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जौ (Barley in hindi): उपयोग, लाभ और साइड इफ़ेक्ट

By Dr Rajeev Singh +2 more

विषय-सूची

  1. परिचय:
  2. जौ की न्यूट्रीशनल वैल्यू:
  3. जौ की खूबियाँ:
  4. जौ के पौधे में मौजूद शानदार खूबियाँ नीचे बताई गई हैं।
  5. जौ के शानदार उपयोग:
    1. नींद के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    2. डायबिटीज़ के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    3. रक्त में मौजूद लिपिड्स के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    4. गाउट (गठिया) के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    5. इम्युनिटी के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    6. लिवर के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    7. दिमाग के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    8. पेट और आँतों के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    9. कैंसर के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    10. एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जौ का शानदार उपयोग:
    11. दिल के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    12. थकान और हाइपोक्सिया में जौ का शानदार उपयोग:
    13. त्वचा के लिए जौ का शानदार उपयोग:
    14. हड्डियों के लिए जौ का शानदार उपयोग:
  6. जौ को कैसे उपयोग करें?
  7. जौ के साइड इफ़ेक्ट:      
  8. जौ के साथ बरती जाने वाली सावधानियां:
  9. अन्य दवाओं के साथ इंटरैक्शन:
  10. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
  11. रेफरेंस:
  12. यह आपकी ज़रूरत की और काम की बातें हो सकती हैं!

परिचय (Parichay)

जौ दुनिया भर में खेती किए जाने वाले सबसे पुराने पौधों में से एक है और यह शुरुआत के दिनों में जानवरों और मनुष्यों का मुख्य भोजन रहा है। जौ का वैज्ञानिक नाम होर्डियम वल्गारे एल. है। यह होर्डियम जीनस और पोएशियाई परिवार के अनाज वाले पौधे की प्रजाति है।1 होर्डियम वल्गारे, या जौ जिसकी खेती की जाती है, इसकी खेती मुख्य रूप से पशु के चारे, खासतौर से सूअरों के लिए, बियर के उत्पादन में माल्टिंग और ब्रूइंग, व्हिस्की उत्पादन में डिस्टिलेशन और खाने के लिए की जाती है।2

गर्मी से लेकर सर्दियों तक जौ कई किस्मों में आता है, जिनमें से हरेक स्पाइक में जौ के कई दाने आते हैं। अनाज की खराब क्वालिटी होने के कारण, सर्दियों वाली जौ की फसल को मुख्य रूप से पशु चारे में उपयोग किया जाता है। ताज़े हरे जौ के रस को कम तापमान पर, एंज़ाइम को सक्रिय रखने के लिए,  डीहाइड्रेट करके हरे जौ का एसेंस बनाया जाता है। जौ और भी कई चीज़ों में लाभकारी हो सकता है क्योंकि इसमें ऐसे शानदार गुण हो सकते हैं जो अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों में मददगार साबित हो सकते हैं। 1

जौ के फ़ायदे

जौ की न्यूट्रीशनल वैल्यू (Nutritional value of Barley in hindi)

जौ की न्यूट्रीशनल वैल्यू इस प्रकार है:

  • कार्बोहाइड्रेट (%): 57.9 ± 5.1
  • डाइटरी फाइबर: 29.5 ± 15.5
  • प्रोटीन (%): 27.3 ± 4.3
  • फैट (%): 4.57 ± 1.31
  • विटामिन ए (mg/100 g): 20.5 ± 4.7
  • विटामिन बी1 (mg/100 g): 0.61 ± 0.40
  • विटामिन बी2 (mg/100 g): 1.56 ± 0.65
  • विटामिन बी3 (mg/100 g): 7.18 ± 7.39
  • विटामिन बी6 (mg/100 g): 1.12 ± 0.97
  • विटामिन बी12 (mg/100 g): 1.16 ± 0.26
  • विटामिन सी (mg/100 g): 251.6 ± 239.1
  • विटामिन ई (mg/100 g): 15.0 ± 14.1
  • सोडियम (mg/100 g): 328.2 ± 288.4
  • कैल्शियम (mg/100 g): 479.4 ± 172.5
  • फ़ॉस्फोरस (mg/100 g): 380.4 ± 60.7
  • क्रोमियम (mg/100 g): 0.14 ± 0.06
  • कॉपर (mg/100 g): 1.66 ± 1.25
  • सल्फर (mg/100 g): 305.5 ± 6.4
  • आयरन (mg/100 g): 23.3 ± 10.1
  • मैगनीशियम (mg/100 g): 183.2 ± 46.0
  • मैंगनीज़ (mg/100 g): 3.94 ± 1.56
  • मॉलिब्डेनम (mg/100 g): 0.048 ± 0.006
  • पोटैशियम (mg/100 g): 3384 ± 649
  • ज़िंक (mg/100 g): 3.43 ± 1.36

जौ की खूबियाँ:

जौ के पौधे में मौजूद शानदार खूबियाँ नीचे बताई गई हैं।

  • यह एंटी-एनीमिक हो सकता है
  • यह एंटी-रूमेटिक हो सकता है
  • यह दस्त ठीक कर सकता है
  • यह डिप्रेशन कम कर सकता है
  • यह सूजन कम कर सकता है1
  • यह एक एंटीडायबिटिक एजेंट हो सकता है
  • इसमें एंटी-हाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर कम करने वाले) गुण हो सकते हैं
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला हो सकता है
  • इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर की सुरक्षा करने वाले) गुण हो सकते हैं
  • यह मुँहासों को ठीक कर सकता है
  • इसमें एंटीकैंसर एक्शन हो सकता है
  • यह एक एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है
  • इसमें हाइपोलिपिडेमिक (लिपिड-कम करने वाले) गुण हो सकते हैं
  • यह एक एंटी-गाउट (एक प्रकार का गठिया जिसमें जोड़ों का दर्द होता है) एजेंट हो सकता है
  • इसमें एंटी-हाइपरयूरिसेमिया (रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा होना) गुण हो सकते हैं
  • यह एंटी-फेटीग (अत्यधिक थकान दूर करने वाले) एजेंट के रूप में काम कर सकता है

जौ के शानदार उपयोग (Uses of Barley):

जौ में नीचे बताए गई शानदार खूबियाँ हो सकती हैं।

नींद के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ की घास के पाउडर में गामा-एमिनोब्यूटाइरिक एसिड (एक ब्रेन केमिकल), कैल्शियम, पोटेशियम और ट्रिप्टोफैन (एमिनो एसिड) बहुत ज़्यादा होता है। यह एक बहुत अच्छा भोजन है और नींद लाने में भी मदद कर सकता है। पॉलिश किए हुए चावल की तुलना में जौ की घास के पाउडर में गामा-एमिनोब्यूटाइरिक एसिड, कैल्शियम और पोटैशियम काफ़ी ज़्यादा मात्रा में होता है। पॉलिश किए हुए चावल या गेहूं का आटा और जौ और उनसे बनी चीज़ें, लोगों में अच्छी नींद लाने वाले असरदार खाद्य पदार्थ साबित हो सकते हैं।3 हालांकि, इसे साबित करने के लिए अभी काफ़ी शोध की आवश्यकता है।

डायबिटीज़ के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ और इसका अर्क (एक्सट्रैक्ट) ऑक्सीजन फ्री रेडिकल्स को खत्म कर सकता है और डायबिटीज़ के इलाज में मदद कर सकता है। इसका डाइटरी फाइबर, फास्टिंग ब्लड शुगर और ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। जौ में मौजूद फ्लेवोनॉय्ड्स, डायबिटीज़ के रोगियों को पोस्ट-मील (खाने के बाद के) ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।3

