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टाइफॉय्ड (Typhoid in hindi) के इलाज के लिए 12 घरेलू नुस्खे!

टाइफॉय्ड(Typhoid) बुखार एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो दूषित पानी या भोजन के कारण होता है। यह आँतों के रास्ते को प्रभावित करता है और बाद में रक्तप्रवाह में फैल जाता है। इसे “आँतों का बुखार” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से हमारी आंतों को प्रभावित करता है।

यह साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। खराब साफ-सफाई की स्थिति, असुरक्षित पेयजल और दूषित भोजन टाइफॉय्ड के सामान्य कारण हैं। जल्दी ठीक होने में मदद करने के लिए, नियमित दवा के साथ घरेलू नुस्खे आज़माएं और बेहतरीन नतीजे पाएं।

विषय-सूची

  1. टाइफॉय्ड कैसे बढ़ता है
  2. टाइफॉय्ड बुखार के संकेत और लक्षण 
  3. टाइफॉय्ड के इलाज के लिए कुछ जांचे-परखे घरेलू नुस्खे यहां दिए गए हैं।
    1. ज़्यादा तरल पदार्थ पिएं
    2. ठंडी पट्टी का इस्तेमाल करें
    3. ऐप्पल साइडर विनेगर लें
    4. तुलसी
    5. लहसुन
    6. केले
    7. त्रिफला चूरन
    8. लौंग
    9. अनार
    10. छाछ 
    11. संतरे
    12. अमरुद के पत्ते
  4. इन सुझावों का पालन करें:
  5. उपाय करने के बाद इन सुझावों का पालन करें: 
  6. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
  7. यह आपकी ज़रूरत की और काम की बातें हो सकती हैं!

टाइफॉय्ड कैसे बढ़ता है

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शुरुआती अवस्था में टाइफॉय्ड का इलाज करके, इस रोग को किसी भी गंभीर रूप में बढ़ने से रोका जा सकता है

टाइफॉय्ड बुखार के संकेत और लक्षण

टाइफॉय्ड के इलाज के लिए कुछ जांचे-परखे घरेलू नुस्खे यहां दिए गए हैं।

1. ज़्यादा तरल पदार्थ पिएं

टाइफॉय्ड बुखार से उल्टी और दस्त हो सकते हैं जिससे शरीर में पानी की बहुत कमी हो सकती है। शरीर में पानी की कमी को होने से रोकने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। हाइड्रेटेड रहने से शरीर से अपशिष्ट पदार्थों और विषाक्त पदार्थों को समय पर बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। पानी के अलावा फलों का जूस, नारियल पानी और सूप लें।

टाइफॉय्ड बुखार के कारण शरीर में होने वाली पानी की कमी से निपटने के लिए ओआरएस सबसे अच्छा उपाय है। इस बात की जांच कर लें कि आपके पास डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाया गया ओआरएस ही हो। चाहे किसी भी केमिस्ट से पाउच खरीदें या घर पर ही स्वादिष्ट फ्लेवर वाले टेट्रा पैक रखें। आप चाहें तो एक लीटर उबले हुए पानी में चीनी और नमक मिलाकर इसे घर पर भी बना सकते हैं।

2. ठंडी पट्टी का इस्तेमाल करें

तेज़ बुखार से निपटने के लिए, ठंडी पट्टी का उपयोग करके शरीर का तापमान कम करें। आप बगलों, पैरों, कमर और हाथों को स्पंज से साफ कर सकते हैं। शरीर के सिरों पर ठंडी पट्टी लगाने से बुखार सबसे प्रभावी ढंग से कम होता है।

आप एक कपड़े को बर्फीले पानी में भिगो सकते हैं, उसमें से एक्स्ट्रा पानी को निचोड़ कर अपने माथे पर रख सकते हैं। इस कपड़े को बार-बार बदलें।

