मेट एक्सएल 25 टैबलेट का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और हार्ट से संबंधित अन्य स्थितियों जैसे एनजाइना (सीने में दर्द) और हार्ट फेलियर का इलाज करने के लिए किया जाता है, ताकि आगे हो सकने वाली जटिलताओं (कॉम्पलिकेशन) से बचा जा सके। इस दवा में सक्रिय घटक (एक्टिव कंपोनेंट) के रूप में मेटाप्रोलोल होता है, जो ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिकाओं) को फैलाता है, इससे हृदय पर पड़ने वाला बोझ कम हो जाता है और ब्लड प्रेशर में कमी आ जाती है। मेट एक्सएल 25 टैबलेट को डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ (खुराक) में बताई गई अवधि तक ही लेना चाहिए। दवा को अचानक लेना बंद न करें। 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जानी चाहिए। इस दवा के कारण आपको जी-मिचलाने, थकान, चक्कर आने और सिरदर्द जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है। हालांकि, अगर ये लक्षण बने रहते हैं या ठीक नहीं होते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आप गर्भवती (प्रेग्नेंट) हैं, गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) प्लान कर रही हैं या आप स्तनपान करवा रही हैं, तो आपको मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेना शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को अपनी सभी बीमारियों, मेडिकल स्थितियों, दवाओं और सप्लीमेंट के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
मेट एक्सएल 25 टैबलेट का उपयोग मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के साथ-साथ कुछ हार्ट से जुड़ी कुछ अन्य स्थितियों जैसे एनजाइना (सीने में दर्द) और हार्ट फेलियर के इलाज के लिए किया जाता है। ब्लड प्रेशर कम रखकर स्ट्रोक, हार्ट अटैक और माइग्रेन सहित ऐसी ही बहुत सी स्थितियों से बचा जा सकता है।
उत्तर: गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के दौरान मेट एक्सएल 25 टैबलेट को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लिया जाना चाहिए। अगर आप प्रेग्नेंट हैं, या फिर आपको लग रहा है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं, तो आपको इस बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए।
उत्तर: मेटाप्रोलोल थोड़ी बहुत मात्रा में मां के दूध में आ जाता है, इसलिए अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं तो मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए।
उत्तर: मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेने के बाद आपको चक्कर आने या नींद आने की समस्या हो सकती है। इसलिए अगर आपने यह दवा ली है, तो ड्राइविंग करने में सावधानी बरतें।
उत्तर: मेट एक्सएल 25 टैबलेट के साथ शराब न पीएं, क्योंकि इससे साइड इफेक्ट और ज्यादा बिगड़ सक
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अपने डॉक्टर से बात करें, अगर
मेट एक्सएल 25 टैबलेट को अपने डॉक्टर के बताए तरीके से ही लें। इसे एक गिलास पानी के साथ पूरा निगल लें। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए इसे रोजाना एक निश्चित समय पर ही लें। आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा से अधिक मात्रा में दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
मेट एक्सएल 25 टैबलेट को अधिक मात्रा में ले लेने पर हार्ट रेट कम होने, ब्लड प्रेशर कम होने, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं आ सकती हैं, यहां तक कि मरीज कोमा में भी जा सकता है। अगर आपने यह दवा बहुत अधिक मात्रा में ले ली है, तो अपने डॉक्टर से बात करें या तुरंत अपने नजदीकी हॉस्पिटल में जाएं।
जैसे ही आपको याद आए कि आप डोज़ लेना भूल गए हैं, तो तुरंत डोज़ लें। अगर आपकी अगली डोज़ का समय हो गया है, तो छूटी हुई डोज़ को छोड़ दें। मेट एक्सएल 25 टैबलेट की डोज़ के शिड्यूल का नियमित तरीके से पालन करें। छूटी हुई डोज़ की भरपाई के लिए दवा की एक्स्ट्रा डोज़ न लें।
यह कैसे काम करती है?
मेट एक्सएल 25 टैबलेट रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को फैला देती है, जिससे हार्ट रेट कम हो जाती है। ऐसा करके यह हार्ट पर पड़ने वाला बोझ कम कर देती है और हार्ट अधिक प्रभावी तरीके से खून को पंप कर पाता है।
दूसरी दवाओं के साथ इंटरैक्शन
उत्तर: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मेट एक्सएल 25 टैबलेट का सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए। इस दवा से इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में विस्तार से बता दें।
उत्तर: मेट एक्सएल 25 टैबलेट और एंटीफंगल दवाओं के बीच आपस में इंटरैक्शन हो सकती है। इसलिए, मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेना शुरू करने से पहले आप को एंटीफंगल दवाएं ले रहे हैं, उनके बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी दें।
उत्तर: अस्थमा जैसी कुछ स्थितियां, मेट एक्सएल 25 टैबलेट के उपयोग पर असर डाल सकती हैं। मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेने से पहले अपने डॉक्टर को अपनी मेडिकल कंडीशन के बारे में विस्तार से जानकारी दें।
उत्तर: हां, मेट एक्सएल 25 टैबलेट एक सलेक्टिव बीटा-ब्लॉकर है, जो हृदय की मांसपेशियों (हार्ट मसल्स) के लिए विशिष्ट है। टैब मेट एक्सएल 25 में मेटोप्रोलोल बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करके काम करता है, जिससे रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) में फैलाव आता है और हार्ट रेट कम हो जाती है।
उत्तर: जब तक डॉक्टर आपको दवा लेने से मना न करें, तब तक आपको मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेते रहना है। भले ही आपको अच्छा महसूस हो रहा हो, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना आपको मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेना बंद नहीं करना है। अपनी मर्जी से यह दवा लेना बंद न करें। अचानक दवा बंद कर देने से बीमारी और भी बिगड़ सकती है।
उत्तर: इस दवा से इलाज के दौरान पोटेशियम से भरपूर डाइट या पोटेशियम सप्लीमेंट लेने बचने की सलाह दी जाती है। मेट एक्सएल 25 से इलाज के दौरान डॉक्टर ब्लड प्रेशर, किडनी फंक्शन और इलेक्ट्रोलाइट के स्तरों की नियमित रूप से निगरानी करने के लिए कह सकते हैं।
उत्तर: नहीं, मेट एक्सएल 25 की आदत नहीं पड़ती है।
उत्तर: नहीं, मेट एक्सएल 25 टैबलेट खून पतला करने वाली दवाई नहीं है। यह एक एंटीहाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर कम करने की दवा) दवा है। यह रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को फैला देती है, जिससे हार्ट रेट कम हो जाती है। ऐसा करके यह हार्ट पर पड़ने वाला बोझ कम कर देती है और हार्ट अधिक प्रभावी तरीके से खून को पंप कर पाता है। मेट एक्सएल 25 का उपयोग बढ़े हुए ब्लड प्रेशर और इससे जुड़ी दूसरी जटिलताओं को कम करने के लिए किया जाता है।
उत्तर: हां, मेट एक्सएल 25 टैबलेट लेने के बाद, आपको चक्कर आ सकते हैं। यह इसका एक आम साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) है। जब आप लेटी हुई स्थिति से या बैठी हुई स्थिति से अचानक उठते हैं, तो आपको यह समस्या अधिक आती है। चक्कर आने या गिर जाने की संभावनाओं से बचने के लिए, लेटे होने या बैठे होने पर अचानक न उठें, बल्कि धीरे-धीरे उठें। अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता है तो आपको ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए, मशीनें नहीं चलानी चाहिए और अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
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The information provided herein is supplied to the best of our abilities to make it accurate and reliable as it is published after a review by a team of professionals. This information is solely intended to provide a general overview on the product and must be used for informational purposes only. You should not use the information provided herein to diagnose, prevent, or cure a health problem. Nothing contained on this page is intended to create a doctor-patient relationship, replace or be a substitute for a registered medical practitioner’s medical treatment/advice or consultation. The absence of any information or warning to any medicine shall not be considered and assumed as an implied assurance. We highly recommend that you consult your registered medical practitioner for all queries or doubts related to your medical condition. You hereby agree that you shall not make any health or medical-related decision based in whole or in part on anything contained in the Site. Please click here for detailed T&C.
