Get,

Free Doctor Tips

to manage your symptom

Get your,

FREE Doctor Tips Now!!

4 Cr+ families

benefitted

Enter your Phone Number

+91

|

Enter a valid mobile number

Send OTP

Verify your mobile number

OTP sent to 9988776655

CONGRATULATIONS!!!

You’ve successfully subscribed to receive

doctor-approved tips on Whatsapp


Get ready to feel your best.

Hi There,

Download the PharmEasy App now!!

AND AVAIL

AD FREE reading experience
Get 25% OFF on medicines
Banner Image

Register to Avail the Offer

Send OTP

By continuing, you agree with our Privacy Policy and Terms and Conditions

Success Banner Image
Verify your mobile number

OTP sent to 9988776655

Comments

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Leave your comment here

Your email address will not be published. Required fields are marked *

25% OFF on medicines

Collect your coupon before the offer ends!!!

COLLECT

वायरल फीवर (Viral Fever in hindi) के इलाज के घरेलू नुस्खे

By Dr Siddharth Gupta +2 more

विषय-सूची

  • परिचय:
  • वायरल फीवर क्यों होता है?
  • वायरल फीवर के लक्षण:
  • वायरल फीवर के इलाज के घरेलू नुस्खे:
  • डॉक्टर से सलाह कब लेनी चाहिए: 
  • निष्कर्ष:
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
  • रेफरेंस:
  • यह आपकी ज़रूरत की और काम की बातें हो सकती हैं!

परिचय:

हम सभी को कम से कम एक बार बुखार हुआ है और जानते हैं कि बुखार हो तो कैसा लगता है। शरीर का तापमान बढ़ने को बुखार कहते हैं। यह केवल एक संकेत देता है कि हमारे शरीर में कुछ असामान्य गतिविधि हुई है।1 वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन, गर्मी से थकावट, कैंसर वाले ट्यूमर, एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं और दौरे पड़ने या हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, टीके (जैसे कोविड वैक्सीन, डिप्थीरिया, टेटनस, आदि) और रूमेटॉय्ड आर्थराइटिस जैसी सूजन की स्थिति जैसे कई कारकों की वजह से आपको बुखार हो सकता है।2  बुखार केवल इस बात का संकेत देता है कि शरीर में कुछ गड़बड़ हुई है, लेकिन यह इस बात को पूरी तरह से साफ़ नहीं करता है कि दरअसल शरीर में क्या हो रहा है। इससे किसी बीमारी की उपस्थिति होने का संकेत भी नहीं मिलता। वायरल फीवर, जोकि प्रमुख तरह के बुखारों में से एक है, के बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया है। 

वायरल बुखार का रामबाण इलाज

वायरल फीवर क्यों होता है (Viral Fever Kyu Hota Hai)?

शरीर का तापमान 36.4 C – 37.4 C (97.5 F से 98.9 F) की सामान्य सीमा के बजाय 38 C (100.4 F) या इससे ज़्यादा होने को बुखार कहते हैं। शरीर का तापमान बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। जब बुखार किसी वायरल इंफेक्शन के कारण होता है तो उसे वायरल फीवर कहते हैं।1

वायरल फीवर के लक्षण (Symptoms of Viral Fever):

वायरल फीवर में आमतौर पर कुछ लक्षण साथ होते हैं और शरीर का तापमान 38 C (100.4 F) से ज़्यादा हो सकता है। आपको नीचे बताए गए लक्षण हो सकते हैं: 

  • जी मिचलाना 
  • बदन दर्द 
  • चेहरा लाल होना 
  • त्वचा रूखी और गर्म होना 
  • भूख न लगना 
  • सिरदर्द होना 
  • उल्टी आना 
  • कब्ज़ या दस्त होना 
  • गहरे रंग का पेशाब आना  
  • पेशाब कम आना1 

वायरल फीवर के इलाज के घरेलू नुस्खे (Home Remedies to Cure Viral Fever):

