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मूत्र ग्लूकोज टेस्ट (Urine Glucose Test): क्या है, खर्च, नॉर्मल रेंज, कैसे होता है, क्यों और कब

By Dr. Ritu Budania +2 more

विवरण:

मूत्र ग्लूकोज परीक्षण यह निर्धारित करता है कि मूत्र के नमूने में कितनी चीनी (ग्लूकोज) मौजूद है। ग्लाइकोसुरिया या ग्लूकोसुरिया (glucosuria) मूत्र में ग्लूकोज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। मूत्र ग्लूकोज परीक्षण का उपयोग मधुमेह और गुर्दे के विकारों के निदान के लिए किया जाता है।

urine glucose test

नमूना प्रकार: 

यूरिन

उपवास \ खाली पेट रहना जरूरी:

नहीं

उपनाम:

यूरिन शुगर टेस्ट, ग्लूकोसुरिया टेस्ट, ग्लाइकोसुरिया टेस्ट, यूरिन शुगर

नमूना प्रकार

मूत्र ग्लूकोज परीक्षण के लिए मूत्र का नमूना लिया जाता है। 

आपको यह परीक्षण कितनी बार करना चाहिए?

मूत्र शर्करा परीक्षणों की आवृत्ति स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करती है। 

  • यदि मूत्र ग्लूकोज परीक्षण रिपोर्ट सामान्य सीमा के भीतर हैं, तो परीक्षण वर्ष में एक बार दोहराया जाता है।
  • नियंत्रित मधुमेह वाले लोगों में ग्लूकोज के स्तर की निगरानी के लिए 6 महीने में एक बार मूत्र ग्लूकोज परीक्षण दोहराया जाता है। 
  • अनियंत्रित मधुमेह मूत्र वाले लोगों में, ग्लूकोज परीक्षणों को हर हफ्ते पुनरावृत्ति की आवश्यकता होती है। मूत्र ग्लूकोज परीक्षण डॉक्टर को यह समझने में मदद करता है कि ग्लूकोज का स्तर कम हो रहा है या बढ़ रहा है। 
  • इसी तरह, रोग के पूर्वानुमान का आकलन करने के लिए गुर्दे की बीमारियों वाले लोगों में मूत्र ग्लूकोज परीक्षण अक्सर दोहराया जाता है। 

मूत्र ग्लूकोज टेस्ट के अन्य नाम 

  • ग्लूकोसुरिया टेस्ट
  • यूरिन शुगर टेस्ट
  • यूरिन शुगर
  • ग्लाइकोसुरिया टेस्ट

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1 – मूत्र ग्लूकोज परीक्षण आपको क्या बताता है?

Ans – एक मूत्र ग्लूकोज परीक्षण रेंज बताता है कि रक्त ग्लूकोज का स्तर असामान्य रूप से उच्च है या नहीं। ऊंचा मूत्र ग्लूकोज परीक्षण रेंज मधुमेह या अंतर्निहित गुर्दे विकार का संकेत दे सकता है। 

Q2 – मूत्र ग्लूकोज परीक्षण कितना सटीक है?

Ans – आमतौर पर मधुमेह के मरीजों में ब्लड शुगर टेस्ट को ज्यादा सटीक माना जाता है। मूत्र ग्लूकोस परीक्षण का अपना अलग महत्व है।  आपके चिकित्सक रक्त शर्करा परीक्षण के  साथ   मूत्र ग्लूकोज परीक्षण  की भी सलाह दे सकते हैं। 

Q3 – मूत्र ग्लूकोज परीक्षण सटीक क्यों नहीं है?

Ans – ऐसे कई कारक होते हैं जिनके कारण पेशाब का ग्लूकोज टेस्ट सही नहीं होता है। कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं
> रक्त ग्लूकोज परीक्षण (blood glucose test) मूत्र ग्लूकोज (urine glucose test) परीक्षण रिपोर्ट की तुलना में अधिक सटीक है। 
> परीक्षण कुछ घंटे पहले से रक्त ग्लूकोज मानों से पता चलता है और पूरी तरह से सटीक नहीं हो सकता है।
> आनुवंशिक गुर्दे की बीमारियों के कारण रक्त ग्लूकोज का स्तर सामान्य होने पर भी मूत्र ग्लूकोज रिपोर्ट मान ऊंचाई दिखा सकते हैं। 
> किडनी की बीमारियों में यूरिन ग्लूकोज चार्ट की वैल्यू बढ़ जाती है। इसलिए यह रक्त शर्करा के स्तर को ठीक से इंगित नहीं करता है। 
> मधुमेह के इलाज के लिए देने जाने वाली कुछ दवाइयों की वजह से भी यूरिन ग्लूकोज की मात्रा बढ़ सकती है।  इसलिए इस जांच का सही मतलब समझने के लिए एक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

Q4 – मधुमेह मूत्र क्या रंग है?

Ans – जब बहुत अधिक चीनी मूत्र में बनती है, तो यह क्लाउडी मूत्र बना सकती है। मूत्र में फलदार या मीठी गंध भी हो सकती है।

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