पैंटोसिड 40 टैबलेट, एसिड (अम्लता) कम करने वाली दवा है। इसका उपयोग पेप्टिक अल्सर, गैस्ट्रिक अल्सर, हर्टबर्न (सीने में जलन), गैस्ट्राइटिस, एसिड रिफ्लक्स और एसिडिटी की समस्या से राहत देने के लिए होता है। इसमें पैंटाप्राज़ोल होता है, जो इसका सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट) है। अल्सर का मतलब होता है आपके पेट या आंत की लाइनिंग में छाला हो जाना, यह आपके पेट में पाचन के लिए जिम्मेदार एसिड के कारण होता है। इस स्थिति में जलन के साथ दर्द होता है। पैंटाप्राज़ोल, पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को कम कर देता है। इससे, अल्सर बनना कम हो जाते हैं और एसिड पीछे की ओर नहीं जाता, इससे सीने में जलन और एसिडिटी जैसी समस्याएं नहीं होती। पैंटाप्राज़ोल, पेट की दीवार में पाए जाने वाले पंप को अवरुद्ध (ब्लॉक) करके काम करता है, जो एसिड बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। पैंटोसिड 40 टैबलेट डॉक्टर के बताए अनुसार लेनी चाहिए। आमतौर पर इसे सुबह उठते ही लिया जाना चाहिए, या फिर खाना खाने से कम से कम एक घंटे पहले लेना चाहिए। कोई भी डोज़ मिस न करें या डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ से अधिक मात्रा में दवा न लें। अगर आप समय पर दवा लेने के साथ-साथ अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव कर लेते हैं, तो आप एसिडिटी की समस्या से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं, धीरे-धीरे खाएं, ओवरईटिंग न करें और खाना खाने के बाद तुरंत सोने से बचें। शराब पीना कम कर दें, स्मोकिंग (धूम्रपान) से बचें और अपने वजन को सही स्तरों में बनाए रखें। आपके लिए क्या बेहतर है, यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
पेट और आंत के अल्सर गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग [GERD] सीने में जलन (हार्टबर्न), एसिडिटी, सीने में दर्द इस दवा का उपयोग ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम के इलाज के लिए भी किया जाता है। यह सिंड्रोम अग्नाशय (पैंक्रियाज़) में ट्यूमर बनने के कारण होता है, जिससे पेट में एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है।
उत्तर: प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में पैंटोसिड लेने पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। अगर आपके डॉक्टर ने यह दवा प्रेस्क्राइब की है (लिखी है), तो ही यह दवा लें।
ब्रेस्ट फीडिंग (स्तनपान करवाने के दौरान)
उत्तर: पैंटोसिड टैबलेट का एक घटक (कंपोनेंट) मां के दूध में आता है। इसलिए आपको डॉक्टर की सलाह के बिना यह दवा नहीं लेनी चाहिए।
उत्तर: यह दवा लेने के बाद आपको हल्के चक्कर आ सकते हैं या देखने में समस्या आ सकती है। अगर आपको ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो या तो दवा न लें, या फिर ड्राइव न करें।
शराब
उत्तर: शराब के कारण एसिडिटी बनती है, इससे एसिडिटी और अल्सर से जुड़े लक्षण और भी बिगड़ जाते हैं। इसलिए अगर आप यह टैबलेट ले रहे हैं, तो शराब न पीएं।
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अपने डॉक्टर से बात करें, अगर
पैंटोसिड टैबलेट को सुबह के समय डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए। बेहतर परिणामों के लिए, इसे रोजाना एक ही समय पर खाली पेट लें।
अगर आपने बहुत ज्यादा मात्रा में पैंटोसिड 40 टैबलेट ले ली है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें या नजदीकी अस्पताल में जाएं।
अगर आप दवा की कोई डोज़ लेना भूल गई हैं, तो याद आने पर इसे जल्द से जल्द लें। अगर आपकी अगली डोज़ का टाइम हो गया है, तो छूटी हुई डोज़ को छोड़ दें और अपने रेगुलर डोज़िंग शिड्यूल का पालन करें। छूटी हुई डोज़ की भरपाई के लिए दवा की डबल डोज़ न लें।
पैंटोसिड 40 मि.ग्रा. का काम करने का तरीका (मोड ऑफ एक्शन)
पैंटोसिड में इसके सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट) के रूप में पैंटाप्राज़ोल पाया जाता है। पैंटाप्राज़ोल, ‘प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स’ नामक दवाओं की श्रेणी में आता है। पेट की लाइनिंग कुछ विशेष प्रक्रियाओं द्वारा एसिड बनाती है। इन प्रक्रियाओं में कोशिकाओं (सेल्स) में प्रोटोन पंप द्वारा आयन लेना शामिल होता है। पैंटाप्राज़ोल पेट की कोशिकाओं में इन आयनों को लेने की प्रक्रिया को रोक देता है। ये आयन पेट में पाचन के लिए जिम्मेदार एसिड बनाते हैं, इसलिए एसिड बनना कम हो जाता है।
दूसरी दवाओं के साथ इंटरैक्शन
खाने-पीने की चीजों के साथ इंटरैक्शन (परस्पर क्रिया)
निकोटीन, कैफीन (कॉफी, चाय, चॉकलेट और कोला) पेट में एसिड बढ़ा सकते हैं या अल्सर के इलाज में देरी कर सकते हैं और इलाज की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं।
उत्तर: पैंटोसिड टैबलेट का उपयोग एसिडिटी, सीने में जलन (हार्टबर्न), अल्सर, एसिड रिफ्लक्स रोग और ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम के इलाज के लिए किया जाता है।
उत्तर: इस दवा को खाने से एक घंटे पहले या सुबह पहले खाने से पहले लेने की सलाह दी जाती है। खाने के बाद यह दवा लेने से इसका असर कम हो सकता है।
उत्तर: नहीं, यह दवा 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं है। अपने बच्चे को कोई भी दवा देने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
उत्तर: आपको 2 से 3 दिनों में बेहतर महसूस होने लग जाएगा, लेकिन आपके लक्षणों पर पूरी तरह से काबू पाने में पैंटोसिड 40 को 4 हफ्तों का समय लग सकता है। अगर कुछ दिनों के बाद भी आपको कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर आपके लिए कोई दूसरी दवा लिखेगा।
उत्तर: पैंटोसिड 40 संरचना में सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट) के रूप में पैंटोप्राज़ोल होता है, जिसका इस्तेमाल अल्सर, सीने में जलन, एसिड रिफ्लक्स रोग और एसिडिटी से राहत देने के लिए किया जाता है।
उत्तर: पैंटोसिड 40 को आमतौर पर दिन में एक बार सुबह के समय लेने के लिए कहा जाता है। लेकिन आपका डॉक्टर आपकी बीमारी और इलाज के प्रति आपके शरीर के रिस्पॉन्स के आधार पर तय करेगा कि आपको दवा कितनी डोज़ में और कितनी बार लेनी है। इसलिए, आपको सलाह दी जाती है कि इस दवा को डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ और फ्रीक्वेंसी में ही लें।
उत्तर: नहीं पैंटोसिड 40 गैस की समस्या से पीड़ित मरीजों को राहत नहीं देती है। आपको यह दवा केवल अपने डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी मर्जी से दवा न लें।
उत्तर: दोनों दवाओं में एक ही सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट), यानी पैंटोप्राज़ोल होता है। आपकी समस्या के कारण और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार, आपका डॉक्टर आपके लिए इनमें से कोई एक दवा लिखेगा। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि डॉक्टर जो ब्रांड लिखे, वही लें।
उत्तर: पैंटोसिड 40 मि.ग्रा. टैबलेट को सुबह के समय डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए। बेहतर परिणामों के लिए, इसे रोजाना एक ही समय पर खाली पेट लें।
उत्तर: पैंटोसिड 40 की डोज़ और फ्रीक्वेंसी हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है, यह ली जा रही बीमारी पर निर्भर करती है। आपके डॉक्टर ने आपके लिए जो डेली डोज़ निर्धारित की है, उससे अधिक दवा न लें।
उत्तर: हां, दोनों दवाएं एक ही हैं और दोनों में एक्टिव इनग्रेडिएंट के रूप में पैंटाप्राज़ोल पाया जाता है। केवल ब्रांड का नाम अलग-अलग है। हालांकि आपको वही ब्रांड लेना चाहिए, जो डॉक्टर ने लिखा है।
उत्तर: पैंटोसिड टैबलेट को खाली पेट या अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए। आप इसे सुबह के समय पहले खाने से पहले, या फिर खाने से एक घंटे पहले ले सकते हैं।
उत्तर: सीने में जलन और सीने में दर्द के लक्षण कुछ हद तक हार्ट अटैक के लक्षणों से मिलते हैं। अगर आपकी छाती में दर्द है, जो जबड़ों, कंधों, हाथों और कमर में भी आ रहा है, आपका सिर चकरा रहा है, या चिंता का अनुभव हो रहा है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
उत्तर: सिरदर्द और दस्त पैंटोसिड 40 के आम साइड इफेक्ट हैं। हालांकि, ये लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं।
उत्तर: क्रोन की बीमारी एक कॉनिक इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज है, जो आंत की लाइनिंग को प्रभावित करती है। यदि यह पेट में बहुत ज्यादा एसिड बनने के कारण होती है। तो पैंटोसिड 40 का उपयोग मेडिकल सुपरविजन में क्रोन की बीमारी के इलाज के लिए किया जा सकता है।
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बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स एक अस्थमा-रोधी (एंटी-अस्थमेटिक) दवा है। इसका उपयोग वयस्कों में अस्थमा के लक्षणों से राहत देने के लिए किया जाता है। 1 से 8 वर्ष की उम्र के बच्चों में अस्थमा के अटैक रोकने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें वायुमार्ग (एयरवे) संकरा हो जाता है या इसमें सूजन आ जाती है। ऐसे में सांस लेने में तकलीफ आती है और फिजिकल एक्टिविटी करना मुश्किल हो जाता है। बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स में सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट) के रूप में बुडेसोनाइड होता है। यह एक स्टेरॉयड है जो सांस फूलने, घरघराहट (व्हीजिंग) और छाती में दर्द आदि जैसे लक्षणों से राहत देता है। यह इन लक्षणों को बिगड़ने से भी रोकता है। इस दवा को अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लें। बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स को हमेशा नेबुलाइजर की मदद से दिया जाना चाहिए। नेबुलाइजर एक ऐसी मशीन है जो दवा को धुंध (मिस्ट) के रूप में बदल देती है, जिससे यह आसानी से फेफड़ों में पहुच जाती है। आपका डॉक्टर या फार्मासिस्ट आपको नेबुलाइजर इस्तेमाल करने का सही तरीका समझाएगा। इस दवा के इनहेलेशन के बाद आपको पानी से कुल्ला कर लेना चाहिए। अगर आपको इसके किसी भी घटक से एलर्जी है तो बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स न लें। अगर आप प्रेग्नेंट (गर्भवती) हैं, प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) प्लान कर रही हैं, या ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) करवाती हैं, तो इस दवा से इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को इस बारे में बताएं, साथ ही उन्हें अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी भी दें। इसके अलावा आप अगर कोई दवा या सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो डॉक्टर को उसकी भी जानकारी दें।
