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भिंडी (Lady Finger in Hindi): उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr. Nikita Toshi +2 more

परिचय:

भारत में, लेडीफिंगर, जिसे भिंडी के नाम से भी जाना जाता है, पोषक तत्वों से भरपूर है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, एंजाइम, कैल्शियम, पोटेशियम और अन्य सहित कई पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है। भिंडी (लेडीफिंगर) को इसके वानस्पतिक नाम, एबेलमोस्कस एस्कुलेंटस के नाम से जाना जाता है, और यह मालवेसी परिवार का एक सदस्य है। भिंडी (लेडीफिंगर) की खेती दुनिया भर में गर्म, उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) और उपोष्णकटिबंधीय (सबट्रॉपिकल)  क्षेत्रों में होती है।1

पूरे विश्व में भिंडी (लेडी फिंगर) को कई अन्य नामों से जाना जाता है। भिंडी को अंग्रेजी में ओकरा, एडिबल हिबिस्कस, लेडीज फिंगर, ओकरो; संस्कृत में पिटाली, तिन्दिशा, गंडमूला; फ़ारसी, अरबी, तुर्की, हिब्रू में बामिया; बोस्निया में बमवे; स्वीडिश में ओकरा; इतालवी और फ्रेंच में गोंबो के नाम से जाना जाता है।2

भिंडी के उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में पोषक तत्वों (न्यूट्रिशनल वैल्यू) की मात्रा:

भिंडी (लेडी फिंगर) में पाए जाने पोषक तत्व निम्नलिखित हैं:3

  • कार्बोहाईड्रेट: 7.45 ग्राम
  • प्रोटीन: 1.93 ग्राम
  • वसा: 0.19 ग्राम
  • फ़ाइबर: 3.2 ग्राम
  • शुगर: 1.48 ग्राम
  • जल: 89.6 ग्राम
  • ऊर्जा: 33 किलो कैलोरी
  • स्टार्च: 0.34 ग्राम
  • सोडियम: 7 मिलीग्राम
  • पोटैशियम: 299 मिलीग्राम
  • आयरन: 0.62 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम: 57 मिलीग्राम
  • कैल्शियम: 82 मिलीग्राम
  • फॉस्फोरस: 61 मिलीग्राम
  • ज़िंक: 0.58 मिलीग्राम
  • मैंगनीज: 0.788 मिलीग्राम
  • कॉपर: 0.109 मिलीग्राम
  • सेलेनियम: 0.7 माइक्रोग्राम
  • विटामिन ए: 36 माइक्रोग्राम
  • विटामिन बी1: 0.2 मिलीग्राम
  • विटामिन बी2: 0.06 मिलीग्राम
  • विटामिन बी3: 1 मिलीग्राम
  • विटामिन बी5: 0.245 मिलीग्राम
  • विटामिन बी6: 0.215 मिलीग्राम
  • विटामिन सी: 23 मिलीग्राम
  • विटामिन ई: 0.27 मिलीग्राम
  • विटामिन के: 31.3 माइक्रोग्राम

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भिंडी (लेडी फिंगर) के गुण:

भिंडी (लेडी फिंगर) के चिकित्सीय गुण इस प्रकार हैं:

  • यह एंटीऑक्सीडेंट का काम कर सकती है।
  • यह थकान से लड़ने में मदद कर सकती है।
  • इसमें डायबिटीज़ से लड़ने के गुण हो सकते हैं।
  • यह जीवाणुरोधी का काम कर सकती है।
  • यह ट्यूमर से लड़ने का काम कर सकती है।
  • यह प्रतिरक्षा तंत्र को बेहतर कर सकती है4
  • यह ऐंठन से राहत प्रदान करने में मदद कर सकती है।
  • यह मूत्र की मात्रा बढ़ा सकता है।
  • यह सूजन या जलन से राहत प्रदान करने में मदद कर सकती है।
  • यह बुखार कम करने में मदद कर सकती है।
  • इसमें मस्तिष्क की रक्षा करने का गुण हो सकता है।
  • यह लीवर रक्षक के रूप में कार्य कर सकती है।
  • यह हड्डियों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है2

