कीवी (Kiwi in Hindi): उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू
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Table of Contents
कीवी को वैज्ञानिक रूप से एक्टिनिडिया डेलिसिओसा नाम से जाना जाता है। मूल रूप से यह चीन में होता है और उत्तरी चीन के चांग कियांग घाटी (यांग ताओ) की पर्वत श्रेणी में इसकी उत्पत्ति हुई। कीवी को कई अन्य नामों से जाना जाता है जैसे मिहौतौ, मकाक आड़ू। कीवी को वैज्ञानिक रूप से एक्टिनिडिया डेलिसिओसा नाम से जाना जाता है। मूल रूप से यह चीन में होता है और उत्तरी चीन के चांग कियांग घाटी (यांग ताओ) की पर्वत श्रेणी में इसकी उत्पत्ति हुई। कीवी को कई अन्य नामों से जाना जाता है जैसे मिहौतौ, मकाक आड़ू और बहुत लोकप्रिय चीनी गूज़बेरी। कीवी छोटे आकार का फल है और इसका छिलका भूरा रंग का होता है।
इसमें खाने योग्य हरे रंग का गूदा, और काले बीज होते हैं और इन्हें भी खाया जाता है। 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में कीवी फल के कुछ बीजों को चीन से न्यूज़ीलैण्ड ले जाया गया था। तब से न्यूज़ीलैंड में इसके उत्पादन में वृद्धि होती रही है तथा वर्तमान में यहाँ विश्व के सर्वोत्तम कीवी फल होते हैं। भारत में, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, असम, मिजोरम और त्रिपुरा की पहाड़ियों में सफलतापूर्वक इस फल का उत्पादन किया जाता है।1,2
कच्चे कीवी फल के प्रति 100 ग्राम में पोषक तत्वों की मात्रा इस प्रकार है:3
Read in English: Jackfruit: Uses, Benefits, Side Effects and More!
कीवी के संभावित गुण इस प्रकार हैं:
कीवी के संभावित उपयोग निम्न प्रकार के हो सकते हैं।
कीवी में भरपूर मात्रा में पोटैशियम, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स पाए जाते हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा को कम करने में मदद करता है। अतः यह दिल की बिमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। पोटैशियम हृदय की धड़कन के दर को नियमित करने वाली कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण अवयव होता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि जिन भोज्य पदार्थों में ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड पाए जाते हैं उनमें स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने की क्षमता होती है। इस फल में पाए जाने वाले फ़ोलेट, विटामिन E और मैग्नीशियम भी हृदय के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।2 इन गुणों से पता चलता है कि कीवी हृदय के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद हो सकता है। यद्यपि हृदय रोग के निदान और इलाज के लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए तथा अपनी मर्ज़ी से दवा लेने की कोशिश न करें।
कीवी में विटामिन C और E पाए जाते हैं जो कम बाल झड़ने में मदद कर सकते हैं। इन फलों में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और ज़िंक भी पाए जाते हैं जो ब्लड सर्कुलेशन में मदद कर सकते हैं; अतः ये बालों की वृद्धि को भी प्रभावित कर सकते हैं। कीवी के बीज के तेल में ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड होते हैं जो बालों में नमी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें तांबा भी होता है जो बालों को असमय सफ़ेद होने से रोकने में मदद कर सकते हैं और उनका प्राकृतिक रंग बनाए रखने में भी मदद कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले आयरन सिर की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं जिससे बाल जड़ों से मज़बूत होते हैं और इन्हें उचित पोषण प्राप्त होता है।2 यद्यपि मनुष्य के बालों पर कीवी के वास्तविक प्रभाव की पुष्टि करने हेतु और शोध किये जाने की ज़रुरत होगी।
कीवी में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन, कैरोटीनॉयड और फ़ाइबर पाए जाते हैं जो कैंसर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार कीवी में उपस्थित डाइटरी फ़ाइबर कोलन कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसमें कैटेचिन होता है जो कैंसररोधी एजेंटों के कारण होने वाली विषाक्तता को कम करने में मदद कर सकता है और अस्थि मज्जा के प्रसार को उत्तेजित कर सकता है। कीवी में ल्युटीन पाया जाता है जो फेफड़ा और प्रोस्टेट के कैंसर में मदद कर सकता है।2 यद्यपि इन दावों की पुष्टि करने और मनुष्य पर इनके लाभों का अनुमान लगाने के लिए व्यापक स्तर पर शोध किये जाने की ज़रुरत है। कैंसर जैसी गंभीर स्थिति में आपको विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
उच्च ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ में कीवी के संभावित उपयोग
कीवी में अधिक मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो शरीर में सोडियम के असर को कम करने में मदद करता है, जिसके कारण उच्च ब्लड प्रेशर होता है।2
कीवी में फ़ाइबर अधिक मात्रा में पाई जाती है जो डायबिटीज़ के रोगियों में ब्लड सुगर की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है।2 यद्यपि उच्च ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ में कीवी के संभावित उपयोग की पुष्टि हेतु और अध्ययन किये जाने की ज़रुरत है।