उत्तर: प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि जब तक आपका डॉक्टर प्रेस्क्राइब न करे, इस दवा का इस्तेमाल न करें। प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान मां और गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा के लिए, यह बहुत जरूरी है कि अस्थमा का सही इलाज करवाया जाए।
उत्तर: बुडेसोनाइड बहुत कम मात्रा में मां के दूध में आ सकता है, इसलिए अगर आप ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं, तो आपको बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स का इस्तेमाल अपने डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब किए जाने पर ही करना चाहिए।
उत्तर: बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स का उपयोग आपकी ड्राइविंग करने की क्षमता को प्रभावित नहीं करता है।
उत्तर: शराब के साथ लेने पर बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स की इंटरैक्शन के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, शराब के कारण कभी कभार अस्थमा ट्रिगर हो सकता है। इसलिए सावधानी रखें, खासतौर पर अगर आप शराब पीते हैं तो सावधान रहें।
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अपने डॉक्टर से बात करें, अगर
ओवरडोज की संभावना बहुत कम होती है। बटन को केवल तभी दबाएं जब आप सांस लेना चाहें। हालांकि, अगर आपको किसी प्रकार का मुंह का संक्रमण (इन्फेक्शन) या कोई दूसरा प्रतिकूल प्रभाव (एडवर्स इफेक्ट) महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
अस्थमा से पीड़ित लोगों के वायुमार्ग या एयरवे में सूजन आ जाती है, जिसके कारण वे अस्थमा के ट्रिगर्स के लिए ज्यादा सेंसेटिव हो जाते हैं, इस कारण एयरवे में परेशानी आती है। बुडेकोर्ट अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर करने वाले एलर्जी और इंफ्लेमेटरी मीडिएटर्स की कार्रवाई को रोककर काम करता है। जब नेबुलाइजर से बुडेसोनाइड लिया जाता है, तो यह सीधा वायुमार्ग (एयरवे) की भीतरी लाइनिंग में जाता है। यह सांस फूलने, घरघराहट (व्हीजिंग) और छाती में तकलीफ जैसे लक्षणों से राहत देता है।
बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स लेते समय आपको बड़ी मात्रा में अंगूर और अंगूर के रस के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके शरीर में बुडेसोनाइड के लेवल्स को बढ़ा सकते हैं, जिसके कारण इस दवा के साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) भी बढ़ सकते हैं।
उत्तर: मुंह का फंगल इन्फेक्शन न हो, इसके लिए आपको इसका इनहेलेशन खाने से पहले करना चाहिए, साथ ही हर बार इस्तेमाल के बाद कुल्ला जरूर करना चाहिए।
उत्तर: नेबुलाइजेशन की खुराक, डोज़ और फ्रीक्वेंसी (कितनी बार लेना है) आपका डॉक्टर तय करता है। यह विभिन्न मेडिकल फैक्टर्स के आधार पर अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होता है। इस दवा से इलाज शुरू करने या डोज़ में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
उत्तर: बुडेकोर्ट रेस्प्यूल स्टेरॉयड वर्ग की एक दवा है। इसका उपयोग 12 महीने से 8 वर्ष की उम्र के बच्चों में अस्थमा के मेंटेनेंस ट्रीटमेंट के रूप में या अस्थमा अटैक रोकने के लिए किया जाता है। इससे सांस फूलने और घरघराहट (व्हीजिंग) की समस्या में राहत मिलती है।
उत्तर: पहली बार बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स का उपयोग करने से पहले, इसके साथ आने वाले लिखित निर्देशों को पढ़ें
उत्तर: हां, अस्थमा के लक्षणों से राहत देने के लिए या अस्थमा अटैक की रोकथाम के लिए 12 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर बुडेकोर्ट दिया जा सकता है।
उत्तर: हां, अगर इसका लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाए तो देखने में थोड़ी समस्या आ सकती है, अगर आपकी समस्या बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। यह ग्लूकोमा या मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) का शुरुआती संकेत हो सकता है। बुडेकोर्ट से लंबे समय तक इलाज किए जाने पर इस प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं।
उत्तर: नहीं, यह अस्थमा के इलाज के लिए उपयोगी नहीं है। इसका इस्तेमाल अस्थमा के लिए मेंटेनेंस ट्रीटमेंट के रूप में किया जाता है, या फिर अस्थमा के लक्षणों से राहत देने के लिए किया जाता है। अचानक होने वाले अस्थमा के दौरों (अटैक) के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
उत्तर: नहीं, यह छींक को कंट्रोल करने में मदद नहीं करता है।
उत्तर: बुडेकोर्ट का लंबी अवधि तक इस्तेमाल किए जाने पर यह बच्चे की ग्रोथ (विकास) को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इस बारे में सावधानी रखें। अगर आपके बच्चे को चिकनपॉक्स जैसा कोई इन्फेक्शन हो जाता है, तो अपने डॉक्टर को तुरंत इस बारे में जानकारी दें।
उत्तर: बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स को डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से ही काम में लिया जाना चाहिए।
उत्तर: बुडेकोर्ट इसे लेने के 15-20 मिनट में काम करने लग जाता है। हालांकि आपको इस दवा का अधिकतम असर दिखने में कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों का समय लग सकता है। इसलिए जब तक आपके डॉक्टर ने इस दवा की सलाह दी है, तब तक आपको इसे नियमित रूप से लेना चाहिए, ताकि आप बेहतर परिणाम पा सकें। इसलिए अगर आपको कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है, तो भी दवा लेते रहें।
उत्तर: सीने में दर्द, सिरदर्द, मुंह या गले में फंगल इंफेक्शन आदि बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट हैं। हालांकि, ये लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और समय के साथ ठीक हो जाते हैं क्योंकि आपका शरीर दवा का आदी हो जाता है। हालांकि, ये साइड इफेक्ट हर व्यक्ति को प्रभावित नहीं करते हैं।
उत्तर: जब तक डॉक्टर ने आपको सलाह दी है तब तक आप बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स ले सकते हैं। बुडेकोर्ट को अस्थमा के मेंटेनेंस ट्रीटमेंट के रूप में दिया जाता है, इसलिए आपको इस दवा का उपयोग पूरी तरह से डॉक्टर के बताए अनुसार ही करना चाहिए। डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर मेंटेनेंस डोज़ निर्धारित करता है और मरीज को लक्षणों से फ्री रखने के लिए जितनी कम से कम डोज़ जरूरी होती है, वह लिखता है।
उत्तर: हां, बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स में बुडेसोनाइड होता है, जो एक स्टेरॉयड दवा है।
उत्तर: हां, लेकिन बताई गई अवधि तक ही। बुडेकोर्ट का उपयोग हमेशा डॉक्टर के बताए तरीके से और उसके द्वारा निर्धारित की गई अवधि में ही किया जाना चाहिए। डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की गई अवधि से अधिक समय तक दवा न लें।
उत्तर: बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स में सक्रिय घटक के रूप में बुडेसोनाइड होता है। यह एक स्टेरॉयड है और एक एंटी-अस्थमाटिक एजेंट के रूप में काम करता है।
उत्तर: प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि जब तक आपका डॉक्टर प्रेस्क्राइब न करे, इस दवा का इस्तेमाल न करें। प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान मां और गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा के लिए, यह बहुत जरूरी है कि अस्थमा का सही इलाज करवाया जाए।
उत्तर: नहीं, निर्धारित अवधि से पहले इलाज बंद न करें। अगर आपको लक्षणों में कोई सुधार महसूस नहीं होता है, तो इलाज को अचानक बंद करने से पहले डॉक्टर को इस बारे में बता दें।
उत्तर: दवाओं के बीच किसी भी इंटरैक्शन से बचने के लिए आपको बुडेकोर्ट रेस्प्यूल्स का उपयोग करते समय एंटासिड दवा नहीं लेनी चाहिए। कम से कम 1-2 घंटे का गैप जरूर रखें। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि बुडेकोर्ट के साथ कोई दूसरी दवा लेने से पहले डॉक्टर से इस बारे में कंसल्ट कर लें।
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पैन 40 टैबलेट, एसिड (अम्लता) कम करने वाली दवा है। इसका उपयोग पेट के अल्सर, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) और एसिडिटी से जुड़ी दूसरी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। बार-बार एसिड रिफ्लक्स (सीने में जलन या बेचैनी) होने के कारण GERD की समस्या आती है। इस टैबलेट में एक्टिव इनग्रेडिएंट (सक्रिय घटक) के रूप में पैंटोप्राज़ोल होता है। यह पेट में एसिड बनना कम करके काम करती है। खाली पेट लिए जाने पर यह सबसे अच्छा असर दिखाती है। साथ ही आपको वे खाने और पेय (बेवरेज) नहीं लेने चाहिए, जो एसिडिटी की समस्या को बढ़ाते हैं। इसके अलावा बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाएं, तला-भुना और मसालेदार खाना न खाएं, शराब न पीएं और बहुत सारा पानी पीएं। डाइट में बेहतर संशोधन के लिए, अपने न्यूट्रीशन विशेषज्ञ से सलाह लें। पैन 40 टैबलेट को डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ (खुराक) में बताई गई अवधि तक ही लेना चाहिए। बेहतर होगा कि आप इस दवा को प्रेस्क्रिप्शन में बताए अनुसार ही लें। कोई भी डोज़ मिस न करें या डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ से अधिक मात्रा में दवा न लें। डकार या हिचकी के लिए पैन 40 काम नहीं करती है।
उत्तर: प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में इसके सुरक्षित होने के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में इसका उपयोग डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब किए जाने पर ही करें।
उत्तर: पैन 40 टैबलेट के कुछ घटक मां के दूध में जा सकते हैं। इसलिए अगर आप ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) करवाती हैं, तो पैन 40 टैबलेट का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
उत्तर: पैन 40 टैबलेट का ड्राइविंग करने या मशीने चलाने की क्षमता पर बहुत कम प्रभाव होता है, या फिर कोई प्रभाव नहीं होता। अगर आपको चक्कर आ रहे हैं, या देखने में समस्या हो रही है तो ड्राइविंग न करें।
उत्तर: शराब के कारण एसिडिटी बनती है, इससे एसिडिटी और अल्सर से जुड़े लक्षण और भी बिगड़ जाते हैं। इसलिए अगर आप पैन 40 मि.ग्रा. टैबलेट ले रहे हैं, तो शराब न पीएं।
Read in English: Pan 40- Benefits, Uses, Side Effects and More!
