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दालचीनी (Cinnamon in Hindi): उपयोग, न्यूट्रिशनल वैल्यू, सावधानियाँ एवं अन्य जानकारी!

By Dr. Nikita Toshi +2 more

परिचय

दालचीनी या सिनेमोमम ज़ेलेनिकम को हिंदी में ‘दालचीनी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक छोटे पेड़ की सूखी छाल होती है, जो मुख्य रूप से दक्षिणी/पश्चिमी भारत में उगती है। इसकी पत्तियों को हिंदी में आमतौर पर ‘तेजपत्र’ कहा जाता है। सदियों से, यह भारत में उपयोग किए जाने वाले ‘गरम मसाला’ के रूप में उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण मसालों में से एक रहा है। यह बाज़ार में मुड़ी हुई और सूखी लकड़ी के रूप में मिलती है।1

Cinnamon sticks and powder

आयुर्वेद में दालचीनी को ‘त्वक’ के रूप में बताया गया है। दालचीनी का स्वाद तीखा और मीठा होता है, और इसकी तासीर गर्म होती है। यह एडिमा, फ्लू, बदहज़मी, खांसी आदि जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज में फ़ायदेमंद माना जाता है, और इस प्रकार,  ‘कफवात’ वाले लोगों को इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।1

दालचीनी का पोषण मूल्य:

दालचीनी में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:

  • सिनेमैल्डिहाइड, दालचीनी में उपलब्ध बायोएक्टिव तत्व है।2
  • दालचीनी में विभिन्न स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इनमें विटामिन ए और सी, ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं।2

दालचीनी के गुण:

प्राचीन काल से ही दालचीनी का उपयोग हर्बल औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इन विट्रो प्रयोगों और पशु परीक्षणों से पता चलता है कि दालचीनी में निम्नलिखित फ़ायदेमंद गुण हो सकते हैं:

  • इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हो सकते हैं
  • यह एंटीऑक्सीडेंट गुण दिखा सकता है
  • इसमें एंटीट्यूमर गुण हो सकते हैं
  • यह एंटी-माइक्रोबियल गुण दिखा सकता है
  • इसका इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पड़ सकता है
  • यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकता है।

दालचीनी के संभावित उपयोग:

 मुंह की सफाई में दालचीनी के संभावित उपयोग:

शोधों में दालचीनी को मुंह को साफ बनाए रखने में प्रभावी पाया गया है। यह आमतौर पर दांतों के दर्द और दंत की अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए टूथ पाउडर के रूप में उपयोग किया जा सकता है। दालचीनी का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जा सकता है और इससे सांसों में बदबू नहीं आती है। इस प्रकार, इसे च्युइंग गम में एक घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। हालाँकि, मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए यह किस हद तक फ़ायदेमंद होगी, इसका अनुमान लगाने के लिए मानव शरीर में और अधिक शोध करने की ज़रूरत है।

रक्त परिसंचरण और स्कंदन में दालचीनी के संभावित उपयोग:

दालचीनी चोटों और घावों से बह रहे खून को जमाने में मदद कर सकती है। दालचीनी गर्भाशय में रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद कर सकती है, और यह टिशू री-जनरेशन में भी मदद कर सकती है। हालाँकि मानव स्वास्थ्य के लिए यह किस हद तक फ़ायदेमंद होगी, इसका अनुमान लगाने के लिए और अधिक शोध करन की ज़रूरत है।

एंटीऑक्सिडेंट के रूप में दालचीनी के संभावित उपयोग:

शोध में, ईथर, मेथनॉलिक और एक्वीअस एक्स्ट्रैक्ट्स जैसे दालचीनी के एक्स्ट्रैक्ट्स के महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि गुण दिखाई देते हैं। एंटीऑक्सिडेंट मानव स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं क्योंकि वे मुक्त कणों पर प्रतिक्रिया करते हैं और उम्र से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद करती हैं और मेटाबोलिज़्म संबंधी बीमारियों के कारण होने वाले नुकसान को कम करते हैं। हालाँकि, दालचीनी के इन गुणों को अभी तक मनुष्यों में परीक्षण नहीं किया गया है।

दालचीनी की जीवाणुरोधी गतिविधि के संभावित उपयोग:

दालचीनी में आवश्यक तेल होते हैं। जब दालचीनी और लौंग के तेल को मिलाया जाता है, तो वे विभिन्न बैक्टीरिया और खमीर के खिलाफ एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि दिखा सकते हैं।4 इसके एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव के कारण, अगर शहद के साथ दालचीनी पाउडर का पेस्ट शरीर के घावों और चोटों में लगाया जाए तो यह उन्हें भरने में मदद कर सकता है। इसके बेहतर इस्तेमाल की विधि के लिए आपको किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

दालचीनी की एंटीडायबिटिक गतिविधि के संभावित उपयोग

दालचीनी के एक्वीअस एक्स्ट्रैक्ट्स से इंसुलिन-पोटेंशिएटिंग कारक को अलग किया गया है, और इसके शोधों में इंसुलिन जैसी गतिविधि देखी गई है।4 दालचीनी पाउडर का उपयोग ब्लड शुगर को कम करने के लिए किया जाता है (डायबिटीज़ के मरीज़ों को इसका उपयोग सावधानी के साथ करना चाहिए)। हालाँकि, डायबिटीज़ जैसी गंभीर समस्याओं का निदान और इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। इसलिए, कृपया डॉक्टर से परामर्श लें और बिना सलाह के कुछ मत करें।

पाचन समस्या के लिए दालचीनी के संभावित उपयोग

भोजन में पिसी हुई दालचीनी का उपयोग मामूली पाचन समस्या, पेट दर्द और आंतों की ऐंठन को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। हालाँकि मानव स्वास्थ्य के लिए यह किस हद तक फ़ायदेमंद होगी, इसका अनुमान लगाने के लिए मनुष्यों पर और अधिक शोध करने की ज़रूरत है।

दालचीनी की सूजन-रोधी गतिविधि के संभावित उपयोग

दालचीनी पर किए गए कई शोधों से इसकी छाल और आवश्यक तेलों के सूजन-रोधी गुणों का पता चला है।4

हालाँकि विभिन्न शोधों में दालचीनी के संभावित उपयोग जो दिखाई पड़ते हैं, ये पर्याप्त नहीं हैं और मानव स्वास्थ्य पर दालचीनी के लाभों के सही प्रभावों की पहचान करने के लिए और अधिक शोध करने की ज़रूरत है।

Read more in English:  Tejpatta – Uses, Benefits, Side Effects & Precautions

दालचीनी का उपयोग कैसे करें?

आवश्यक तेल लगाकर:

हम प्रभावित दांतों पर दालचीनी से प्राप्त आवश्यक तेलों में डूबा हुआ स्वाब का उपयोग करके डेंटल केरीज़ को नियंत्रित कर सकते हैं। पुराने परीक्षणों से पता चला कि दालचीनी का तेल प्रभावी रूप से सांसों की दुर्गंध को दूर करता है और दांतों को मज़बूत बनाता है।1

दालचीनी का पेस्ट लगाकर:

  • दालचीनी का पेस्ट जब माथे पर लगाया जाता है, तो इससे सिरदर्द कम हो सकता है।1
  • सूजन और दर्द को दूर करने के लिए आप उस भाग (अंग) पर दालचीनी पाउडर का पेस्ट लगा सकते हैं।1

दालचीनी की लकड़ी का उपयोग करके:

दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा चबाने से मतली और उल्टी से राहत मिलेगी।1

दालचीनी की चाय:

आयुष मंत्रालय के अनुसार, इसका उपयोग COVID-19 संक्रमण के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में किया जा सकता है, हम दिन में एक या दो बार ‘काढ़ा’ या हर्बल चाय पी सकते हैं। यह चाय मिश्रित जड़ी-बूटियों (तुलसी, सोंठ पाउडर, मुनक्का-किशमिश, काली मिर्च और दालचीनी) से बनाई जाती है।5

दालचीनी पाउडर:

अगर यह दिन में एक-आधा बार शहद के साथ ली जाए तो दालचीनी पाउडर विभिन्न स्थितियों जैसे सामान्य सर्दी और आंतों की ऐंठन से राहत देता है।1

दालचीनी के साइड इफ़ेक्ट

दालचीनी के सेवन से होने वाले कुछ साइड इफ़ेक्ट नीचे दिए गए हैं:

