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सौंफ (Fennel Seed in Hindi) : उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr Rajeev Singh +2 more

परिचय:

सौंफ (फेनल सीड) का वैज्ञानिक नाम फीनीकुलम वल्गारे है और यह एपोकिनेसी परिवार से संबंधित एक सुगंधित पौधा है।1 सौंफ (फेनल सीड) की एक अलग आकृति, आकार और रंग होता है; यह लंबी, पतली होती है और हल्के हरे या भूरे रंग की होती है। सौंफ (फेनल सीड) का पौधा इसके बीजों, पत्तियों और खाद्य अंकुरों के लिए उगाया जाता है। दुनिया भर में रसोई में मसाले के तौर पर सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इसे लोकप्रिय रूप से सौंफ के नाम से जाना जाता है। भारत सौंफ (फेनल सीड) के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। इसके सभी हिस्से एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।

सौंफ के उपयोग

न्यूट्रिशनल वैल्यू:

सौंफ (फेनल सीड) में इंसान की सेहत के लिए उपयोगी कई पोषक तत्व होते हैं। सौंफ (फेनल सीड) में कई विटामिन, मिनरल और फैटी एसिड भी होते हैं।

  • पानी: 8.81 ग्राम
  • एनर्जी: 345 कैलोरी
  • प्रोटीन: 15.8 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट: 52.3 ग्राम
  • लिपिड: 14.9 ग्राम
  • फाइबर: 39.8 ग्राम
  • कैल्शियम: 1200 मिलीग्राम
  • आयरन (Fe): 18.5 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम (Mg): 385 मिलीग्राम
  • फास्फोरस (P): 487 मिलीग्राम
  • पोटेशियम (K): 1690 मिलीग्राम
  • सोडियम (Na): 88 मिलीग्राम
  • जिंक (Zn): 3.7 मिलीग्राम
  • कॉपर (Cu): 1.07 मिलीग्राम
  • फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड: 0.48 ग्राम
  • फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड: 9.91 ग्राम
  • फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड: 1.69 ग्राम

सौंफ (फेनल सीड) की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति 100 ग्राम)3

  • विटामिन C, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड: 21 मिलीग्राम
  • थायमिन: 0.408 मिलीग्राम
  • राइबोफ्लेविन: 0.353 मिलीग्राम
  • नियासिन: 6.05 मिलीग्राम
  • विटामिन B-6: 0.47 मिलीग्राम
  • विटामिन B-12: 0 माइक्रोग्राम
  • विटामिन A, RAE: 7 माइक्रोग्राम
  • विटामिन C, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड: 21 माइक्रोग्राम

सौंफ (फेनल सीड) में मौजूद विटामिन (प्रति 100 ग्राम)3

सौंफ (फेनल सीड) के गुण

फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्वों की काफी अच्छी मात्रा के कारण सौंफ (फेनल सीड) में निम्नलिखित गुण हो सकते हैं।

  • यह पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसी आवश्यक चीज़ों का पौधा-आधारित स्रोत हो सकती है।
  • यह एक एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम कर सकती है।
  • इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर की सुरक्षा) गुण हो सकते हैं।
  • इसमें हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम करना) गुण हो सकते हैं।
  • यह कीमो-निवारक (कैंसर के खतरे को कम करने वाला) गुण हो सकते हैं।
  • इसमें एंटी-ट्यूमर (ट्यूमर के विकास को रोकना)गुण हो सकते हैं।

सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग:

Saunf (fennel seed) ki sambhavit upyog

कई बीमारियों की स्थितियों में सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग नीचे बताए गए हैं।

1. पेट के लिए सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग

परंपरागत रूप से सौंफ (फेनल सीड) का उपयोग कार्मिनेटिव (पेट या आंतों से गैस को बाहर निकालना) एजेंट के तौर पर किया जाता रहा है। यह पेट में जमा गैस को दूर करने में मदद कर सकती है, जिससे पेट फूलने से राहत मिल सकती है। सौंफ (फेनल सीड) का पानी शिशुओं में पेट फूलने (गैस) की समस्या में भी काफी अच्छा होता है।1 सौंफ (फेनल सीड) अच्छे पाचन और भोजन के अवशोषण के लिए ज़रूरी डाइजेस्टिव सेक्रेशन (पाचन स्राव) को बढ़ावा दे सकते हैं।2  पेट को किसी तरह से नुकसान से बचाने के लिए सौंफ (फेनल सीड) के अर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है।4 लेकिन अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो आपको अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करना चाहिए।