चूंकि फीवर कई कारणों से हो सकता है, इसलिए इसके वास्तविक कारण का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, कई अलग-अलग वायरसों के कारण वायरल फीवर हो सकता है।1 किसी डॉक्टर से सलाह लेना और उनकी विशेषज्ञ सलाह का पालन करना और इलाज लेना सबसे अच्छा विकल्प होगा। हालाँकि, वायरल फीवर के लिए कुछ सरल घरेलू नुस्खे मददगार हो सकते हैं। कुछ शानदार घरेलू नुस्खे इस प्रकार हैं। 

1. धनिए के बीज का पाउडर 

धनिए के बीज को आमतौर पर धनिया के नाम से ही जाना जाता है। यह Apiaceae परिवार का हिस्सा है, और इसका विज्ञानीय नाम  Coriandrum sativum है। आयुर्वेद में कई स्थितियों के लिए धनिए के बीज के शानदार उपयोग बताए गए हैं। यह बुखार के लिए भी उपयोगी हो सकता है। आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक बुखार को कम करने के लिए गर्म पानी में थोड़ा सा धनिया पाउडर मिलाने की सलाह दे सकते हैं। स्वाद को बेहतर बनाने के लिए चीनी मिलाई जा सकती है। यह दवा के रूप में बुखार के लिए मददगार हो सकता है।3 

2. गुडुची 

इसे हिंदी में गिलोय और गुरचा, पंजाबी में गिलो आदि के नाम से भी जाना जाता है। आपका डॉक्टर गुडुची से तैयार काढ़े का सेवन करने की सलाह दे सकता है। यह बुखार को कम करने के लिए भी उपयोगी हो सकता है। आप गुडुची के तनों को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार कर सकते हैं, और इसमें आप अन्य सामग्री जैसे सोंठ, पत्रक आदि भी मिला सकते हैं।3  

3. ईश्वरी 

Aristolochia indica नाम का एक पौधा Aristolochiaceae परिवार का है। इसे आमतौर पर ईश्वरी, इंडियन बर्थवॉर्ट और सर्पेंट रूट कहा जाता है। इस पौधे का सेवन बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। इसके पूरे पौधे के रस में बुखार दूर करने वाले गुण हो सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक, बुखार और दस्त के लिए इस पौधे की कुछ बूँदें दवा के रूप में लेने के लिए आपसे कह सकते हैं।3 

4. आइवी गौर्ड  

बिंबी, जिसे अंग्रेजी में आइवी गौर्ड कहते हैं, हिंदी में कुंदरुकी बेल और मराठी में टोंडले के नाम से भी जाना जाता है, बुखार दूर करने के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इस पौधे की पत्तियों को लेप के रूप में लगाने से पसीना लाने में मदद मिल सकती है जिससे बुखार को कम करने में आसानी हो सकती है। कृपया डॉक्टर से सलाह लें और अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।3 

5. चांगेरी 

अम्बोली (गुजराती), अमरुल (बंगाली), इंडियन सोररेल (अंग्रेज़ी), पुलीचिंटा (तेलुगु), आदि चांगेरी के अलग-अलग नाम हैं। वैज्ञानिक समुदाय में, इसे Oxalis comiculata  के रूप में भी जाना जाता है, जो Oxalidaceae परिवार का हिस्सा है। चांगेरी के पूरे पौधे के पेस्ट को थोड़े से पानी में उबाला जाता है और फिर उसके बाद उसमें से पानी कम कर दिया जाता है। इस काढ़े को पीना बुखार के लिए मददगार हो सकता है।3 

6. जीरा 

जीरे में बवासीर मिटाने, पेट फूलने जैसी अलग-अलग स्थितियों में मदद करने, याददाश्त बढ़ाने की क्षमता हो सकती है। जीरे में बुखार होने पर शरीर के तापमान को कम करने की भी क्षमता हो सकती है। जीरे को अंग्रेज़ी में क्यूमिन सीड्स या सिर्फ़ क्यूमिन कहते हैं। यह Apiaceae परिवार का हिस्सा है, और इसका विज्ञानीय नाम  Coriandrum sativum है। रुक-रुक कर आने वाले बुखार के लिए, जीरे को थोड़ी सी काली मिर्च और गुड़ के साथ लेने से फायदा हो सकता है।  