3. ऐप्पल साइडर विनेगर लें

ऐप्पल साइडर विनेगर शरीर में सही पीएच बनाए रखने में मदद करता है। यह त्वचा से गर्मी को बाहर निकालता है और इसलिए शरीर के तापमान को कम करता है। ऐप्पल साइडर विनेगर से डायरिया के कारण होने वाली मिनरल्स की कमी की भरपाई हो जाती है। पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं, ज़रूरत हो तो शहद मिलाएं। इसे खाना खाने से पहले पियें। ऐप्पल साइडर विनेगर के स्वास्थ्य लाभों के बारे में और पढ़ें

4. तुलसी

तुलसी एंटीबायोटिक और एंटीमाइक्रोबियल है। उबले हुए पानी में तुलसी डालकर रोजाना तीन से चार कप पिएं। तुलसी रोग से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है और पेट को ठंडा रखती है। या आप पेस्ट बनाने के लिए 4-5 तुलसी के पत्ते ले सकते हैं। इस पेस्ट में काली मिर्च पाउडर और केसर के कुछ कतरे मिलाएं। इन सभी को मिला लें और इसके बाद तीन भागों में बांट लें। इस मिश्रण को हर भोजन के बाद लें। तुलसी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में और पढ़ें।

5. लहसुन

लहसुन में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण टाइफॉय्ड बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। लहसुन अपने एंटीऑक्सीडेटिव गुणों के कारण टाइफॉय्ड से जल्दी ठीक होने में भी मदद करता है। यह इम्युनिटी को बढ़ाता है और शरीर को डिटॉक्स करता है। खाली पेट इसकी दो कलियाँ खाएं। इसकी सलाह गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए नहीं है। साथ ही, लहसुन के 10 स्वास्थ्य लाभ पढ़ें।

6. केले

केले बुखार को कम कर सकते हैं और टाइफॉय्ड के रोगियों में दस्त का इलाज कर सकते हैं। केले में पेक्टिन होता है, जोकि एक घुलनशील फाइबर है जो तरल पदार्थ को एब्सोर्ब करने में आंतों की मदद करता है, जिससे दस्त ठीक हो जाते हैं। इस फल में मौजूद पोटैशियम लूज मोशन के कारण शरीर से कम हुए इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई करने में मदद करता है। यह टाइफॉय्ड होने पर खाने के लिए सबसे अच्छा फल है।

7. त्रिफला चूरन

यह एक आवश्यक आयुर्वेदिक चूर्ण है जो बुखार और टाइफॉय्ड पर सकारात्मक प्रभाव दिखाता है। यह साल्मोनेला टाइफी को बनने से रोकता है। केमिस्ट इसे पाउडर और गोलियों के रूप में उपलब्ध कराते हैं। यह आयुर्वेद में टाइफॉय्ड के लिए सबसे अच्छे घरेलू नुस्खों में से एक है।

8. लौंग

लौंग टाइफॉय्ड पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ती है। लौंग के ज़रूरी तेलों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो टाइफॉय्ड पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार सकते हैं। यह टाइफॉय्ड के कारण जी मिचलाने और उल्टी आने को भी कम करता है। लौंग के साथ पानी उबालें, इसे एक कप में छान लें और रोज़ाना दो कप पिएं।

9. अनार

टाइफॉय्ड के इलाज के लिए अनार एक असरदार घरेलू इलाज है। यह शरीर में पानी की कमी को रोकने में मदद करता है। इसे फल के रूप में खाएं या जूस निकालकर पिएं।

डॉक्टर से सलाह लें और सहायक चिकित्सा के रूप में घरेलू नुस्खों का उपयोग करें। उचित आराम, हल्का भोजन, साफ पानी और धैर्य रखने से रोगी जल्दी ठीक हो जाएगा।

10. छाछ 

छाछ में प्रोबायोटिक्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो न केवल आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मज़बूत बनाते हैं। साथ ही, यह प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है जो आपका बुखार उतर जाने के बाद ठीक होने की प्रक्रिया में मददगार हो सकता है। यह टाइफॉय्ड के घरेलू उपचारों में से एक है जिसका उपयोग आपको बुखार उतरने के बाद करना चाहिए। 