2. एक एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सिडेंट एजेंट के रूप सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग

  • सौंफ (फेनल सीड) के एसेंशियल ऑयल कुछ मानव रोगजनक सहित कुछ खाद्य जनित बैक्टीरिया बनने से रोक सकते हैं। सौंफ (फेनल सीड) के एसेंशियल ऑयल ने लैब ट्रायल के दौरान इंसानों को प्रभावित करने वाले कई रोगजनक बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबैक्टीरियल फायदे दिखाए हैं।1
  • सौंफ (फेनल सीड) का एसेंशियल ऑयल कुछ कवक (फंगस) के विकास का भी रोक सकता है और इसने प्रयोगशाला अध्ययनों में सामान्य फंगस कैंडिडा अल्बिकन्स के खिलाफ ऐंटिफंगल गतिविधि दिखाई है।
  • सौंफ (फेनल सीड) से निकाला गया एसेंशियल ऑयल शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल स्कैवेंजिंग  (कोशिकाओं को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करना) गतिविधि दिखाता है।1 सौंफ (फेनल सीड) में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड, फ्लेवोनोइड्स और फैटी एसिड की मौजूदगी के कारण ही ऐसा होता है।

इन गतिविधियों को लैब अध्ययनों में देखा गया है। इंसानों पर कुछ बड़े अध्ययन हो जाने के बाद इस बात की संभावना होगी कि सौंफ (फेनल सीड) को  इंफेक्शन के इलाज के लिए दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन तब तक, आपको यही सलाह दी जाती है कि अगर आपको कोई भी इंफेक्शन हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

3. लिवर के लिए सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग

जानवरों पर किए गए एक अध्ययन मैं पाया गया कि सौंफ (फेनल सीड) का तेल लिवर को होने वाले नुकसान से बचा सकता है और हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर की सुरक्षा करने वाला) के तौर पर काम कर सकता है। सौंफ (फेनल सीड) के तेल का मौखिक सेवन भी लिवर को होने वाले नुकसान से जुड़े एंजाइमों के लेवल को कम कर सकता है।1,4 इस प्रकार, सौंफ (फेनल सीड) वास्तव में लिवर के लिए अच्छी होती है। लेकिन इंसानों में लिवर की समस्याओं के लिए सौंफ (फेनल सीड) के का इस्तेमाल करने की बात का समर्थन करने के लिए और ज़्यादा अध्ययन की ज़रुरत है। इसलिए, आपको सलाह दी जाती है कि अगर आप लीवर की किसी समस्या से पीड़ित हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।

4. डायबिटीज में सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग

सौंफ (फेनल सीड) का ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है और जानवरों पर किए गए परीक्षण के दौरान देखा गया कि यह डायबिटीज से पीड़ित चूहे में हाइपोग्लाइसेमिक गतिविधि दिखा सकता है। इसके अलावा, सौंफ (फेनल सीड) का एसेंशियल ऑयल डायबिटीज के कारण पैंक्रियास (अग्न्याशय) और गुर्दे में होने वाले पैथोलॉजिकल बदलावों में सुधार कर सकता है।1,4 इसके लिए इंसानों पर कई सारे अध्ययन करने की ज़रूरत है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लंबे समय तक डायबिटीज के कारण महत्वपूर्ण अंगों को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करने में सौंफ (फेनल सीड)  कितनी असरदार है। इसलिए अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से बात किए बिना डायबिटीज के लिए सौंफ के सौंफ (फेनल सीड) या अन्य हर्बल दवा लेने से बचें।

