अश्वगंधा (Ashwagandha in hindi) के उपयोग, लाभ और साइड इफ़ेक्ट
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Table of Contents
अश्वगंधा या Withania somnifera, आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में उपयोग की जाने वाली एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है। यह एक तरह की छोटी झाड़ी है जो Solanaceae परिवार का एक हिस्सा है। यह अलग-अलग रोगों के लिए और ज़्यादातर एक नर्व टॉनिक के रूप में (नसों पर आरामदायक प्रभाव डालने वाला) उपयोगी हो सकता है। अश्वगंधा को आमतौर पर इंडियन जिनसेंग या इंडियन विंटर चेरी कहा जाता है। अश्वगंधा अपने रसायन (टॉनिक) गुण के लिए जाना जाता है। रसायन एक हर्बल या मैटेलिक फ़ॉर्मूलेशन है जो एक ताज़गी भरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ खुशी का अहसास भी दिलाता है।
अश्वगंधा की खेती दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मध्य एशिया के खुश्क इलाकों में की जाती है। अश्वगंधा के पौधे के अलग-अलग भागों से 50 से अधिक रासायनिक घटकों को अलग किया गया है।[1]
100 ग्राम अश्वगंधा में जो पोषक तत्व पाए जाते हैं वो इस प्रकार हैं:
पोषक तत्त्व | वैल्यू |
एनर्जी | 250 g |
टोटल डाइटरी फाइबर | 25 g |
कार्बोहाइड्रेट | 75 g |
टेबल 1: अश्वगंधा की न्यूट्रीशनल वैल्यू 2
अश्वगंधा की शानदार खूबियाँ इस प्रकार हैं:
मानव स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा के शानदार उपयोग इस प्रकार हैं
अश्वगंधा में एंग्ज़योलिटिक (घबराहट से राहत देने वाले) गुण हो सकते हैं जो लॉराज़ेपाम नामक दवा की तरह ही होते हैं। पशुओं में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा और लोराज़ेपम दोनों ही पशु मॉडल में चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं। अश्वगंधा में एंटीडिप्रेसेंट गुण भी हो सकते हैं। इससे यह पता चलता है कि अश्वगंधा डिप्रेशन और घबराहट को कम करने में मदद कर सकता है।1 हालाँकि, इस दिशा में अभी और शोध की आवश्यकता है। डिप्रेशन और घबराहट ऐसी स्थितियाँ हैं जिन पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है और इसके लिए किसी डॉक्टर से मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
अश्वगंधा में आर्थराइटिस के इलाज के लिए शानदार गुण हो सकते हैं जिन्हें बड़े पैमाने पर स्वीकार और रिपोर्ट किया जा सकता है। अश्वगंधा नर्वस सिस्टम को शांत करके दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। एक प्रायोगिक अध्ययन में, रोगियों को अश्वगंधा वाला फ़ॉर्मूला दिया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि यह हर्बल फ़ॉर्मूलेशन दर्द और विकलांगता की गंभीरता को कम कर सकता है।1,4 हालांकि, आर्थराइटिस एक गंभीर स्थिति है और इसकी पहचान और इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए।
अश्वगंधा एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक रसायन है और रसायन के एक उप-समूह मेध्या रसायन से संबंधित है। मेध्या का अर्थ है मानसिक/बौद्धिक क्षमता। अश्वगंधा याददाश्त और बुद्धि को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कोगनीशन के लिए अश्वगंधा का शानदार लाभ कमज़ोर याददाश्त वाले बच्चों और वृद्धावस्था में एनेकडॉटल एविडेंस के रूप में देखा गया।1 हालांकि, ऐसे दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता। इसलिए, इस दिशा में अभी और शोध की आवश्यकता है।
