गया।
  • हिपेटोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी के लिए चूहों पर एक अध्ययन में एक्सट्रैक्ट का ईवैल्यूऐशन किया गया था, और हिस्टोलॉजिकल, बायोकेमिकल और फंक्शनल बदलावों का महत्वपूर्ण रीवर्सल देखा गया था।
  • इसने एक्सट्रैक्ट की भावी हिपेटोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी का सुझाव दिया।2

एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में अंजीर के लाभ  

  • अंजीर के तने की छाल के एक्सट्रैक्ट में एंटीडायबिटिक प्रभाव (इफ़ेक्ट) देखा गया।
  • यह पाया गया कि इस एक्सट्रैक्ट ने ब्लड शुगर के लेवल को सामान्य कर दिया।4
  • डायबिटिक चूहों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि अंजीर की पत्ती के एक्सट्रैक्ट में हाइपोग्लाइसेमिक इफ़ेक्ट होता है।2
  • एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन से यह भी पता चला है कि खाने में अंजीर और इसकी पत्तियाँ हाइपरग्लाइसेमिया को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।3

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में अंजीर के लाभ

  • अंजीर की पत्तियों के एक्सट्रैक्ट पर किए गए अध्ययन से यह पता चलता है कि यह हिपेटिक ट्राइग्लिसराइड (TG) और लिवर से कोलेस्ट्रॉल (कुल कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड (TG) के स्राव (सिक्रीशन) को कम करने की क्षमता रखता है।4
  • जानवरों के मॉडल पर किए गए अध्ययनों के नतीजे यह बताते हैं कि अंजीर कोरोनरी हार्ट डिसीज की रिस्क को कम कर सकता है।5

एक एंटीबैक्टिरीअल और एंटिफंगल एजेंट के रूप में अंजीर के लाभ

  • एक अध्ययन से यह पता चलता है कि अंजीर के एक्सट्रैक्ट ओरल बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबैक्टिरीअल एक्टिविटी दिखाते हैं।
  • ओरल बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबायोटिक दवाओं के साथ कॉम्बिनेशन में अंजीर के एक्सट्रैक्ट के प्रभाव से यह पता चलता है कि अंजीर को एक नैचुरल एंटीबैक्टिरीअल एजेंट के रूप में उपयोग किया जा सकता है।2
  • अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अंजीर की पत्तियों के एक्सट्रैक्ट में बैक्टीरीसाइडल एक्टिविटी और मोडरेट एंटिफंगल एक्टिविटी देखने को मिलती है।3

इसकी एंटीपायरेटिक गतिविधि के कारण अंजीर के लाभ

शरीर के तापमान (टेम्परेचर) में कमी और तापमान में यीस्ट-इन्ड्यूस बढ़त को दिखाने के लिए अंजीर के एक्सट्रैक्ट का अध्ययन किया गया है। इस एक्सट्रैक्ट ने जेनेरिक एंटीपायरेटिक दवाओं की तुलना में अपना अच्छा प्रभाव दिखाया।2

ट्यूबरकुलोसिस की स्थिति में अंजीर के लाभ 

  • एक अध्ययन में, अंजीर की पत्तियों के एक्सट्रैक्ट को माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (ट्यूबरकुलोसिस पैदा करने वाले बैक्टीरिया) के खिलाफ असरदार पाया गया।
  • अंजीर की इस क्षमता के कारण, इसे परंपरागत रूप (ट्रैडीशनली) से मलेशिया में ट्यूबरकुलोसिस के नियंत्रण  के लिए उपयोग किया जाता है।2

एक एंटीस्पास्मोडिक और एंटीप्लेटलेट एजेंट के रूप में अंजीर 

  • कई एक्सपेरिमेंट में अंजीर के एक्सट्रैक्ट के एंटीस्पास्मोडिक इफ़ेक्ट को देखा गया है। इसके परिणाम (रिजल्ट) पके सूखे फल में स्पास्मोलिटिक एक्टिविटी होने की संभावना को भी दिखाते हैं।4
  • ह्यूमन प्लेटलेट्स के एक एक्स-विवो मॉडल का उपयोग करके इस एक्सट्रैक्ट की जांच की गई, और एंटीस्पास्मोडिक और एंटीप्लेटलेट इफ़ेक्ट देखे गए हैं।2