5. कैंसर में सौंफ (फेनल सीड) के संभावित उपयोग

एक अध्ययन के दौरान पाया गया कि डाइट में इस्तेमाल किए जाने पर सौंफ (फेनल सीड) ट्यूमर को विकसित होने से रोक सकती है। सौंफ (फेनल सीड) कार्सिनोजेनेसिस (कैंसर बनने) के खिलाफ सकारात्मक प्रभाव दिखा सकती है। सौंफ (फेनल सीड) भी एंटीकैंसर गतिविधि (कैंसर कोशिका को नष्ट करना) दिखा सकते हैं, क्योंकि चूहों पर किए गए एक परीक्षण में देखा गया कि यह  कैंसर कोशिकाओं को मारती है। सौंफ (फेनल सीड) का उपयोग एंटीकैंसर एजेंटों के एक प्राकृतिक स्रोत के रूप में किया जा सकता है।4 कैंसर में सौंफ (फेनल सीड) के इस्तेमाल का समर्थन करने के लिए और ज़्यादा अध्ययन की ज़रुरत है, और आपको सलाह दी जाती है कि अपने डॉक्टर से परामर्श किए बिना कैंसर को ठीक करने या रोकने के लिए किसी भी हर्बल दवा का इस्तेमाल न करें।

हालांकि ऐसे अध्ययन हैं जो विभिन्न समस्याओं की स्थितियों में सौंफ (फेनल सीड) के फायदों को दिखाते हैं, लेकिन ये अध्ययन अपर्याप्त हैं और इंसान की सेहत पर सौंफ (फेनल सीड) के फायदों की सही सीमा स्थापित करने के लिए आगे और अध्ययन की ज़रुरत है।

सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल कैसे करें

सौंफ (फेनल सीड) का कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • सौंफ (फेनल सीड) को माउथ फ्रेशनर के तौर पर खाया जा सकता है। खाना खाने के बाद, कुछ सौंफ (फेनल सीड) चबाने से आपकी सांसों को तरोताजा करने में मदद मिल सकती है।
  • आप सौंफ (फेनल सीड) की चाय बना सकते हैं। नियमित रूप से सौंफ (फेनल सीड) की चाय पीने से शरीर के अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।
  • ग्राइप वाटर:  शिशुओं में पेट फूलने की समस्या को दूर करने के लिए स्वादिष्ट सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल ग्राइप वाटर में एक सामग्री के तौर पर भी किया जाता है।

सौंफ (फेनल सीड) या कोई भी हर्बल सप्लीमेंट लेने से पहले आपको किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श किए बिना कोई भी जारी दवा या इलाज बंद न करें या इसे आयुर्वेदिक/हर्बल दवा से रिप्लेस न करें।

साइड इफेक्ट:

सौंफ (फेनल सीड) का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है और इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं।

हालांकि, कुछ लोग आम जड़ी-बूटियों और खाद्य पदार्थों पर अलग तरह से प्रतिक्रिया कर सकते हैं। इसलिए, अगर आपको सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल करने के बाद किसी भी तरह का साइड इफेक्ट महसूस होता है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करना चाहिए।

सावधानियां:

आपको सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल करते समय यहां बताई जा रही सावधानियां रखनी चाहिए।

  • स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए : स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सौंफ (फेनल सीड) सुरक्षित है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए : गर्भवती महिलाओं के लिए सौंफ (फेनल सीड) संभवतः सुरक्षित है। लेकिन ज़्यादा मात्रा में सौंफ (फेनल सीड) खाने से बचना चाहिए।

आपको बुजुर्गों और बच्चों के लिए बड़ी मात्रा में सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए जो आपकी सेहत की स्थिति के हिसाब से सही खुराक के बारे में बताने में मदद करेंगे।

अन्य दवाओं के साथ इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया):

दवाओं के साथ सौंफ (फेनल सीड) के संभावित इंटरेक्शन (परस्पर क्रिया) के बारे में नीचे बताया जा रहा है।

  • कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के साथ सौंफ (फेनल सीड) नहीं लेनी चाहिए, जिनमें सिप्रोफ्लोक्सासिन, लेवोफ्लोक्सासिन और नॉरफ्लोक्सासिन शामिल हैं।

अगर आप किसी भी सेहत संबंधी समस्या के लिए दवा ले रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी भी जड़ी-बूटी या फल के साथ दवा के संभावित इंटरेक्शन के बारे में डॉक्टर से परामर्श करें। ऐसा करने से आपको दवाओं के संभावित असर और इंटरेक्शन से बचने में मदद मिलेगी।

Read in English: Urad Dal: Uses, Benefits & Side Effects

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

सौंफ (फेनल) क्या होती है?

