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काली मिर्च (Black Pepper in Hindi): उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr. Nikita Toshi +2 more

काली मिर्च को ‘मसालों का राजा’ के रूप में जाना जाता है और काली मिर्च के सेवन का एक प्रमुख फ़ायदा यह है कि यह वज़न कम करने में मदद करती है। यह पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है और शरीर को डिटॉक्सीफाई करके कैंसर से बचाती है। जब इस मसाले को भोजन में मिलाया जाता है, तो यह आपके भोजन का स्वाद बेहतर कर देती है और इसे मसालेदार बना देती है।

काली मिर्च के फ़ायदे

 अगर आप एक फ़िटनेस प्रेमी हैं और जल्दी वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको अपने रोज़ के खाने में काली मिर्च लेना चाहिए। साथ ही नींबू के रस और बाजरा (रागी) को भी खाना मत भूलिए। ये सभी खाद्य पदार्थ आपको तेजी से वज़न कम करने में मदद कर सकते हैं और काली मिर्च आपकी आंतों और पेट को साफ़ करती है। आइए काली मिर्च के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर एक नज़र डालते हैं।

काली मिर्च के बारे में रोचक तथ्य:

क्या आपने कभी सोचा है कि काली मिर्च को ‘मसालों का राजा’ क्यों कहा जाता है? खैर, इसका कारण यह है कि आपके शरीर के लिए इस मसाले में बहुत सारे फ़ायदे हैं। यहां इस अद्भुत मसाले के बारे में कुछ तथ्य दिए गए हैं।

  • वज़न कम करने में सहायता करती है
  • शरीर को डिटॉक्स करती है
  • कैंसर से बचाती है
  • पेट और आंतों को साफ़ रखती है
  • इसमें पोटैशियम होता है जो हार्ट रेट और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है
  • रेड ब्लड कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करती है
  • विटामिन B से भरपूर होती है और कैल्शियम का उत्पादन करती है
  • कब्ज को रोकती है
  • त्वचा के विकार और झुर्रियों को रोकती है

टिप्पणी: अपने रोज़ के खाने में चुटकी भर काली मिर्च लेने से आप स्वस्थ रह सकते हैं और इसका उपयोग वज़न घटाने के सप्लीमेंट के रूप में करना आपके लिए वज़न घटाने का सबसे अच्छा तरीका तरीका साबित हो सकता है।

काली मिर्च के स्वास्थ्य से जुड़े फ़ायदे:

इस मसाले के बहुत सारे फ़ायदे हैं और इसी वजह से हमारे पूर्वजों ने इसका नाम ‘मसालों का राजा’ रखा था। खैर, यहां काली मिर्च के सेवन से मिलने वाले 15 स्वास्थ्य के फ़ायदे दिए गए हैं और यह भी बताया गया है कि यह कैसे एक कीटाणुनाशक के रूप में कार्य करके बीमारियों को रोक सकती है।

1. यह किसी भी तरह के कैंसर से बचाती है:

काली मिर्च को हल्दी के साथ मिलाकर खाने से कैंसर से बचाव होता है। हल्दी और काली मिर्च मिलाकर इसे दूध के साथ लिया जा सकता है। यह पेय आमतौर पर तेज़ ज़ुकाम से पीड़ित व्यक्तियों को दिया जाता है। कहा जाता है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन A और कैरोटीनॉइड पाए जाते हैं जो कैंसर और अन्य घातक बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसे अपने रोज़ के खाने में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से फ़िट रहने का सबसे अच्छा तरीका है।

2. यह पाचन के लिए अच्छी होती है:

काली मिर्च पाचन को अच्छा करने में मदद करती है और जब इसे कच्चा खाया जाता है, तो पेट से हाइड्रोक्लोरिक एसिड निकलता है, जोकि प्रोटीन को तोड़ने में सहायता करता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड आपकी आंतों को साफ़ करने में मदद करता है और आपको अन्य गैस्ट्रोइन्टेस्टनल रोगों से बचाता है। इसलिए अपने सभी खाने में चुटकी भर काली मिर्च डालना न भूलें।