11. संतरे

संतरे बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण विटामिन, मिनरल्स और पोषक तत्वों से भरे होते हैं।  यह आपके शरीर को उन पोषक तत्वों के साथ फिर से भरने में मदद करते हैं जिनकी कमी बुखार होने पर हो जाती है और सामान्य स्थिति में वापस आने के लिए जिनकी आवश्यकता होती है। साथ ही, इसमें पानी होता है जो शरीर में पानी की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है।  अगर हो सके तो कुछ स्लाइस या पूरा संतरा लें, आपके शरीर को उसके लिए आवश्यक विटामिन मिलेंगे। यह टाइफॉय्ड बुखार के आसान घरेलू उपचारों में से एक है और आपको इससे तरोताज़ा महसूस होगा। 

12. अमरुद के पत्ते

श्वसन तंत्र, गले और फेफड़ों में बलगम बनने से रोककर, अमरूद के पत्ते आपके बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह माइक्रोब्स के बनने की मात्रा को कम करते हैं, जिससे आपमें रोग के लक्षण कम हो सकते हैं। एक ईनाम के रूप में, अमरूद के पत्ते आयरन और विटामिन सी से भरपूर होते हैं, ये दोनों ही आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए ज़रूरी हैं।

इन सुझावों का पालन करें (Tips to Follow):

  1. संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं के इस्तेमाल से बचें। जैसे, तौलिया, गिलास, रुमाल आदि।
  2. उबला हुआ पानी ही पिएं।
  3. मीठे पेय पदार्थों का सेवन न करें और कॉफी बिल्कुल ना पिएं।
  4. ऐसी कच्ची सब्जियों और फलों का उपयोग करने से बचें जिन्हें आप छील नहीं सकते।
  5. आंतों के बैक्टीरियल फ्लोर को संतुलित करने के लिए दही, मट्ठा और छाछ का सेवन करें।
  6. बेड रेस्ट जरूरी है क्योंकि बीमारी से बहुत कमज़ोरी हो जाती है।

उपाय करने के बाद इन सुझावों का पालन करें: 

1. ठंडे मौसम वाली स्थिति के संपर्क में आने से बचें। टाइफॉय्ड के लक्षण पूरी तरह से कम होने तक गर्म वातावरण में रहें। टाइफॉय्ड से ठीक होने के बाद भी शरीर कमज़ोर होता है। 

2. शरीर में पानी भरपूर मात्रा में होना (हाइड्रेशन) जरूरी है। ध्यान दें कि टाइफॉय्ड से ठीक होने के दौरान और बाद में पूरे दिन आपके शरीर में पानी भरपूर हो। 

3. जब तक बीमारी के लक्षण पूरी तरह से कम नहीं हो जाते तब तक नरम आहार ही लेते रहें।  इलाज के बाद आपको किस आहार का पालन करना चाहिए, इसके बारे में ज़्यादा जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लें। 

4. ठीक होने के बाद कोई भी ज़्यादा ज़ोर वाला काम न करें। शरीर अभी भी कमज़ोर है और वक्त के साथ-साथ मज़बूत होने के लिए समय देना ज़रूरी है। 

5. अपने आप पर नज़र रखें और जब आप बेचैन महसूस करें या टाइफॉय्ड के लक्षण कम न हों तो डॉक्टर से मिलें।

Read in English: 12 Home Remedies for Typhoid

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

टाइफॉय्ड बुखार के रोगी को किस तरह के भोजन से बचना चाहिए?

टाइफॉय्ड बुखार से पीड़ित व्यक्ति को जिन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, वे हैं कच्ची सब्जियां जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी, गोभी, सूखे मेवे, कच्चे जामुन, अनानास, बादाम जैसे मेवे, पिस्ता, अखरोट और बीज जैसे कद्दू के बीज, अलसी के बीज, चिया के बीज।

क्या टाइफॉय्ड बुखार फैलता हैं?