मानसिक तनाव के कारण सर्कुलेटरी सिस्टम और दिल के स्वास्थ्य पर उल्टा असर पड़ता है। तनाव शरीर के एंटीऑक्सीडेंट डिफेन्स सिस्टम को भी प्रभावित करता है। अश्वगंधा शरीर को तनाव झेलने के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी प्रभावी हो सकता है।5 हालांकि, ऐसे दावों को साबित करने के लिए अभी और ज़्यादा शोध की आवश्यकता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि प्लेसिबो की तुलना में अश्वगंधा के एक एक्वस एक्सट्रैक्ट के साथ किए गए इलाज ने दर्द की सीमा (एक बिंदु जिसके आगे एक ट्रिगर दर्द पैदा करता है) को बढ़ाने की क्षमता दिखाई, जिससे पता चलता है कि अश्वगंधा एक एनाल्जेसिक एजेंट (दर्द कम करने वाला) हो सकता है।4 हालांकि, इन्हें ठोस तथ्यों के रूप में दिखाने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।
अश्वगंधा नींद से संबंधित समस्याओं से आराम दिलाने में मदद कर सकता है और इसमें नींद लाने वाले गुण हो सकते हैं। यह जल्दी नींद लाने में भी मदद कर सकता है और नींद को आरामदायक बनाने में भी काफ़ी लाभदायक है।7
हालांकि, अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग अध्ययन अश्वगंधा के शानदार उपयोग दिखाते हैं, लेकिन ये अध्ययन काफ़ी नहीं हैं और मानव स्वास्थ्य पर अश्वगंधा के लाभ कितने कारगर हैं यह पक्का करने के लिए आगे और अध्ययन की आवश्यकता है।
अश्वगंधा के खास फ़ॉर्मूलेशन में शामिल हैं:
यह चाय, गोलियों, गम्मीज़ या टिंचर के रूप में भी उपलब्ध है। अश्वगंधा की जड़ें, बीज, पत्ते और फूल औषधीय कार्यों के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।1,7,8
कोई भी हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले आपको किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लिए बिना अपने आधुनिक चिकित्सा के जारी इलाज को न तो बंद करें और न ही इसके बजाय कोई आयुर्वेदिक/हर्बल प्रिपरेशन लेना शुरू करें।
लंबे समय तक अश्वगंधा के उपयोग की सुरक्षा को लेकर कोई भी पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, अश्वगंधा के सबसे आम साइड इफ़ेक्ट इस प्रकार हैं:
जो साइड इफेक्ट्स कम देखने को मिलते हैं:
अश्वगंधा(Ashwagandha) से लिवर डैमेज भी हो सकता है। अगर आप किसी भी साइड इफेक्ट्स का अनुभव करते हैं, खासतौर पर खुजली वाली त्वचा या पीलिया जैसा लिवर डैमेज की स्थिति में होता है, तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करना बहुत ज़रूरी है।7 इसलिए, अश्वगंधा का उपयोग करने से पहले कृपया किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें। वे आपके स्वास्थ्य की ज़रूरतों के हिसाब से आपको सही सलाह देंगे।
कुछ स्थितियों में अश्वगंधा के उपयोग से बचना चाहिए जैसे:
कृपया अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें, न ही किसी जारी इलाज को बदलें, हटाएं या बंद करें। कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
नीचे बताई गई चीज़ों के साथ अश्वगंधा का उपयोग करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है:
यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है कि कहीं दूसरी दवाओं के साथ अश्वगंधा का टकराव तो नहीं होता है।4
Read in English: Ashwagandha: Uses, Benefits & Side Effects
अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है। इसके आम नाम विंटर चेरी और इंडियन जिनसेंग भी हैं। यह Withania sominfera नाम की एक छोटी सदाबहार झाड़ी से मिलता है। अश्वगंधा कई तरह की बीमारियों के इलाज में मददगार साबित हो सकता है।
भारत में अश्वगंधा की खेती उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश में की जाती है।4