अपने डॉक्टर से बात करें, अगर
पैन 40 मि.ग्रा. टैबलेट को सुबह के समय डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए इसे रोजाना एक निर्धारित समय पर खाली पेट लें।
अगर आपने बहुत ज्यादा मात्रा में पैन 40 टैबलेट ले ली है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें या नजदीकी अस्पताल में जाएं।
अगर आप पैन 40 टैबलेट की कोई डोज़ लेना भूल गए हैं, तो याद आने पर इसे जल्द से जल्द लें। अगर आपकी अगली डोज़ का टाइम हो गया है, तो छूटी हुई डोज़ को छोड़ दें और अपने रेगुलर डोज़िंग शिड्यूल का पालन करें। छूटी हुई डोज़ की भरपाई के लिए दवा की डबल डोज़ न लें।
यह कैसे काम करती है?
पैन 40 टैबलेट पेट में एसिड बनाने और रिलीज़ करने के लिए जिम्मेदार प्रोटॉन पंप नामक पंप को अवरुद्ध (ब्लॉक) या बाधित करके पेट में एसिड बनना कम करती है। इससे एसिडिटी में राहत मिलती है, अल्सर की समस्या कम होती है और एसिड रिफ्लक्स कम होता है।
दूसरी दवाओं के साथ इंटरैक्शन
खाने-पीने की चीजों के साथ इंटरैक्शन (परस्पर क्रिया)
कॉफी, चाय, चॉकलेट, शराब और कोला के अधिक सेवन से बचें।
उत्तर: पैन 40 टैबलेट का उपयोग पेट और आंतों के अल्सर, एसिड रिफ्लक्स रोग और ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम (अग्नाशय में बनने वाला एक ट्यूमर, जिसके कारण पेट में एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है) जैसे एसिडिटी से जुड़े रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।
उत्तर: नहीं, पैन 40 टैबलेट एक दवा है जो पेट में बनने वाले एसिड को कम करती है। इसका इस्तेमाल अल्सर और एसिड रिफ्लक्स रोग के इलाज के लिए किया जाता है। यह उल्टी और जी-मिचलाने की समस्या में राहत नहीं दे पाती है।
उत्तर: पैन 40 के कारण अपच नहीं होती है। इस दवा को लेने के बाद आपको पेट दर्द और कब्ज का अनुभव हो सकता है, लेकिन यह लक्षण आम नहीं है और दवा लेने वाले हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट नहीं होता है।
उत्तर: नहीं, पैन 40 में गैस की समस्या से राहत नहीं देती है। इसका उपयोग अल्सर और एसिडिटी के इलाज के लिए किया जाता है।
उत्तर: नहीं। पैन 40 में केवल पैंटोप्राज़ोल होता है, जबकि पैन-डी में डोमपेरिडोन के साथ पैंटोप्राज़ोल होता है। हालांकि, दोनों दवाओं का उपयोग GERD, गैस्ट्राइटिस आदि के इलाज के लिए किया जाता है।
उत्तर: हां, पैन 40 एक एंटासिड दवा है जिसका उपयोग गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) और पेप्टिक अल्सर रोग के इलाज के लिए किया जाता है। इनका इलाज करने के लिए यह अपच, सीने में जलन और पेट दर्द जैसे एसिडिटी के लक्षणों से राहत देती है।
उत्तर: पैन 40 टैबलेट पेट में एसिड बनाने और रिलीज़ करने के लिए जिम्मेदार प्रोटॉन पंप नामक पंप को अवरुद्ध (ब्लॉक) या बाधित करके पेट में एसिड बनना कम करती है। इससे एसिडिटी में राहत मिलती है, अल्सर की समस्या कम होती है और एसिड रिफ्लक्स कम होता है।
उत्तर: आप डायजीन को पैन 40 के साथ ले सकते हैं, दोनों ही एंटासिड दवाएं हैं। हालांकि, ऐसा करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। आपकी बीमारी के कारण और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार आपका डॉक्टर सही डोज़ में आपके लिए सही दवा लिखेगा।
उत्तर: इस दवा के साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) के रूप में आपको पेट में दर्द या परेशानी हो सकती है। ये लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन, अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
उत्तर: प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में पैन 40 टैबलेट के सुरक्षित होने या न होने के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें। अगर हो सके तो प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में यह टैबलेट लेने से बचें। प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान कोई भी दवा लेने से पहले आपको डॉक्टर से इस बारे में चर्चा करनी चाहिए।
उत्तर: पैन 40 मि.ग्रा. टैबलेट को बिना तोड़े या काटे एक गिलास पानी के साथ निगल लें। जहां तक हो सके, इसे नाश्ते या दिन के पहले खाने से एक घंटे पहले लेना चाहिए।
उत्तर: पैन 40 मि.ग्रा. टैबलेट के इलाज के दौरान आपको कब्ज का अनुभव हो सकता है। हालांकि, हर किसी को यह साइड इफेक्ट नहीं होता है।
उत्तर: पैन 40 के कम्पोजिशन में इसके सक्रिय घटक के रूप में पैंटोप्राज़ोल होता है।
उत्तर: पैन 40 के साइड इफेक्ट्स में सिरदर्द, दस्त, जी-मिचलाना और पेट दर्द शामिल हैं। हालांकि ये सभी लक्षण थोड़े समय के लिए ही होते हैं और धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाते हैं।
उत्तर: पैन 40 एक ऐसी दवा है जो पेट में एसिड को कम करने का काम करती है। इसमें सक्रिय अणु (एक्टिव मॉलिक्यूल) के रूप में पैंटोप्राज़ोल होता है।
उत्तर: पैन 40 को खाना खाने के बाद नहीं लेना चाहिए क्योंकि जब तक यह अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेगी, आपके पेट में पाचन करने के लिए एसिड निकल चुका होगा। इस प्रकार यह एसिड कम करने का अपना काम नहीं कर सकेगी।
उत्तर: हां, अगर आपके डॉक्टर ने सलाह दी है, तो आप रोजाना पैन 40 ले सकते हैं।
उत्तर: अगर आपको पैंटोप्राज़ोल या पैन 40 टैबलेट के किसी दूसरे घटक से एलर्जी है, तो पैन 40 टैबलेट न लें।
अगर आपको इसी तरह की दवाओं जैसे ओमेप्राज़ोल आदि से एलर्जी है।
अगर आप एचआईवी का इलाज करने वाली दवाएं, जैसे रिलपिवरीन या एटाज़नावीर ले रहे हैं।
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ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट एक एंटीबायोटिक दवा है। इसका उपयोग बैक्टीरिया के कारण होने वाले विभिन्न प्रकार के संक्रमणों (इन्फेक्शन) के इलाज के लिए किया जाता है। फेफड़ों, वायुमार्ग (एयरवे), कान, मूत्र मार्ग (यूरिनरी ट्रैक्ट), हड्डियों, सॉफ्ट टिश्यू (नरम उत्तक), जोड़ों सहित दांतों/डेंटल इन्फेक्शन के इलाज के लिए यह दवा काम में ली जाती है। इसमें सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट) के रूप में एमोक्सिसिलिन और क्लेवुलानिक एसिड का संयोजन (कॉम्बिनेशन) होता है। ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट अपने दो इनग्रेडिएंट के मिले जुले एक्शन के कारण काम करती है। एमोक्सिसिलिन इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को मारती है। क्लेवुलानिक एसिड, एमोक्सिसिलिन को तोड़ने वाले एंजाइम को निष्क्रिय (इनएक्टिव) करता है जिससे शरीर में एमोक्सिसिलिन के स्तर सही बने रहते हैं। आपको ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट को डॉक्टर की सलाह के अनुसार तथा उसके द्वारा प्रेस्क्राइब की गई अवधि के लिए ही लेना चाहिए। साथ ही इसे खाने के साथ लेने की कोशिश करें ताकि आपके पेट में गड़बड़ी न हो। आपको इस दवा से इलाज का कोर्स हमेशा पूरा करना चाहिए। ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट की कोई भी डोज़ न छोड़ें और न ही अपनी मर्जी से दवा लेना बंद करें। अगर इलाज पूरा नहीं किया जाता है तो इलाज फेल हो सकता है, ऐसे में संक्रमण के वापस आने का खतरा बढ़ जाता है। इस दवा का उपयोग प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान नहीं किया जाना चाहिए, खासकर पहली तिमाही में यह दवा नहीं लेनी चाहिए। अगर आपको किसी एंटीबायोटिक दवा से एलर्जी है, या कोई मौजूदा बीमारी है, या फिर आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट साइनस, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (श्वसन मार्ग), यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्र मार्ग), हड्डी, त्वचा, दांत और जोड़ों में होने वाले इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए काम में ली जाती है। इसका उपयोग फेफड़ों के इन्फेक्शन के इलाज में भी किया जाता है।
उत्तर: प्रेग्नेंसी में ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट के सुरक्षित होने या न होने के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए आपको प्रेग्नेंसी में यह दवा लेने से बचना चाहिए। हालांकि, अगर इलाज करने वाले डॉक्टर इसे आपके लिए जरूरी मानता है, तो आप यह दवा ले सकती हैं। अगर आप प्रेग्नेंट हैं, या प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो दवा लिख रहे डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दें।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ के कुछ कंपोनेंट मां के दूध में आ जाते हैं, इसके कारण आपके बच्चे को मुंह में फंगस के इन्फेक्शन या दस्त होने की समस्या आ सकती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) करवाने के दौरान यह दवा न लें।
उत्तर: अगर आपने ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट ली है तो आपको ड्राइविंग करने और मशीनें चलाने से बचना चाहिए, क्योंकि इस दवा के कारण चक्कर आने, दौरे आने और एलर्जी होने की संभावना रहती है।
उत्तर: शराब और ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट के बीच किसी भी इंटरैक्शन के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि अगर आप लंबे समय से शराब पी रहे हैं, तो इससे आपका इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) और रोगाणुओं तथा संक्रमण के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया कमजोर पड़ जाती है। अगर आप अक्सर शराब पीते हैं, तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
Read in English: AUGMENTIN DUO 625:Benefits, Uses, Side Effects and More!