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भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग:

Bhindi (Lady Finger) ke sambhavit upyog:

भरपूर मात्रा में पोषक तत्व एवं लाभकारी यौगिक पाए जाने के कारण संभावित रूप से भिंडी (लेडी फिंगर) के कई इस्तेमाल हो सकते हैं:

1. डायबिटीज़ में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) के छिलके और बीज ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद कर सकती हैं तथा टाइप 2 डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह कार्बोहाईड्रेट को तोड़ने वाले एंजाइम को अवरुद्ध करने और इन्सुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद कर सकती है। प्रयोगशाला अध्ययनों में, लेडीफिंगर ने इंसुलिन जैसी गुणों का प्रदर्शन किया है, जो यह सुझाव देता है कि यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकता है।2 यद्यपि अगर आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं तो उन लक्षणों का लाभ प्राप्त करने के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) या किसी अन्य औषधि का इस्तेमाल करने के पहले आपको स्वास्थ्य सेवाप्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।

2. पेट के कैंसर में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में भरपूर मात्रा में फ़ाइबर पाए जाते हैं तथा यह आंत के मार्ग को साफ़ करने का काम कर सकती है, ख़ासकर कोलन और बड़ी आंत के, तथा इस प्रकार यह पेट के कैंसर के जोखिम को कम कर सकती है। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोशिकाओं को उत्परिवर्तन से बचाने में मदद कर सकते हैं, जिसे कोशिका की आनुवंशिक सामग्री में परिवर्तन के रूप में भी जाना जाता है। ये एंटीऑक्सीडेंट भी प्रतिरक्षा प्रणाली को लाभ पहुंचा सकते हैं।2 अगर आप किसी प्रकार के कैंसर से जूझ रहे हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह और इलाज का सख़्ती से पालन करने की ज़रूरत है। भिंडी (लेडी फिंगर) या किसी अन्य सब्जी का उसके गुणों के कारण इस्तेमाल करने के पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।

3. मोटापे में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) चाहे कच्चा खाया जाए या पकाकर, वज़न प्रबंधन में मदद कर सकता है। भिंडी (लेडी फिंगर) की कम मात्रा भी आपकी भूख को शांत कर सकती है क्योंकि यह कैलोरी में कम और फ़ाइबर में उच्च है। वज़न सिर्फ कैलोरी युक्त और चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ खाने से ही नहीं होता बल्कि पोषक तत्वों की कमी से भी हो सकता है।2 यदि आप अपना वज़न कम करना चाहते हैं, तो आपको अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए। एक स्वस्थ लाइफ़ स्टाइल और खाने की आदतों के साथ भिंडी खाने से भी आपको मोटापे का प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है। वे प्रत्येक आहार के लाभों और कमियों के माध्यम से आपका मार्गदर्शन करने में बेहतर रूप से सक्षम होंगे।

4. पेट के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में प्रोबायोटिक्स (अच्छे जीवाणु) होते हैं जो पेट के बैक्टीरिया के लिए अच्छे होते हैं। विटामिन बी काम्प्लेक्स का जैव संश्लेषण करके भिंडी (लेडी फिंगर) आंत के माइक्रोबायोम (अच्छे जीवाणुओं का समुदाय) पर सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित करता है। भिंडी (लेडी फिंगर) छोटी आंत में दही जैसा असर पैदा करता है।2 पेट की बीमारी के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) या किसी अन्य सब्जी का इस्तेमाल करने के पहले अपने स्वास्थ्य सेवाप्रदाता से परामर्श करें।

5. त्वचा की बीमारी में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में विटामिन सी और भरपूर मात्रा में फ़ाइबर पाए जाते हैं। फ़ाइबर विषाक्त अपशिष्ट को हटाने में मदद कर सकती है, और विटामिन सी त्वचा के रंजकता में मदद कर सकती है, शरीर के टिशू की मरम्मत कर सकती है, और सोरायसिस, मुंहासे और अन्य त्वचा रोगों के प्रबंधन में सहायता कर सकती है।2 त्वचा की बीमारियों में आपको त्वचा रोग के डॉक्टर से सलाह लेने की ज़रूरत होती है। त्वचा की बीमारी के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल करने के पूर्व आपको अपने त्वचा के डॉक्टर से सलाह लेने की ज़रूरत होगी।

