लहसुन (Garlic in Hindi): उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू
By Dr. Nikita Toshi +2 more
Get,
to manage your symptom
Get your,
4 Cr+ families
benefitted
OTP sent to 9988776655
You’ve successfully subscribed to receive
doctor-approved tips on Whatsapp
Get ready to feel your best.
Hi There,
Download the PharmEasy App now!!Register to Avail the Offer
Send OTPBy continuing, you agree with our Privacy Policy and Terms and Conditions
Hi There,
Sign up on PharmEasy now!!Trusted by 4 crore+ families
OTP sent to 9988776655
You have unlocked 25% off on medicines
Code: NU25
By Dr. Nikita Toshi +2 more
लहसुन (गार्लिक) सदियों से हमारी रसोई का हिस्सा रहा है। लहसुन (गार्लिक) की एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक प्रकृति के कारण इसमें उपचारात्मक और औषधीय गुण होते हैं। लहसुन (गार्लिक) के ये फायदेमंद गुण इसमें मौजूद एलिसिन कंपाउंड के कारण होते हैं। यह फास्फोरस, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल से भरपूर है। लहसुन (गार्लिक) में विटामिन C,विटामिन K, फोलेट, नियासिन और थायमिन भी काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
Table of Contents
यहां 100 ग्राम कच्चे लहसुन (गार्लिक) का पोषण चार्ट दिया गया है। ध्यान दें कि 1 मध्यम से बड़े लहसुन की कली का वज़न 3-8 ग्राम के बीच होता है।
प्रति 100 ग्राम कच्चा लहसुन (गार्लिक) | वैल्यू | सुझाई गई दैनिक मात्रा का कितनाप्रतिशत है |
कैलोरी | 149 | 7% |
कार्बोहाइड्रेट | 33.1 ग्राम | 11% |
फाइबर | 2.1 ग्राम | 8% |
फैट | 0.5 ग्राम | 1% |
प्रोटीन | 6.4 ग्राम | 13% |
विटामिन B6 | 1.2 मिलीग्राम | 62% |
विटामिन C | 31.2 मिलीग्राम | 52% |
थायमिन | 0.2 मिलीग्राम | 13% |
राइबोफ्लेविन | 0.1 मिलीग्राम | 6% |
इसमें विटामिन A, E, K, नियासिन, फोलेट, पैंटोथेनिक एसिड और कोलीन भी होता है | ||
मैंगनीज | 1.7 मिलीग्राम | 84% |
सेलेनियम | 14.2 माइक्रोग्राम | 20% |
कैल्शियम | 181 मिलीग्राम | 18% |
कॉपर | 0.3 मिलीग्राम | 15% |
फास्फोरस | 153 मिलीग्राम | 15% |
पोटैशियम | 401 मिलीग्राम | 11% |
आयरन | 1.7 मिलीग्राम | 9% |
इसमें जिंक, मैग्नीशियम और सोडियम भी होता है |
Lahsun (Garlic) khaane se sharir ko neeche bataye gaye faayede milte hain:
कच्चे लहसुन (गार्लिक) में खांसी और जुकाम के इंफेक्शन को दूर करने की क्षमता होती है। खाली पेट लहसुन (गार्लिक) की दो कली कुचल कर खाने से सबसे ज़्यादा फायदा होता है। बच्चों और शिशुओं के लिए, लहसुन (गार्लिक) की कलियों को धागे में बांधकर उनके गले में पहनाने से कफ जमने के लक्षणों से राहत मिलती है।
लहसुन (गार्लिक) में पाया जाने वाला एलिसिन कंपाउंड एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के ऑक्सीकरण को रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और दिल की सेहत में सुधार करता है। लहसुन (गार्लिक) का नियमित सेवन से खून के थक्के नहीं जमते हैं और इस तरह से यह थ्रोम्बोएम्बोलिज्म (खून के थक्के से रक्त वाहिका में रुकावट) को रोकने में मदद करता है। लहसुन (गार्लिक) ब्लड प्रेशर को भी कम करता है इसलिए यह हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए अच्छा है।हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के तरीके के बारे में और पढ़ें।
Read in English : 2o Essential Tips for a Healthy Heart
लहसुन (गार्लिक) अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण दिमाग की सेहत को बेहतर बनाता है। यह अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों (ऐसी बीमारियां जिसमें सेंट्रल नर्वस सिस्टम की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं) में असरदार है। अपनी डाइट में शामिल करने वाले सबसे अच्छे ब्रेन फूड्स के बारे में और पढ़ें।
कच्चे लहसुन (गार्लिक) को डाइट में शामिल करने से पाचन से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। यह आंतों को फायदा पहुंचाता है और जलन को कम करता है। कच्चा लहसुन (गार्लिक) खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। अच्छी बात यह है कि यह खराब बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है और आंत में अच्छे बैक्टीरिया की रक्षा करता है।
