आम (Mango in Hindi): उपयोग, फायदे, न्यूट्रिशनल वैल्यू और अन्य जानकारी!
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आम (मैंगो) और गर्मियों के मौसम का मेल ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग में बना हो! इसकी मिठास और रसीला स्वाद और साथ में स्वास्थ्य से जुड़े कई सारे लाभ खुद ही बताते हैं कि आम (मैंगो) को “फलों का राजा” क्यों कहा जाता है। मैंगिफ़ेरा इंडिका, मैंगो या आम, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण फल माना जाता है। यह जीनस मैंगिफ़ेरा और एनाकार्डियासी परिवार से संबंधित है जिसकी 30 विभिन्न प्रजातियां होती हैं।
आम (मैंगो) के सबसे बड़े उत्पादक देशों में भारत का प्रथम स्थान है। भारत आम (मैंगो) की अलग-अलग किस्मों के लिए जाना जाता है जैसे कि रत्नागिरी का अल्फांसो, कर्नाटक का बादामी आम (मैंगो), लखनऊ का दशेरी आम (मैंगो) और गुजरात का केसर आम (मैंगो)। आम खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए अच्छे होते हैं। इसमें फाइबर, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि मैंगिफ़ेरिन और ग्लूकोसिल ज़ैंथोन भरपूर मात्रा में होते हैं। आइए आम (मैंगो) के कुछ और लाभों के बारे में जानें।1
आम (मैंगो) में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिनके बारे में नीचे दिया गया है। यह विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि मैंगिफ़ेरिन और ग्लूकोसिल ज़ैंथोन और कैरोटीन का अच्छा स्रोत है।
पोषक तत्व (न्यूट्रिशनल कॉम्पोनेन्ट) | मूल्य प्रति 100 ग्राम |
ऊर्जा (एनर्जी) | 60 कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 14.98 ग्राम |
फाइबर | 1.6 ग्राम |
प्रोटीन | 0.82 ग्राम |
वसा (फैट) | 0.38 ग्राम |
विटामिन A | 1082 इंटरनेशनल यूनिट |
पोटैशियम | 168 मिलीग्राम |
विटामिन C | 36.4 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 14 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 11 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 10 मिलीग्राम |
विटामिन E | 1.12 मिलीग्राम |
विटामिन B3 | 669 माइक्रोग्राम |
आयरन | 160 माइक्रोग्राम |
विटामिन B5 | 160 माइक्रोग्राम |
विटामिन B6 | 119 माइक्रोग्राम |
कॉपर | 110 माइक्रोग्राम |
ज़िंक | 90 माइक्रोग्राम |
फोलेट | 43 माइक्रोग्राम |
विटामिन B2 | 38 माइक्रोग्राम |
विटामिन B1 | 28 माइक्रोग्राम |
मैंगनीज़ | 27 माइक्रोग्राम |
विटामिन K | 4.2 माइक्रोग्राम |
टेबल 1: आम (मैंगो) का पोषण मूल्य2
आम (मैंगो) में वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध कई सारे गुण होते हैं; इनमें से कुछ गुणों के बारे में नीचे बताया गया है:
आम (मैंगो) के कुछ संभावित उपयोगों के बारे में नीचे दिया गया है:
स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर में से एक है, जो विश्व स्तर पर समय से पहले ही महिलाओं की मृत्यु का कारण बनता है। अब प्राकृतिक उत्पादों को कैंसर रोधी (एंटी-कैंसर) एजेंट की खोज के लिए महत्वपूर्ण स्रोत माना जा रहा है। मैंगिफ़ेरा इंडिका, स्तन कैंसर (ब्रैस्ट कैंसर) को नियंत्रित कर सकता है। बनर्जी एट अल (Banerjee et al.) ने 2015 में चूहों में होने वाले स्तन कैंसर ज़ेनोग्राफ़्ट, पर आम (मैंगो) के प्रभाव का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया था। इस अध्ययन से पता चला कि आम (मैंगो) में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स जैसे कि गैलिक एसिड, गैलॉयल ग्लाइकोसाइड और गैलोटेनिन में स्तन कैंसर को ठीक करने वाली कीमोथेराप्यूटिक क्षमता हो सकती है। इससे पता चलता है कि आम (मैंगो) स्तन कैंसर (ब्रैस्ट कैंसर) को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हालाँकि, इस तर्क को साबित करने के लिए अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है।3