लो ब्लड शुगर का स्तर

दालचीनी सेलुलर ग्लूकोज़ मेटाबोलिज़्म को उत्तेजित करती है और इंसुलिन का पालन करती है। इस प्रकार, डॉक्टर की सलाह लिए बिना दालचीनी का सेवन करने का सबसे प्रमुख साइड इफ़ेक्ट यह है ब्लड शुगर का स्तर गिर जाता है। लो ब्लड शुगर होने के कारण थकान और चक्कर आने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं।4

हेपेटोटोक्सिसिटी – लीवर पर प्रभाव

शोधों से पता चलता है कि दालचीनी में कूमेरिन होता है, जो लीवर के लिए ज़हरीला माना जाता है। इसलिए, दालचीनी युक्त उत्पादों का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।6

एलर्जी

दालचीनी में मौजूद बेंज़ोएट्स जैसे यौगिक खाद्य एलर्जी से जुड़े हुए हैं। क्लिनिकल डॉक्टर अक्सर एलर्जी वाले लोगों के आहार में दालचीनी और संबंधित खाद्य उत्पादों का सेवन न करने की सलाह देते हैं।7

दालचीनी के उपयोग की सावधानियाँ

लोगों को यह सुझाव दिया जाता है कि, दालचीनी का उपयोग मसाले या फ़्लेवरिंग एजेंट के रूप में करने से इसके कोई बड़े साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं। जब हम इसका उपयोग अधिक खुराक में या लंबी अवधि तक करते हैं तो औषधीय उत्पादों के रूप में उपयोग की गई दालचीनी के अवांछनीय साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं। दालचीनी की अधिक मात्रा केवल डॉक्टर की देखरेख में ही ली जानी चाहिए।4,8

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अन्य दवाओं के साथ पारस्परिक क्रिया

अगर दालचीनी का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है, तो दवा के रूप में उपयुक्त दालचीनी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य की स्थिति (जैसे डायबिटीज़ और लीवर की बीमारी) वाले लोगों द्वारा बिना जांच और निगरानी के दालचीनी का सेवन कुछ स्थितियों को हानिकारक या ख़तरनाक हो सकता है।

  • दालचीनी का उपयोग ब्लड शुगर को कम करने के लिए डायबिटीज़ की दवाओं में किया जा सकता है, लेकिन अगर बहुत अधिक मात्रा में ली जाती है, तो ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो सकता है। अगर लोग दालचीनी की खुराक लेने में दिलचस्पी रखते हैं तो उन्हें उचित डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।4
  • दालचीनी में मौजूद कूमेरिन उन दवाओं के साथ प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है जो लीवर को प्रभावित करती हैं, जिससे लीवर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।6

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1) दालचीनी कैसे प्राप्त की जाती है?

दालचीनी को दालचीनी के पेड़ की सूखी छाल से प्राप्त किया जाता है।1

2) क्या हम दालचीनी के पौधे के अन्य भागों से आवश्यक तेल प्राप्त कर सकते हैं?

हाँ, हम दालचीनी के पौधे के विभिन्न भागों (छाल, पत्ती और जड़ की छाल) से आवश्यक तेल प्राप्त कर सकते हैं। इन तेलों में विभिन्न तत्व होते हैं। छाल के तेल में सिनेमैल्डिहाइड होता है, पत्ती के तेल में यूजिनॉल होता है, और जड़ की छाल के तेल में कपूर मिलता है।9

3) दालचीनी के कॉस्मेटिक उपयोग क्या हैं?

दालचीनी के जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों और एंटी-टायरोसिनेज़ एजेंटों की उपस्थिति के कारण, इसका उपयोग कॉस्मेटिक उत्पादों में भी किया जा सकता है (टायरोसिनेज़ को मेलेनिन और एज स्पॉट्स बढ़ाने के लिए जाना जाता है)।4,10

4) दालचीनी में एक अनोखी सुगंध कैसे आती है?

दालचीनी में मौजूद तेलों के कारण इसमें एक ख़ास स्वाद और सुगंध होती है। दालचीनी से निकाले गए आवश्यक तेलों में सिनेमैल्डिहाइड और ट्रांस-सिनेमैल्डिहाइड (सिन) होते हैं, जो दालचीनी को सुगंध देते हैं।4

5) लीवर के लिए कितनी दालचीनी बेहतर होती है?