3. यह कब्ज़ को दूर रखती है:

अगर आपको हफ़्ते में तीन बार से कम मल होता है, तो आप हो सकता है कि आप कब्ज से पीड़ित हों। हालांकि, रोजाना अपने खाने में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। कभी-कभी जब आप कब्ज से पीड़ित होते हैं, तो आप मल त्याग करने के लिए जोर लगाते हैं या कभी-कभी आपको मल त्यागने के बाद भी पेट खाली महसूस नहीं होता है।

इस प्रकार काली मिर्च का रोजाना सेवन करने से कोलन कैंसर, कब्ज, डायरिया और अन्य प्रकार के बैक्टीरियल रोग दूर हो जाते हैं। इसका ज़्यादा सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए आप रोज़ाना अपने भोजन में केवल इसकी एक चुटकी ही मिलाएं।

 4. यह त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करती है:

कहा जाता है कि ‘मसालों का राजा’ काली मिर्च त्वचा की रंजकता (पिगमेंटेशन) (विटिलिगो) को रोकती है। इस रोग में आपकी त्वचा सफ़ेद दिखाई देने लगती है और इसे सफ़ेद धब्बे भी कहा जाता है। हालांकि आपकी त्वचा के रंग को दोबारा से सही करने के लिए बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन काली मिर्च आपकी त्वचा को किसी भी प्रकार के त्वचा रंजकता (पिगमेंटेशन) से बचाती है और आपकी त्वचा के वास्तविक रंग को बनाए रखने में सहायता करती है। छोटी उम्र से ही काली मिर्च का सेवन करने से झुर्रियां और त्वचा संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यह समय से पहले बूढ़ा होने और काले धब्बों को आने से भी रोकता है।

कच्चे या बने हुए मसालों को रोज़ के आहार के साथ खाना आपके के लिए काफी अच्छा होता है जो आपके शरीर को फ़ायदा पहुंचाएगा और सबसे महत्वपूर्ण आपकी त्वचा को फिर से अच्छा कर देगा। यदि आप मुंहासों से पीड़ित हैं, तो आपको काली मिर्च का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह आपकी त्वचा में मौजूद इन्टॉक्सिकेन्ट को दूर करने और इसे चिकनी बनाने में मदद करेगी। आपको बस इतना करना है कि कुछ काली मिर्च को पीसकर अपनी त्वचा पर लगाएं और आपको फर्क नज़र आ जायेगा।

5. यह आपके बालों के लिए अच्छी होती है:

डैंड्रफ का उपचार करने के लिए भी काली मिर्च को अच्छा बताया गया है। आपको बस इतना करना है कि थोड़े से दही के साथ कुछ कुचली हुई काली मिर्च मिलाएं और इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं तथा इसे कम से कम 30 मिनट तक सूखने दें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि आप किसी अन्य तरह से काली मिर्च का उपयोग न करें क्योंकि इससे आपका सर जल सकता है। सुनिश्चित करें कि आप अपने बालों में काली मिर्च लगाने के बाद अगले 24 घंटों तक शैम्पू का उपयोग न करें क्योंकि इससे साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। आप पिसी हुई काली मिर्च में निम्बू भी मिला सकते हैं और इसे अपने स्कैल्प पर लगा कर 30 मिनट बाद धो सकते हैं। इससे आपके बाल चमकदार और चिकने हो जाएंगे।

6. यह आपके वज़न को घटाने में सहायक होती है:

यह करामाती मसाला आपके वज़न को कम करने में आपकी सहायता करता है और इसे ग्रीन टी में मिलाकर दिन में दो से तीन बार भी लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस मसाले में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो अतिरिक्त वसा को तोड़ने में मदद करती है। इससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है। ग्रीन टी और इसमें एक चुटकी काली मिर्च आपको आपके वज़न को कम करने में मदद कर सकती है। इसे आपको अपने रोज़ाना के आहार में शामिल करने की जरूरत है।

