ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels Sprouts in Hind): उपयोग, फायदे और न्यूट्रिशनल वैल्यू
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Table of Contents
ब्रसेल्स स्प्राउट्स को उनकी खाने में इस्तेमाल की जाने वाली कलियों के लिए उगाया जाता है, और यह पत्तागोभी (ब्रासिका ओलेरासिया) के जेमीफेरा कल्टीवर समूह का एक हिस्सा है। इसकी पत्ती वाली सब्जियाँ लगभग 0.6-1.6 इंच व्यास की होती हैं और यह स्पष्ट रूप से पत्तागोभी के मिनीएचर वर्जन के जैसा दिखता हैं। ब्रसेल्स स्प्राउट्स को इसका अनोखा नाम ब्रसेल्स से मिला है, जहाँ यह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ है। हालाँकि यह सब्जी मूल रूप से भूमध्यसागरीय क्षेत्र (मेडिटेरेनियन रीजन) की है, इसके बारे में पहली बार उत्तरी यूरोप में पाँचवीं सदी में पता चला था। इसे बाद में तेरहवीं सदी में ब्रसेल्स और बेल्जियम के आस पास उगाया जाने लगा, और इस तरह इस सब्जी को इसका नाम मिला।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स का पहला लिखित उल्लेख (साइटैशन) 1587 के समय का है। यह सब्जी दक्षिणी नीदरलैंड में काफी प्रसिद्ध थी, जहाँ से यह उत्तरी यूरोप के अन्य भागों में, जहाँ का तापमान ठंडा था, वहाँ फैल गई। ब्रसेल्स स्प्राउट्स का स्वाद बर्फ पड़ने के बाद की ठंड में सबसे मीठा होता है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स का स्वाद थोड़ा कड़वा हो सकता है, और इसके पीछे क्या कारण है इसका पता एक डच वैज्ञानिक हैंस वैन डोर्न ने लगाया, उन्होंने बताया कि इस कड़वे स्वाद का कारण इसमें मौजूद प्रोगोइट्रिन और सिनिग्रिन केमिकल है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स में 9% कार्बोहाइड्रेट, 3% प्रोटीन, 86% पानी और बहुत कम मात्रा में वसा होती है। ब्रसेल्स स्प्राउट्स के 100 ग्राम की मात्रा में, यह दैनिक रूप से आवश्यक पोषण का लगभग 20%, विटामिन C की दैनिक आवश्यकता का 102%, और विटामिन K की दैनिक आवश्यकता का 169% देते हैं। इसमें कुछ मात्रा में विटामिन B, जैसे विटामिन B6, जरूरी ख़निज (मिनरल्स), फोलेट और डाइटरी फ़ाइबर भी पाए जाते है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स में फाइटोकेमिकल सल्फोराफेन होता है, जिसे इसके बायोलॉजिकल गुणों के कारण महत्व दिया जाता है। यहाँ 78 ग्राम पके हुए ब्रसेल्स स्प्राउट्स के कुछ प्रमुख पोषक तत्वों के बारे में बताया गया है:
Brussels Sprouts ke sambhavit upyog:
ब्रसेल्स स्प्राउटस के बहुत सारे स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं, जैसे इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह यौगिक कोशिकाओं की क्षति (सेल्स डैमेज) को रोकता है और सम्पूर्ण स्वास्थ्य (ओवरॉल हेल्थ) को बेहतर बनाता है। सब्जियों और फलों से भरी डाइट में, थोड़ी मात्रा में ब्रसेल्स स्प्राउट्स मिलाकर खाने से, शरीर के लिए आवश्यक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करने में मदद कर सकता है, ये एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य को अच्छी तरह विकसित करने के लिए ज़रूरी होते हैं।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स विटामिन K का एक प्रमुख स्त्रोत होते हैं, विटामिन K जो कि एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो किसी व्यक्ति के शरीर में बहुत से कार्यों को पूरा करने के लिए, बहुत सी भूमिकाएँ निभाता है। यह पोषक तत्व रक्त का थक्का जमने में सहायक होते हैं, जिससे शरीर से खून निकलने पर (ब्लीडिंग), यह थक्के (क्लॉट) जमाने में मदद करता है।
