"MedicalWebPage", "FAQPage"

Get more insightful and

helpful tips to

treat Diabetes for FREE

Want an ad free reading experience?

Download PharmEasy App

Banner Image

Register to Avail the Offer

Send OTP

By continuing, you agree with our Privacy Policy and Terms and Conditions

Success Banner Image

Comments

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Leave your comment here

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
Advertisement

शकरकंदी (Sweet Potato in Hindi): उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr. Nikita Toshi +2 more

Table of Contents

परिचय:

पुराने समय से ही, शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) दुनिया भर के लोगों के प्रमुख भोजन का हिस्सा रहा है। जहां शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) या इपोमोएया बटाटास मॉर्निंग ग्लोरी फ़ैमिली (कॉन्वोल्वुलेसी) की एक खाने योग्य जड़ है, वहीं आलू (पोटैटो) नाइटशेड फ़ैमिली (सोलानेसी) का खाने योग्य कंद है। शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) मूल रूप से दक्षिण अमेरिका में पायी जाती है, वहीं से वह दुनिया भर के गर्म-समशीतोष्ण क्षेत्रों में इसे उगाया जाने लगा। भारत में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) स्पेन के लोगों द्वारा लाई गई थी। स्थानीय भाषा में इसे शकरकंद या शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) कहा जाता है।

Sweet Potato

बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसकी खेती होती है। आमतौर पर मिलने शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) की किस्मों में इसका छिलका तांबे के रंग का और गूदा नारंगी रंग का होता है। इसके अलावा कुछ और किस्में भी पाई जाती हैं जहां इसका रंग पीला, सफ़ेद, गहरा बैंगनी और क्रीम भी होता है। जैसा कि इसके नाम ‘स्वीट पोटैटो’ में ही निहित है इसका स्वाद भी मीठा होता है। इसे पकाकर, भूनकर, सूप के तौर पर और सलाद में डाला जाता है। खाने में तो इसका उपयोग होता ही है, किंतु इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत से हैं। आइए जानें कि स्वस्थ जीवन के लिए आपको अपने आहार में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) क्यों शामिल करनी चाहिए।1-3

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में पाए जाने वाले पोषक तत्व:

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में डायटरी फ़ाइबर, मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बीटा-कैरोटीन, विटामिन बी2, सी और ई, तथा बीटा-कैरोटीन एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में पाए जाने वाले पोषक तत्वों का विवरण नीचे टेबल में दिया गया है –

पोषक तत्ववैल्यू/प्रति 100 g
ऊर्जा360 किलो जौल 
चीनी4.2 ग्राम 
डायटरी फ़ाइबर3.0 ग्राम 
प्रोटीन1.6 ग्राम 
वसा0.1 ग्राम 
पोटाशियम337 मिलीग्राम 
सोडियम55 मिलीग्राम 
फास्फोरस47.0 मिलीग्राम 
कैल्शियम30.0 मिलीग्राम 
विटामिन सी2.4 मिलीग्राम 
विटामिन ए709 माइक्रोग्राम 
फ़ोलेट11 माइक्रोग्राम 

टेबल 1: शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में पाए जाने वाले पोषक तत्व4

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के गुण:

इपोमोएया बटाटास में मौजूद वैज्ञानिक रूप से सिद्ध गुण इस प्रकार हैं:

  • यह अनावश्यक रूप से बनने वाले रक्त के थक्कों (ब्लड क्लॉट) से बचा सकता है।
  • यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य कर सकता है।
  • इसमें मधुमेह-रोधी गुण हो सकते हैं।
  • यह जीवाणु-रोधी क्रिया कर सकता है।
  • यह अल्सर से बनने बचा सकता है।
  • यह हृदय के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
  • इसमें लीवर को फायदा पहुंचाने की क्षमता हो सकती है।
  • यह रात के अंधेपन (नाइट ब्लाइंडनेस) को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।4,5

संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के संभावित उपयोग:

Sampoorn swasth ke liye Shakarkandi (Sweet Potato) ke sambhavit upyog:

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के कुछ संभावित लाभ इस प्रकार हैं:

कोलोरेक्टल कैंसर में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के संभावित इस्तेमाल

कोलोरेक्टल कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही अक्सर पाया जाता है। पेंग-गाओ एट अल. ने 2013 में कोलोरेक्टल कैंसर पर शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के प्रभाव के आकलन के लिए एक अध्ययन किया था। अध्ययन में पाया गया कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में (एंटी-प्रोलिफेरेटिव प्रभाव वाली) कोशिकाओं की वृद्धि को दबाने की क्षमता हो सकती है और यह शरीर के अन्य भागों में कैंसर के प्रसार (एंटी-मेटास्टेटिक प्रभाव) को रोक सकती है। शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में पाए जाने वाला प्रोटीन (एसपीपी) कैंसर-रोधी तंत्र की तरह काम करता है। इससे यह पता चलता है कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है। हालाँकि, इस दावे के समर्थन वाले वैज्ञानिक प्रमाण अभी बहुत सीमित हैं, इसके लिए आगे और रिसर्च करने की आवश्यकता है।6

असामान्य लिपिड लेवल्स में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के संभावित इस्तेमाल

असामान्य लिपिड लेवल का अर्थ है प्लाज़मा कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि, कम डेन्सिटी वाले लिपोप्रोटीन का बढ़ना और हाई डेन्सिटी वाले लिपोप्रोटीन में कमी। नाओमी एट अल द्वारा 2021 में सुझाव दिया गया था कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स लिपिड के चयापचय में शामिल एंज़ाइमों को विनियमित करके फ़ैट के अवशोषण को कम करती है। इस तंत्र के ज़रिए फ़्लेवोनोइड्स कुल कोलेस्ट्रॉल और कम डेन्सिटी वाले लिपोप्रोटीन के स्तर को कम करते हैं और हाई डेन्सिटी वाले लिपोप्रोटीन के स्तर को बढ़ाते हैं। इससे पता चलता है कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सेवन लिपिड के स्तर को सामान्य करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इन दावों का समर्थन करने के लिए हमें और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है।7

न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के संभावित इस्तेमाल

न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग न्यूरॉन्स के क्रमिक अधःपतन (ग्रैजुअल डिजनरेशन) के कारण होते हैं, जो नर्वस सिस्टम को संचालित करते हैं। अल्ज़ाइमर रोग, पार्किंसंस रोग और स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के कुछ उदाहरण हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव इन रोगों का मुख्य कारण है। शान एट अल ने 2009 में एक समीक्षा की थी, जिसमें बताया गया था कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में पाए जाने वाले एंथोसायनिन में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव डाल सकते हैं। इससे पता चलता है कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सेवन न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हालाँकि, इन दावों का समर्थन वाले वैज्ञानिक साक्ष्य अभी सीमित हैं, इसलिए इसमें और नैदानिक अध्ययन करने की आवश्यकता है।8

 डायबिटीज़ में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के संभावित इस्तेमाल

 पारंपरिक चिकित्सा में टाइप 2 डायबिटीज़ पर नियंत्रण पाने के लिए शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालाँकि, ली एट अल द्वारा 2009 में जानवरों पर किए अध्ययन ने यह उजागर किया है कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) ब्लड-ग्लूकोज़ को कम करने में प्रभावी सिद्ध होती है। इसके अलावा, उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे रक्त में ग्लूकोज़ धीमे बनाता है; इस स्थिर गति की वजह से ब्लड-ग्लूकोज़ को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। चिऊ एट अल द्वारा 2013 में किए गए एक परीक्षण में बताया गया है कि जिन 122 प्रतिभागियों ने शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सप्लीमेंट के तौर पर सेवन किया, उनके HbA1c में मामूली कमी दिखाई दी, जो ग्लाइसेमिक नियंत्रण को दर्शाता है और उनमें दो से तीन महीनों में ब्लड-ग्लूकोज़ का स्तर औसत रहा। इससे पता चलता है कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में डायबिटीज़ को नियंत्रित करने की क्षमता हो सकती है, लेकिन इन दावों के समर्थन के लिए हमें और अधिक वैज्ञानिक प्रमाणों की आवश्यकता है।9