अश्वगंधा की जड़ों का काढ़ा सर्दी-जुकाम में बहुत आरामदायक हो सकता है। इस जड़ की छाल अस्थमा के इलाज में भी मददगार साबित हो सकती है।4 कृपया अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें। आम सर्दी-ज़ुकाम के लिए अश्वगंधा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में, अश्वगंधा की जड़ का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा ट्यूमर, सूजन, स्क्रोफुला (कंठमाला) (एक प्रकार की टी.बी.) और रूमेटॉय्ड आर्थराइटिस (जोड़ों और हड्डियों को प्रभावित करने वाली स्थिति) से निपटने के लिए सूजन कम करने वाली दवा के रूप में किया जाता है।4 हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि ऊपर बताई गई स्थितियों के लिए अश्वगंधा का उपयोग अपनी मर्ज़ी से न करें। कृपया इसके लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।
अश्वगंधा को सिंकोप (मस्तिष्क में रक्त का भरपूर प्रवाह न मिल पाने पर कुछ समय के लिए होश खोना), बवासीर, ट्यूमर, सर्वाइकल लिम्फैडेनाइटिस (गर्दन की लिम्फ नोड्स का बढ़ना), गाउट (एक प्रकार का गठिया), त्वचा के रोग, विटिलिगो (एक स्वास्थ्य समस्या जिसके कारण त्वचा का रंग फीका पड़ जाता है), लॉकजॉ, हार्ट फेलियर, फोड़े (मवाद इकट्ठा होना जिसमें दर्द होता है), घुटने की जकड़न, कैशेक्सिया (मांसपेशियों और वज़न में कमी आना), हड्डी का फ्रैक्चर, और डायबिटिक कार्बनकल (दर्द भरे फोड़ों का एक गुच्छा) जैसी स्थितियों के लिए दिया जाता है।4 कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।
अश्वगंधा पुरुषों की ताकत, सहनशक्ति और प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकता है। यह भी मानसिक तनाव को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
उपयुक्त अश्वगंधा खुराक व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति, उम्र, और उपयोग के उद्देश्य के आधार पर भिन्न होती है। सामान्यतः, 1 से 3 ग्राम की दिन में दो बार खुराक सुझाई जाती है। लेकिन इससे पहले चिकित्सा पेशेवर से परामर्श करना उचित होगा।
अश्वगंधा का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य, उम्र, और उपयोग के आधार पर भिन्न होता है। कुछ लोगों को इसके प्रभाव को 1-2 हफ्तों में महसूस हो सकता है, जबकि अन्यों को इसे लेने में अधिक समय लग सकता है। इसलिए, यह व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक प्रतिसाद पर निर्भर करता है।
आश्वगंधा वजन बढ़ाने के लिए एक संतुलित आहार और प्रयासों के साथ मदद कर सकता है, परन्तु यह यौगिक तौर पर वजन बढ़ाने का कारण नहीं है। इसका उपयोग वजन नियंत्रण, तनाव प्रबंधन, और ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
हाँ, कुछ अध्ययनों के अनुसार, आश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग पुरुषों में हॉर्मोनल संतुलन को सुधारने और शारीरिक ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
हां, कुछ अध्ययनों के अनुसार, आश्वगंधा चिंता को कम करने में मदद कर सकता है। यह एक प्राकृतिक अडैप्टोजेन है, जो शरीर को तनाव का संचालन करने में मदद करता है और विश्राम को बढ़ावा देता है। हालांकि, व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएँ भिन्न हो सकती हैं और चिकित्सा पेशेवर की सलाह लेना उचित है।
नहीं, आश्वगंधा शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद नहीं करता है। वास्तव में, यह एक प्राकृतिक शांतिदायक होता है जो तनाव को कम करने और शारीरिक संतुलन को संरक्षित करने में सहायक होता है।
गर्भावस्था के दौरान आश्वगंधा का सेवन करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। कुछ अध्ययनों में इसका असर नकारात्मक हो सकता है, इसलिए सुरक्षित अनुमति के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
हां, बहुत से लोग रोजाना आश्वगंधा का सेवन करते हैं। यह एक प्राकृतिक औषधि है जो दिनचर्या में सम्मिलित की जा सकती है। लेकिन जरूरी है कि आप इसे अपने स्वास्थ्य प्रश्नों और डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें।
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