7. तरल पदार्थ 

पानी, जूस और सूप के रूप में तरल पदार्थ पीने से बुखार कम करने में मदद मिल सकती है। आपके डॉक्टर ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्युशन (ओआरएस) लेने की भी सलाह दे सकते हैं। यह आमतौर पर किसी भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध होता है। खासतौर पर एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इसकी सलाह दी जा सकती है, क्योंकि इसमें पानी और लवण होते हैं जो शरीर से कम हुए तरल पदार्थ और लवण (इलेक्ट्रोलाइट्स) की कमी पूरी करते हैं। चूंकि बुखार के कारण शरीर से तरल पदार्थ कम हो सकते हैं और डीहाइड्रेशन हो सकता है, इसलिए यह उपाय उपयोगी हो सकता है।4  

8. आराम करें 

किसी भी शारीरिक गतिविधि से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि आप बुखार उतारने के लिए अच्छे से आराम करें। यह भी कहा जा सकता है कि ठंडे वातावरण में रहने और हल्के कपड़े पहनने से भी बुखार उतारने में मदद मिल सकती है।4 

हालांकि अध्ययन यह दिखाते हैं कि बुखार की स्थिति में बताए गए हर्ब्स और घरेलू नुस्खों के लाभ मिलते हैं, लेकिन ये अध्ययन काफ़ी नहीं हैं। और इसलिए मानव स्वास्थ्य पर ये घरेलु नुस्खे किस हद तक लाभकारी हैं यह तय करने के लिए मनुष्यों में बड़े पैमाने पर अभी और अध्ययनों की आवश्यकता है। इसलिए, इन्हें केवल सावधानी के साथ लिया जाना चाहिए और मेडिकल इलाज के विकल्प के रूप में कभी भी नहीं।  

Read in English: Home Remedies for Viral Fever

डॉक्टर से सलाह कब लेनी चाहिए:

  • अगर तीन महीने से कम उम्र के बच्चे को बुखार हो तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।1 
  • अन्य मामलों में, आपको नीचे बताई गई परिस्थितियों में तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए: 
  • अगर आपको पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होती हो 
  • अगर आपको बार-बार पेशाब करने की इच्छा महसूस होती है (बार-बार पेशाब आता हो) 
  • अगर आपको उल्टी हो रही है 
  • अगर आपकी श्वास अनियमित है 
  • अगर आपको गर्दन में अकड़न महसूस हो रही है 
  • अगर आपको सुस्ती या नींद आ रही है 
  • अगर आपको दौरे पड़ रहे हैं 
  • अगर आप असमंजस की स्थिति में हैं 
  • अगर आपको बैंगनी धब्बेदार दाने दिखाई देते हैं 
  • अगर आपके गले में लगातार खराश बनी रहती है 
  • अगर बुखार के साथ कान में दर्द हो। बच्चों में, हो सकता है कि आपको ऐसा दिखे कि बच्चा अपने कान को खींच रहा है, तो यह कान के दर्द का संकेत हो सकता है। 
  • अगर आपको दस्त है।1 

आपको अपनी स्वास्थ्य स्थिति के इलाज के लिए केवल घरेलू नुस्खों पर निर्भर नहीं होना चाहिए और अगर घरेलू नुस्खों से लक्षणों में सुधार नहीं होता है तो अपनी स्वास्थ्य स्थिति के लिए आपको किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।   

निष्कर्ष:

शरीर का तापमान 100.4 F या 38 C से ज़्यादा बढ़ने को बुखार माना जाता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि हमारे शरीर में कुछ गड़बड़ हुई है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको सच में कोई बीमारी हो। जब बुखार किसी वायरल इंफेक्शन के कारण होता है तो उसे वायरल फीवर कहते हैं। बुखार के साथ चेहरा लाल होना, दस्त, उल्टी, सिरदर्द आदि भी हो सकते हैं। कुछ हर्ब्स जैसे चांगेरी, धनिए के बीज का पाउडर आदि बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें, क्योंकि कुछ मामलों में, वायरल फीवर बदतर भीहो सकता है।   

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

वायरल फीवर क्यों होता है? 

