चकोतरा (Grapefruit in Hindi): उपयोग, फायदे, न्यूट्रिशनल वैल्यू
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Table of Contents
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) एक खट्टा फल है जिसका वैज्ञानिक नाम (साइन्टिफिक नाम) साइट्रस पैराडिसी है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) रूटेसी (साइट्रस) फॅमिली से संबंधित मीडीअम साइज़ का फल है। यह विटामिन सी और अन्य स्वस्थ पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) एक हाइब्रिड फल हैं जो मीठे संतरे और पोमेलोस से बना होता है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) में मौजूद कई गुणों के कारण लोग अक्सर इसका सेवन करते हैं, लेकिन इसके उपयोग के समर्थन में पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं हैं। इसके अलावा, चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के साथ दवाओं के पारस्परिक प्रभाव (इंटरैक्शन) बहुत अच्छी तरह से प्रमाणित (डाक्यूमेन्टेड) है। इसलिए, अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से ज़रूर सलाह ले लें।1
भले ही आप चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के बहुत ही अच्छे स्वाद और फ्लेवर के कारण इसे खाना पसंद करते हैं, लेकिन ये बहुत फायदेमंद भी हो सकता है। अगर आप पोषक तत्वों से भरपूर इस फल के बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं, तो आगे और पढ़िए!
Grapefruit Ka Poshak Mulya(Nutritional Value):
ग्रेपफ्रूट में कई पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) होते हैं, जैसे विटामिन, ख़निज (मिनरल्स), कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट और फाइबर। प्रति 100 ग्राम ग्रेप फ्रूट में न्यूट्रिशनल वैल्यू नीचे दिया गया है:
पोषण संबंधी घटक (न्यूट्रिशनल कंपोनेंट) | मूल्य (वैल्यू) |
कार्बोहाइड्रेट | 10.7 ग्राम |
प्रोटीन | 0.77 ग्राम |
फैट | 0.14 ग्राम |
फाइबर | 1.6 ग्राम |
शुगर | 6.89 ग्राम |
कैल्शियम | 22 मिग्रा |
आयरन | 0.08 मिग्रा |
मैगनीशियम | 9 मिग्रा |
पोटैशियम | 135 मिग्रा |
ज़िंक | 0.07 मिग्रा |
फॉस्फोरस | 18 मिग्रा |
मैंगनीज़ | 0.022 मिग्रा |
सेलेनियम | 0.1 μ ग्रा |
विटामिन सी | 31.2 मिग्रा |
थायमिन | 0.043 मिग्रा |
राइबोफ्लेविन | 0.031 मिग्रा |
नियासीन | 0.204 मिग्रा |
पैंटोथेनिक अम्ल | 0.262 मिग्रा |
विटामिन बी6 | 0.053 मिग्रा |
फोलेट | 13 μ ग्रा |
ऊर्जा | 42 किलो कैलोरीl |
टेबल 1: प्रति 100 ग्राम सर्विंग चकोतरा की न्यूट्रिशनल वैल्यू2।
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चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) निम्न गुणों के कारण बहुत उपयोगी (वैल्यूएबल) है:
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जानवरों पर होने वाले कई अध्ययनों में चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के संभावित फ़ायदों को देखा गया है। हालाँकि, इनमें से कुछ फ़ायदों को अभी तक इंसानों में देखा जाना बाकी है, और इस बात को सही साबित करने के लिए कुछ और रिसर्च करने की ज़रूरत है। इसलिए, अगर आप किसी बीमारी या हेल्थ कन्डिशन से पीड़ित हैं, तो हेल्थकेयर प्रोफेशनल से संपर्क करना और उचित डाइग्नोसिस और इलाज लेना सबसे अच्छा है।
फ्री रेडिकल्स शरीर में बने हुए अणु (मोलिक्यूल) होते हैं, जिससे प्रोटीन, लिपिड और डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) को ऑक्सीडेटिव नुकसान (डैमिज) होता है। शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस या डैमिज कई लॉन्ग-टर्म वाली बीमारियों की शुरुआत का कारण बनते है। वे केमिकल जो इन फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं, शरीर में ओवरऑल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं और लॉन्ग-टर्म वाली बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि अच्छी हो सकती है। ग्रेपफ्रूट का सेवन शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है।3
इन्फ्लामेशन बाहरी तनाव (स्ट्रेस), रसायन (केमिकल), पैथोजन और चोट (इंजरी) के लिए शरीर की प्रतिक्रिया है। इन्फ्लामेशन की प्रक्रिया अक्सर हार्ट, कैंसर और डाइबीटीज़ की कई गंभीर (सिवीयर) बीमारियों से जुड़ी होती है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) में एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण हो सकते हैं, जो शरीर में इन्फ्लामेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं।3
