मोल-डी की 15 कैप्सूल की स्ट्रिप (Mole D Strip Of 15 Capsules in hindi): उपयोग, फायदे, साइड-इफेक्ट
By Dr. Ritu Budania +2 more
Get,
to manage your symptom
Get your,
4 Cr+ families
benefitted
OTP sent to 9988776655
You’ve successfully subscribed to receive
doctor-approved tips on Whatsapp
Get ready to feel your best.
Hi There,
Download the PharmEasy App now!!Register to Avail the Offer
Send OTPBy continuing, you agree with our Privacy Policy and Terms and Conditions
Hi There,
Sign up on PharmEasy now!!Trusted by 4 crore+ families
OTP sent to 9988776655
You have unlocked 25% off on medicines
Code: NU25
By Dr. Ritu Budania +2 more
Table of Contents
मोल-डी कैप्सूल एक एंटी-रिफ्लक्स दवा है। इसका उपयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें डोमपेरिडोन और ओमेप्राजोल का कॉम्बिनेशन (संयोजन) होता है। इस कैप्सूल का उपयोग तब किया जाता है जब यह अकेले ओमेप्राजोल थेरेपी से मरीज को लाभ नहीं मिलता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स रोग या जीईआरडी, एक ऐसी स्थिति है जहां पेट से एसिड खाने की नली तक आ जाता है। इस प्रकार से एसिड पीछे की ओर आने से खाने की नली के अस्तर (लाइनिंग) में जलन होती है, जिसके कारण सीने में जलन और दर्द जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
इस दवा को डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ (खुराक) में बताई गई अवधि तक ही लेना चाहिए। इस कैप्सूल को खाने से कम से कम 30 मिनट पहले लें। कोई भी डोज़ मिस न करें या डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज़ से अधिक मात्रा में दवा न लें। डोमपेरिडोन और ओमेप्राजोल के कॉम्बिनेशन वाले अन्य कैप्सूल में ओसिड डी एचजी, ओसिड डी सुस, ओमिज़र डीएम, ओमेज़िल डी और नोवासिड डी शामिल हैं।
अगर आप समय पर दवा लेने के साथ-साथ अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव कर लेते हैं, तो आप एसिडिटी की समस्या से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं, धीरे-धीरे खाएं, ओवरईटिंग न करें और खाना खाने के बाद तुरंत सोने से बचें। शराब पीना कम कर दें, स्मोकिंग (धूम्रपान) से बचें और अपने वजन को सही स्तरों में बनाए रखें। आपके लिए क्या बेहतर है, यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर आप गर्भवती (प्रेग्नेंट) हैं, गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) प्लान कर रही हैं या आप स्तनपान करवा रही हैं, तो आपको मोल-डी कैप्सूल शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को अपनी सभी बीमारियों, मेडिकल स्थितियों, दवाओं और सप्लीमेंट के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
मोल-डी कैप्सूल का उपयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर के इलाज में तब किया जाता है जब केवल ओमेप्राजोल देने से मरीज को फायदा नहीं हो रहा होता है। यह स्थिति पेट में बनने वाला एसिड पीछे की ओर खाने की नली में आने लग जाता है, जिससे सीने में जलन, तकलीफ और एसिडिटी जैसी समस्याएं आती हैं।
प्रेग्नेंसी में मोल-डी कैप्सूल के सुरक्षित होने या न होने के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए अगर आपके डॉक्टर ने यह दवा प्रेस्क्राइब की है, तो ही आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
मोल-डी कैप्सूल के घटक थोड़ी मात्रा में मां के दूध में आते हैं। ब्रेस्टफीडिंग करवाने के दौरान डॉक्टर अगर बहुत जरूरी समझे तो वह आपके लिए यह दवा प्रेस्क्राइब कर सकता है। अगर आप ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) करवा रही हैं, तो अपने डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दें।
अगर आप सिरदर्द, चक्कर आने, उनींदापन और देखने में गड़बड़ी जैसी समस्याएं आ रही हैं, तो आपको गाड़ी नहीं चलानी चाहिए और न ही भारी मशीनरी का संचालन करना चाहिए।
शराब और ओमेप्राजोल के बीच कोई इंटरैक्शन नहीं देखी गई है। हालांकि, शराब के कारण एसिडिटी बढ़ती है, ऐसे में अगर आपको पहले से एसिडिटी की समस्या है, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
अपने डॉक्टर से बात करें, अगर
इसे पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ पूरा कैप्सूल एक साथ लिया जाना चाहिए। जहां तक हो सके, इसे सुबह नाश्ते से पहले लिया जाना चाहिए।
ओवरडोज़ के लक्षणों में चक्कर आना, जी मिचलाना, सिरदर्द, भ्रम, गुस्सा आना, पेट में दर्द, दस्त, चेतना में बदलाव, समन्वय न बनना, नींद आना और कंपकंपी आना आदि शामिल हैं। अगर आपको भी इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे रहा है, या आपको लग रहा है कि आपने बहुत ज़्यादा मोल-डी कैप्सूल ले लिए हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें या नजदीकी हॉस्पिटल में जाएं।
अगर आप दवा की कोई डोज़ लेना भूल गए हैं, तो याद आने पर इसे जल्द से जल्द लें। अगर आपकी अगली डोज़ का टाइम हो गया है, तो छूटी हुई डोज़ को छोड़ दें और अपने रेगुलर डोज़िंग शिड्यूल का पालन करें। छूटी हुई डोज़ की भरपाई के लिए दवा की डबल डोज़ न लें।
यह दवा कैसे काम करती है?
दूसरी दवाओं के साथ इंटरैक्शन
इस दवा को खाली पेट लिया जाना होता है। भोजन या पेय पदार्थों के साथ इसकी कोई इंटरैक्शन (परस्पर क्रिया) नहीं देखी गई है। हालांकि, निकोटीन, कैफीन (कॉफी, चाय, चॉकलेट और कोला) और शराब पेट के एसिड की मात्रा बढ़ा सकते हैं, जिससे इलाज में बाधा पड़ती है और अल्सर के ठीक होने में देरी होती है।
हां, दोनों से ही एसिडिटी बढ़ती है। स्मोकिंग खाने की नली और पेट के बीच मौजूद वॉल्व को भी रिलैक्स (ढीला) कर देती है। इससे पेट का एसिड वापस ऊपर की ओर खाने की नली में आ जाता है। इससे रिफ्लक्स/जीईआरडी की समस्या और भी बिगड़ जाती है।
मोल-डी कैप्सूल का उपयोग जीईआरडी (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रीफ्लक्स रोग) के इलाज के लिए तब किया जाता है, जब अकेले ओमेप्राजोल थेरेपी से मरीज को फायदा नहीं हो रहा होता है। यह कैप्सूल एसिडिटी और सीने में जलन जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है।
Disclaimer: The information provided here is for educational/awareness purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional and should not be relied upon to diagnose or treat any medical condition. The reader should consult a registered medical practitioner to determine the appropriateness of the information and before consuming any medication. PharmEasy does not provide any guarantee or warranty (express or implied) regarding the accuracy, adequacy, completeness, legality, reliability or usefulness of the information; and disclaims any liability arising thereof.
Links and product recommendations in the information provided here are advertisements of third-party products available on the website. PharmEasy does not make any representation on the accuracy or suitability of such products/services. Advertisements do not influence the editorial decisions or content. The information in this blog is subject to change without notice. The authors and administrators reserve the right to modify, add, or remove content without notification. It is your responsibility to review this disclaimer regularly for any changes.
Leave your comment...
Comments