अपने डॉक्टर से बात करें, अगर
ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट के ओवरडोज़ से पेट खराब होने, दस्त, उल्टी, एडिमा या फ्ल्युइड रिटेंशन और उनींदेपन जैसे लक्षण आ सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपने यह दवा बहुत अधिक मात्रा में ले ली है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें या नजदीकी अस्पताल में जाएं।
एंटीबायोटिक दवाओं के मामले में आपको कोई भी डोज़ छोड़नी नहीं चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण के खिलाफ इलाज बेअसर हो सकता है। अगर आप ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट की कोई डोज़ लेना भूल गए हैं, तो याद आने पर इसे जल्द से जल्द लें। अगर आपकी अगली डोज़ का टाइम हो गया है, तो छूटी हुई डोज़ को छोड़ दें और अपने रेगुलर डोज़िंग शिड्यूल का पालन करें। छूटी हुई डोज़ की भरपाई के लिए दवा की डबल डोज़ न लें।
यह कैसे काम करती है?
ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट अपने दो इनग्रेडिएंट के मिले जुले एक्शन के कारण काम करती है। एमोक्सिसिलिन इन्फेक्शन (संक्रमण) के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को मारती है। जबकि क्लेवुलानिक एसिड बैक्टीरिया के खिलाफ कोई क्रिया नहीं करता है, लेकिन यह बैक्टीरिया द्वारा बनाए जाने वाले बीटा-लैक्टामेस नामक एंजाइम को निष्क्रिय (इनएक्टिव) कर देता है, जो एमोक्सिसिलिन को नष्ट कर सकता है। इस तरह से, यह एमोक्सिसिलिन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
दूसरी दवाओं के साथ इंटरैक्शन
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट का पेट या आंखों के संक्रमण या किसी भी संक्रमण के लिए केवल तभी इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जब डॉक्टर ने इसे प्रेस्क्राइब किया हो (जब आपके पास डॉक्टर का पर्चा हो)। जब तक आपको पूरी तरह से भरोसा नहीं हो जाए कि संक्रमण (इन्फेक्शन) बैक्टीरिया के कारण ही है, एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग न करें। बिना कारण के एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग, भविष्य के इलाज के लिए उनका असर कम कर देता है। बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें।
उत्तर: हां, दस्त या लूज़ मोशन होना इस दवा का एक आम साइड इफेक्ट है। हालांकि, अगर आपको दो दिनों से अधिक समय से दस्त लग रहे हैं, साथ में खून और म्यूकस भी आ रहा है और पेट में दर्द तथा बुखार भी है, तो यह बड़ी आंत में सूजन (इन्फ्लेमेशन) का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को सूचना दी जानी चाहिए।
उत्तर: नहीं, अगर आपको इससे एलर्जी है या किसी भी पेनिसिलिन एंटीबायोटिक से एलर्जी है तो आपको यह दवा नहीं लेनी चाहिए। इसके कारण गंभीर साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) हो सकते हैं। अगर आपको किसी भी दवा से एलर्जी है, तो इस बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
उत्तर: हां, ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट, आपके डॉक्टर की देखरेख में उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। हालांकि, कुछ मरीजों में जी मिचलाने, उल्टी और दस्त जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
उत्तर: आपके संक्रमण (इन्फेक्शन) और बीमारी के आधार पर यह तय किया जाता है कि आपको दिन में कितनी बार यह टैबलेट लेनी है। आपका डॉक्टर समस्या की जांच करने के बाद इसका फैसला करेगा। इस दवा को अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लें। किसी भी एंटीबायोटिक दवा को खुद की मर्जी से डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए। इसे अधिक या कम मात्रा में न लें।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 टैबलेट, इसे लेने के लगभग 1 घंटे बाद अपना असर दिखाना शुरू कर सकती है। हालांकि यह अवधि हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है, जिसका कारण हर व्यक्ति की फिजियोलॉजी और संक्रमण की गंभीरता अलग-अलग होना है। चूंकि यह एक एंटीबायोटिक दवा है, इसलिए एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा हो जाने पर ही इसका पूरा असर दिखाई पड़ेगा।
उत्तर: हां, अगर दांत का दर्द बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण है, तो इसका उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, दांत का दर्द किसी दूसरे कारण से भी हो सकता है, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के दांत के दर्द के लिए यह दवा न लें। कोई भी एंटीबायोटिक लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।
उत्तर: एडवेंट 625 और ऑगमेंटिन 625 दोनों एंटीबायोटिक दवाएं हैं जिनमें एमोक्सिसिलिन और क्लेवुलानिक एसिड का कॉम्बिनेशन होता है। इनका उपयोग बैक्टीरिया से होने वाले बहुत से इन्फेक्शन, जैसे श्वसन मार्ग (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) और मूत्र मार्ग (यूरिनरी ट्रैक्ट) के इन्फेक्शन, हड्डी, त्वचा और दांत के इन्फेक्शन, आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है। हालांकि आपको यह सलाह दी जाती है कि अपनी खुद की मर्जी से ये दवाएं न लें, हमेशा अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें और अपने डॉक्टर के बताए अनुसार ही दवा लें।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 में एमोक्सिसिलिन और क्लेवुलानिक एसिड का संयोजन (कॉम्बिनेशन) होता है जबकि सेफ्टम 500 टैबलेट एक हायर एंटीबायोटिक है, जिसका सक्रिय घटक सेफुरोक्सिम होता है। इन दोनों ही दवाओं का उपयोग बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमणों का इलाज करने के लिए किया जाता है। आपकी बीमारी के कारण और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर आपका डॉक्टर आपके लिए कोई एक दवा चुनेगा। अपने डॉक्टर से कंसल्ट किए बिना खुद की मर्जी से दवा न लें।
उत्तर: नहीं, बुखार कम करने के लिए ऑगमेंटिन डुओ 625 का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह एक एंटीबायोटिक दवा है। इसका उपयोग केवल बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमणों का इलाज करने के लिए किया जाना चाहिए।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ किसी भी तरह से आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित नहीं करती है, इसलिए अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो आप यह दवा ले सकती हैं। हालांकि, एक बार प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) कंफर्म हो जाने के बाद आपको ऑगमेंटिन 625 डुओ के उपयोग से बचना चाहिए, खासतौर पर पहली तिमाही में, इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।
उत्तर: टॉन्सिलिटिस या गले के दर्द के इलाज के लिए ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट का उपयोग केवल तभी किया जा सकता है, जब डॉक्टर ने ऐसा करने की सलाह दी हो। गले के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, ऐसे में आपका डॉक्टर सही कारण का निदान (डायग्नोसिस) करेगा। बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अपनी मर्जी से इस दवा का इस्तेमाल न करें।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट एक एंटीबायोटिक है और इसका उपयोग बैक्टीरिया से होने वाले विभिन्न संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। इसलिए यह दवा सूखी खांसी या सीने में जकड़न के लिए प्रभावी नहीं है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से बात करें और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 टैबलेट आपको पूरी टैबलेट पानी के साथ लेनी चाहिए, जहां तक संभव हो इसे खाने के साथ लें ताकि आप पेट की गड़बड़ी से बच सकें। इसे रोजाना एक निश्चित समय पर ही लें या अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए शिड्यूल के अनुसार लें। रोजाना इसे एक निर्धारित समय पर लेने से डोज़ छूट जाने की संभावनाएं कम हो जाएंगी और आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