विटामिन K भी हड्डियों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करता है, ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों की डेन्सिटी तेजी से घटने लगती है। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति पहले से खून पतला करने वाली दवा (ब्लड थिनर) ले रहा है, तो ऐसे लोगों को दैनिक स्तर पर विटामिन K की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने का सुझाव दिया जाता है। ब्रसेल्स स्प्राउट्स के सेवन में सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि इसमें ज्यादा मात्रा में विटामिन K पाया जाता है।
ऐसे लोग जो खून को पतला करने वाली (ब्लड थिनिंग) दवाओं का सेवन नहीं कर रहे हैं, उनके लिए ज्यादा मात्रा में विटामिन K से भरपूर ब्रसेल्स स्प्राउट्स का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
एक कप पके हुए ब्रसेल्स स्प्राउट्स लगभग 2 ग्राम फ़ाइबर प्रदान करते हैं जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। किसी व्यक्ति की डाइट में फ़ाइबर की प्रचुर मात्रा से उस व्यक्ति को कई स्वास्थ संबंधी फायदे होते हैं।
डाइटरी फाइबर बहुत जरूरी होते है क्योंकि यह मल (स्टूल) की कन्सिस्टेन्सी को नरम करके और फ्रीक्वेन्सी में वृद्धि करके कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है, जिससे स्टूल को पास करना (मल त्याग करना) आसान हो जाता है। किसी व्यक्ति की डाइट में ज्यादा मात्रा में फाइबर होने से भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी फायदे देखे गए हैं, जैसे कि हार्ट डिसीज की रिस्क को कम करना। प्रचुर मात्रा में फाइबर के सेवन के लिए, फाइबर के अन्य स्रोतों जैसे फल, साबुत अनाज और सब्जियों के साथ ब्रसेल्स स्प्राउट्स का सेवन करें।
एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को, प्रति 1,000 कैलोरी के लिए, 14 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।
हालाँकि कभी-कभी इन्फ्लेमेशन होना एक सामान्य प्रतिक्रिया (नॉर्मल रिस्पॉन्स) है, लेकिन क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और इससे डाइबीटीज़, हार्ट डिसीज और कैंसर जैसे डिसॉर्डर हो सकते हैं। ब्रसेल्स स्प्राउट्स एंटीऑक्सिडेंट का एक बहुत अच्छा स्रोत होता हैं जो फ्री रैडिकल से होने वाले क्षति (डैमेज) को कम करने में मदद करते हैं, जैसे कि इन्फ्लेमेशन को बढ़ाना। ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसे क्रूसिफेरस सब्जियों की एक उच्च मात्रा इन्फ्लेमेशन को कम करने के साथ-साथ प्रो-इंफ्लेमेटरी डिसॉर्डर के रिस्क को कम कर सकती है।
कई अध्ययनों से यह पता चला है कि ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी क्रूसिफेरस सब्जियों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से डाइबीटीज़ होने की संभावना कम हो जाती है। यह इस फैक्ट के कारण संभव है कि ब्रसेल्स स्प्राउट्स जिनमें ज्यादा मात्रा में फाइबर पाया जाता है, ये ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने में मदद करते हैं। इसलिए ब्रसेल्स स्प्राउट्स को अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ खाने से ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखा जा सकता है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स प्रोविटामिन A का एक अच्छा स्रोत हैं जो बीटा-कैरोटीन के रूप में उपलब्ध होता है। कच्चे ब्रसेल्स स्प्राउट्स का एक कप लगभग 396 mcg बीटा कैरोटीन प्रदान कर सकता है, जो आपकी त्वचा के स्वास्थ्य और उसके अपीयरेन्स में सुधार के लिए बहुत ज़रूरी होता है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स को पूरी तरह से पकाने में 45 मिनट का समय लग जाता है।