वायरल इन्फेक्शन के कारण शरीर का तापमान 100.4 F या इससे ज़्यादा बढ़ने को वायरल फीवर कहा जाता है। बैक्टीरियल इन्फेक्शन और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भी बुखार हो सकता है।1 

वायरल फीवर के इलाज के घरेलू नुस्खे क्या हैं? 

वायरल फीवर के लिए कुछ शानदार घरेलू उपचार हैं गुडुची, चांगेरी, धनिए के बीज का पाउडर, जीरा, ईशवरी, बहुत सारे तरल पदार्थ पीना और आराम करना। इन घरेलू नुस्खों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।1-3 

क्या हम घर पर वायरल फीवर के इलाज के लिए धनिए के बीज का उपयोग कर सकते हैं? 

धनिए के बीजों के पाउडर को पानी और थोड़ी सी चीनी के साथ मिलाकर पीने से बुखार कम हो सकता है। हालाँकि, इन दावों को साबित करने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है। इसलिए, कृपया इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।3 

क्या वायरल फीवर के इलाज के लिए प्राकृतिक घरेलू नुस्खों के रूप में जीरे का उपयोग किया जा सकता है? 

जी हां, वायरल फीवर के इलाज के लिए प्राकृतिक घरेलू नुस्खों के रूप में जीरे का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक आपको गुड़ और काली मिर्च के साथ जीरा खाने की सलाह दे सकते हैं। कृपया अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।3 

क्या चांगेरी को वायरल फीवर के आयुर्वेदिक इलाज के तौर पर ले सकते हैं? 

किसी भी हर्ब का इस्तेमाल करने से पहले आपको हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वायरल फीवर के आयुर्वेदिक इलाज के लिए चांगेरी का उपयोग करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। हालाँकि, यह वायरल फीवर को कम करने के लिए भी उपयोगी हो सकता है।3 

क्या हम घर पर वायरल फीवर के इलाज के लिए गुडुची का उपयोग कर सकते हैं? 

गुडुची, खासतौर पर गुडुची के तनों का उपयोग करके बनाया गया काढ़ा, वायरल फीवर को कम कर सकता है। हालाँकि, इन प्रभावों को साबित करने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है। कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।3

क्या वायरल बुखार कमजोरी का कारण बनता है?

हाँ, वायरल बुखार अक्सर कमजोरी का कारण बनता है। वायरस से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया थकान और सामान्य अस्वस्थता की भावना पैदा कर सकती है। इसके अलावा, बुखार, निर्जलीकरण और भूख न लगना जैसे लक्षण वायरल संक्रमण के दौरान समग्र कमजोरी की भावना में योगदान करते हैं।

क्या वायरल बुखार सिरदर्द का कारण बनता है?

हाँ, वायरल बुखार सिरदर्द का कारण बन सकता है। वायरस के प्रति शरीर की सूजन प्रतिक्रिया अक्सर सिरदर्द जैसे लक्षण पैदा करती है, जो कई वायरल संक्रमणों की एक सामान्य विशेषता है। वायरल बीमारियों से जुड़ा बुखार और निर्जलीकरण सिरदर्द की गंभीरता को और बढ़ा सकते हैं।

क्या वायरल बुखार गर्भावस्था को प्रभावित करता है?

हाँ, वायरल बुखार गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है। यह समयपूर्व प्रसव या कम जन्म वजन जैसी जटिलताओं के बढ़ते जोखिम पैदा कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान उच्च बुखार भी भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे वायरल बुखार होने पर चिकित्सा सलाह लें।

वायरल बुखार कितने समय तक रहता है?

वायरल बुखार आमतौर पर 3 से 7 दिनों तक रहता है। अवधि विशेष वायरस और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर निर्भर कर सकती है। अधिकांश मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन ठीक होने में मदद के लिए आराम करना और हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है।

वायरल बुखार क्या पेट दर्द का कारण बनता है?