देखा गया है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों द्वारा कच्चे लहसुन (गार्लिक) का सेवन करने पर उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
लहसुन (गार्लिक) फ्री रेडिकल्स से रक्षा करता है और डीएनए को होने वाले नुकसान से बचाता है।लहसुन (गार्लिक) में मौजूद जिंक रोग इम्युनिटी बढ़ाता है। विटामिन C इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। यह आंख और कान के इंफेक्शन में बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल (रोगाणुरोधी) गुण होते हैं।
लहसुन (गार्लिक) मुंहासों को रोकने में मदद करता है और मुंहासों के निशान को हल्का करता है। कोल्ड सोर (मुंह के किनारे होने वाले छाले या फफोले), सोराइसिस, चकत्ते और छाले, इन सभी सभी परेशानियों में लहसुन (गार्लिक) के रस इस्तेमाल से फायदा मिल सकता है। यह यूवी किरणों से भी बचाता है और इसलिए स्किन की उम्र बढ़ने से रोकता है।
Read in English: 7 Home Remedies for Glowing Skin
लहसुन (गार्लिक) में उज़्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते है जिसके कारण यह फेफड़े, प्रोस्टेट, ब्लेडर, पेट, लिवर और पेट के कैंसर से शरीर की रक्षा करता है। लहसुन (गार्लिक) का एंटीबैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) एक्शन पेप्टिक अल्सर को रोकता है क्योंकि यह आंत में इसे बढ़ने नहीं देता है।
लहसुन (गार्लिक) फैट जमा करने वाली एडीपोज सेल्स (वसा कोशिकाओं) के निर्माण के लिए जिम्मेदार जीन को कम करता है। यह शरीर में थर्मोजेनेसिस को भी बढ़ाता है और ज़्यादा फैट बर्न करने और एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मदद करता है।
लहसुन (गार्लिक) वज़न घटाने के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही यह बहुत ज़्यादा पौष्टिक भी है। लहसुन (गार्लिक) की एक कली जो लगभग 3 ग्राम होती है, उसमें निम्नलिखित पोषण होता है :
लहसुन (गार्लिक) को “परफॉरमेंस बढ़ाने वाले” पदार्थों में से एक माना जाता है। पुराने ज़माने में मजदूरों की थकान मिटाने और उनकी कार्य क्षमता में सुधार करने के लिए लहसुन (गार्लिक) का इस्तेमाल किया जाता था। चूहों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि लहसुन (गार्लिक) खाने से एक्सरसाइज परफॉरमेंस में सुधार करने में मदद मिलती है। जिन लोगों को दिल की बीमारी थी, उन्होंने 6 सप्ताह तक लहसुन (गार्लिक) का सेवन किया और इसके कारण उनकी हार्ट रेट (हृदय गति) में 12% की कमी आई और एक्सरसाइज करने की क्षमता ज़्यादा बेहतर हो गई।
ताजा लहसुन (गार्लिक) के रस में ई. कोली बैक्टीरिया के विकास को कम करने की क्षमता होती है जो मूत्र मार्ग में इंफेक्शन (यूटीआई) का कारण बनते हैं। यह किडनी इंफेक्शन को रोकने में भी मदद करता है।
लहसुन (गार्लिक) घावों के इंफेक्शन को कम करता है, बालों, हड्डियों की सेहत और लिवर की सेहत को बढ़ावा देता है। ज़्यादातर घरेलू उपचार तभी असरदार साबित होते हैं जब लहसुन (गार्लिक) को कच्चा खाया जाता है।
जापान के अध्ययनों के मुताबिक, पानी और अल्कोहल के मिश्रण में रखे गए कच्चे लहसुन (गार्लिक) को खाने से एक्सरसाइज की सहनशक्ति पर अहम असर पड़ सकता है। इंसानों पर भी अध्ययन किए गए हैं जिनसे पता चला है कि लहसुन (गार्लिक) वास्तव में एक्सरसाइज से होने वाली थकान के लक्षणों में सुधार कर सकता है।
जिन लोगों को काम के कारण सीसे (लेड) की विषाक्तता का ज़्यादा खतरा होता है, उनके लिए लहसुन (गार्लिक) सबसे अच्छा ऑर्गेनिक समाधान हो सकता है। 2012 में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन (गार्लिक) वास्तव में खून में सीसे (लेड) की विषाक्तता के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामान्य दवा डी-पेनिसिलमाइन की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित और बेहतर है।