अंजीर का इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव

इसके इम्यूनोमॉड्यूलेटरी इफ़ेक्ट के ईवैल्यूऐशन और इसके अध्ययन ने यह साबित कर दिया कि अंजीर के एक्सट्रैक्ट ने एंटीबॉडी रीस्पॉन्स में बहुत बढ़िया सुधार किया है।4

Read in English: Cinnamon – Uses, Side Effects & Precautions

अंजीर मुख्य रूप से सूखा हुआ ही बेचा जाता है ताकि सभी मौसमों में इसका उपयोग किया जा सके। अंजीर का जूस, पत्तियों के काढ़ें, चाय और मिठाई के रूप में भी सेवन किया जाता है। 1,6

प्रकार संबंधित (अबाउट)
ताज़ा– ताजा अंजीर अपने आप में एक लो कैलोरी, हाई फाइबर स्नैक होता है।- इसे डेसर्ट या सलाद में भी शामिल किया जा सकता है। – ताज़े फिग या अंजीर का इस्तेमाल स्वादिष्ट घर के बने जैम और जूस बनाने के लिए किया जा सकता है। 
सूखा हुआ– सूखे अंजीर में कैलोरी के साथ-साथ शुगर की मात्रा भी ज्यादा होती है। – इसे ऐसे ही खाया जा सकता है या आइसक्रीम जैसी ठंडी डिज़र्ट में शामिल किया जा सकता है। – ताजा अंजीर की तुलना में कब्ज के नियंत्रण के लिए सुखा अंजीर बेहतर होता है।
पत्तियाँ– ये खाने योग्य होती हैं और इन्हें कई तरह से खाया जा सकता है।- हेल्थी फिलिंग के लिए रैप (WRAP) के रूप में भी इनका उपयोग किया जा सकता है। 
चाय– स्वादिष्ट, नटी फ्लेवर के लिए अंजीर की पत्तियों को गर्म पानी में भी भिगोया जा सकता है।

अंजीर के नुकसान

अंजीर के साइड इफ़ेक्ट इस प्रकार हैं:

  • एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन से पता चलता है कि अंजीर की पत्ती के एक्सट्रैक्ट का उपयोग, जब हाई डोज में किया जाता है, तो यह लीवर को डैमेज कर सकता है।3
  • कुछ अन्य अध्ययनों में भी यह दिखाया गया है कि अगर अंजीर की पत्तियों का रेगुलर डोज से ज्यादा मात्रा में उपयोग किया जाता है तो इसकी पत्तियाँ मॉडरेट टॉक्सीसिटी प्रदर्शित करती हैं।6 

Read in English: Aryogyavardhini Vati – Uses, Benefits, Side Effects & More

अंजीर के सेवन के साथ बरती जाने वाली सावधानियाँ 

अंजीर का सेवन करते हुए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • अंजीर के पत्तों (जब ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाता है) की संभावित टॉक्सीसिटी के कारण, यह सलाह दी जाती है कि आपको इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और इसकी सुरक्षित मात्रा के बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।6
  • अंजीर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। हालाँकि, जिन लोगों को डायबिटीज होता है, जब वे अंजीर को कहते हैं, तो उन्हें रोजाना अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करना चाहिए।4.3

Read in English: Rosemary – Uses, Benefits, Side Effects & Precautions

दूसरे दवाओं के साथ परस्पर क्रिया (इंटरैक्शन)

अंजीर में फेनोलिक यौगिक (कंपाउंड) होते हैं, जिनमें थक्का-रोधी (एंटी-कॉग्यूलेन्ट) एक्टिविटी होती है। जो मरीज खून को पतला करने वाली (ब्लड थिनर) दवा लेते हैं, उन्हें अंजीर को रोजाना खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लेनी चाहिए।7

अंजीर खाने से ब्लड शुगर कम हो सकता है। इसलिए, अंजीर खाने वालों को अपना ब्लड शुगर हमेशा चेक करते रहना चाहिए। इसके साथ ही, डायबिटीज़ के मरीज को अपनी दवा की खुराक (डोज़) बदलने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह कर लेनी चाहिए।4.3

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1) क्या हम अंजीर का उपयोग मुहाँसे (एक्ने) ठीक करने के लिए कर सकते हैं?