सूजन और जलन में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के संभावित इस्तेमाल

बहुत से फलों और सब्ज़ियों में कैफ़िक एसिड नामक पॉलीफेनोलिक कम्पाउंड, प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कोलाइटिस में अपने एंटी-इंफ़्लामेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभावों के लिए जाना जाता है। कोलन में प्रासंगिक संकेंद्रण तक पहुँचने के बाद, यह आँतों की कोशिकाओं के संपर्क में आता है और एंटी- इंफ़्लामेटरी प्रभाव डालता है। शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में भी कैफ़िक एसिड भरपूर मात्रा में होता है और उसमें कोलाइटिस पर नियंत्रण करने की क्षमता होती है। हालाँकि, इसके लिए कोई वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध नहीं है, इसलिए इन दावों को प्रमाणित करने के लिए और अधिक अध्ययनों की ज़रुरत है।10, 11

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के अन्य संभावित उपयोग: 12

  •  शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) एंटीऑक्सीडेंट बीटा-कैरोटीन से भरपूर होती है, जो शरीर में विटामिन ए में बदल जाता है जो आँखों में लाइट डिटेक्टिंग रिसेप्टर्स के निर्माण में भूमिका निभाता है। लाइट डिटेक्टिंग रिसेप्टर्स में वृद्धि से दृष्टि अच्छी होती है। तो इससे हमारी आँखों की रोशनी में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
  • शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में डायटरी फ़ाइबर की मौजूदगी कब्ज़ दूर कर सकती है। इसके अतिरिक्त, इनमें उच्च मात्रा में फाइटोस्टेरॉल होता है जिसका पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • इसमें मौजूद विटामिन ए इम्यूनिटी बढ़ाने और इंफ़ेक्शन से बचाने में मदद कर सकता है। 
  • शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में विटामिन ए और सी प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण, यह बालों और त्वचा के लिए फ़ायदेमंद सिद्ध हो सकती है।

ऐसे अध्ययन हैं जो विभिन्न स्थितियों में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के लाभों के बारे में बताते हैं, पर ये अपर्याप्त हैं तथा मानव स्वास्थ्य पर शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के लाभों का सही आकलन करने के लिए और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है।

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का उपयोग कैसे करें?

  • शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) को साबुत पकाया जा सकता है, या सलाद या सूप में काट कर डाला जा सकता है।
  • शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) को खाने के लिए आप उसे बेक कर सकते हैं, भून सकते हैं या उबाल भी सकते हैं।1

इसे किसी भी हर्बल सप्लीमेंट के रूप में लेने से पहले आपको किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। किसी योग्य डॉक्टर से सुझाव लिए बिना आयुर्वेदिक/हर्बल औषधी के साथ आधुनिक मेडिसिन के चल रहे इलाज को बंद करें या बदलें।

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के साइड इफ़ेक्ट्स:

 शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के सेवन से जुड़े कुछ साइड इफ़ेक्ट्स इस प्रकार हैं:

  • चाऊ एट अल ने 2013 में एक अध्ययन किया था, जिसमें बताया गया था कि शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के सेवन के बाद एनाफिलेक्सिस (गंभीर एलर्जी) के कुछ मामले सामने आए थे।9
  • शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में ऑक्सालेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इससे गुर्दे (किडनी) की पथरी बन सकती है।13
  • अधिक मात्रा में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) खाने से विटामिन ए विषाक्तता बढ़ सकती है जो त्वचा पर चकत्ते (स्किन रैश) और सिरदर्द पैदा कर सकती है।13
  • फ़ाइबर की अधिकता होने के कारण शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के अधिक सेवन से सूजन, पेट दर्द और दस्त की शिकायत हो सकती है।13