अल्सरेटिव कोलाइटिस एक पुरानी सूजन वाली बीमारी (क्रोनिक इंफ्लेमेटरी कंडीशन) है जो कोलोन और रेक्टम को प्रभावित करती है। आम (मैंगो) में पॉलीफेनोल्स जैसे कि गैलोटेनिन और गैलिक एसिड होने के कारण यह सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। किम एट अल ने 2016 में प्रीक्लिनिकल कोलाइटिस मॉडल में आम (मैंगो) के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया था। इस अध्ययन के नतीजे से पता चलता है कि आम (मैंगो) खाने से अल्सरेटिव कोलाइटिस को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हालाँकि, इस तर्क को साबित करने के लिए इंसानों पर अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है।4
फल और सब्जियों में बायोएक्टिव तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं जो रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज़) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इवांस एट अल (Evans et al.) ने 2014 में एक अध्ययन किया था जिसमें दिखाया गया कि आम (मैंगो) से महिलाओं और पुरुषों दोनों में रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज़) के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। आम (मैंगो) में टोकोफेरोल्स, कैरोटेनॉयड्स, डाइटरी फाइबर, एस्कॉर्बिक एसिड, गैलिक एसिड, क्वेरसेटिन और मैंगिफेरिन होते हैं। ये जैविक रूप से सक्रिय यौगिक (बायोलॉजिकली एक्टिव कंपाउंड) रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज़) के स्तर को सामान्य करने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, इस तर्क को साबित करने के लिए अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है। अगर आपको उच्च रक्त शर्करा (हाई ब्लड ग्लूकोज़) की समस्या है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और खुद से कोई भी दवा न लें।5
अगर आम (मैंगो) को सही मात्रा में खाया जाए, तो इसमें ज़्यादा मात्रा में विटामिन A होने के कारण आपके बाल स्वस्थ बनते हैं और त्वचा को पर्याप्त पोषण मिल सकता है। इसके अतिरिक्त, आम (मैंगो) प्राकृतिक सनब्लॉक के रूप में काम करके हमारी त्वचा और बालों को पराबैंगनी किरणों (अल्ट्रावॉइलेट रेज़) के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि आम (मैंगो) खाने से त्वचा और बालों को फ़ायदा होता है, लेकिन, इस तर्क को साबित करने के लिए इंसानों पर अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है।6 अगर आपको त्वचा और बालों से संबंधित कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और खुद से कोई दवा ना लें।
मैक्यूलर डिजनरेशन, आँखों का एक सामान्य दोष है जिससे आँखों की रौशनी भी जा सकती है। आम (मैंगो) में एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि ल्यूटिन, ज़ेक्सैंथिन और विटामिन A भरपूर मात्रा में होते हैं, जो मैक्यूलर डिजनरेशन से निपटने में मदद कर सकते हैं। आम (मैंगो) कैरोटीन से भी भरपूर होता है जो नज़र बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस तरह, हम कह सकते हैं कि आम (मैंगो) खाने से मैक्यूलर डिजनरेशन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हालाँकि, इन तर्कों को साबित करने के लिए अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है।6