जौ की घास के पाउडर से फास्टिंग ब्लड शुगर और ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन को कम किया जा सकता है। तनाव के दौरान, जौ की कोशिकाओं में मौजूद पॉलीअमीन्स बढ़ सकते हैं और इंसुलिन जैसा प्रभाव पैदा कर सकते हैं।3 3 हालांकि, डायबिटीज़ जैसी स्थितियों की पहचान और इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। कृपया डॉक्टर से सलाह लें और अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।

रक्त में मौजूद लिपिड्स के लिए जौ का शानदार उपयोग:

उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि अन्य अनाजों की तुलना में चिपचिपे घुलनशील फाइबर से भरपूर साबुत अनाज, जैसे कि जौ, रक्त में मौजूद लिपिड को ज़्यादा बेहतर तरीके से कम कर पाते हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने के सुझाए गए तरीकों में से एक है जौ खाने के बाद आंतों में लिपिड का देर से एब्सोर्ब होना। इसके अलावा, कोलेस्ट्रॉल का एब्सोर्पशन और रिएब्सोर्पशन में रुकावट हो सकती है। जो का लिपिड-कम करने वाला शानदार प्रभाव, आंतों में मौजूद सामग्री की चिपचिपाहट बढ़ाने की जौ की क्षमता की वजह से हो सकता है।4

जौ की घास के पाउडर से टोटल कोलेस्ट्रॉल और लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो सकता है, हालाँकि इससे हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। हो सकता है कि जौ के पत्तों में मौजूद हेक्साकोसानॉल, कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करके कोलेस्ट्रॉल के मेटाबोलिज्म को बढ़ा सकता है।3 जौ के स्प्राउट्स में फैट, पॉलीसेकेराइड, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं, और इन सभी में लिपिड कम करने वाला गुण हो सकता है।3

हरी जौ, लिपिड मेटाबोलिज्म में मदद करके और लिपिड का पेरोक्सीडेशन होने से रोकने में मदद करके एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज में मददगार साबित हो सकती है।3 हालांकि, इन बातों को पूरी तरह सच्चा मानने से पहले अभी और शोध की आवश्यकता है।

गाउट (गठिया) के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ की घास रक्त में यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकती है और इससे मनुष्यों में मल के मेटाबोलिज्म, लिपिड मेटाबोलिज्म, लिवर के काम-काज करने और एंटीऑक्सीडेंट सिस्टम से संबंधित कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। गाउट (गठिया का एक रूप) की स्थिति में फ़र्मेंट की गई जौ का एक्सट्रैक्ट यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है। एक फ़र्मेंट की गई जौ का एक्सट्रैक्ट पेशाब ज़्यादा बना सकता है और सीरम यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है।3 हालाँकि, इन दावों को सच्चा मानने से पहले अभी और शोध किया जाना बाकी है।

इम्युनिटी के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ की ताज़ा पत्तियों में पॉलीसेकेराइड की मात्रा इम्यूनोमॉड्यूलेशन के साथ-साथ मैक्रोफेज (एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका) स्टिमुलेट्री फंक्शन में मददगार हो सकती है।3 हालांकि, इन प्रभावों को सच्चा मानने के लिए अभी और वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है। इसलिए, कृपया अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।

लिवर के लिए जौ का शानदार उपयोग:

भरपूर मात्रा में फ्लेवोनोइड वाले जौ स्प्राउट्स की लिवर को सुरक्षा देने की शानदार गतिविधि का परीक्षण एक पशु मॉडल पर किया गया था जिसमें यह पाया गया कि यह सूजन की प्रतिक्रिया को रोकता है। इन-विट्रो और इन-विवो प्रयोगों में, जौ के स्प्राउट्स में मौजूद एक फ्लेवोनोइड में लिवर की चोट के लिए लिवर को सुरक्षा देने की शानदार गतिविधि और एंटीऑक्सीडेंट खूबी पाई गई।3  हालांकि, लिवर से संबंधित स्थितियों की पह्चान और इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