हालाँकि, यदि आपको शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के सेवन के बाद कोई प्रतिकूल असर महसूस होता है, तो इसका सेवन बंद कर दें और तुरंत डॉक्टर या अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें, जिन्होंने आपको इसके सेवन की सलाह दी है। वे लक्षणों को देखकर उचित सलाह दे सकेंगे।

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के सेवन में ली जाने वाली सावधानियाँ:

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए। हालाँकि, निम्नलिखित स्थितियों में कुछ सामान्य सावधानियाँ बरतना आवश्यक है:

  • अन्य फलों और सब्ज़ियों की तरह शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) को भी इस्तेमाल करने से पहले हमेशा धोने की सलाह दी जाती है।
  • यह सलाह दी जाती है कि छिलके पर मौजूद विषैले तत्वों को हटाने के लिए शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) को ब्लांच करें (कुछ समय के लिए उबलते पानी में डुबो कर रखें)। ब्लांचिंग से पोषक तत्वों का अवशोषण भी बढ़ता है।9

अन्य दवाओं के साथ लिया जाना:

 अन्य दवाओं के साथ शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) की कोई खास पारस्परिक क्रिया नहीं होती। हालाँकि, आपको अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से यह अवश्य पता करें कि दूसरी दवाओं के साथ शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सेवन किया जा सकता है या नहीं। इससे वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति और आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं के बारे में भी जान लेंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

1) शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का वैज्ञानिक नाम क्या है?

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का वैज्ञानिक नाम इपोमोएया बटाटास है।1

2) शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) और आलू में क्या अंतर है?

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) या इपोमोएया बटाटास मॉर्निंग ग्लोरी फ़ैमिली (कॉन्वोल्वुलेसी) की खाने योग्य जड़ है, जबकि आलू नाइटशेड फ़ैमिली (सोलानेसी) का खाने योग्य कंद है।1

3) क्या शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) कब्ज़ में फ़ायदेमंद हो सकती है?

जी हाँ, शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) कब्ज़ में राहत पहुँचा सकती है; ऐसा उसमें डायटरी फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण होता है। हालाँकि, इन दावों के लिए अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है। इसलिए, कब्ज़ होने की स्थिति में उचित उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।7

4) दृष्टि (विज़न) के मामले में शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) कैसे फ़ायदा पहुँचाती है?

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) में एंटीऑक्सीडेंट बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर में विटामिन ए में बदल जाता है। यह आँखों में लाइट डिटेक्टिंग रिसेप्टर्स के निर्माण में भूमिका निभाता है। लाइट डिटेक्टिंग रिसेप्टर्स में वृद्धि से दृष्टि अच्छी होती है। तो इस प्रकार शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) हमारी आँखों की रोशनी में सुधार करने में मदद कर सकती है। हालाँकि, इसके समर्थन में वैज्ञानिक प्रमाण बहुत सीमित हैं और हमें इन दावों को सिद्ध करने के लिए और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है। यदि आपको दृष्टि संबंधी कोई समस्या है तो उचित उपचार के लिए चिकित्सक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।1

5) शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) का सेवन अधिक करने के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं?

शकरकंदी (स्वीट पोटैटो) के सेवन से एनाफिलेक्सिस (गंभीर एलर्जीक रिएक्शन) के कुछ मामले सामने आए हैं। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से गुर्दे (किडनी) की पथरी, पेट दर्द, सूजन, दस्त आदि की शिकायत भी हो सकती है।13

References: 