कूमेरिन की अधिक खुराक से बचने के लिए, वयस्कों को प्रति दिन 0.1 मिलीग्राम / किग्रा से अधिक दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लीवर की समस्या हो सकती है या पहले से मौजूद लीवर की स्थिति बिगड़ सकती है। लीवर पर दालचीनी के प्रभावों को ठीक समझने के लिए और अधिक शोध की ज़रूरत है, इसलिए कृपया बिना सलाह के कुछ मत करें।

6) क्या दालचीनी का मुंहासों पर कोई प्रभाव पड़ता है?

शोधों से पता चलता है कि दालचीनी के इक्स्ट्रैक्ट्स मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी होते हैं, और इसलिए, इनका उपयोग मुँहासे-रोधी उत्पादों में किया जा सकता है।11 बेहतर सलाह के लिए अपने त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें।

7) क्या दालचीनी के सेवन से वज़न घटाने में मदद मिलती है?

दालचीनी शरीर के वज़न को कम करने और सीरम एंटीऑक्सीडेंट बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह मेटाबोलिज़्म में सुधार और हमारे शरीर में मुक्त कणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। इस प्रकार, दालचीनी को एक आयुर्वेदिक पूरक माना जा सकता है जो वज़न घटाने में मदद करता है, हालाँकि हमें इसे तैयार करने के लिए अधिक अच्छी तरह से डिजाइन और बेहतर शोध की ज़रूरत है।4,1

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 References: 

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  2. Goel B, Mishra S. Medicinal and Nutritional Perspective of Cinnamon: A Mini review. European Journal of Medicinal Plants. 2020 Feb 27:10-6. 10.9734/ejmp/2020/v31i330218  
  3. Gruenwald J, Freder J, Armbruester N. Cinnamon and health. Critical reviews in food science and nutrition. 2010 Sep 30;50(9):822-34. DOI: 10.1080/10408390902773052 
  4. Rao PV, Gan SH. Cinnamon: a multifaceted medicinal plant. Evidence-Based Complementary and Alternative Medicine. 2014 Oct;2014. 
  5. Ministry of AYUSH, Ayurveda’s immunity-boosting measures for self-care during COVID 19 crisis. https://www.mohfw.gov.in/pdf/ImmunityBoostingAYUSHAdvisory.pdf 
  6. Iwata N, Kainuma M, Kobayashi D, Kubota T, Sugawara N, Uchida A, Ozono S, Yamamuro Y, Furusyo N, Ueda K, Tahara E. The relation between hepatotoxicity and the total coumarin intake from traditional Japanese medicines containing cinnamon bark. Frontiers in pharmacology. 2016 Jun 20; 7:174. 
  7. Fitzpatrick L, Healy CM, McCartan BE, Flint SR, McCreary CE, Rogers S. Patch testing for food”associated allergies in orofacial granulomatosis. Journal of oral pathology & medicine. 2011 Jan;40(1):10-3. 
  8. Hajimonfarednejad M, Ostovar M, Raee MJ, Hashempur MH, Mayer JG, Heydari M. Cinnamon: A systematic review of adverse events. Clinical Nutrition. 2019 Apr 1;38(2):594-602. 
  9. Wijesekera RO, Chichester CO. The chemistry and technology of cinnamon. Critical Reviews in Food Science & Nutrition. 1978 Sep 1;10(1):1-30.  
  1. Mukherjee PK, Biswas R, Sharma A, Banerjee S, Biswas S, Katiyar CK. Validation of medicinal herbs for anti-tyrosinase potential. Journal of herbal medicine. 2018 Dec 1;14:1-6. https://doi.org/10.1016/j.hermed.2018.09.002  
  2. Chaudhary SS, Tariq M, Zaman R, Imtiyaz S. The In vitro anti-acne activity of two unani drugs. Anc Sci Life. 2013 Jul;33(1):35-8. doi: 10.4103/0257-7941.134594. PMID: 25161328; PMCID: PMC4140019.  

Santos HO, da Silva GA. To what extent does cinnamon administration improve the glycemic and lipid profiles?. Clinical nutrition ESPEN. 2018 Oct 1;27:1-9. DOI: 10.1016/j.clnesp.2018.07.011

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