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खुबानी (Apricot in Hindi): उपयोग, लाभ और न्यूट्रिशनल वैल्यू

By Dr. Nikita Toshi +2 more

खुबानी (प्रूनस अर्मेनियाका एल.), जिसे पत्थर फल के रूप में भी जाना जाता है, प्रूनस जीनस से संबंधित है और दुनिया भर में व्यापक रूप से इसका सेवन किया जाता है।1 खुबानी (एप्रीकॉट) का पेड़ समशीतोष्ण क्षेत्रों (टेम्परेट रीजन) में उगाया जाता है और गर्मियों और वसंत की शुरुआत में ठंडी सर्दियों और मध्यम रूप से उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। खुबानी (एप्रीकॉट) के पेड़ को उपोष्णकटिबंधीय जलवायु (सबट्रॉपिकल क्लाइमेट) वाले स्थानों में नहीं उगाया जा सकता है। खुबानी (एप्रीकॉट) ड्रुप्स होते हैं (ऐसे फल जिसमें एक ही बीज होता है) जैसे आम, आलूबुखारा, चेरी और आड़ू।

इनका बाहरी गूदेदार भाग, बीज युक्त एक कठोर पत्थर के चारों तरफ होता है। फल का रंग नारंगी से लेकर नारंगी-लाल का हो सकता है, और कुछ किस्में हरी-सफेद से लेकर क्रीम-सफेद रंग की भी हो सकती हैं। खुबानी (एप्रीकॉट) कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है और खनिज, फाइबर और विटामिन का एक बड़ा स्रोत होती है। खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी का उपयोग चीन में खांसी, कब्ज और दमा की दवा बनाने में भी किया जा रहा है।2

खुबानी के फ़ायदे

खुबानी (एप्रीकॉट) का पोषण मूल्य:

खुबानी (एप्रीकॉट) में प्रोटीन (8%), शुगर (60% से अधिक), क्रूड फैट (2%), विटामिन- ए, सी, के, और बी-कॉम्प्लेक्स, कुल खनिज (4%), कच्चे फाइबर (11.50%), और कार्बनिक अम्ल (मैलिक और साइट्रिक एसिड) के एक उचित प्रतिशत से युक्त उच्च पोषण सामग्री होती है।2 100 ग्राम खुबानी (एप्रीकॉट) में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:1,2

  • जल: 86.4 ग्राम
  • ऊर्जा: 48 किलो कैलोरी
  • प्रोटीन: 1.4 ग्राम
  • कार्बोहाईड्रेट: 11.1 ग्राम
  • शुगर: 9.24 ग्राम
  • कैल्शियम: 13 मिलीग्राम
  • फाइबर: 2 ग्राम
  • मैग्नीशियम: 10 मिलीग्राम
  • पोटैशियम: 259 मिलीग्राम
  • जिंक: 0.2 मिलीग्राम
  • फॉस्फोरस: 23 मिलीग्राम
  • कॉपर: 0.078 मिलीग्राम
  • मैंगनीज: 0.077 मिलीग्राम
  • विटामिन सी: 10 मिलीग्राम
  • राइबोफ्लेविन: 0.04 मिलीग्राम
  • थायमिन: 0.03 मिलीग्राम
  • विटामिन बी-6: 0.054 मिलीग्राम
  • विटामिन बी-5 (पेंटोथेनिक एसिड): 0.24 मिलीग्राम
  • विटामिन बी-3 (नियासिन): 0.6 मिलीग्राम
  • विटामिन ई: 0.89 मिलीग्राम
  • विटामिन ए: 96 माइक्रोग्राम
  • विटामिन के: 3.3 माइक्रोग्राम
  • सोडियम: 1 मिलीग्राम

खुबानी (एप्रीकॉट) के गुण:

खुबानी (एप्रीकॉट) और इसकी गिरी में निम्नलिखित गुण हो सकते हैं जैसे:

  • इसमें परजीवी रोधी (एंटीपैरेसिटिक) गतिविधि हो सकती है
  • इसमें एजिंग की गति को धीमी करने की क्षमता हो सकती है
  • इसमें कैंसर रोधी क्षमता हो सकती है
  • यह हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर की रक्षा करने वाली) क्रिया कर सकती है
  • यह एक एंटीऑक्सीडेंट हो सकती है
  • इसमें रेनोप्रोटेक्टिव (किडनी की रक्षा करने वाली) गतिविधि हो सकती है
  • इसमें एंटीथेरोस्क्लेरोटिक (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला) गुण हो सकता है
  • यह एक एंटीजाइनल (सीने के दर्द में आराम देने वाला) एजेंट हो सकती है
  • यह एक कार्डियोप्रोटेक्टिव (दिल की रक्षा करने वाला) एजेंट हो सकती है
  • यह एक सेडेटिव के रूप में काम कर सकती है
  • इसमें रोगाणुरोधी क्षमता हो सकती है
  • इसमें एंटीट्यूसिव (कफ़ में आराम देने वाली) गतिविधि हो सकती है
  • समें जलन को कम करने की क्षमता हो सकती है
  • यह एक एंटीनोसिसेप्टिव (दर्दनाक उत्तेजना को रोकने वाला) एजेंट हो सकती है
  • इसमें एंटीम्यूटाजेनिक (म्यूटाजेन के प्रभाव का विरोध करने की) क्षमता हो सकती है5

 Also Read this in English: Papaya: Uses, Benefits, Side Effects and More!

खुबानी (एप्रीकॉट) के संभावित उपयोग:

खुबानी (एप्रीकॉट) में मानव स्वास्थ्य के लिए निम्नलिखित उपयोग होने की संभावना हो सकती है।

1. कैंसर में खुबानी (एप्रीकॉट) के संभावित उपयोग:

आजकल, हृदय संबंधी विकारों के बाद कैंसर सबसे आम अपक्षयी समस्या है और अमेरिका में मृत्यु दर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। खुबानी (एप्रीकॉट) में कैंसर रोधी क्षमता होने का पता चला है। खुबानी (एप्रीकॉट) की एक जापानी किस्म MK615 से अलग किए गए एक यौगिक के प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों से पेट के कैंसर कोशिकाओं, लिवर कैंसर कोशिकाओं और मानव अग्न्याशय की कोशिकाओं में संभावित ट्यूमर-रोधी गतिविधि का पता चला।2 हालांकि, कैंसर के संबंध में खुबानी (एप्रीकॉट) के इस तरह के प्रभाव को सिद्ध करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, कैंसर एक गंभीर समस्या है और इसका निदान और इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए।

2. एंटीऑक्सीडेंट के रूप में खुबानी (एप्रीकॉट) के संभावित उपयोग:

ऑक्सीडेटिव तनाव एक ऐसी घटना है जो कोशिकाओं और ऊतकों में प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों के उत्पादन और इनके जमा हो जाने के बीच असंतुलन और इन प्रतिक्रियाशील यौगिकों का प्रभाव कम करने में शरीर की अक्षमता के कारण होती है।6 ऑक्सीडेटिव तनाव प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों और मुक्त कणों का उत्पादन करते हैं जिनके कारण मैक्रोमोलेक्यूल्स (लिपिड्स, न्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन) को क्षति पहुँच सकती है और ऊतक (टिशू) को चोट पहुँचा सकता है। इन प्रक्रियाओं से कैंसर, अल्सर, मधुमेह, हृदय संबंधी रोग और सूजन जैसी पुरानी बीमारियाँ हो सकती हैं। फाइटोकेमिकल संरचना से समृद्ध होने के कारण, खुबानी (एप्रीकॉट) एंटीऑक्सीडेंट गुणों को प्रदर्शित कर सकती है।2 हालांकि, इस तरह के प्रभावों को सिद्ध करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

3. ह्रदय के लिए खुबानी (एप्रीकॉट) का संभावित उपयोग:

 हृदय की बीमारी दुनिया भर में मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है। हृदय रोगों के जोखिम के कारणों में एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का इकठ्ठा हो जाना), उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और अन्य समस्याएं शामिल हैं। में मौजूद लाइकोपीन, क्लोरोजेनिक एसिड और β-कैरोटीन जैसे फेनोलिक यौगिक कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) के ऑक्सीकरण में सहायक हो सकते हैं और मानव शरीर की एंटीऑक्सीडेटिव स्थिति में सुधार करने में भी सहायक हो सकते हैं। खुबानी (एप्रीकॉट) में फाइबर भी भरपूर होता है। आहार में मौजूद घुलनशील फाइबर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में कुशल माना जाता है।2 हालांकि, हृदय की बीमारियों में खुबानी (एप्रीकॉट) के संभावित उपयोग को साबित करने के लिए अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याओं का निदान और इलाज एक पेशेवर द्वारा किया जाना चाहिए। इसलिए, कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।

4. लिवर के लिए खुबानी (एप्रीकॉट) का संभावित उपयोग:

फैटी लीवर रोग, जिसे हेपेटिक स्टीटोसिस के नाम से भी जाना जाता है, लीवर में होने वाला एक प्रकार का वसा का जमाव होता है। हेपेटिक स्टीटोसिस से स्टीटोहेपेटाइटिस (वसा जमा होने के साथ-साथ लिवर की सूजन), सिरोसिस (स्वस्थ लिवर टिशू के स्थान पर क्षतिग्रास्त टिशू विकसित हो जाना जिससे लिवर को स्थाई क्षति हो सकती है) और गंभीर फाइब्रोसिस हो सकता है। जैसा कि पशु मॉडल में देखा गया है, खुबानी (एप्रीकॉट) हेपेटिक स्टीटोसिस पर असर दिखा सकती है।2 हालांकि, इन प्रभावों को सिद्ध करने के लिए और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है। कृपया ध्यान दें कि लिवर के रोग गंभीर होते हैं और डॉक्टर द्वारा ही इनका निदान और इलाज किया जाना चाहिए।

5. संक्रमण होने की स्थिति में खुबानी (एप्रीकॉट) के संभावित उपयोग:

 पाचन तंत्र में एच. पाइलोरी के जमा हो जाने पर, खुबानी (एप्रीकॉट) की जापानी किस्म इसे ठीक करने में सहायक हो सकती है, इसलिए यह गैस्ट्राइटिस को ठीक करने में भी सहायक हो सकती है। खुबानी (एप्रीकॉट) का इथेनॉलिक अर्क ग्राम-पॉजिटिव जीवाणु रोधी जबरदस्त गतिविधि प्रदर्शित कर सकता है। यह स्टैफिलोकोकस ऑरियस और बैसिलस सबटिलिस5 जैसे जीवों के खिलाफ जीवाणुरोधी गतिविधि भी प्रदर्शित कर सकता है।

हालांकि कुछ ऐसे अध्ययन किए गए हैं जिनसे विभिन्न स्थितियों में खुबानी (एप्रीकॉट) के संभावित उपयोग का पता चलता है, लेकिन ये अपर्याप्त होते हैं और मानव स्वास्थ्य पर खुबानी (एप्रीकॉट) के लाभों के वास्तविक स्तर को सिद्ध करने के लिए आगे और भी अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।

खुबानी (एप्रीकॉट) का उपयोग कैसे करें?

 इन तरीकों से खुबानी (एप्रीकॉट) का सेवन किया जा सकता है:

  • ताजे फल
  • सूखे मेवे
  • जैम
  • जूस 
  • संसाधित (प्रोसेस्ड)/कैन्ड एप्रीकॉट1

खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी का उपयोग दवाओं या बेकरी उत्पाद तैयार करने के लिए किया जा सकता है या ऐपेटाइज़र (भूख बढ़ाने वाले पदार्थ) के तौर पर सीधे इनका सेवन किया जा सकता है।1

खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी के तेल का उपयोग अक्सर आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा कई प्रकार की दवाओं को तैयार करने में और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। खुबानी (एप्रीकॉट) का तेल बालों, त्वचा और स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।1

 किसी भी तरह का हर्बल सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले आपको किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श किए बिना चल रहे आधुनिक चिकित्सा उपचार को बंद न करें या इसके स्थान पर किसी आयुर्वेदिक/हर्बल दवा का सेवन न करें।

Also Read this in English: Onion: Uses, Benefits, Side Effects and More!