हड्डियों के निर्माण (फॉर्मैशन) और पुनर्जीवन (रिसोर्पशन) के बीच असंतुलन होने के कारण हड्डियों की संरचनात्मक गिरावट ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) हड्डियों को स्वस्थ बनाये रखने (मेन्टेन) में मदद कर सकता है। एक पशु अध्ययन (एनिमल स्टडी) के अनुसार, चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) बोन हेल्थ को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और हड्डियों के निर्माण को बढ़ावा दे सकता है। कई अन्य अध्ययनों से पता चला है कि जानवरों पर की गई स्टडी में चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के सेवन से हड्डियों की मजबूती में सुधार हुआ है।3 अगर आप हड्डी से संबंधित किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो यह जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और अपने डॉक्टर से परामर्श करने से पहले किसी भी जड़ी-बूटी या सब्जी का उपयोग करने से बचें।
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) कई पोषक तत्वों जैसे विटामिन और खनिज (मिनरल) और फाइटोकेमिकल से भरपूर होता है। ताजे फलों से इन पोषक तत्वों का सेवन करने से संपूर्ण स्वास्थ्य (ओवरऑल हेल्थ) पर असर पड़ सकता है। चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के एंटी-ऑक्सीडेन्ट और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण कैंसर जैसी लॉन्ग-टर्म वाली बीमारियों से बचने में मदद कर सकता है।3 कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इससे प्रभावित लोगों को डॉक्टरों की सलाह का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। किसी भी हेल्थ कन्डिशन के लिए चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मोटे मरीज़ों (पेशेंट) पर किए गए एक ट्रायल में, भोजन से पहले चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का सेवन करना वेट मैनेजमेंट से जुड़ा था। इसलिए, चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का सेवन उन लोगों की मदद कर सकता है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं।4 हालाँकि, आपको अपनी डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।
हालाँकि यहाँ ऐसी भी कुछ स्टडीज है जो विभिन्न स्थितियों (हेल्थ कन्डिशन) में चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के फायदे दिखाती है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, और यहाँ इंसानों की हेल्थ पर चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के फ़ायदों की सही मात्रा को साबित करने के लिए और स्टडीज (अध्ययनों) की जरूरत है।
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चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का सेवन आम तौर पर एक फूड के जैसे या जूस के रूप में किया जाता है।1
आपको कोई भी हर्बल सप्लीमेन्ट का सेवन करने से पहले किसी योग्य (क्वालिफाइड) डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए। इसी तरह, किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लिए बिना, मेडिकल ट्रीटमेन्ट को बंद या रिप्लेस करके, आयुर्वेदिक/हर्बल रूप से तैयार किये गए दवाओं को न लें।
चकोतरा या चकोतरे के जूस का सेवन संभवतः तब ही सुरक्षित होता है जब इसे एक मध्यम (मॉडरेट) मात्रा में किया जाता है, हालाँकि,
यहाँ कुछ आम सावधानियां बताई गई हैं जो आपको चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के सेवन के साथ लेनी होगी।
ब्रेस्टफीडिंग और प्रेगनेंसी के दौरान चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के सेवन के समर्थन में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन सावधानी रखना और इसे कम मात्रा में खाना सबसे अच्छा है।
बुजुर्गों और बच्चों द्वारा चकोतरा सीमित मात्रा में खाने पर यह संभवतः सुरक्षित होता है। हालाँकि, ज्यादा खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीने से दिल की धड़कन के असामान्य होने का रिस्क बढ़ सकता है और हार्टबीट में अनियमितता आ सकती है। हार्ट मसल डिसॉर्डर (कार्डियोमायोपैथी) से बीमार लोगों को चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस नहीं पीना चाहिए। साथ ही, ऐसे लोग जिन्हें अनियमित हार्टबीट की समस्या है उन्हें भी चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीने से बचना चाहिए।
चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीने से ब्लड में हॉर्मोन लेवल बढ़ सकते हैं। इससे हॉर्मोन-सेन्सिटिव कन्डिशन बिगड़ सकती हैं। ऐसी स्थिति में, चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस नहीं पीना ही सबसे अच्छा उपाय है।
ऐसी महिलाएँ जिनका मेनोपॉज हो चुका है उन्हें चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना (रिस्क) ज़्यादा होती है। महिलाओं को मेनोपॉज के बाद ज्यादा मात्रा में चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीना अवॉइड करना चाहिए।1