7. यह आपके डिप्रेशन को दूर करती है:

कहा जाता है कि डिप्रेशन दुनिया भर में अधिकांश लोगों के सामने आने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है और इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हालाँकि, ऐसी दवाएं हैं जो इस मानसिक समस्या को गंभीर (डिवास्टेटिंग) होने से रोक सकती हैं,

इस तथ्य में ऐसा कहा जाता है कि कच्ची काली मिर्च को चबाने से मस्तिष्क में मूड को सही करने वाले रसायन निकलते हैं जो आपके दिमाग को शांत और हर समय शांतिदायक बनाएं रखते हैं। वैसे, इसे अधिक मात्रा में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 

8. यह श्वसन रोगों के उपचार में सहायक होती है:

कहा जाता है कि सर्दी और खांसी एक सामान्य श्वसन समस्या है जिसे काली मिर्च के सेवन से ठीक किया जा सकता है। बस थोड़ी सी ग्रीन टी में एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं और आपको फर्क नज़र आएगा। इसके अलावा आप एक गिलास दूध और उसमें एक चुटकी काली मिर्च और एक चुटकी हल्दी मिलाकर इसे गर्म ही पी सकते हैं। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।

सर्दियों में अपने सभी खाद्य पदार्थों में थोड़ी सी काली मिर्च शामिल करने से आप स्वस्थ रहेंगे और कई बीमारियों से बचेंगे। काली मिर्च को शहद के साथ मिलाकर लेने से भी छाती में जमाव को रोकने में मदद मिल सकती है। थोड़े से गर्म पानी में थोड़े से यूकेलिप्टस तेल के साथ काली मिर्च को मिलाने और उसकी भाप लेने से सीने की जकड़न से छुटकारा पाया जाता है और यह एक सरल उपाय है।

9. यह जोड़ों के दर्द को कम करती है:

यदि आप जोड़ों के दर्द या गठिया से पीड़ित हैं तो आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि काली मिर्च में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो इस समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। यह गठिया को रोकने में भी मदद करता है। इसका उपयोग रीढ़ की हड्डी और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए भी किया जाता है। आज, काली मिर्च का उपयोग कई व्यंजनों में वैश्विक मसाले के रूप में किया जाता है। काली मिर्च का सबसे शक्तिशाली असर तब होता है जब सर्दी और खांसी से पीड़ित व्यक्ति इसका सेवन करता है।

10. आपके शरीर को डिटॉक्स करती है:

यह मसाला आपको पसीना और पेशाब निकालने में काफ़ी मदद करता है और इससे आप अपने शरीर से मौजूद सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकते हैं। लगातार पसीना आना और पेशाब करना इस बात का अच्छा संकेत है कि आपका शरीर ठीक से काम कर रहा है। आपको यह भी विचार करना चाहिए कि काली मिर्च लेने के बजाय आपको शारीरिक रूप से फैट बर्न की आवश्यकता कैसे है। कुछ लोगों का मानना है कि केवल काली मिर्च का सेवन करने से ही उन्हें वज़न कम करने में मदद मिल सकती है। वैसे, अगर आप रनिंग और जॉगिंग से जुड़े व्यायामों को करने के बजाय केवल इसे खाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप गलत हो सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि यदि आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो ऐसा सिर्फ़ स्वस्थ आहार और व्यायाम से ही संभव हो सकता है। यदि आप इसका पालन करते हैं, तो आप मज़ाक-मज़ाक में ही परिणाम देखेंगे।

हाल में, इस मसाले को लगभग सभी व्यंजनों में डाला जाता है क्योंकि यह आपके व्यंजन में एक तीखा और मसालेदार स्वाद लाता है। यह सिर्फ़ भारत में पाया जाता है और इस मसाले का मूल्य पहली बार तब आंका गया था जब इसका व्यापार एशिया से यूरोप में किया गया था।

11. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं:

कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा, और इसी तरह की कई पुरानी या दीर्घकालिक बीमारियों में सूजन एक प्रमुख अंतर्निहित समस्या है। कई अध्ययनों में सुझाव मिलता है कि काली मिर्च में पाया जाने वाला सक्रिय यौगिक पाइपरिन सूजन को कम कर सकता है।

12. यह आपके मस्तिष्क के लिए अच्छी होती है:

पिपेरिन ने मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मामले में सिद्ध परिणामों का प्रदर्शन किया है, जैसे कि याद करने की क्षमता। शोधकर्ताओं ने पाया कि मसालों के इस राजा में पार्किंसंस या अल्जाइमर जैसी अपक्षयी बीमारियों में सुधार करने की क्षमता है।

13. आपके ब्लड शुगर में सुधार करती है:

डायबिटिक रोगी काली मिर्च को प्रचुर मात्रा में छिड़क कर अपने भोजन का आनंद ले सकते हैं क्योंकि काली मिर्च के स्वास्थ्य फ़ायदे व्यक्ति के ब्लड ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार करने की क्षमता रखते हैं। जब इंसुलिन की संवेदनशीलता की बात आती है तो इस आश्चर्यजनक मसाले का नियमित सेवन सकारात्मक प्रतिक्रिया दर्शाता है। हालाँकि, इस मामले पर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।

14. कोलेस्ट्रॉल के विरुद्ध असरदार हो सकती है:

कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर दिल के दौरे के लिए एक चेतावनी का संकेत है। काली मिर्च के लगातार सेवन से यौगिक पाइपरिन की उपस्थिति के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में प्रभावी परिणाम मिले हैं। इसके अलावा, पाइपरिन आहार सप्लीमेंट्स की अवशोषण क्षमता को भी बढ़ा सकता है। जैसे, काली मिर्च हल्दी में में उपस्थित यौगिक करक्यूमिन के अवशोषण को 2,000% तक बढ़ा सकती है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे प्रभावशाली स्वास्थ्य गुण भी होते हैं।

अन्य विविध फ़ायदे

  • खाने में काली मिर्च का सेवन करने से आपकी आंत में अच्छे बैक्टीरिया की उपस्थिति प्रभावी रूप से बढ़ जाती है।
  • दर्द को कम करने के लिए प्राकृतिक रूप से कार्य कर सकती है
  • सेलेनियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा देने में मदद करती है

खाना पकाने में काली मिर्च के इस्तेमाल के टिप्सः

यही वजह थी कि दुनिया भर से सबसे ज्यादा यात्री भारत क्यों आते थे। इस मसाले को लगभग किसी भी स्वादिष्ट व्यंजन में शामिल किया जा सकता है। चाहे गरम हो या ठंडा, इस मसाले को व्यंजनों को तीखा बनाने के लिए छिड़का जा सकता है। रोज़ खाना पकाने में काली मिर्च को शामिल करने के कुछ सरल उपाय यहां दिए गए हैं।

  • काली मिर्च को सलाद में चुटकी भर नमक के साथ छिड़क कर डाला जा सकता है।
  • आमलेट को बनाते  समय थोड़ी सी काली मिर्च डाल सकते हैं।
  • आप सूप, सॉस, स्टेक और बेकन, मछली और मांस में भी थोड़ी सी काली मिर्च मिला सकते हैं।
  • आप इसे थोड़ी सी हैम्बर्गर और सॉसेज में भी मिला सकते हैं।
  • स्ट्रॉबेरी और अनानास में थोड़ी सी काली मिर्च डालकर स्वाद लें।
  • आप मसले हुए आलू में भी थोड़ी सी काली मिर्च मिला सकते हैं।

काली मिर्च के व्यंजन विधि (रेसिपी):

काली मिर्च का उपयोग कई व्यंजनों में किया जा सकता है क्योंकि यह एक सुगंध और स्वाद जोड़ता है जो पूरे दिन आपकी भूख को और बढ़ा सकता है। यहां कुछ स्वादिष्ट व्यंजन दिए गए हैं जिनमें आप काली मिर्च मिला सकते हैं।

