मशरूम (Mushroom in Hindi) के उपयोग, फ़ायदे, और न्यूट्रिशनल वैल्यू
By Dr Smita Barode +2 more
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“बिना मशरूम के खाना बिना बारिश के दिन जैसा होता है”। मशरूम या अगरिकस बिस्पोरस न तो सब्ज़ी है और न ही फल, बल्कि यह खाई जाने वाली एक फंगस है। बाजार में इसकी अलग-अलग किस्में (ताजा व सूखा) उपलब्ध हैं; जिसमे ओएस्टर , पोर्सिनी और बटन सबसे आम किस्में हैं। आमतौर पर, मशरूम में एक तना होता है जो गूदे वाली गोल टोपी से ढका हुआ होता है जिसके नीचे क्लोम (गिल्स) (छतरी जैसे दिखने वाले) होते हैं। इनकी खेती पहली बार जापान और चीन में 600 CE में की गई थी। हालांकि, अब इनकी खेती पूरे साल दुनिया भर में की जाती हैं। भारत में, इसकी व्यापक रूप से खेती हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है और यह आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। मशरूम में उमामी स्वाद (मांस के जैसा) होता है; इसलिए इन्हें शाकाहारी मांस भी कहा जाता है। मशरूम के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं। आइए हम इसके पोषण और औषधीय मात्रा के बारे में और अधिक जानते है ।1-3
मशरूम में प्रोटीन, डाइटरी फ़ाइबर, खनिज और विटामिन (B1, B2, B12, C और E), टेरपेन, क्विनोलोन, स्टेरॉयड, फ्लेवोनोइड्स, एंटीऑक्सिडेंट जैसे कैरोटीनॉयड एवं पॉलिसैकेराइड जैसे बीटा-ग्लूकन, आदि की भरपूर मात्र होती है। नीचे दी गई टेबल में मशरूम के पोषण संबंधी घटकों का उल्लेख किया गया है।
मशरूम में पोषण मात्रा (सूखे हुए के आधार पर) 4
वैज्ञानिक रूप से बताए गए मशरूम के गुणों में शामिल है:
Sampoorn swasth ke liye Mushroom ke sambhavit upyog:
मशरूम के कुछ संभावित फ़ायदों को नीचे बताया गया है:
मशरूम फाइटोकेमिकल्स जैसे ऐल्कलॉइड, फ्लेवोनॉइड्स, फेनोलिक एसिड, कैरोटीनॉयड्स, सेलेनियम, विटामिन, पॉलीसेकेराइड और ग्लूटाथिओन एवं एर्गोथायोनीन जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ होता है, जो कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। जिब्रिल एट अल ने 2021 में एक समीक्षा की, जिसमें उन्होंने कहा कि मशरूम खाने वाले लोगों को मशरूम न खाने वाले लोगों की तुलना में कैंसर होने का जोखिम कम था। यह बताता है कि मशरूम खाने से कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, जिसके लिए हमे अभी और शोध की करने की आवश्यकता है।6
नॉन-एल्कोहॉलिक फ़ैटी लीवर डिजीज़ (NAFLD) बिना किसी मूलभूत हेपेटाइटिस C, एल्कोहॉल के सेवन या दवाओं के 5% से अधिक फैट का संचय होता है। यह सिरोसिस, फाइब्रोसिस और लीवर कैंसर की विशेषता वाले पुराने लीवर रोग में वृद्धि कर सकता है। NAFLD के लिए सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस प्रमुख जोखिम कारकों में से एक हैं। झांग एट अल ने 2020 में NAFLD पर मशरूम के सेवन के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक अध्ययन किया। इस अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला है कि ज़्यादा मशरूम खाना NAFLD के कम जोखिम से जुड़ा था, क्योंकि मशरूम में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और सूजनरोधी गुण होते हैं। इस प्रकार, मशरूम खाना NAFLD के जोखिम को कम कर सकता है। हालांकि, इन दावों का पता लगाने के लिए अभी और अधिक अध्ययन किए जाने चाहिए।7
भूलने की बीमारी (अल्ज़ाइमर रोग) एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है जो न्यूरॉन्स (तंत्रिका तंत्र की कार्यात्मक इकाइयों) की प्रगतिशील क्षति की विशेषता है, जिसके परिणामस्वरूप मनोभ्रंश (डेमेंटिया) और अनुभूति (कॉग्निटिव) में कमी आती है। इन रोगों के रोगजनन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिब्रिल एम एट अल ने 2022 में समीक्षा की; तथा उनके निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि मशरूम में ग्लूटाथियोन और एर्गोथियोनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो मस्तिष्क पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालते हैं। इससे पता चलता है कि मशरूम खाना अल्ज़ाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इन दावों का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक साक्ष्य अभी सीमित हैं, और इन दावों का समर्थन करने के लिए अभी और अधिक नैदानिक अध्ययनों की आवश्यकता है।8