हाँ, एक अध्ययन के अनुसार, अंजीर में एंटी-एक्ने एक्टिविटी देखने को मिलती है। ऐसा देखा गया है कि इसके फल और पत्तियों के एक्सट्रैक्ट में एंटी-एक्ने एक्टिविटी देखा गया है, जो लगभग जेनेरिक दवाओं के जैसे ही काम करती है।3

2) क्या स्पर्म (शुक्राणु) पैरामीटर्स पर अंजीर का कोई प्रभाव पड़ता है?

हाँ, एक अध्ययन में यह पाया गया है कि इसके पत्तियों के एक्सट्रैक्ट स्पर्म पैरामीटर्स को प्रभावित (इन्फ्लुएंस) करते हैं और स्पर्म की संख्या को बढ़ाते हैं। कुछ अध्ययनों में, अंजीर एक्सट्रैक्ट से होने वाले कामोत्तेजक (एफ्रोडिसीक) एक्टिविटी के बारे में भी पता चला है, लेकिन इसके परिणाम अंजीर के खुराक (डोज़) पर निर्भर पाया गया है।4

3) क्या अंजीर कब्ज़ के नियंत्रण में फायदेमंद है?

हाँ, अंजीर को हल्के लैक्सेटिव (मुलायम करने वाली दवा) के रूप में उपयोग किया जा सकता है। ख़ासकर, अंजीर के फल को इसके लैक्सेटिव गुणों के कारण, कब्ज़ के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।1,3

4) क्या अंजीर भूलने की बीमारी (अल्ज़ाइमर) में मदद करता है?

हाँ, अंजीर की पत्तियों में एंटीकोलीनेस्टरेस और एंटी-एचएसवी-1 (HSV-1) (हर्पीस सिंपलेक्स वायरस टाइप 1) एक्टिविटी होती हैं; कुछ रिपोर्ट से यह पता चलता है कि अल्जाइमर की समस्या के बढ़ने का मुख्य कारण कोलेलिनेस्टरेज़ और HSV-1 का इन्फेक्शन है। इसलिए, बहुत सारी रिसर्च करने के बाद, अंजीर को अल्जाइमर डिसीज के संभावित उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।6

5) क्या अंजीर किडनी के लिए फायदेमंद है?

हाँ, कुछ अध्ययनों के अनुसार, अंजीर का एक्सट्रैक्ट यूरिया, सीरम क्रिएटिनिन और ब्लड यूरिया नाइट्रोजन लेवल को कम करने में असरदार है, जो अंजीर के नेफ्रोप्रोटेक्टिव इफेक्ट को दिखाता है।3

6) क्या अंजीर का उपयोग ब्लीडिंग से संबंधित डिसॉर्डर को रोकने के लिए एक प्रभावी रेमिडी के रूप में किया जा सकता है?

हाँ, अंजीर में मौजूद पॉलीफेनोल्स में औषधीय रूप से ऐक्टिव भाग होते हैं जो एंटीकोगुलेंट के रूप में कार्य करते हैं। ये भाग ब्लीडिंग डिसॉर्डर को रोकने में सहायक हो सकते हैं।7

7) क्या अंजीर ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) से लड़ने में मदद कर सकता है? 

नहीं, ऐसा कोई एविडेन्स या अध्ययन में नहीं बताया गया है कि अंजीर में एंटी-एचआईवी (Anti-HIV) गुण होते हैं।

8) क्या अंजीर आपको अच्छी नींद लेने में मदद करता हैं?

हाँ, अंजीर या फिग शरीर में मेलटोनिन के स्त्रावण को बढ़ावा देता है, जो स्लीप साइकिल को रेग्यूलैट करने के लिए जिम्मेदार होता है और अनिद्रा (इन्सोम्नीया) को मैनेज करने में मदद करता है। यह आपके ब्रेन में सेरोटोनिन के लेवल को भी बढ़ाता है, स्ट्रेस और चिंता को कम करता है और नींद की क्वालिटी को सुधारता है।

9) क्या अंजीर बालों के लिए अच्छा होता है?

अंजीर में मैग्नीशियम, विटामिन सी और विटामिन ई जैसे हेयर-फ्रेंडली पोषक तत्व होते हैं जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। ये पोषक तत्व बालों की ग्रोथ में तेजी लाने के लिए स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित करते हैं। आप अपने बालों के लिए अंजीर पाउडर या तेल का उपयोग कर सकते हैं।

10) महिलाओं के लिए अंजीर क्यों जरूरी है?