6. खराब कोलेस्ट्रॉल में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित करने में मदद करता है। एक अध्ययन से पता चला कि भिंडी (लेडी फिंगर) युक्त आहार से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण में परिवर्तन आया और शरीर में इसका लेवल कम हुआ। भिंडी (लेडी फिंगर) में पेक्टिन (एक प्रकार का फ़ाइबर) होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल हानि को बढ़ावा देता है और शरीर में वसा की उत्पत्ति को रोकता है। यह टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद कर सकती है और मल में पित्त अम्ल के उत्सर्जन को बढ़ावा दे सकता है। भिंडी (लेडी फिंगर) आंत में पित्त के उत्पादन को परिवर्तित कर सकती है और जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को हटा सकती है; इससे खराब कोलेस्ट्रॉल खत्म हो जाता है।2 यदि आप ख़राब कोलेस्ट्रॉल का सामना कर रहे हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह और इलाज का पालन करना होगा। साथ ही यदि आप भिंडी (लेडी फिंगर) की खूबियों के कारण इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।

7. फेफड़े की बीमारियों में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों में भिंडी (लेडी फिंगर) के फूल और पत्तियां मदद कर सकती हैं। फूल और पत्तियों को पानी में उबालकर आप इसके लाभकारी गुण पा सकते हैं। भिंडी (लेडी फिंगर) में मौजूद चिपचिपा पदार्थ फ्लू और सामान्य सर्दी को ठीक और नियंत्रित कर सकती है।2 यद्यपि यदि आपको लगता है कि आप फेफड़ों की किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें और इलाज करवाएं। डॉक्टर की सलाह के बिना भिंडी (लेडी फिंगर) या किसी हर्बल औषधि का इस्तेमाल करने से बचें।

8. ऑस्टियोपोरोसिस में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में विटामिन के होता है जो रक्त का थक्का बनाने के लिए आवश्यक है और यह हड्डी के घनत्व को बढ़ाने में मदद करता है तथा ऑस्टियोपोरोसिस के प्रबंधन में सहायता करता है। एक अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि विटामिन के हड्डियों के मेटाबोलिज्म में बदलाव कर सकती है और कैल्शियम का संतुलन बनाए रखने में अच्छे प्रभाव डालता है।2 ऑस्टियोपोरोसिस एक गंभीर बीमारी है जिसका उचित तरीके से निदान और इलाज जरुरी है। ऑस्टियोपोरोसिस में भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल शुरू करने के पहले अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।

9. एनीमिया में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में विटामिन के, फोलेट और आयरन पाए जाते हैं। इन्हें प्राकृतिक पोषक तत्व माना जाता है जो एनीमिया के प्रबंधन में सहायता कर सकते हैं। यह हिमोग्लोबिन, लाल रक्त कण और रक्त में थक्का बनाने में मदद करता है। ये सभी एनीमिया से रक्षा कर सकते हैं।2 यद्यपि, डॉक्टर से परामर्श किये बिना एनीमिया में भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल करने से बचें।

10. कब्ज़ में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) का म्यूसिलेजिनस स्लाइम पाचन तंत्र में पानी के उचित अवशोषण में मदद कर सकता है और मल को बढ़ा सकता है, जिससे वे न तो नरम होते हैं और न ही निकलने में मुश्किल होते हैं। यह चिपचिपा पदार्थ और फ़ाइबर विषाक्त पदार्थों के साथ बंध सकता है और बड़ी आंत को चिकना कर सकती है तथा इसके संभावित प्राकृतिक रेचक गुण के कारण यह सामान्य और सहज मल त्याग में सहयोग करता है।2 यद्यपि, यदि आपके लक्षण ठीक नहीं होते हैं तो तुरंत अपने स्वास्थ्य सेवाप्रदाता से संपर्क करें। साथ ही, यदि आप कब्ज़ियत का अनुभव कर रहे हैं तो अपनी मर्जी से किसी सब्जी का इस्तेमाल करने के पूर्व अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।