हालाँकि एक पौष्टिक सब्ज़ी, जिसमें ब्रसेल्स स्प्राउट्स की बहुत अधिक मात्रा हो, एंटी-कागुलेंट लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इसमें इसमें विटामिन K होता है, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड क्लॉटिंग होती है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स को ज़्यादा खाने से एक नुकसान यह भी है कि इसके कारण गैस और पेट फूलने (ब्लोटिंग) की समस्या हो सकती है। इसलिए, जिन लोगों को इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम (पेट की समस्या) की समस्या है, वे ब्रसेल्स स्प्राउट्स खाकर गैस और पेट फूलने जैसी समस्याओं की वजह से दर्द से और परेशान हो सकते हैं।
अगर आप ब्रसेल्स स्प्राउट को पहली बार खा रहे हैं, तो आपको अपने आहार (डाइट) में उसे धीरे-धीरे शामिल करना चाहिए, ताकि आपको यह पता चल सके कि आपको कहीं गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट से संबंधित) संबंधी कोई समस्या तो नहीं है। जिन लोगों को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या है, उन्हें ब्रसेल्स स्प्राउट के कारण गैस और पेट फूलने की समस्या का बहुत अधिक सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, अगर आप कोई एंटीकोएगुलेंट ले रहे हैं, तो आपको ब्रसेल्स स्प्राउट्स को अपने आहार (डाइट) में शामिल करने से पहले अपनी डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले लेनी चाहिए, क्योंकि इस सब्ज़ी में विटामिन K होता है, जिससे दवाओं के प्रभाव पर असर पड़ सकता है।
ताज़ा ब्रसेल्स स्प्राउट्स, जो बेस्वाद और कड़वा ना हो, ख़रीदने के लिए ऐसे स्प्राउट्स ढूंढने की कोशिश करें जो डंठल पर लगें हों। इस प्रकार के स्प्राउट्स, छोटे वेरिएंट होने के साथ ही, अपने बड़े स्प्राउट्स की तुलना में ज़्यादा मीठे, कोमल और ताज़े होते हैं।
हाँ, हर आधे कप ब्रसेल्स स्प्राउट्स में 48 माइक्रोग्राम विटामिन C होता है। हमारे शरीर में विटामिन C ऊतकों (टिशूज) की मरम्मत (रिपेयर) और विकास (ग्रोथ) के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह प्रोटीन के उत्पादन (प्रोडक्शन) को बढ़ावा देने और इम्मुनिटी को मजबूत करने वाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसलिए, एक से दो सर्विंग्स ब्रसेल्स स्प्राउट्स को सप्ताह में दो बार अपने डाइट में शामिल करने से आपके शरीर की विटामिन C की ज़रूरत को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स को आसानी से किसी के डाइट में शामिल किया जा सकता है और ऐसा ब्रसेल्स स्प्राउट्स को एंट्रीस या साइड डिश के रूप में उपयोग करके किया जा सकता है। इन्हें फ्रिटाटा, पास्ता डिशेस, गर्म तेल में भूनकर और ग्रिल्स में मिलाया जा सकता है, जिससे ये एक पौष्टिक
अगर आपने चमकदार हरे रंग का और छूने में थोड़ा सख्त ब्रसेल्स स्प्राउट्स खरीदा है, तो आप उसे एक सप्ताह के लिए फ्रिज़ में रख सकते हैं, इसके बाद ये ख़राब होने लगेगा।
ऐसी क्रूसिफेरस सब्ज़ियाँ जिसमें, ब्रसेल्स स्प्राउट्स होता है, उनका स्वाद अक्सर कड़वा होता है क्योंकि उनमें सल्फर यौगिक (कंपाउंड) होते हैं जो, खाने और पचने (डाइजेशन) के बाद, सक्रिय यौगिकों (एक्टिव कंपाउंड्स) में टूट जाते हैं, जो कुछ अंगों में कैंसर के रिस्क को कम करने में सक्षम हो सकते हैं। इसके साथ ही, ब्रसेल्स स्प्राउट्स में क्लोरोफिल अणु होते हैं जिससे सब्ज़ियों का रंग हरा होता है। शरीर के अंदर क्लोरोफिल थोड़ा-बहुत एंटीऑक्सीडेंट के जैसे काम करता है जो कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि अग्नाशयी (पैंक्रियेटिक) कैंसर, में योगदान करने वाली यौगिकों (कंपाउंड) के प्रभाव (इफ़ेक्ट) को रोकता है।
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