हाँ। टाइफॉय्ड बुखार आमतौर पर दूषित भोजन या पेय पदार्थ खाने या पीने से फैलता है। 

टाइफॉय्ड बुखार को कैसे रोकें?

टाइफॉय्ड बुखार से बचाव के लिए आपको साफ पानी पीना चाहिए, अपने आस-पास को साफ रखना चाहिए और अच्छी साफ़-सफाई का पालन करना चाहिए जैसे अपने हाथों को बार-बार धोना, अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइज़र का उपयोग करना, अनट्रीटेड वॉटर पीने से बचना, कच्चे फल और सब्ज़ियों को साफ करना, गर्म भोजन करना और टीका लगवाना।

टाइफॉय्ड से ठीक होने में कितने दिन लगेंगे?

सही इलाज के साथ, टाइफॉय्ड बुखार के लक्षणों में 3-5 दिनों के भीतर सुधार होना चाहिए। अगर टाइफॉय्ड बुखार का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह और भी बदतर हो जाएगा और जानलेवा समस्याओं के होने का एक बड़ा खतरा हो सकता है।

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All You Need To Know About Typhoid!

Typhoid is a bacterial infection that is caused by the Salmonella typhi virus. Accompanied by high fever, vomiting, nausea, and diarrhoea (in some cases), this is a fatal disease that gets primarily spread through contaminated drinking water and food. Poor sanitation is also one of the biggest causes of this deadly disease.

Other serious complications include:

Many times, people carry these bacteria but do not show these symptoms. Once the symptoms become prevalent, generally a course of antibiotics is administered.

Other forms of treatment

Typhoid infection while pregnant can lead to a variety of complications including improper growth and development of the baby due to the mother’s weakness and inability to receive proper nutrition as well as the risk of a miscarriage. Vaccination is the best form of protection to avoid typhoid infection.

Dr. Ashish Bajaj – M.B.B.S, M.D.

Vaccination

If you haven’t contracted the S.typhi virus, typhoid vaccination against this infection is generally prescribed. Doctors make a prescription to:

This two forms in which the prescription is made is as follows:

However, if you are already ill, the vaccine does no good.

Younger children also cannot be administered the vaccine. In some cases, the vaccination shows adverse side-effects such as gastrointestinal problems, headache, and nausea. So, they should be taken under full medical supervision.

Typhoid fever is an illness you get from S. Typhi bacterium. It causes a high fever, flu-like symptoms and diarrhea. You can be contagious with typhoid even if you don’t feel sick. Typhoid can be life-threatening and should be treated promptly with antibiotics.

Dr. M.G. Kartheeka, MBBS, MD

Avoiding the infection

Some golden rules to follow to keep this infection at bay include:

  1. Avoid usage of ice in your drinks. You never know what kind of water is used to prepare the ice.
  2. Drink boiled/filtered water round-the-clock.
  3. Avoid consumption of street food.
  4. While eating food, choose a hot cooked meal in place of raw and cold food.
  5. Be extremely cautious about where you eat. As far as possible, eat in good quality, tried, and tested restaurants rather than experimenting with unknown food joints.
  6. Avoid raw fruits; peel the skin off before consumption. If you don’t want to peel the skin, wash the fruit thoroughly with clean water before eating.
  7. Avoid popsicles and fountain drinks unless you are sure that they have been produced using reliable water sources.
  8. Resort to carbonated water and if you are buying bottled water to ensure that the seal is intake when you purchase the bottle.
  9. Eat only pasteurized dairy products and hard-cooked eggs.

Practice good hygiene

  1. Before sitting to eat, wash your hands with an antiseptic soap.
  2. Avoid direct contact with a sickly person.
  3. Wash your hands often and especially after a visit to the washroom.
  4. Increase usage of hand sanitizer if you are travelling, the sanitizer should contain at least 60% alcohol.
  5. If you are sick, do not prepare or serve food.
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