कीवी विटामिन C का प्राकृतिक स्रोत है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य कर सकता है और सूरज की रोशनी से त्वचा को होने वाले नुकसान में मदद कर सकता है, झुर्रियाँ कम कर सकता है, त्वचा की जीवंतता, यौवन और बनावट बनाए रखने में मदद कर सकता है। विटामिन C कोलेजन का भी निर्माण करता है जो त्वचा को दुरुस्त करने में मदद कर सकता है। यह त्वचा के कटने, जख्म होने में भी मदद कर सकता है। इसमें विटामिन E पाया जाता है जो त्वचा को नर्म और नम बनाने में मदद करता है और इसे खराब होने से बचाता है।2 यद्यपि इसके पर्याप्त प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं इस विषय पर और शोध किये जाने की ज़रुरत है। यदि त्वचा से संबंधित कोई बीमारी है तो आपको त्वचा के किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कीवी में मौजूद विटामिन K ओस्टियोट्रोपिक गतिविधि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, अर्थात हड्डी की नई कोशिकाओं का निर्माण कर सकता है जिससे हड्डी के भार में वृद्धि हो सकती है। विटामिन E, फ़ोलेट और मैग्नीशियम के भी कई स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदे होते हैं जो हड्डियों के निर्माण में मदद करते हैं।2 यद्यपि हड्डियों के लिए कीवी के संभावित उपयोग को और अध्ययन तथा शोध से और ज़्यादा खोजे जाने और समर्थित किये जाने की ज़रुरत है। बेहतर सलाह के लिए आपको किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
यद्यपि अध्ययनों के अनुसार अलग-अलग बीमारियों में कीवी के संभावित उपयोग हो सकते हैं, किन्तु ये पर्याप्त नहीं हैं और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर कीवी के फ़ायदों की सीमा निर्धारित करने हेतु और अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है।
इन तरीकों से कीवी का इस्तेमाल किया जा सकता है:
चिकित्सा के तौर पर कीवी का इस्तेमाल करने के पूर्व आपको अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।2
किसी प्रकार की हर्बल औषधि का इस्तेमाल करने के पूर्व आपको किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। योग्य डॉक्टर का परामर्श प्राप्त किये बिना आधुनिक चिकित्सा पद्धति के तहत चल रहे इलाज को बंद नहीं करें या किसी आयुर्वेदिक/ हर्बल दवा से बदलें नहीं।
कीवी के सबसे सामान्य साइड इफ़ेक्ट्स इस प्रकार हैं:
कृपया अपनी मर्ज़ी से दवा न लें, किसी चल रहे इलाज को कम या ज़्यादा न करें, न बदलें या बंद न करें।
गर्भावस्था में और स्तनपान कराने के दौरान इसका सेवन करने के पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श करें क्योंकि उनके द्वारा बताई गई दवाइयाँ आपके चिकित्सीय इतिहास और स्थिति पर आधारित हैं। छोटे बच्चों और उम्रदराज व्यक्तियों को यह देने के पहले भी डॉक्टर से परामर्श करें।2 कृपया कभी अपनी मर्ज़ी से दवा न लें, तथा चल रहे इलाज को अपनी इच्छा से न बदलें, न ही कम ज़्यादा करें और न ही बंद करें।
किसी अन्य दवा के साथ कीवी के प्रतिक्रिया के संबंध में किसी प्रकार का प्रमाण नहीं है। यद्यपि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य दवा के साथ यह प्रतिक्रिया नहीं करेगा और उपयोग में पूरी तरह से सुरक्षित है। अत: हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें और किसी भी अन्य दवाओं के साथ इसे लेने के पूर्व अपने मौजूदा इलाजो के बारे में उन्हें बताएँ।
कीवी में विटामिन K और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं; अतः हृदय और हड्डियों के स्वास्थ्य, डायबिटीज़, एनीमिया, डिप्रेशन, गुर्दे की पथरी आदि के स्वास्थ्य के लिए इसका संभावित उपयोग हो सकता है।2 यद्यपि, कीवी के स्वास्थ्य संबंधी दावों को साबित करने के लिए और उपभोग के लिए इसके पूरी तरह से सुरक्षित होने की पुष्टि हेतु और शोध किये जाने की ज़रुरत है।
कीवी में उपस्थित विटामिन K हड्डियों के ओस्टियोट्रोपिक गतिविधि में मदद करता है, जिसके कारण हड्डी के वज़न में वृद्धि हो सकती है।2 कीवी के इन प्रभावों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए और शोध किये जाने की ज़रुरत है; अपने डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होगा।
कीवी को ताज़ा, फ्रोजेन तथा सूखे फल के रूप में खाया जा सकता है। इसका सेवन जूस, जैम, मुरब्बा, जेली, नेक्टर आदि के रूप में भी किया जा सकता है।2 कीवी खाने के डोज़ तथा सेवन हेतु इसके रूप (form) के संबंध में अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा दिए गये निर्देशों का पालन करना चाहिए।
स्तनपान कराने के दौरान इसका इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं इसकी पुष्टि करने हेतु पर्याप्त अध्ययन नहीं हुए हैं। स्तनपान कराने के दौरान कीवी का सेवन करने के पहले हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
कुछ लोगों को कीवी से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जिसमें मुँह में छाले पड़ने से लेकर गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया तक हो सकती है। इसका सेवन करने के कुछ समय बाद कीवी से एलर्जी वाले लोगों के अग्न्याशय में सूजन हो सकता है।4,6 अपने स्वास्थ्य के लिए कीवी का इस्तेमाल करने के पूर्व अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें।
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