दिमाग के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ के ताज़े पत्तों में एंटीडिप्रेसेंट गुणों का अध्ययन किया गया है। यह दिमाग में नर्व ग्रोथ फैक्टर्स (इंसुलिन जैसे प्रोटीन, जो न्यूरॉन्स के ग्रोथ और डेवलपमेंट को नियंत्रित करते हैं) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

जौ में विटामिन और मिनरल होते हैं जो तनाव से संबंधित मानसिक समस्याओं, यहां तक कि डिप्रेशन में भी मदद कर सकते हैं। विटामिन और मिनरल्स से भरपूर जौ के हरे पत्ते याददाश्त बढ़ाने वाले प्रभाव दिखा सकते हैं।3 इन प्रभावों को साबित करने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।

पेट और आँतों के लिए जौ का शानदार उपयोग:

गट सिस्टम को सक्रिय करके और pH को कम करके, पानी में अघुलनशील आहार फाइबर वाले ताज़े जौ की पत्ती का पाउडर मल की मात्रा और जुलाब (लैक्सेटिव) की गतिविधि को बढ़ा सकता है। जौ अल्सरेटिव कोलाइटिस, पैंक्रियाटाइटिस और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की अन्य समस्याओं को ठीक करने में मददगार हो सकता है।3

प्रोबायोटिक्स के ग्रोथ को स्टिमुलेट करके, अंकुरित जौ वाले खाद्य पदार्थ अल्सरेटिव कोलाइटिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। पशुओं पर किए गए अध्ययनों के अनुसार, जौ में मौजूद सेलेनियम की भरपूर मात्रा से पेट के अल्सर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।3 दवा से उपचार किए गए चूहों में पाया गया, कि अंकुरित जौ का डाइटरी फाइबर कोलोनिक क्रिप्ट्स (कोलन की ग्रंथियों) के प्रोलिफ्रेशन के कारण कब्ज़ को ठीक करने में मदद कर सकता है।3  हालाँकि, इसका समर्थन करने वाले और ज़्यादा वैज्ञानिक प्रमाणों की आवश्यकता है।

कैंसर के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ की हाई एल्कलाइनिटी, इसके शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण, इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवोनोइड्स और क्लोरोफिल के मिले-जुले प्रभाव कैंसर सैल्स के विकास में रुकावट डाल सकते हैं। जौ के फाइटोकेमिकल कॉम्बिनेशन्स, ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में मददगार हो सकते हैं।3

ह्यूमन ल्यूकेमिया (श्वेत रक्त कोशिका का कैंसर), लिम्फोमा (लिम्फेटिक सिस्टम का कैंसर), और ब्रेस्ट कैंसर सैल्स में इसके शानदार एंटीप्रोलिफेरेटिव और सैल को मारने वाले प्रभावों के कारण हरे जौ का एक्सट्रैक्ट एंटीकैंसर गुण दिखा सकता है।3 इस दिशा में अभी और शोध की आवश्यकता है। इसके अलावा, कैंसर की सही से पहचान और इलाज सिर्फ़ डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए। इसलिए, कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।     

एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जौ का शानदार उपयोग:

जौ सबसे ज़्यादा तनाव-सहने वाली फसलों में से एक है जो टोकोफेरॉल, ग्लूटाथियोन का उत्पादन करती है और इसके फ्लैग लीफ में सक्सीनेट होता है। जौ घास में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से प्रेरित बीमारियों, जैसे कि सूजन, कैंसर और दिल के रोग में मदद कर सकते हैं।3

फ़ूड इंडस्ट्री में, मीथेनॉल और इथेनॉल से एक्सट्रैक्ट किए गए जौ के पत्तों का उपयोग वैकल्पिक सिंथेटिक एंटीऑक्सिडेंट के तौर पर किया जा सकता हैं।3

दिल के लिए जौ का शानदार उपयोग:

जौ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिल के रोगों में मदद कर सकते हैं। जौ रक्त के गाढ़ेपन और बहाव को बेहतर करके थ्रोम्बोसिस (खून के थक्के बनने के कारण रक्त वाहिकाओं में रुकावट बनना) और कार्डियोवैस्कुलर रोग से बचने में मदद कर सकता है।3 कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें क्योंकि दिल की बीमारियों का ठीक से निदान और इलाज किसी विशेषज्ञ द्वारा ही किया जाना चाहिए।

थकान और हाइपोक्सिया में जौ का शानदार उपयोग:

जौ में पाए जाने वाले फ्लेवोन्स में एंटी-हाइपोक्सिया (टिशू को कम ऑक्सीजन मिलने की स्थिति को दूर करने वाले) और एंटी-फेटीग (थकान की स्थिति को दूर करने वाले) गुण हो सकते हैं जो इंसानों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। जानवरों पर किए गए अध्ययनों के अनुसार, जौ की सीडलिंग चूहों में थकान को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, खासतौर पर स्विमिंग से होने वाली थकान और एंटी-एनॉक्सिक टाइम (टोटल ऑक्सीजन लेवल का कम होना) के दौरान, ब्लड शुगर और पेट के अल्सर को कम करके।3 हालांकि, इस दिशा में इंसानों पर अभी और शोध करने की आवश्यकता है।

त्वचा के लिए जौ का शानदार उपयोग:

फरमेंटेड जौ के एक्सट्रैक्ट और गामा-एमिनोब्यूटायरिक एसिड का कॉम्बिनेशन एटोपिक डर्मेटाइटिस (लाल और खुजली वाली त्वचा) पर कुछ सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसा यह एक पशु मॉडल में लिम्फोसाइट बैलेंस को रेगुलेट करके कर सकता है। हालांकि, अधिक शोध की आवश्यकता है।3 हालांकि, इस दिशा में अभी और शोध करने की आवश्यकता है।

हड्डियों के लिए जौ का शानदार उपयोग:

स्वास्थ्य के लिए और रोग की स्थिति में, शारीरिक और पैथोफिजियोलॉजिकल कारणों से कैल्शियम होमियोस्टेसिस की अहम भूमिका है।  जौ में कैल्शियम कंटेंट ज़्यादा होने के कारण, ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं|3

हालांकि, अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग अध्ययन जौ के शानदार उपयोग दिखाते हैं, लेकिन ये अध्ययन काफ़ी नहीं हैं और मानव स्वास्थ्य पर जौ के लाभ कितने कारगर हैं यह पक्का करने के लिए आगे और अध्ययन की आवश्यकता है। 

जौ को कैसे उपयोग करें?

जौ का उपयोग अलग-अलग तरह से किया जा सकता है, जैसे:

  • जौ की घास का पाउडर
  • बिस्कुट
  • ब्रेड
  • जौ का पानी
  • जौ की चाय5
  • जौ का आटा
  • शोरबा6

कोई भी हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले आपको किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लिए बिना अपने आधुनिक चिकित्सा के जारी इलाज को न तो बंद करें और न ही इसके बजाय कोई आयुर्वेदिक/हर्बल प्रिपरेशन लेना शुरू करें।  

जौ के साइड इफ़ेक्ट (Barley ke Side Effects)     

जौ के ऐसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं जिन्हें और अधिक शोध द्वारा जानने और समझने की आवश्यकता है। इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लिए बिना इसका इस्तेमाल न करें।

जौ के साथ बरती जाने वाली सावधानियां:

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में जौ की सुरक्षा का अध्ययन नहीं किया गया है। इसलिए, इसे केवल अनुभवी डॉक्टर की देखरेख और सलाह के अनुसार ही लिया जाना चाहिए। इसी तरह, बच्चों में जौ के सुरक्षित होने पर भी कोई शोध नहीं किया गया है।

Read in English: Barley-Uses, Benefits & Side Effects

अन्य दवाओं के साथ इंटरैक्शन:

जौ अन्य दवाओं के साथ कैसे इंटरैक्शन करता है, इस बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
इसलिए, अगर आप कोई और दवा या सप्लीमेंट लेते हैं तो जौ लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

क्या जौ से डायबिटीज़ वाले लोगों को फ़ायदा होता है?