11. मस्तिष्क के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

एक अध्ययन से यह ज्ञात हुआ है कि भिंडी (लेडी फिंगर) में मस्तिष्क रक्षक के गुण वाले फ्लेवोनॉयड की उपस्थिति के कारण यह मस्तिष्क के कार्य की रक्षा कर सकती है, याददाश्त तथा सीखने की क्रिया को बेहतर बना सकती है। अतः भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।2 यद्यपि, यदि आप मस्तिष्क से संबंधित किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो किसी हर्बल औषधि का इस्तेमाल करने के पहले डॉक्टर की सलाह ले लेना बेहतर होगा।

12. लीवर के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) को लीवर के लिए लाभदायक माना जाता है। भिंडी (लेडी फिंगर) में मौजूद चिपचिपे पदार्थ में वैसी सामग्रियां होती हैं जो कोलेस्ट्रॉल और पित्त अम्ल को बांध सकते हैं और लीवर के विष को मिटा सकते हैं। भिंडी (लेडी फिंगर) में एक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हानिकारक जीवाणुओं एवं रोगाणुओं का मुकाबला करता है और शरीर की रक्षा करता है।2 यदि आप लीवर की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको अपने विकल्पों के प्रति सचेत रहना होगा। अपने स्वास्थ्य सेवाप्रदाता से बात किये बिना भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल करने से बचें।

13. गर्भावस्था में भिंडी (लेडी फिंगर) के संभावित उपयोग

भिंडी (लेडी फिंगर) में प्रचुर मात्रा में विटामिन A, B एवं C के साथ-साथ कैल्शियम और जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं जिसके कारण इसे एक आदर्श सब्जी माना जाता है और गर्भावस्था में इसका सेवन किया जा सकता है।इसमें फ़ाइबर और विटामिन B9 (फोलिक एसिड/ फोलेट) भी पाए जाते हैं। साथ ही, गर्भस्थ शिशु के तंत्रिका तंत्र के विकास में यह कुछ लाभदायक प्रभाव डाल सकता है।2 गर्भावस्था में, किसी जड़ी-बूटी या सब्जी का इसके फ़ायदों के लिए इस्तेमाल करने के पूर्व अपने डॉक्टर की सलाह लेना सुनिश्चित करें।

 भिंडी (लेडी फिंगर) के अन्य संभावित उपयोग

  • भिंडी (लेडी फिंगर) पाचन दुरुस्त करने और बालों के लिए कंडीशनर का काम कर सकती है। यह सिर की त्वचा को नमी प्रदान कर सकती है, रूसी और जूँ हटा सकती है, खुजली वाले सिर की त्वचा को ठीक कर सकती है और बालों को चमकदार बना सकती है।2
  • भिंडी (लेडी फिंगर) सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट का गुण प्रदर्शित कर सकते हैं जो दमा में सहायता प्रदान कर सकती है। यह दमा के लक्षणों में वृद्धि को रोकता है और घातक दौरों को अवरुद्ध करता है।2
  • भिंडी (लेडी फिंगर) में विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आँखों की रोशनी बढ़िया बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी आँख की बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं।2
  • भिंडी (लेडी फिंगर) में मौजूद चिपचिपा पदार्थ क्षारीय होता है और पेट में एसिड के प्रभाव को प्रभावहीन बनाने में मदद कर सकती है। यह पाचन तंत्र को एक सुरक्षात्मक कोटिंग भी प्रदान कर सकती है और पेट के अल्सर के उपचार को बढ़ावा देता है।
  • कुछ अध्ययनों से यह रिपोर्ट प्राप्त हुआ है कि भिंडी (लेडी फिंगर) लू लगने से बचाने में मदद करता है। इससे यह पता चलता है कि यह प्राकृतिक शीतलन एजेंट (natural cooling agent) हो सकता है।2