उत्तर: एंटीबायोटिक दवा लेने की खुराक और आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) आम तौर पर संक्रमण के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करती है। आपको प्रेस्क्राइब की गई डोज़ और अवधि से अधिक दवा न लें। इसके अलावा, इसे आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित शिड्यूल के अनुसार, समान इंटरवल पर, नियमित रूप से लिया जाना चाहिए। दवा को नियमित रूप से सही समय पर लेने से इसका असर बढ़ जाता है।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट अपने दो इनग्रेडिएंट के मिले जुले एक्शन के कारण काम करती है। एमोक्सिसिलिन इन्फेक्शन (संक्रमण) के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को मारती है। जबकि क्लेवुलानिक एसिड बैक्टीरिया के खिलाफ कोई क्रिया नहीं करता है, लेकिन यह बैक्टीरिया द्वारा बनाए जाने वाले बीटा-लैक्टामेस नामक एंजाइम को निष्क्रिय (इनएक्टिव) कर देता है, जो एमोक्सिसिलिन को नष्ट कर सकता है। इस तरह से, यह एमोक्सिसिलिन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
उत्तर: स्थिति की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर एक विशिष्ट अवधि के लिए विशिष्ट डोज़ तय करेगा। बिना डॉक्टर की सलाह अपनी मर्जी से इस दवा को लेना जारी न रखें।
उत्तर: नहीं, ऑगमेंटिन डुओ एक दर्द निवारक (पेन किलर) दवा नहीं है। यह एक एंटीबायोटिक दवा है जिसमें दो दवाओं एमोक्सिसिलिन और क्लेवुलानिक एसिड का संयोजन (कॉम्बिनेशन) होता है। इनका उपयोग बैक्टीरिया से होने वाले बहुत से संक्रमणों (इन्फेक्शन), जैसे श्वसन मार्ग और मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन, फेफड़ों, जोड़ों हड्डी, त्वचा, सॉफ्ट टिश्यू और दांत के इन्फेक्शन, आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट आपको पूरी टैबलेट पानी के साथ लेनी चाहिए, जहां तक संभव हो इसे खाने के साथ लें ताकि आप पेट की गड़बड़ी से बच सकें। इसे रोजाना एक निश्चित समय पर ही लें या अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए शिड्यूल के अनुसार लें। रोजाना इसे एक निर्धारित समय पर लेने से डोज़ छूट जाने की संभावनाएं कम हो जाएंगी और आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
उत्तर: ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट साइनस, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (श्वसन मार्ग), यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्र मार्ग), हड्डी, त्वचा, दांत और जोड़ों में होने वाले इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए काम में ली जाती है। इसका उपयोग फेफड़ों के इन्फेक्शन के इलाज में भी किया जाता है।
उत्तर: शराब और ऑगमेंटिन 625 डुओ टैबलेट के बीच किसी भी इंटरैक्शन के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि अगर आप लंबे समय से शराब पी रहे हैं, तो इससे आपका इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) और रोगाणुओं तथा संक्रमण के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया कमजोर पड़ जाती है। अगर आप अक्सर शराब पीते हैं, तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
उत्तर: हां, ऑगमेंटिन डुओ में एक सक्रिय घटक (एक्टिव कंपोनेंट) एमोक्सिसिलिन होता है। यह दवाओं के एंटीबायोटिक वर्ग से संबंधित है।
उत्तर: नहीं, ऑगमेंटिन डुओ एक स्टेरॉयड नहीं है। यह एक एंटीबायोटिक दवा है। इसमें सक्रिय घटक (एक्टिव इनग्रेडिएंट) के रूप में एमोक्सिसिलिन और क्लेवुलानिक एसिड का संयोजन (कॉम्बिनेशन) होता है।
उत्तर: नहीं, ऑगमेंटिन डुओ एक एंटीबायोटिक दवा है इसलिए आपको डॉक्टर द्वारा बताया गया कोर्स पूरा करना ही होगा। भले ही आप बेहतर महसूस कर रहे हों, आपको दवा लेनी बंद नहीं करनी है, क्योंकि इलाज अधूरा छोड़ देने पर इलाज फेल हो सकता है और संक्रमण (इन्फेक्शन) वापस आ सकता है।
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नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट दवाओं का एक कॉम्बिनेशन है जिसका उपयोग बैक्टीरिया, अमीबा या मिक्स्ड ऑर्गनिज़्म्स के कारण होने वाले दस्त के इलाज के लिए किया जाता है। इस टैबलेट में नॉरफ्लॉक्सासिन, टिनिडाज़ोल और लैक्टिक एसिड बैसिलस शामिल हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के रोगियों, गर्भवती महिलाओं और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं में नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड न देने की सलाह दी जाती है। इस दवा को प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार और डॉक्टर के निर्देशानुसार बताए समय तक लें। जी मिचलाना, मुंह सूखना, पेट में दर्द या बेचैनी, कब्ज़ और कमज़ोरी कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स हैं जो आप नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट लेते समय अनुभव कर सकते हैं। ये साइड इफ़ेक्ट ज़्यादा समय तक के लिए नहीं रहते हैं। हालांकि, अगर आपको लगता है कि साइड इफेक्ट अभी भी हो रहे हैं या आपकी कंडीशन बिगड़ जाती है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इस दवा का उपयोग करने से पहले, डॉक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी दें
नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट का उपयोग बैक्टीरिया, अमीबा या मिक्स्ड ऑर्गनिज़्म्स के कारण इन्फेक्शन से होने वाले दस्त के इलाज के लिए किया जाता है।
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प्रेग्नेंसी
प्रश्न: क्या प्रेग्नेंसी के दौरान नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट की स्ट्रिप ले सकते हैं?
उत्तर: प्रेग्नेंसी के दौरान नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट नहीं लेनी चाहिए क्योंकि महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान इस दवा की सुरक्षा के बारे में सीमित जानकारी उपलब्ध है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं या आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं या इस दवा को शुरू करने से पहले माँ बनने की प्लानिंग कर रही हैं तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग
प्रश्न: क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट की स्ट्रिप ले सकते हैं?
उत्तर: नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट महिलाओं के दूध में मिल जाती है और माँ का दूध पी रहे बच्चे को इससे नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह दवा न लेने की सलाह दी जाती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इस दवा का उपयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ड्राइविंग
प्रश्न: क्या नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट लेने के बाद गाड़ी चला सकते हैं?
उत्तर: नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट लेने के बाद आपको चक्कर आ सकता है और आपको नींद आने जैसा भी महसूस हो सकता है; अगर आपको तबीयत सही न लगे या आप अलर्ट नहीं रह पा रहे हैं तो आपको ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए।
शराब
प्रश्न: क्या नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट के साथ शराब पी सकते हैं?
उत्तर: नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट के साथ इलाज के दौरान और इलाज के 3 दिन बाद तक कोई भी ऐसी चीज़ न खाएं-पिएं जिसमें अल्कोहल और इथेनॉल या प्रोपाइलीन ग्लाइकोल हो। ऐसा न करने पर पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द और त्वचा लाल होने जैसे लक्षण हो सकते हैं।
अपने डॉक्टर से बात करें अगर
यह कैसे काम करती है?