  1. The Nutrition Source. Harvard School of Public Health. [Internet]. December 6, 2022. Available from: https://www.hsph.harvard.edu/nutritionsource/food-features/sweet-potatoes/ .
  2. Kenji Katayama, Akira Kobayashi, Tetsufumi Sakai, Toshikazu Kuranouchi, and Yumi Kai. Recent progress in sweetpotato breeding and cultivars for diverse applications in Japan. National Center for Bootechnology Information. [Internet]. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5407919/ .
  3. Sweet potato cultivation income; profit; project report. Agri Farming. [Internet]. December 6, 2022. Available from: https://www.agrifarming.in/sweet-potato-cultivation-income-profit-project-report .
  4. Sweet Potato (Ipomoea batatas [L.] Lam) – A Valuable Medicinal Food: A Review. Sci-hub. [Internet]. Available from: https://sci-hub.hkvisa.net/10.1089/jmf.2013.2818 .
  5. Alberto A. Escobar-Puentes, Iván Palomo, Lyanne Rodríguez, Eduardo Fuentes, Mónica A. Villegas-Ochoa, Gustavo A. González-Aguilar, Francisco J. Olivas-Aguirre, and Abraham Wall-Medrano. Sweet Potato (Ipomoea batatas L.) Phenotypes: From Agroindustry to Health Effects. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. April 6, 2022. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8997864/ .
  6. Peng-Gao Li, Tai-Hua Mu, and Le Deng. Anticancer effects of sweet potato protein on human colorectal cancer cells. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. June 7, 2013. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3671082/ .
  7. Ruth Naomi, Hasnah Bahari, Muhammad Dain Yazid, Fezah Othman, Zainul Amiruddin Zakaria, and Mohd Khairi Hussain. Potential Effects of Sweet Potato (Ipomoea batatas) in Hyperglycemia and Dyslipidemia—A Systematic Review in Diabetic Retinopathy Context. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. October 6, 2021. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8509747/ .
  8. Qun Shan, Jun Lu, Yuanlin Zheng, Jing Li, Zhong Zhou, Bin Hu, Zifeng Zhang, Shaohua Fan, Zhen Mao, Yong-Jian Wang, Daifu Ma. Purple sweet potato color ameliorates cognition deficits and attenuates oxidative damage and inflammation in aging mouse brain induced by d-galactose. PubMed. [Internet]. October 26, 2009. Available from: https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19865488/ .
  9. Cheow Peng Ooi, Seng Cheong Loke. Sweet potato for type 2 diabetes mellitus. PubMed. [Internet]. September 3, 2013. Available from: https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24000051/ .
  10. Hoang Chinh Nguyen, Chang-Chang Chen, Kuan-Hung Lin, Pi-Yu Chao, Hsin-Hung Lin, and Meng-Yuan Huang. Bioactive Compounds, Antioxidants, and Health Benefits of Sweet Potato Leaves. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. March 24, 2021. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8038024/ .
  11. Danuta Zielińska, Henryk Zieliński, José Moisés Laparra-Llopis, Dorota Szawara-Nowak, Joanna Honke, and Juan Antonio Giménez-Bastida. Caffeic Acid Modulates Processes Associated with Intestinal Inflammation. National Center for Biotechnology Information. [Internet]. February 8, 2021. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7914463/ .
  12. Dr. Nikita Toshi . 8 Surprising Health Benefits of Sweet Potato. Pharmeasy. [Internet]. May 1, 2023. Available from: https://pharmeasy.in/blog/8-surprising-health-benefits-of-sweet-potato/ .
  13. Sweet Potato Benefits, Nutrition Value & Side Effects. Wellcurve. [Internet]. December 7, 2022. Available from: https://www.wellcurve.in/blog/sweet-potato-benefits-and-nutrition-facts/ .

Disclaimer: 
The information provided here is for educational/awareness purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional and should not be relied upon to diagnose or treat any medical condition. The reader should consult a registered medical practitioner to determine the appropriateness of the information and before consuming any medication. PharmEasy does not provide any guarantee or warranty (express or implied) regarding the accuracy, adequacy, completeness, legality, reliability or usefulness of the information; and disclaims any liability arising thereof.

Links and product recommendations in the information provided here are advertisements of third-party products available on the website. PharmEasy does not make any representation on the accuracy or suitability of such products/services. Advertisements do not influence the editorial decisions or content. The information in this blog is subject to change without notice. The authors and administrators reserve the right to modify, add, or remove content without notification. It is your responsibility to review this disclaimer regularly for any changes.

You may also like

Comments

Leave your comment...