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यद्यपि कई अध्ययनों से पता चला है कि विभिन्न बीमारियों में भिंडी (लेडी फिंगर) के फ़ायदे होते हैं, किन्तु ये पर्याप्त नहीं हैं और मनुष्य के स्वास्थ्य पर भिंडी (लेडी फिंगर) के लाभ की सीमा निर्धारित करने हेतु और अध्ययन किये जाने की ज़रूरत है।

भिंडी (लेडी फिंगर) का कैसे इस्तेमाल करें?

आप भिंडी (लेडी फिंगर) के पौधे के निम्नलिखित हिस्सों को खा सकते हैं:2

  • फल
  • फूल
  • जड़
  • पत्तियां
  • बीज

कोई हर्बल आहार लेने के पहले किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श करें। किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श प्राप्त किये बिना आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के तहत चल रहे किसी इलाज को बंद नहीं करें अथवा किसी आयुर्वेदिक/ हर्बल उत्पाद से बदलें नहीं।

भिंडी (लेडी फिंगर) के साइड इफ़ेक्ट्स:

किसी अध्ययन में यह रिकॉर्ड नहीं हुआ है कि भिंडी (लेडी फिंगर) के कोई बड़े साइड इफ़ेक्ट होते हैं।2 हालांकि, कुछ लोगों को भिंडी (लेडी फिंगर) से एलर्जी हो सकती है।5 यदि किसी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट आपके ध्यान में आता है तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में ज़रुर बताएं।

साथ ही, अपने डॉक्टर से परामर्श किये बिना भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल किसी बीमारी अथवा इसके फ़ायदों के लिए करने से बचें। इससे आपको सही विकल्प चुनने में मदद मिलेगी तथा यह किसी प्रकार के संभावित साइड इफ़ेक्ट को अवरुद्ध करेगा।

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भिंडी (लेडी फिंगर) के साथ बरती जाने वाली सावधानियां:

भिंडी (लेडी फिंगर) तोड़ने और खाने से कुछ लोगों में एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है।5 यदि आपको इससे एलर्जी है तो इसे खाने से बचें। साथ ही, यदि भिंडी (लेडी फिंगर) खाने से आपको एलर्जिक प्रतिक्रिया होती है तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदों के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) या किसी अन्य हर्बल आहार का सेवन करने के पहले अपने चल रहे इलाज और इसकी सीमाओं तथा इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें।

अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया:

अन्य दवाओं के साथ भिंडी (लेडी फिंगर) की प्रतिक्रिया के संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। यद्यपि, यदि आप किसी प्रकार का संकेत और लक्षण नोटिस करते हैं तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी अवश्य दें।

साथ ही, किसी बीमारी के लिए यदि आप दवा का सेवन कर रहे हैं तो इस दवा का किसी अन्य जड़ी-बूटी या सब्जी के साथ संभावित प्रतिक्रिया के संबंध में अपने डॉक्टर से संपर्क करना सुनिश्चित करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

भिंडी (लेडी फिंगर) खाने के क्या लाभ हैं?

मधुमेह, अल्सर, एनीमिया, लू, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, ऑस्टियोपोरोसिस, कब्ज, दमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, जननांग रोग, मोटापा आदि जैसे विभिन्न बीमारियों को प्रबंधित करने में भिंडी (लेडी फिंगर)/ ओकरा मदद कर सकती है। साथ ही, यह मस्तिष्क, फेफड़ा, लीवर, पाचन तंत्र आदि पर भी सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है।2 यद्यपि अपने डॉक्टर के सलाह के बिना किसी बीमारी में या इसके किसी गुण के लिए भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल करने से परहेज करें।

क्या भिंडी (लेडी फिंगर) के कोई साइड इफ़ेक्ट हैं?