ओवरडोज़
अगर आपने इस दवा की बहुत ज़्यादा डोज़ ले ली है, तो फौरन अपने डॉक्टर से बात करें या नज़दीकी अस्पताल में जाएँ।
अगर आप नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट की कोई डोज़ कभी मिस न करें तो आपके लिए बेहतर होगा क्योंकि डोज़ मिस होने से इलाज बेकार हो सकता है। अगर आपने इस दवा की कोई डोज़ मिस कर दी है, तो याद आते ही इसे ले लें। अगर अगली डोज़ का समय हो गया है तो मिस की गई डोज़ न लें और अपने नियमित डोज़िंग शेड्यूल को जारी रखें। मिस हुई डोज़ की कमी पूरी करने के लिए दवा की डबल डोज़ न लें।
नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट का उपयोग बैक्टीरिया, अमीबा या मिक्स्ड ऑर्गनिज़्म्स के इन्फेक्शन के कारण होने वाले दस्त के इलाज के लिए किया जाता है।
प्रेग्नेंसी में नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इसकी इस दवा की सुरक्षा (सेफ्टी) और प्रभावकारिता (एफिकेसी) के बारे में सीमित जानकारी है। किसी भी दवा को शुरू करने से पहले आपको हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और खुद अपना डॉक्टर बनने से बचना चाहिए।
नहीं, इन गोलियों को केवल आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए समय तक के लिए ही लिया जाना चाहिए। अगर आप इसे बताए गए समय से अधिक या कम समय के लिए उपयोग करते हैं, तो मुमकिन है कि बैक्टीरिया की रेज़िस्टेंस डेवेलप होने के कारण इस दवा की अगली डोज़ का असर कम हो।
नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट दवाओं का एक कॉम्बिनेशन है जिसमें टिनिडाज़ोल, नॉरफ्लॉक्सासिन और लैक्टिक एसिड बेसिलस शामिल हैं। इसका उपयोग इन्फेक्शन के कारण होने वाले दस्त के इलाज के लिए किया जाता है। यह उन बैक्टीरिया और प्रोटोज़ोआ को खत्म करती है जिनके कारण दस्त होता है, इस तरह से ये आंत (इंटेस्टाइन) में स्वस्थ बैक्टीरिया को बनाए रखने का काम करती है।
हाँ, नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट एक एंटीबायोटिक है। इस दवा के दो कंपोनेंट नॉरफ्लॉक्सासिन और टिनिडाज़ोल एंटीबायोटिक्स हैं। ये डायरिया का कारण बनने वाले बैक्टीरिया और अमीबा के खिलाफ काम करते हैं।
नहीं, नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट का उपयोग यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसका उपयोग दस्त के इलाज के लिए किया जाता है।
नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट के उपयोग से कब्ज़ हो सकता है। अगर आप इस दवा का उपयोग करते समय कब्ज़ की गंभीर समस्या या किसी अन्य परेशानी का अनुभव करते हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें।
ओ2 टैबलेट में दो दवाएं, ओफ़्लॉक्सासिन और ऑर्निडाज़ोल का कॉम्बिनेशन है जबकि नॉरफ़्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट में नॉरफ़्लॉक्सासिन, टिनिडाज़ोल और लैक्टिक एसिड बेसिलस का कॉम्बिनेशन होता है। इन दोनों दवाओं का उपयोग डायरिया के इलाज में किया जाता है और इनकी कंपोज़ीशन अलग-अलग होती है। दस्त जिस कारण से हुआ है उसके आधार पर, आपके डॉक्टर आपके लिए सही दवा लिखेंगे। आपको यह दवा केवल अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए अनुसार लेनी चाहिए और अपना इलाज खुद करने की ग़लती नहीं करनी चाहिए।
मेट्रोजिल 400 टैबलेट में एक्टिव इंग्रेडिएंट मेट्रोनिडाज़ोल है जबकि नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड टैबलेट में एक्टिव इंग्रेडिएंट नॉरफ्लॉक्सासिन, टिनिडाज़ोल और लैक्टिक एसिड बेसिलस हैं। इन दोनों दवाओं का उपयोग अलग-अलग ऑर्गनिज़्म के कारण होने वाले दस्त के इलाज में किया जाता है। आपका डॉक्टर आपके डायग्नोसिस के बाद और आपकी मेडिकल हिस्ट्री पर विचार करने के बाद इनमें से कोई भी दवा लिखेगा। यह सलाह दी जाती है कि किसी भी मामले में अपना डॉक्टर खुद बनने से बचें और अपने डॉक्टर द्वारा प्रेसक्राइब की गई दवा ही लें।
नहीं, आपको एंटासिड और नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड एक साथ लेने से बचना चाहिए। इन दोनों दवाओं को लेने के बीच कम से कम 2-3 घंटे का अंतर होना चाहिए।
आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार खाना खाने या दूध और/या अन्य डेयरी प्रोडक्ट लेने से कम से कम 1 घंटे पहले या कम से कम 2 घंटे बाद नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड लेनी चाहिए।
इस एंटीबायोटिक दवा की डोज़ और इसे लेने की फ्रीक्वेंसी आम तौर पर इस बात पर निर्भर करती है कि किस तरह का इन्फेक्शन है और कितना ज़्यादा है। इसलिए आपको यह दवा बिल्कुल डॉक्टर के बताए अनुसार ही लेनी चाहिए। आपको डॉक्टर द्वारा बताई गई डेली डोज़ से ज़्यादा डोज़ नहीं लेनी चाहिए। साथ ही, इस डोज़ को डॉक्टर के बताए तय समय तक ही लेना चाहिए।
अगर आप गर्भवती या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां हैं या अगर आपको पहले टेंडन इन्फेक्शन, मांसपेशियों में कमज़ोरी या दिमाग या नसों की समस्याएं रही हैं तो नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड न लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही, 18 साल से कम आयु के रोगियों में भी इसे न लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए, हमारा सुझाव है कि यह दवा केवल डॉक्टर द्वारा प्रेसक्राइब किए जाने पर ही ली जाए। इसके अलावा, इस दवा का उपयोग करने से पहले, डॉक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी दें।
नॉरफ्लॉक्स-टीज़ेड को बिल्कुल डॉक्टर के बताए अनुसार ही लें। हालांकि, बेहतर अब्सोर्पशन और अच्छे नतीजे पाने के लिए इसे खाने से पहले या खाने के 1-2 घंटे बाद लेना चाहिए।
आमतौर पर, नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड लिए जाने के 1-2 घंटे बाद अपना असर दिखाती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट नहीं लेनी चाहिए क्योंकि महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान इस दवा की सुरक्षा के बारे में सीमित जानकारी उपलब्ध है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं या आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं या इस दवा को शुरू करने से पहले माँ बनने की प्लानिंग कर रही हैं तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
हां, आप लूज़ मोशन या पेट के इन्फेक्शन के लिए नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड ले सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही ऐसा करें। आपकी स्थिति कितनी बिगड़ी हुई है इसके आधार पर डॉक्टर एक तय समय तक लेने के लिए आपके लिए उचित दवा लिखेंगे।
नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड टैबलेट महिलाओं के दूध में मिल जाती है और माँ का दूध पी रहे बच्चे को इससे नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह दवा न लेने की सलाह दी जाती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इस दवा का उपयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डायबिटीज़ के रोगियों को यह दवा लेते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। चूंकि नॉरफ्लॉक्स टीज़ेड और एंटीडायबिटिक दवा का एक साथ उपयोग करने से आपके ब्लड शुगर लेवल पर असर पड़ सकता है। डॉक्टर आपको नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करने के लिए कह सकते हैं। इसलिए इस दवा को केवल डॉक्टर द्वारा प्रेसक्राइब किए जाने पर ही लेने की सलाह दी जाती है।
नहीं, पेट में ऐंठन (क्रैम्प) ठीक करने के लिए यह दवा न लें। पेट में ऐंठन की वजह डायग्नोस करने के बाद डॉक्टर आपके लिए ज़रूरी दवाएं लिखेंगे। अपना डॉक्टर खुद बनने की ग़लती न करें।
Disclaimer: The information included on this site is for educational purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional. Because of unique individual needs, the reader should consult their physician to determine the appropriateness of the information for the reader’s situation.
ज़िंकोविट टैबलेट विटामिन और मिनरल की कमी का इलाज करने और इनकी कमी होने से रोकने के काम आती है। यह शरीर को नुकसान से बचाने, इम्युनिटी, मेटाबोलिज़्म और शरीर के अन्य कार्यों को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। ज़िंकोविट एक मल्टीविटामिन और मल्टीमिनरल सप्लीमेंट है। इस दवा में ग्रेपसीड एक्सट्रेक्ट (अंगूर के बीज का अर्क) जो एक शानदार एंटीऑक्सीडेंट है, के अतिरिक्त लाभों के साथ आवश्यक विटामिन और मिनरल्स का कॉम्बिनेशन है। ज़िंकोविट त्वचा, बालों, हड्डियों और जोड़ों (जॉइंट्स) को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करती है। इसे डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह के अनुसार ही लें।
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अन्य सामान्य चेतावनियाँ
अपने डॉक्टर से बात करें अगर
ज़िंकोविट टैबलेट आपको अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह के अनुसार ही लेनी चाहिए।
आपको सप्लीमेंट लेने के लिए बताई गई डेली डोज़ से ज़्यादा डोज़ नहीं लेनी चाहिए।
ज़िंकोविट की टैबलेट अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें। इस सप्लीमेंट की तय की गई डोज़ से ज़्यादा डोज़ न लें क्योंकि ऐसा करने से ओवरडोज़ हो सकती है।
इस दवा के साइड इफेक्ट्स में आपको जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, और पेट खराब होने का अनुभव हो सकता है। हालांकि ये कुछ समय तक ही रहते हैं और जैसे-जैसे आपका शरीर इस सप्लीमेंट के साथ एडजस्ट करता है वैसे-वैसे ये साइड इफ़ेक्ट चले जाते हैं। अगर साइड इफ़ेक्ट बने रहते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
ज़िंकोविट की टैबलेट अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लें। आपको इसे एक गिलास पानी के साथ निगल लेना चाहिए। टैबलेट को तोड़ें, काटें या चबाएं नहीं। अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट द्वारा इसकी बताई गई डोज़ से ज़्यादा डोज़ न लें।
हाँ, प्रेग्नेंसी के दौरान ज़िंकोविट टैबलेट को लिया जा सकता है। हालांकि, हमारा सुझाव है कि गर्भवती होने पर कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