सौंफ एक ऐसा पौधा है जो इसके बीजों, पत्तियों और खाने योग्य फलों के लिए उगाया जाता है। दुनिया भर में का व्यापक तौर पर सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल किया जाता है।

फेनल को हिंदी में क्या कहते हैं?

फेनल सीड को भारत में सौंफ कहा जाता है।

सौंफ के क्या फायदे हैं?

सौंफ (फेनल सीड) पाचन के लिए उपयोगी होती है। इसने डायबिटीज और कैंसर में कुछ फायदे दिखाए हैं। यह लीवर के लिए भी फायदेमंद है और इसने एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट फायदे दिखाए हैं।1,2,4 लेकिन किसी भी बीमारी के लिए सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल करने से पहले, अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करें और बीमारी का डायग्नोसिस और इलाज करवाएं।

सौंफ (फेनल सीड) का किस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं?

सौंफ (फेनल सीड) की चाय को माउथ फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। आप सौंफ (फेनल सीड) की चाय और सौंफ (फेनल सीड) का पानी भी तैयार कर सकते हैं।

सौंफ (फेनल सीड) से कौन से साइड इफेक्ट हो सकते हैं?

सौंफ (फेनल सीड) का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है। इसका इस्तेमाल सुरक्षित है।4 लेकिन अगर आप सौंफ (फेनल सीड) का इस्तेमाल करने के बाद किसी भी तरह का साइड इफेक्ट अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करना चाहिए।

सौंफ (फेनल सीड) की चाय के क्या फायदे हैं?

सौंफ (फेनल सीड) की चाय का नियमित तौर पर इस्तेमाल करने से शरीर के अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह डाइयुरेटिक (मूत्रवर्धक) गुण दिखा सकता है।सौंफ (फेनल सीड) की चाय कार्मिनेटिव गतिविधि भी दिखा सकती है जो पेट की गैस को दूर करने में मदद कर सकती है।1,2 आपको सेहत के लिए सौंफ (फेनल सीड) या किसी भी हर्बल चाय का इस्तेमाल करने से पहले अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से परामर्श करना चाहिए।

सौंफ (फेनल सीड) का पानी किस काम आता है?

आप पेट फूलने के इलाज के लिए सौंफ (फेनल सीड) के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। ग्राइप वाटर, सौंफ (फेनल सीड) से बना एक मिश्रण है जिसका इस्तेमाल शिशुओं में पेट फूलने (गैस  जमा होने) के इलाज के लिए किया जाता है।1 लेकिन डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से परामर्श करने के बाद ही किसी हर्बल दवा का इस्तेमाल करना चाहिए।

Read in English: Alum: Uses, Benefits & Side Effects

References 

  1. Foeniculum vulgare: A comprehensive review of its traditional use, phytochemistry, pharmacology, and safety: https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1878535212000792 . Publisher: ScienceDirect. Author: Manzoor A. Rather, Bilal A. Dar, Shahnawaz N. Sofi, Bilal A. Bhat, Mushtaq A. Qurishi | November 1, 2016
  2. Fennel: The Multi-faceted Healer: https://indianculture.gov.in/food-and-culture/spices-herbs/fennel-multi-faceted-healer . Publisher: Indian Culture. Author: | April 8, 2022
  3. Foeniculum vulgare Mill: a review of its botany, phytochemistry, pharmacology, contemporary application, and toxicology: https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25162032/ . Publisher: PubMed. Author: Shamkant B Badgujar, Vainav V Patel, Atmaram H Bandivdekar | April 8, 2022
  4. Fennel – Drugs and Lactation Database (LactMed): https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK501793/ . Publisher: PubMed. Author: NCBI Bookshelf [Internet] | April 8, 2022

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