यह डायबिटीज़ के लिए मददगार साबित हो सकता है। जौ में मौजूद डाइटरी फाइबर और फ्लेवोनोइड्स से डायबिटीज़ के रोगियों में फास्टिंग ब्लड शुगर और ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है।3 कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। अपना इलाज खुद करने की ग़लती न करें।

जौ को कैसे खाना चाहिए?

जौ को कई तरह से खाया जा सकता है जैसे जौ की घास का पाउडर, जौ के बिस्कुट, जौ की रोटी, जौ का पानी, जौ की चाय, जौ का आटा और जौ का शोरबा बनाकर।5,6

क्या जौ के उपयोग से वज़न घट सकता है?

वज़न घटाने में जौ मददगार साबित हो सकता है। जौ के स्प्राउट्स में फैट्स, पॉलीसेकेराइड्स, प्रोटीन्स, विटामिन्स, मिनरल्स और पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं और इसका लिपिड कम करने वाला प्रभाव हो सकता है।3

जौ के क्या फ़ायदे हैं?

जौ एनीमिया, सिस्टाइटिस, रूमेटिज़्म, दस्त, खांसी, बवासीर, फ्लू, डिप्रेशन, त्वचा के रोग, सूजन, जी मिचलाने, मुंह में छाले, पाचन संबंधी समस्याएं, ब्लड शुगर लेवल ज़्यादा होने, इम्यूनिटी कमज़ोर होने, मुँहासे, कैंसर, लिपिड लेवल ज़्यादा होने, गाउट, हाइपरयूरिसीमिया, थकान, हाइपोक्सिया और कब्ज को ठीक करने में मददगार हो सकता है।1,3 हालांकि, जौ के शानदार उपयोगों को सच मानने से पहले, इस दिशा में अभी और शोध करने की आवश्यकता है। कृपया इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

जौ का पानी क्या होता है?

जौ के दानों में पानी डाला जाता है और इस पूरे मिश्रण को ज़्यादा तापमान पर उबाला जाता है। इस मिश्रण के ठंडा होने पर इसके पानी को इकट्ठा किया जाता है। इसे जौ का पानी कहते हैं।5

क्या जौ में ग्लूटेन होता है?

नहीं, जौ में ग्लूटेन नामक प्रोटीन नहीं होता है।4

जौ की चाय क्या होती है?

जौ की चाय जौ की फसल का बाय-प्रोडक्ट है। इसमें भुनी हुई जौ की गिरी को गर्म या ठंडे पानी में भिगोकर रखा जाता है और बाद में खाने के साथ या खाली पेट पानी के रूप में पिया जाता है। यह बहुत स्वादिष्ट होता है और मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही पौष्टिक है।5

जौ की घास के क्या फायदे हैं?

जौ की घास में अच्छी नींद लाने, एंटीडायबिटिक, ब्लड प्रेशर कम करने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, लिवर की सुरक्षा करने, मुंहासे मिटाने, एंटीडिप्रेसेंट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन को बेहतर करने, एंटीकैंसर, एंटी-इनफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीगाउट, हाइपोक्सिया की रोकथाम करने जैसे गुण हो सकते हैं। इसका उपयोग कार्डियोवैस्कुलर रोगों, थकान, कब्ज़, एटोपिक डर्माटाइटिस, और कोगनिटिव फंक्शन में सुधार के लिए भी किया जाता है।3 हालांकि, इस दिशा में अभी और शोध करने की आवश्यकता है। इसलिए, कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

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