ज़िंकोविट टैबलेट को अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए अनुसार ही लें, इसे सुबह में लेना बेहतर है, क्योंकि दिन में हमारा शरीर ज़्यादा एक्टिव होकर काम करता है।
आप अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार, ज़िंकोविट को दिन या रात में ले सकते हैं। आमतौर पर, ज़िंक की डोज़ सबसे ज़्यादा तब असर करती है जब इसे खाने से कम से कम 1 घंटे पहले या 2 घंटे बाद लिया जाता है। हालांकि, अगर आपको पेट खराब लगता है, तो इसे खाने के साथ भी लिया जा सकता है, अगर डॉक्टर ऐसी सलाह देते हैं।
ज़िंकोविट में ग्रेपसीड एक्सट्रेक्ट (अंगूर के बीज का अर्क) जो एक शानदार एंटीऑक्सीडेंट है, के अतिरिक्त लाभों के साथ आवश्यक विटामिन और मिनरल्स का कॉम्बिनेशन है। दूसरे शब्दों में, यह एक न्यूट्रीश्नल सप्लीमेंट है जिसमें मल्टीविटामिन और मल्टीमिनरल शामिल हैं।
नहीं, ज़िंकोविट एक स्वास्थ्य सप्लीमेंट है, इसे लेने से वज़न बढ़ने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।
नहीं, ज़िंकोविट टैबलेट एक हैल्थ सप्लीमेंट है जिसमें विटामिन, मिनरल और नेचुरल ग्रेपसीड एक्सट्रेक्ट जैसे ज़रूरी न्यूट्रीएंट्स का मिश्रण होता है।
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बीप्लैक्स फोर्ट टैबलेट एक मल्टीविटामिन सप्लीमेंट है और इसका उपयोग विटामिन की कमी का इलाज करने के लिए किया जाता है। यह इम्यून सिस्टम और एनर्जी लेवल को बढ़ाने में भी मदद करता है। बीप्लैक्स फोर्ट का उपयोग प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सप्लीमेंट के रूप में भी किया जाता है। यह सर्जरी के बाद न्यूट्रीएंट मालएब्सोर्पशन वाले रोगियों में भी सहायक होता है। जब शरीर को विटामिन की आवश्यकता होती है तो टैब बीप्लैक्स फोर्ट न्यूट्रीशन की कमी को पूरा करने में सहायक होता है। इस टैबलेट में विटामिन सी और बी-कॉम्प्लेक्स होता है। इसे डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह के अनुसार बताई गई डोज़ में और समय तक ही लिया जाना चाहिए।
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अपने डॉक्टर से बात करें अगर
बीप्लैक्स फोर्ट टैबलेट की बहुत ज़्यादा डोज़ लेने से शरीर के हिस्सों के हिलने-डुलने का नियंत्रण खोना, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, लिवर फंक्शन में गड़बड़ी, पेट खराब होना आदि समस्याएं हो सकती हैं।
काटने (बाईटिंग), पेट में ज़्यादा एसिड बनने, विटामिन की कमी, तनाव या खाने-पीने की कुछ चीज़ों के कारण और अन्य कई कारणों से अल्सर हो सकता है। अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
बीप्लैक्स फोर्ट टैबलेट में विटामिन सी और विटामिन बी-कॉप्लैक्स के साथ-साथ थायमिन (बी1), राइबोफ्लेविन (बी2), नियासिन (बी3), कैल्शियम पैंटोथेनेट (बी5), पाइरिडोक्सिन (बी6), बायोटिन (बी7), फोलिक एसिड (बी9) और कोबालिन (बी12) का कॉम्बिनेशन है।
बीप्लैक्स फोर्ट टैबलेट का उपयोग विटामिन सी और विटामिन बी-कॉप्लैक्स की कमी का इलाज करने के लिए किया जाता है। जब शरीर को विटामिन की ज़्यादा ज़रूरत होती है, जैसे कि न्यूट्रीएंट मालअब्सोर्पशन (पोषक तत्वों का सही से न पचना) में, सर्जरी के बाद या प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, तब भी इसका उपयोग सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है। हालांकि, अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें और कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
पीडियाट्रीशियन के प्रिस्क्रिप्शन के बिना बच्चे को कोई दवा नहीं दी जानी चाहिए। बच्चे अपने सभी लक्षणों को सही से नहीं बता पाते हैं, इसलिए माता-पिता को खुद ही डॉक्टर बनके डायग्नोसिस करने की ग़लती नहीं करनी चाहिए।
बीप्लैक्स फोर्ट लेने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है यानी दिन का पहला खाना खाने के बाद का समय। खाने के साथ मल्टीविटामिन लेने से कुछ न्यूट्रीएंट्स का एब्सोर्पशन बढ़ाने के साथ-साथ डाइजेशन (खाना पचने) की समस्याओं का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।
हां, आपके डॉक्टर की सलाह के अनुसार बीप्लैक्स फोर्ट को नियमित रूप से लिया जा सकता है। हालांकि, इसे केवल बताए गए समय तक के लिए ही लिया जाना चाहिए। विटामिन की डोज़ को प्रेसक्राइब की गई डोज़ और बताए गए समय से ज़्यादा न लें।
नहीं, यह एंटीबायोटिक नहीं है। बीप्लैक्स फोर्ट टैबलेट एक मल्टीविटामिन सप्लीमेंट है और इसका उपयोग विटामिन की कमी का इलाज करने के लिए किया जाता है। यह इम्यून सिस्टम और एनर्जी लेवल को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसका उपयोग तब भी किया जाता है जब शरीर को विटामिन की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, जैसे कि न्यूट्रीएंट मालअब्सोर्पशन (पोषक तत्वों का सही से न पचना) में, सर्जरी के बाद या प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, तब भी इसका उपयोग सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है।
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शेलकैल 500 टैबलेट एक विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट है। इसमें मुख्य इंग्रेडिएंट के रूप में कैल्शियम और विटामिन डी3 (कोलेकैल्सीफेरोल) मौजूद है। हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी3 दो ज़रूरी कंपोनेंट हैं। इन दोनों न्यूट्रीएंट्स की कमी से हड्डी और जोड़ों की समस्याएं हो सकती हैं। शेलकैल 500 एक न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट है और इसे बैलेंस्ड डाइट का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अगर आपको इसके किसी कंपोनेंट से एलर्जी है, किडनी की समस्या है या शरीर में विटामिन डी का लेवल बढ़ गया है तो आपको यह सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए।
अपने डॉक्टर से बात करें अगर
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बहुत कम फ़ूड प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिनसे विटामिन डी अच्छी क्वांटिटी में मिलता है जैसे कि कॉड लिवर ऑइल, चीज़ (पनीर), एग योल्क (अंडे की ज़र्दी)।
जब हम सूरज के संपर्क में आते हैं तो हमारी त्वचा के अंदर विटामिन डी बनता है।
सप्ताह में कम से कम दो बार सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक धूप में 10-30 मिनट तक रहने से विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
आजकल के लाइफस्टाइल में, हम सभी ऑफिस, घर और कार में एयर-कंडीशनर चलाकर रहते हैं, जहाँ शायद ही धूप आती है।
इससे हर उम्र के लोगों में विटामिन डी की कमी हो रही है और फ्रैक्चर, मांसपेशियों में कमज़ोरी होने की समस्याएं बढ़ रही हैं।
बहुत सी रिसर्च हो रही हैं जो यह बताती हैं कि डायबिटीज़ को शुरुआत में ही रोकने में, कोलन, ब्रेस्ट के कैंसर, इम्यूनिटी बिल्ड करने में विटामिन डी मदद करता है।
हाँ, शेलकैल 500 की ज़्यादा टैबलेट लेने से नुकसान हो सकता है। एक गलत धारणा है कि बहुत ज़्यादा विटामिन लेने से कोई नुकसान नहीं होता।
जब विटामिन डी और कैल्शियम को बहुत अधिक मात्रा में या हाई डोज़ में लंबे समय तक लिया जाता है, तो इसकी अधिक मात्रा से ओवरडोज़ हो सकता है।
ओवरडोज़ होने से कम भूख लगना, जी मिचलाना, उल्टी,कब्ज़, किडनी स्टोन, हड्डियों में दर्द, बहुत प्यास लगना, ब्लड और यूरीन में कैल्शियम का बढ़ना, मांसपेशियों में कमज़ोरी, दिल की धड़कन अनियमित होना जैसे अनुभव हो सकते हैं।
अगर आपको लगता है कि आपने इस दवा की बहुत ज़्यादा डोज़ ले ली है, तो इसे लेना बंद कर दें और तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
शेलकैल 500 का उपयोग कैल्शियम और विटामिन की कमी का इलाज करने के लिए किया जाता है। इससे हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।
शेलकैल 500 में विटामिन डी3 और कैल्शियम है। विटामिन डी3 वाला कोई और सप्लीमेंट लेने से ओवरडोज़ और अनचाहे प्रभाव हो सकते हैं।
नहीं, शेलकैल 500 एक न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट है, यह मसल ट्विच या मांसपेशियों के मरोड़ को नियंत्रित नहीं कर सकती। एक मांसपेशी या कई मांसपेशियों में अचानक होने वाले कॉन्ट्रैक्शन को मसल ट्विच कहते है। मसल ट्विच तनाव, गलत तरीके से कसरत करने, ग़लत खान-पान, कैफीन का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल करने या चिंता के कारण हो सकता है। यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन अगर आपको इससे बहुत ज़्यादा समस्या हो रही है तो डॉक्टर की सलाह लें।
हाँ, अगर डायबिटीज़ के रोगी का इलाज करने वाले डॉक्टर शेलकैल 500 लेने की सलाह देते हैं तो वे इसे ले सकते हैं। हालांकि, इसकी कोई जानकारी नहीं है कि कैल्शियम और विटामिन डी3 से बढ़े हुए ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में (जो डायबिटीज़ के रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है) कोई मदद मिलती है या नहीं।
शेलकैल को खाने के बाद या डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लिया जाना चाहिए। खाने के बाद शेलकैल को लेने से इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन डी अच्छी तरह से एब्सोर्ब हो जाते हैं। इसलिए आप इसे सुबह के पहले खाने के बाद भी ले सकते हैं। बेहतर नतीजों के लिए इसे नियमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है।
शेलकैल 500 की कंपोज़ीशन में कैल्शियम और विटामिन डी3 (कोलेकैल्सीफेरोल) मुख्य इंग्रेडिएंट के रूप में मौजूद है। हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ये दोनों कंपोनेंट ज़रूरी हैं और इन दो न्यूट्रीएंट्स की कमी से हड्डी और जोड़ों की समस्याएं हो सकती हैं।
हाँ, शेलकैल 500 प्रेग्नेंसी के दौरान इस्तेमाल करना सुरक्षित है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर आपके लिए सही डोज़ तय करेंगे।
विटामिन डी3 के कई फ़ायदे बताए गए हैं। हालांकि, विटामिन डी3 कुछ ऐसे लोगों में किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है जिनमें विटामिन की कोई कमी नहीं हैं।
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