आम (मैंगो), आपके आहार में पोषक तत्वों को पाने का एक अच्छा स्रोत होता है। आम (मैंगो) खाने और ना खाने वाले लोगों के शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति के आंकड़ें NHANES डाटाबेस से लिए गए थे। जिसमें पाया गया कि जो लोग आम (मैंगो) खाते हैं उनके शरीर में आम (मैंगो) ना खाने वाले लोगों की तुलना में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फोलेट, विटामिन A, C और E और डाइटरी फाइबर ज़्यादा मात्रा में मौजूद होता है। इससे माना जा सकता है कि आम (मैंगो) खाने से पोषक तत्वों को ग्रहण करने और आहार की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। हालाँकि, इन तर्कों को साबित करने के लिए अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है।7
Aam(Mango) ke anya sambhavit upyog
हालाँकि ऐसे कई अध्ययन किए गए हैं जो कई परिस्थितियों में आम (मैंगो) के फ़ायदों के बारे में बताते हैं, लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर आम (मैंगो) के फ़ायदों को साबित करने के लिए अभी और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।
इस अत्यंत बहुमुखी फल का उपयोग निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
किसी भी हर्बल सप्लीमेंट या आम (मैंगो) को ज़्यादा मात्रा में लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना आधुनिक दवाओं (मॉडर्न मेडिसिन) के साथ चल रहे किसी भी इलाज को बंद ना करें और ना ही उन्हें आयुर्वेदिक/ हर्बल दवाओं से बदलें।
आम (मैंगो) खाने के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में नीचे दिया गया है:
हालाँकि, अगर आपको आम (मैंगो) से किसी तरह की कोई एलर्जी (प्रतिकूल प्रभाव) होती है, तो इसे खाना बंद कर दें और तुरंत अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें जिन्होंने आपको आम (मैंगो) खाने की सलाह दी है। वे आपके लक्षणों के हिसाब से आपको सही सलाह देंगे।
आम (मैंगो) को अगर नियंत्रित मात्रा में खाया जाए तो इसे खाना फ़ायदेमंद होता है। हालाँकि, नीचे दी गई स्थितियों में कुछ सावधानियों का पालन किया जाना चाहिए:
आम (मैंगो) साइटोक्रोम P450 एंजाइम को रोकते हैं, जो कुछ दवाओं जैसे कि वारफारिन, प्रोप्रानोलोल, थियोफिलाइन आदि को मेटाबोलाइज़ करने के लिए जाने जाते हैं। इन एंजाइमों को रोकने से इसके ज़रिये मेटाबोलाइज़ की गई दवाओं की रक्त सांद्रता (ब्लड कॉन्सेंट्रेशन) बदल सकती है। इसलिए, आपको हमेशा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से अन्य दवाओं के साथ कच्चे आम को खाने के बारे में सलाह लेनी चाहिए और नुस्खे (प्रिस्क्रिप्शन) का पूरी तरह से पालन करना चाहिए, क्योंकि उसमें आपकी स्वास्थ्य स्थिति (हेल्थ कंडीशन) और आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं के बारे में पूरी जानकारी होती है।
आम का वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है और यह एनाकार्डियासी परिवार से संबंधित है।1
पशु कोशिका रेखा (एनिमल सेल लाइन) अध्ययन से पता चलता है कि, स्तन कैंसर (ब्रैस्ट कैंसर) को नियंत्रित करने के लिए आम (मैंगो) का उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि, इस तर्क को साबित करने के लिए अभी और ज़्यादा अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है। इसलिए, सही इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेने का सुझाव दिया जाता है।3
आम (मैंगो) को “फलों का राजा” कहा जाता है।1
हाँ। चूंकि आम (मैंगो) में विटामिन A भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए यह नज़र बढ़ाने में मदद कर सकता है। हालाँकि, नज़र से जुड़ी समस्याओं के सही इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श करने और आधुनिक दवाओं (मॉडर्न मेडिसिन) के विकल्प के रूप में आम (मैंगो) ना खाने की सलाह दी जाती है।6
ज़्यादा मात्रा में आम (मैंगो) खाने से, एलर्जी से ग्रस्त लोगों में शॉर्ट-टर्म गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी बीमारियां जैसे कि पेट दर्द और दस्त और एलर्जी की समस्याएं आ सकती हैं।10
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