स्वस्थ आंत के लिए फ़ाइबर और अपचने योग्य कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार महत्वपूर्ण है। हेस एट अल ने 2018 में आंत के स्वास्थ्य पर मशरूम के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक अध्ययन किया। इस अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि मशरूम के सेवन से लक्सेशन में सुधार हो सकता है और मल आवृत्ति, वज़न में वृद्धि हो सकती है और आंतों के माइक्रोबायोटा को लाभ पहुंच सकता है मशरूम में हाई फ़ाइबर सामग्री बहुतायत प्राप्त करने में मदद करती है और कुछ फाइबर प्रीबायोटिक्स के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। यह बताता है कि मशरूम आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन अभी हमें इन दावों का समर्थन करने के लिए और अधिक वैज्ञानिक प्रमाणों की आवश्यकता है।9
डायबिटीज़ एक मेटाबॉलिक विकार है जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि से होता है। जेलेना एट अल ने 2021 में एक व्यवस्थित समीक्षा की, जिसमें उन्होंने कहा है कि मशरूम में पॉलीसैकेराइड अग्न्याशय (बीटा-कोशिकाओं) की कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करके और ग्लूकोज अवशोषण को बाधित करके डायबिटीज़ विरोधी प्रभाव डालते हैं। अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन उत्पन्न करती हैं और ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। इसलिए, मशरूम में डायबिटीज़ को नियंत्रित करने की संभावना होती है। हालांकि, इन दावों का पता लगाने के लिए अभी और अधिक अध्ययन किए जाने चाहिए।10
हालांकि ऐसे अध्ययन हैं जो अलग-अलग स्थितियों में मशरूम के लाभों को दिखाते हैं, लेकिन ये अपर्याप्त हैं और मानव स्वास्थ्य पर मशरूम के लाभों की सही सीमा स्थापित करने के लिए अभी आगे और अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है।
कोई भी हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले आपको किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श किए बिना आयुर्वेदिक/हर्बल प्रबन्ध के साथ आधुनिक चिकित्सा के चल रहे उपचार को बंद या प्रतिस्थापित न करें।
मशरूम खाने से संबंधित कुछ दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:
हालांकि, यदि आप मशरूम के लिए किसी भी दुष्प्रभाव का अनुभव करते हैं, तो आपको इसका सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है तथा तुरंत डॉक्टर या अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें जिसने इसे प्रेसक्राइब्ड किया है। वे आपके लक्षणों के लिए उचित मार्गदर्शन करने में सक्षम होंगे।
अगर थोड़ी बहुत मात्रा में इसे लिया जाए तो मशरूम खाना हानिकारक नहीं है। वैसे, निम्नलिखित स्थितियों में सामान्य सावधानियों का पालन किया जाना चाहिए:
मशरूम में साइलोसाइबिन, एक साइकेडेलिक यौगिक होता है जो निम्नलिखित दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है:
इसलिए, आपको हमेशा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से अन्य दवाओं के साथ मशरूम को खाने की संभावित बातचीत के बारे में सलाह लेनी चाहिए और प्रस्क्रिप्शन का पूरी तरह से पालन करना चाहिए, क्योंकि वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति और आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं के बारे में जानेंगे।13
मशरूम का वैज्ञानिक नाम एगरिकस बिस्पोरस है।1
मशरूम या एगरिकस बिस्पोरस न तो सब्ज़ी है और न ही फल, बल्कि खाया जाने वाला एक फंगस है।1
हां, मशरूम कब्ज को ठीक करने में मदद कर सकता है; यह प्रभाव उसमे डाइटरी फ़ाइबर की उच्च मात्रा के कारण होता है। वैसे, इन दावों को प्रमाणित करने के लिए अभी और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। इसलिए, कब्ज होने की स्थिति में उचित उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।9
जी हां, मशरूम विटामिन D से भरा हुआ होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और कैल्शियम के अवशोषण में भी सहायक होता है। ये विशेषताएं हड्डी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। वैसे, इसका समर्थन करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण अभी सीमित हैं और हमें इन दावों का समर्थन करने के लिए अभी और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है।11
हेस एट अल (Hess et al.) ने 2018 में एक अध्ययन किया जिसमें उन्होंने दर्शाया कि अधिक मात्रा में मशरूम खाने से पेट का फूलना और उसमे सूजन भी हो सकती है। साथ ही, जहरीली मशरूम प्रजातियों के सेवन के बाद मशरूम विषाक्तता भी हो सकती है।12
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