1. काली मिर्च चिकन फ्राई:

बोनलेस पेपर फ्राई चिकन अन्य सभी चिकन व्यंजनों में सबसे स्वादिष्ट होता है। यह आपकी टेस्ट बड्स को और अधिक खाने के लिए उत्तेजित कर सकता है।

सामग्री:

काली मिर्च चिकन की अपनी स्वादिष्ट डिश तैयार करने के लिए आपको क्या चाहिए वह यहां दिया गया है:

  • 1 कप ताजा कटा हुआ प्याज
  • ¾ छोटा चम्मच अदरक , लहसुन का पेस्ट
  • 1 कप कटा हुआ टमाटर
  • 1 छोटा चम्मच नमक
  • 1 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर
  • ¼ छोटा चम्मच मिर्च पाउडर
  • ¾ छोटा चम्मच गरम मसाला पाउडर
  • पुदीना या करी पत्ता
  • दालचीनी
  • 3 लौंग
  • 3 बड़े चम्मच तेल

नोट: चिकन तैयार करने से पहले इसे नमक, अदरक लहसुन पेस्ट और हल्दी के साथ मैरीनेट करें।

काली मिर्च चिकन को तैयार करने की विधि:

ऐसे बनाएं स्वादिष्ट काली मिर्च चिकन डिश:

  • सबसे पहले चिकन को धोकर उसका पानी निकाल दें।
  • फिर एक पैन में तेल डालें और उसमें लौंग, इलायची और दालचीनी डालें।
  • इसके बाद, अदरक-लहसुन का पेस्ट और करी पत्ता डालें और लहसुन की महक कम होने तक पकाएं।
  • फिर बारीक कटे हुए प्याज को डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
  • नमक डालें और टमाटर को नरम होने तक भूनें।
  • एक बार यह हो जाने पर, चिकन डालें और इसे 5 मिनट तक पकाएं।
  • पैन को ढककर धीमी आंच पर रखें और उसमें थोड़ा सा पानी डालें। ध्यान रहे कि यह चिकन नरम होने तक पका है।(ग्रेवी वर्जन)
  • अगर आप चिकन को ड्राई स्टाइल में पकाना चाहते हैं, तो आपको इसे बिना ढक्कन के पकाने की जरूरत है ताकि सारा पानी उड़ जाए। अब आपका काली मिर्च चिकन गरमा गरम परोसने के लिए तैयार है।

2. आलू के फ्रीटर के साथ काली मिर्च क्रंच:

ड्राई फ्राइड फूड और काली मिर्च एक दूसरे के अच्छे साथी हैं। काली मिर्च के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि जब इसे आखिरी समय में छिड़का जाता है, तो यह भोजन को एक फिनिशिंग टच देता है जो आपके डिश को न केवल स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि स्वस्थ भी बनाता है।

सामग्री:

अपने क्रंची आलू काली मिर्च के फ्रीटर को पकाने से पहले आपको क्या चाहिए वह यहां दिया गया है:

  • 2 मध्यम आकार के आलू
  • 4 बड़े चम्मच धनिया के बीज
  • 1 बड़ा चम्मच काली मिर्च
  • सूरजमुखी का तेल या जैतून का तेल
  • 2 ताजी हरी मिर्च
  • एक चुटकी नमक
  • 20 ग्राम चावल का आटा
  • 1 ¼ बड़ा चम्मच नमक
  • 1 पूरा ताजा बारीक कटा हरा धनिया

क्रंची पोटैटो पेपर फ्रिटर्स बनाने की विधि:

Now that you have all your ingredients ready, it’s time to make your tasty dish of crunchy potato pepper fritters.