बुज़ुर्ग महिलाओं के लिए मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) की अवधि अक्सर साइटोकिन नाम के प्रोटीन के अनियमित उत्पादन के कारण एस्ट्रोजन नामक मादा हार्मोन की कमी से जुड़ी हुई है। यह देखा गया है कि लहसुन (गार्लिक) का सेवन इसे कुछ हद तक नियंत्रित कर सकता है और इसलिए, यह मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) के बाद एस्ट्रोजन की कमी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है।
अपनी नियमित डाइट में लहसुन (गार्लिक) खाने से यह ऑस्टियोआर्थराइटिस (अस्थिसंधिशोथ) की शुरुआत को रोकने या कम करने में भी मदद कर सकता है। रिसर्च से पता चला है कि लहसुन (गार्लिक) में डायलिल डाइसल्फाइड नाम का कंपाउंड होता है जो हड्डियों की डेंसिटी (घनत्व) को बनाए रखने में मदद करता है और इसलिए ऑस्टियोआर्थराइटिस (अस्थिसंधिशोथ) जैसी हड्डियों से संबंधित बीमारियों की शुरुआत होने में देरी कर सकता है।
माना जाता है कि लहसुन (गार्लिक) आपके खून में प्लेटलेट्स की चिपचिपाहट को कम करने में मदद करता है। ये प्लेटलेट्स खून के थक्के जमने के लिए जिम्मेदार होते हैं। लहसुन (गार्लिक) की सही खुराक लेने से खून पर प्लेटलेट्स के अत्यधिक थक्का जमने के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इसलिए, यह धमनियों (आर्टरी) के अंदर ऐसे अनावश्यक खून के थक्कों को रोकने में मदद कर सकता है जो आपके दिल तक पहुंच सकते हैं जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।
Read in English : 10 Health Benefits of Turmeric
जब आप लहसुन (गार्लिक) को मुंह से लेते हैं तो यह ज़्यादातर सुरक्षित होता है। इससे सांसों की बदबू, सीने में जलन, गैस और दस्त जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। अगर आप मुंह से कच्चा लहसुन खाते हैं, तो साइड इफेक्ट अक्सर खराब होते हैं और कुछ लोगों में ब्लीडिंग (रक्तस्राव) और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है।
लहसुन (गार्लिक) के जैल और पेस्ट जैसे प्रोडक्ट सुरक्षित हैं। लेकिन लहसुन (गार्लिक) स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे जलन हो सकती है। ख़ास तौर पर कच्चे लहसुन (गार्लिक) को स्किन पर लगाने से स्किन में गंभीर जलन हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान या या स्तनपान कराने वाली माताओं को ज़्यादा मात्रा में लहसुन (गार्लिक) खाने से बचना चाहिए। बच्चे इसे 8 सप्ताह तक रोजाना तीन बार 300 मिलीग्राम तक की खुराक में ले सकते हैं और इससे अधिक नहीं लेनी चाहिए। ब्लीडिंग (रक्तस्राव) की समस्या वाले लोगों को लहसुन (गार्लिक) खाने से बचना चाहिए। अगर आप सर्जरी करवाएं, तो लहसुन (गार्लिक) का सेवन न करें क्योंकि यह ब्लीडिंग (रक्तस्राव) को बढ़ा सकता है और ब्लड प्रेशर में बाधा उत्पन्न कर सकता है। सर्जरी से दो हफ्ते पहले लहसुन (गार्लिक) खाना बंद कर दें और लहसुन (गार्लिक) ब्लड शुगर लेवल को भी कम कर सकता है, इसलिए आपको जागरूक और सावधान रहना चाहिए।
Disclaimer: The information provided here is for educational/awareness purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional and should not be relied upon to diagnose or treat any medical condition. The reader should consult a registered medical practitioner to determine the appropriateness of the information and before consuming any medication. PharmEasy does not provide any guarantee or warranty (express or implied) regarding the accuracy, adequacy, completeness, legality, reliability or usefulness of the information; and disclaims any liability arising thereof.
Links and product recommendations in the information provided here are advertisements of third-party products available on the website. PharmEasy does not make any representation on the accuracy or suitability of such products/services. Advertisements do not influence the editorial decisions or content. The information in this blog is subject to change without notice. The authors and administrators reserve the right to modify, add, or remove content without notification. It is your responsibility to review this disclaimer regularly for any changes.
Leave your comment...
View all comments(1)
Khane ka fayda aur kab khaya tha