नोट: अगर आप किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या (हेल्थ कन्डिशन) से परेशान हैं, तो आपको कौन से हर्ब्स (जड़ी-बूटी) और फल के सेवन से बचना चाहिए, इसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लेनी चाहिए। साथ ही, किसी भी बीमारी में बिना अपने डॉक्टर से सलाह लिए बिना, चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस या कोई भी अन्य जूस का सेवन करने से बचना चाहिए।
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इन दवाओं के साथ चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीने से दवाओं के प्रभाव और नुकसान बढ़ सकते हैं:
इन दवाओं के साथ चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का जूस पीने से इन दवाओं के प्रभाव में कमी और नुकसान हो सकते हैं:
इन दवाओं के साथ चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के जूस का सेवन करने में सावधानी बरतें:
अगर आप किसी भी तरह की बीमारी (हेल्थ कन्डिशन) के लिए दवाइयाँ ले रहे हैं, तो आपको किन फलों और सब्ज़ियों को नहीं खाना है, इस बारे में अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछना चाहिए। इसके अलावा, चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के जूस या किसी भी जड़ी-बूटी के फायदे के लिए उसे पीने से पहले, अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संभावित सावधानियों और परस्पर क्रियाओं (इन्टरैक्शन) के बारे में बात कर लें।
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) खाने से वैट मैनेजमेंट में मदद मिल सकती है। मोटे मरीज़ों (पेशेंट) पर किए गए क्लीनिकल ट्रायल के दौरान, वैट मैनेजमेंट से संबंधित फायदे देखे गए।4 हालाँकि, डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले आपको अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करने की जरूरत है, क्योंकि किसी भी प्रकार का बदलाव आपके पूरे स्वास्थ्य (ओवरऑल हेल्थ) को प्रभावित कर सकता है।
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) जरूरी पोषक तत्वों (एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स) और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होते हैं जिनमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण हो सकते हैं। ये गुण कई गंभीर बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। इसके अलावा, चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) खाने से हड्डियों को स्वस्थ (बोन हेल्थ) को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।2,3 हालाँकि, किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या (हेल्थ इशू) के लिए, किसी भी फल या सब्जी का उपयोग करने से पहले, उचित डाइग्नोसिस और उपचार पाने के लिए अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर या डॉक्टर से संपर्क करें।
चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) के छिलकों में पॉटेंट एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण हो सकते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य (ओवरऑल हेल्थ) के लिए अच्छा है।5 हालाँकि, अगर आपको स्किन से सबंधित कोई भी बीमारी हैं, तो अपने शरीर पर किसी भी जड़ी-बूटी या सब्जी का उपयोग करने से पहले, अपने स्किन डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा उपाय है।
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चकोतरे (ग्रेपफ्रूट) का सेवन आमतौर पर ताजे फल और जूस के रूप में किया जाता है और इसे सीमित मात्रा में उपयोग किए जाने पर यह सुरक्षित हो सकता है। हालाँकि, इसका ज्यादा मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे नुकसान हो सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो आपको अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से ज़रूर पूछना चाहिए, कि आपको क्या नहीं खाना है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) कई दवाओं के साथ परस्पर क्रिया (इन्टरैक्शन) कर सकता है और उनकी गतिविधियों (एक्टिविटी) को बदल सकता है।1
प्रेगनेंसी के दौरान चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) खाना सुरक्षित है या नहीं, अभी इसके बारे में कोई वैज्ञानिक रूप से ठोस सबूत नहीं मिले हैं। आपको यह सलाह दी जाती है कि इसके सेवन में सावधानी बरतें और इसे सीमित मात्रा में उपयोग करें।1 साथ ही, प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार के फल का जूस पीने से पहले आपको अपने फिज़िशियन से सलाह ले लेनी चाहिए।
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