अब जबकि आपकी सारी सामग्री तैयार हो चुकी है, तो अब बारी है कुरकुरे आलू काली मिर्च के फ्रिटर्स की अपनी स्वादिष्ट डिश बनाने की।

  • सबसे पहले एक पैन लें और उसमें लहसुन और मिर्च को एक साथ क्रश करें और उसमें एक चुटकी नमक डालें।
  • फिर इसमें 300 मिली पानी मिलाएं और फिर आलू को काट लें और इसमें धनिया के बीज और काली मिर्च डाल दें।
  • अब एक अलग पैन लें और उसमें तेज आंच पर तेल गर्म करें।
  • फिर अच्छी तरह से कटे हुए आलू लें और उन्हें मिश्रण में डुबोकर तेल में डालें और सुनहरा भूरा होने तक डीप फ्राई करें।

इन्हें तलने के बाद आप इनमें थोड़ी काली मिर्च भी मिला सकते हैं। अब आपके क्रिस्पी और कुरकुरे आलू काली मिर्च के पकोड़े खाने के लिए तैयार हैं।

काली मिर्च के बारे में कहा जाता है कि इसके बहुत सारे स्वास्थ्य फ़ायदे होते हैं और इसे हर दिन अपने नियमित आहार में शामिल करने की आवश्यकता है। काली मिर्च का थोड़ा सा छिड़काव आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है और यह सभी फिटनेस उत्साही लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मसाला है। यह आपका तेजी से वज़न कम करने में मदद भी कर सकती है। लेकिन वज़न घटाने के लिए आपको शारीरिक रूप से व्यायाम करने और फैट बर्न करने की भी आवश्यकता है तथा आपको बहुत लंबे समय तक मसालों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। कभी-कभी मसालों पर अत्यधिक निर्भरता के कारण आप इसका अधिक सेवन कर सकते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप कितनी मात्रा में इसका सेवन करते हैं और स्वस्थ रहते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नः

अब जब आप जानते हैं कि ‘मसालों का राजा’ के आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत सारे फ़ायदें हैं, तो आइए देखें कि यह मसाला कई देशों में क्यों पसंद किया जाता है और यह अन्य मसालों से अलग क्यों है। यहां कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न दिए गए हैं जो आपको काली मिर्च के बारे में जानकारी देंगे।

काली मिर्च के साइड इफ़ेक्ट्स क्या हैं?

अगर काली मिर्च आपको बहुत सारे फ़ायदे दे सकती है, लेकिन यह कुछ लोगों के लिए एलर्जी का कारण बन जाती है। काली मिर्च का अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है:
● पेट में जलन (अगर आपके पेट में जलन हो रही है तो आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि आपने काली मिर्च की कितनी मात्रा ली है)।
● यदि इसकी अधिक मात्रा आपके फेफड़ों में प्रवेश कर जाती है तो इससे मौत भी हो सकती है।
● यदि पिसी हुई काली मिर्च आपकी आंखों में चली जाती है, तो इससे बहुत तेज़ जलन हो सकती है और इससे बचने का एकमात्र तरीका है कि आप अपनी आंखें और हाथ धो लें।
● एक-आध मामलों में यह पाया गया है कि काली मिर्च कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया करती है और विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए जलन या एलर्जी का कारण बन सकती है।

क्या काली मिर्च पाचन में मदद कर सकती है?

हां, ऐसा होता है। काली मिर्च खाने को अच्छे से पचाने में मदद करती है। अपने किसी भी भोजन पर काली मिर्च का पाउडर छिड़कने से आपके शरीर में भोजन को तोड़ने की क्षमता बढ़ सकती है और पाचन में सहायता मिल सकती है। यदि आपने काली मिर्च का अधिक सेवन किया है, तो आपको एसिडिटी या पेट जलन, या अल्सर हो सकता है।

क्या काली मिर्च सूजन को कम कर सकती है?

हां, काली मिर्च सूजन को कम करती है और इसे एक एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी माना जाता है। काली मिर्च में पाया जाने वाला प्रमुख घटक पिपेरिन है और यह तीव्र सूजन को भी ठीक कर सकता है।

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