हां, कुछ मामलों में वायरल बुखार पेट दर्द का कारण बन सकता है। वायरल संक्रमण जैसे गैस्ट्रोएंटराइटिस इस प्रकार के लक्षणों को ले कर आते हैं, जैसे पेट में दर्द, मतली और दस्त। साथ ही, कुछ वायरस पाचन तंत्र में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे पेट क्षेत्र में असहजता या दर्द हो सकता है।

क्या वायरल बुखार में प्लेटलेट काउंट कम हो सकता है?

हां, वायरल बुखार प्लेटलेट काउंट कम हो सकता है, खासकर डेंगू बुखार या जिका वायरस जैसी संक्रमणों में। ये वायरस हड्डियों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे प्लेटलेट उत्पादन में कमी हो सकती है। कम प्लेटलेट काउंट, या थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया, आसान चोट, नाक से खून बहना, या मसूड़ों से खून बहने जैसे लक्षणों को उत्पन्न कर सकता है, और निगरानी और प्रबंधन के लिए चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता होती है।

क्या वायरल बुखार फिर से वापस आ सकता है?

वायरल बुखार पुनः प्रकोपित हो सकता है अगर शरीर पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ हो या यदि प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, जिससे पुनर्निर्माण या वायरस के पुनर्उत्पादन का संभावना हो सकता है। इसके अलावा, कुछ वायरस जैसे कि फ्लू म्यूटेट हो सकते हैं, जिससे नए स्ट्रेन का निर्माण हो सकता है जो पुनः संक्रमण का कारण बन सकते हैं। उचित आराम, प्रायोजन और स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली बनाए रखना वायरल बुखार के पुनरावृत्ति से बचने में मदद कर सकता है।

क्या हम वायरल बुखार में नहा सकते हैं?

वायरल बुखार में गरम पानी का सेवन करने से नहाने के दौरान शरीर का तापमान कम हो सकता है और आराम मिल सकता है, लेकिन गरम पानी से बचना आवश्यक है, जो अतिगरमी की समस्या को उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, यदि किसी को बहुत अधिक बुखार है, तो उन्हें नहाने से पहले एक स्वास्थ्य सेवा प्रोफेशनल की सलाह लेना उनकी स्थिति के लिए सुरक्षित है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए अच्छा होगा।

क्या वायरल बुखार संक्रामक होता है?

हाँ, वायरल बुखार संक्रामक हो सकता है, इसका निर्णय वायरस पर निर्भर करता है जो बुखार का कारण बनाता है। कई वायरस जो बुखार का कारण बनाते हैं, जैसे कि इंफ्लुएंजा, सामान्य सर्दी, और कुछ कोरोनावायरस के स्ट्रेन, बहुत ही संक्रामक होते हैं और जब एक संक्रमित व्यक्ति खासकर खांसता है, छींकता है, या बोलता है, तो उसके द्वारा श्वसन के बूंदों के माध्यम से फैल सकते हैं। अच्छे हैंड हाइजीन अपनाने और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचने जैसी सावधानियों का पालन करना वायरल बुखार का प्रसार करने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

Disclaimer: The information provided here is for educational/awareness purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional and should not be relied upon to diagnose or treat any medical condition. The reader should consult a registered medical practitioner to determine the appropriateness of the information and before consuming any medication. PharmEasy does not provide any guarantee or warranty (express or implied) regarding the accuracy, adequacy, completeness, legality, reliability or usefulness of the information; and disclaims any liability arising thereof.

Links and product recommendations in the information provided here are advertisements of third-party products available on the website. PharmEasy does not make any representation on the accuracy or suitability of such products/services. Advertisements do not influence the editorial decisions or content. The information in this blog is subject to change without notice. The authors and administrators reserve the right to modify, add, or remove content without notification. It is your responsibility to review this disclaimer regularly for any changes.

Likes 14
Dislikes 6

Comments

Leave your comment...