खुबानी (एप्रीकॉट) के साइड इफ़ेक्ट्स:

उपभोक्ताओं के लिए, खुबानी (एप्रीकॉट) फल का सामान्य मात्रा में सेवन करना हानिकारक नहीं होता है। हालांकि, अधिक कच्ची खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी खाने के अपने जोखिम हो सकते हैं। खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी में एमिग्डालिन नामक यौगिक पाया जाता है। यह यौगिक सेवन करने पर साइनाइड में परिवर्तित हो जाता है। साइनाइड विषाक्तता से जी मिचलाना, सिरदर्द, प्यास, सुस्ती, घबराहट, बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और रक्तचाप में गिरावट जैसी समस्या हो सकती है। यह गंभीर मामलों में घातक भी हो सकता है।7 इसलिए, कृपया इसके संभावित उपयोगों के लिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

खुबानी (एप्रीकॉट) के सेवन में बरतने योग्य सावधानियां:

 खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी का सेवन करते समय सावधानी बरतना जरूरी होता है, क्योंकि आवश्यकता से अधिक खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी का सेवन करने से साइनाइड विषाक्तता का खतरा होता है।8 इसलिए पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

Read in English – Apricot: Uses, Benefits & Side Effects

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: (FAQs)

खुबानी (एप्रीकॉट) क्या होती है?

खुबानी (प्रूनस अर्मेनियाका एल) छोटे पत्थर फल होते हैं जिनका रंग पीले से लेकर नारंगी तक हो सकता है और सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के कारण इनमें से अधिकाँश लाल रंग के होते हैं। खुबानी (एप्रीकॉट) की बाहरी सतह महीन बालों के साथ या तो चिकनी या मखमली हो सकती है। खुबानी (एप्रीकॉट) का गूदा ज्यादातर ठोस होता है, और यह स्वाद में मीठी या खट्टी हो सकती है।8

 खुबानी (एप्रीकॉट) का अर्थ क्या है?

खुबानी (एप्रीकॉट) को इसका नाम रोम वासियों ने दिया था। यह शब्द दो शब्दों के मेल से बना है: लैटिन से ‘प्रेकोशिया’, जिसका अर्थ है जल्दी परिपक्व होने वाला और अरबी से ‘अल्बरक्यूक’, जिसका अर्थ है पकने में लगने वाली कम समय।2

खुबानी (एप्रीकॉट) में कौन से फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं?

खुबानी (एप्रीकॉट) में विभिन्न फाइटोकेमिकल्स जैसे पॉलीफेनोल (फ्लेवोनोइड और फेनोलिक एसिड) और कैरोटीनॉयड होते हैं जो उनके रंग, स्वाद और पोषण मूल्य को बढ़ाते हैं।2

 चीनी दवाओं में खुबानी (एप्रीकॉट) का क्या उपयोग किया जाता है?

चीनी चिकित्सा के अनुसार, खुबानी (एप्रीकॉट) को जहर का असर कम करने, प्यास से राहत दिलाने और शरीर के तरल पदार्थ पुन: उत्पन्न करने में मददगार माना जाता है। चीनी चिकित्सा के अनुसार इसकी गिरी खांसी कम करने और श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) को मजबूत करने में मददगार हो सकती है।2

 खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी में क्या-क्या होता है?

खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी में भरपूर मात्रा में तेल होता है और इसमें मुख्य रूप से फैटी एसिड होते हैं, खासतौर पर सैचुरेटेड फैटी एसिड। इस तेल में उच्च मात्रा में कैरोटेनॉयड, फाइटोस्टेरॉल, ट्राइटरपीनोइड, विटामिन ई के सक्रिय यौगिक और पॉलीफेनोल भी होते हैं। खुबानी (एप्रीकॉट) की गिरी आवश्यक तेल, प्रोटीन और पेप्टाइड का भी एक अच्छा स्रोत होती है।8

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