सामान्य तौर पर भिंडी (लेडी फिंगर) के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं। परन्तु, कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।2,5 यदि आपको कोई संकेत या लक्षण दिखता है तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी अवश्य दें। साथ ही, किसी बीमारी की स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श किये बिना भिंडी (लेडी फिंगर) का इस्तेमाल करने से बचें।

क्या गर्भावस्था में भिंडी (लेडी फिंगर) खाया जा सकता है?

गर्भावस्था में भिंडी (लेडी फिंगर) का सेवन किया जा सकता है; इसके कई सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। इसमें विटामिन A , B, B9, C एवं कैल्शियम तथा ज़िंक जैसे तत्व पाए जाते हैं जो गर्भावस्था में फ़ायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही, यह गर्भावस्था में कब्जियत से राहत दिला सकता है।2 यदि आप गर्भवती हैं तो किसी भी स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श किये बिना भिंडी (लेडी फिंगर) का सेवन करने से परहेज करें।

क्या वज़न कम करने में भिंडी (लेडी फिंगर) काम करता है?

वज़न का प्रबंधन करने में भिंडी (लेडी फिंगर) के कुछ प्रभाव हो सकते हैं। कच्चे या पकाए हुए भिंडी (लेडी फिंगर) के नियमित रूप से सेवन करने से मोटापा को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। भिंडी (लेडी फिंगर) में कैलोरी की न्यून मात्रा होती है तथा इसमें उच्च मात्रा में फ़ाइबर पाए जाते हैं जिसके कारण ज्यादा भोजन किये बगैर आपको पेट भरे होने का अहसास होता है।2 इसलिए भिंडी (लेडी फिंगर) वज़न को नियंत्रित करने में असरदार होता है। यद्यपि, अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श किये बिना अपने आहार में किसी प्रकार का बदलाव करने से बचें।

क्या भिंडी (लेडी फिंगर) डायबिटीज़ के लिए अच्छी है?

डायबिटीज़ में भिंडी (लेडी फिंगर) के फ़ायदों के बारे में अध्ययन किये गये हैं। भिंडी (लेडी फिंगर) के बीज और छिलके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने और टाइप 2 डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। परीक्षणों में भिंडी (लेडी फिंगर)/ ओकरा में इन्सुलिन-जैसे गुण प्रदर्शित हुए हैं, इसके कारण यह ब्लड शुगर के प्रबंधन में प्रभावी हो सकता है।2 इसलिए आप ब्लड शुगर को प्रबंधित करने के लिए भिंडी (लेडी फिंगर/ओकरा) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यद्यपि, यदि आप डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं तो किसी जड़ी-बूटी या सब्जी का औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के पूर्व यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें। सर्वप्रथम अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें।

References:

  1. Priya Singh, Varun Chauhan, Brahm Kumar Tiwari, SHUBHENDRA SINGH CHAUHAN,Sobita Simon, S. Bilal & A. B. Abidi
  2. Das, Soma; Nandi, Gouranga; Ghosh, L K.. Okra and its various applications in Drug Delivery, Food Technology , Health Care and Pharmacological Aspects – A Review. ProQuest. [Internet]. Available from: https://www.proquest.com/docview/2260399243?fromopenview=true&pq-origsite=gscholar .
  3. Okra, raw. FoodData Central. [Internet]. January 4, 2019. Available from: https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169260/nutrients .
  4. Ying Liu,Jingyi Qi,Junyun Luo,Wen Qin,Qingying Luo,Qing Zhang,Dingtao Wu,Derong Lin,Suqing Li,Hongmin Dong,Daiwen Chen &Hong Chen. Okra in Food Field: Nutritional Value, Health Benefits and Effects of Processing Methods on Quality. Taylor & Francis Online. [Internet]. December 2, 2019. Available from: https://www.tandfonline.com/doi/abs/10.1080/87559129.2019.1695833?journalCode=lfri20 .
  5. Ueda A., Manda F., Aoyama K., Ueda T., Obama K., Li Q., Tochigi T.. Immediate-Type Allergy Related to Okra (Hibiscus esculentus Linn) Picking and Packing. Science Direct. [Internet]. Available from: https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0013935183711047?via%3Dihub .

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