इसका कारण यह है कि महिलाओं को एनीमिया ज्यादा होता हैं, वे ज्यादा एनिमिक होती हैं, इसलिए उन्हें अंजीर का सेवन करना चाहिए जो आयरन का एक अच्छा स्रोत होता है। अंजीर के नियमित सेवन से ब्लड में हीमोग्लोबिन के लेवल में बढ़त होती है। गर्भवती महिलाओं को भी अंजीर खाना चाहिए क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है, यह भ्रूण के विकास के लिए फायदेमंद होता है और माँ की हड्डियों को मजबूत करता है। यह मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों से भी छुटकारा दिला सकता है लेकिन आपको इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए इसके बारे में हमेशा पहले डॉक्टर से बात करें।

Read in English: Ajwain – Uses, Benefits, Side Effects & Precautions

Disclaimer: 

The information included at this site is for educational purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional. Because of unique individual needs, the reader should consult their physician to determine the appropriateness of the information for the reader’s situation

References:

  1. Neha Soni, Sanchi Mehta, Gouri Satpathy, Rajinder K Gupta. Estimation of nutritional, phytochemical, antioxidant and antibacterial activity of dried fig (Ficus carica). Journal of Pharmacognosy and Phytochemistry. [Internet]. Available from: https://www.phytojournal.com/vol3Issue2/Issue_jul_2014/3-3-1.1.pdf .
  2. Shukranul Mawa,1Khairana Husain ,1and Ibrahim Jantan1. Ficus carica L. (Moraceae): Phytochemistry, Traditional Uses and Biological Activities. Hindawi. [Internet]. September 16, 2013. Available from: https://www.hindawi.com/journals/ecam/2013/974256/ .
  3. Salma, Salma (Department of Moalajat, SUMER) ; Shamsi, Yasmeen (Department of Moalajat, SUMER) ; Ansari, Saba (Department of Moalajat, SUMER) ; Nikhat, Sadia (Dept. Of Ilaj bit Tadbeer, SUMER). FICUS CARICA L.: A PANACEA OF NUTRITIONAL AND MEDICINAL BENEFITS. Koreascience. [Internet]. February 28, 2020. Available from: https://koreascience.kr/article/JAKO202014264110083.page .
  4. ARSHAD H RAHMANI*1, YOUSEF H ALDEBASI2. FICUS CARICA AND ITS CONSTITUENTS ROLE IN MANAGEMENT OF DISEASES. Asian Journal of Pharmaceutical and clinical research. [Internet]. April 14, 2017. Available from: https://www.researchgate.net/profile/Arshad-Rahmani/publication/318024762_Ficus_carica_and_its_constituents_role_in_management_of_diseases/links/5a467823458515f6b0558c7d/Ficus-carica-and-its-constituents-role-in-management-of-diseases.pdf .
  5. AlamgeerDepartment of Pharmacology, Faculty of Pharmacy, University of Sargodha, Sargodha, Pakistan; Correspondence alam_yuchi@yahoo.com alamgeer@uos.edu.pk ,Shifa Iman,Hira Asif &Muhammad Saleem. Evaluation of antihypertensive potential of Ficus carica fruit. Taylore & Francis Online. [Internet]. February 10, 2017. Available from: https://www.tandfonline.com/doi/full/10.1080/13880209.2017.1278611 .
  6. Zhongyuan Li a, Ying Yang a, Miaomiao Liu a, Chenghua Zhang a, Junjing Shao a, Xuewen Hou a, Jingzhen Tian a b, Qinghua Cui a b. A comprehensive review on phytochemistry, bioactivities, toxicity studies, and clinical studies on Ficus carica Linn. leaves. Science Direct. [Internet]. May 1, 2021. Available from: https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0753332221001785 .
  7. Hakima H. BELATTAR et al. PHYTOCHEMICAL COMPOSITION AND BIOLOGICAL CHARACTERIZATION OF FIG LEAVES AND FRUITS. RHAZES – Green And Applied Chemistry. [Internet]. January 1, 2021. Available from: https://revues.imist.ma/index.php/RHAZES/article/view/25071 .

Read in English: Shatavari: Uses, Benefits & Side Effects

You may also like

Comments

Leave your comment...